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Saturday, May 8, 2021

भगवान शिव की अर्ध परिक्रमा ही करनी चाहिए। जाने क्यों?

शिवजी की आधी परिक्रमा करने का विधान है। वह इसलिए की शिव के सोमसूत्र को लांघा नहीं जाता है। जब व्यक्ति आधी परिक्रमा करता है तो उसे चंद्राकार परिक्रमा कहते हैं। शिवलिंग को ज्योति माना गया है और उसके आसपास के क्षेत्र को चंद्र। आपने आसमान में अर्ध चंद्र के ऊपर एक शुक्र तारा देखा होगा। यह शिवलिंग उसका ही प्रतीक नहीं है बल्कि संपूर्ण ब्रह्मांड ज्योतिर्लिंग के ही समान है।
''अर्द्ध सोमसूत्रांतमित्यर्थ: शिव प्रदक्षिणीकुर्वन सोमसूत्र न लंघयेत ।।
इति वाचनान्तरात।'' -- सोमसूत्र :

शिवलिंग की निर्मली को सोमसूत्र की कहा जाता है। शास्त्र का आदेश है कि शंकर भगवान की प्रदक्षिणा में सोमसूत्र का उल्लंघन नहीं करना चाहिए, अन्यथा दोष लगता है। सोमसूत्र की व्याख्या करते हुए बताया गया है कि भगवान को चढ़ाया गया जल जिस ओर से गिरता है, वहीं सोमसूत्र का स्थान होता है।

क्यों नहीं लांघते सोमसूत्र।

सोमसूत्र में शक्ति-स्रोत होता है अत: उसे लांघते समय पैर फैलाते हैं और वीर्य ‍निर्मित और 5 अन्तस्थ वायु के प्रवाह पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। इससे देवदत्त और धनंजय वायु के प्रवाह में रुकावट पैदा हो जाती है। जिससे शरीर और मन पर बुरा असर पड़ता है। अत: शिव की अर्ध चंद्राकार प्रदशिक्षा ही करने का शास्त्र का आदेश है।

तब लांघ सकते हैं।

शास्त्रों में अन्य स्थानों पर मिलता है कि तृण, काष्ठ, पत्ता, पत्थर, ईंट आदि से ढके हुए सोम सूत्र का उल्लंघन करने से दोष नहीं लगता है। लेकिन ‘शिवस्यार्ध प्रदक्षिणा’ का मतलब शिव की आधी ही प्रदक्षिणा करनी चाहिए।

किस ओर से करनी चाहिये परिक्रमा।

भगवान शिव की शिवलिंग की परिक्रमा हमेशा बांई ओर से शुरू कर जलाधारी के आगे निकले हुए भाग यानी जल स्रोत तक जाकर फिर विपरीत दिशा में लौटकर दूसरे सिरे तक आकर परिक्रमा पूरी की जाती हैं।

Friday, May 7, 2021

कोरोना अपडेट : भारत में कोरोना से मौत के आंकड़ों ने सभी देशों को पीछे छोड़ा, एक दिन में हुई 3927 मृत्यु।

भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने आतंक मचा रखा है। हर दिन लाखों की संख्या पॉजिटिव केस बढ़ हैं। इसके अलावा देश में कोरोना के कारण हजारों की संख्या में मौत हो रही हैं। देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 4.14 लाख से अधिक मामले सामने आए हैं, जबकि 3,927 मरीजों ने महामारी के कारण दम तोड़ दिया है। भारत में जितनी तेजी से मौत का आंकड़ा बढ़ रहा है वह एक दिन में किसी भी देश में आए मामलों में सबसे अधिक है।

पिछले 10 दिनों से रोजाना 3000 के आसपास कोरोना से मौतें हो रही हैं। इस दौरान 36,110 लोगों की मौतें हुई हैं। इसका मतलब यह हुआ कि देश में प्रति घंटे 150 लोगों की मौत कोविड-19 के कारण हो रही है। WHO के मुताबिक 10 दिनों में इससे पहले सबसे ज्यादा मौतें अमेरिका में हुई थी। 10 दिनों की अवधि में अमेरिका में सबसे ज्यादा 34,798 मौतें रिकॉर्ड की गई थी जबकि ब्राजील इस मामले में दूसरे नंबर पर था। ब्राजील में 10 दिनों की अवधि मे अधिकतम मौतें 32,692 मौतें रिकॉर्ड की गई थी। 10 दिनों की अवधि में मैक्सिको में 13, 897 मौतें रिकॉर्ड की गई थी जबकि ब्रिटेन में यह आंकड़ा 13,266 था।

गुरुवार को लगातार दूसरे दिन कोविड-19 से संक्रमण का आंकड़ा चार लाख से ज्यादा पहुंच गया। गुरुवार को 4,14,554 मामले सामने आए जबकि बुधवार को 4, 12,784 मामले सामने आए थे। पिछले 24 घंटे में 13 राज्यों में कोरोना के कारण 100 से ज्यादा मौतें हईं। छह राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश में मौत का आंकड़ा रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। आबादी के हिसाब से 13 छोटे राज्यों में सबसे ज्यादा मौतें उत्तराखंड में हुईं। गुरुवार को उत्तराखंड में 151 मौतें दर्ज की गई जो मौत के मामलों राज्यों में 10 वें स्थान पर था।

Thursday, May 6, 2021

आयुष मंत्रालय ने कोरोना वायरस से बचने के लिए बताएं उपाय आप भी करे।

कोरोना वायरस बढ़ते मामलों को देखते हुए आयुष मंत्रालय ने लोगों को स्वास्थ्य का ध्यान रखने की सलाह दी है। आयुष मंत्रालय ने संक्रमण से बचाव के इम्युनिटी को मजबूत करने को कहा है, जिसके लिए उन्होंने कारगर उपाय भी बताए हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में...।

आयुष मंत्रालय ने हर किसी को गर्म पानी पीने की सलाह दी है। दिन भर में कई बार गर्म पानी पिएं। इसके अलावा, गर्म पानी में चुटकी भर नमक और हल्दी डालकर गरार करें। और घर पर बना ताजा खाना खाएं। खाना ऐसा होना चाहिए जो आसानी से पच जाए। खाने में हल्दी, जीरा, धनिया, सूखी अदरक और लहसुन जैसे मसालों का इस्तेमाल करें। आंवला या फिर इससे प्रोडक्ट खाएं।

आयुष नेशनल क्लिनिकल मैनेजमेंट प्रोटोकॉल मंत्रालय की सलाह के अनुसार, प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट के लिए योग, प्राणायाम और मेडिटेशन का प्रयास करें। इसके अलावा अच्छी नींद लें। दिन में सोने से बचें और रात में 7-8 घंटे की नींद लें। और इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए दो बार में 20 ग्राम च्यवनप्राश सुबह-शाम खाली पेट गुनगुने पानी के साथ लें। हल्दी वाला दूध पिएं। इसे बनाने के लिए 150 एमएल गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी पाउडर डालकर मिला लें। इसे दिन में एक या दो बार पिएं।
  
इसके अलावा आप गुडूची घनवटी 500 मिलीग्राम/ अश्वगंधा गोली 500 मिलीग्राम हर दिन दो बार खाने के बाद गुनगुने पानी के साथ ले सकते हैं। और तुलसी, दालचीनी, सूखी अदरक और काली मिर्च से बना हर्बल टी या काढ़ा पिएं। इसके लिए इन सभी सामग्री को 150 एमएल गर्म पाना में डालकर उबाल लें। अब इन्हें छानकर दिन में एक या दो बार पिएं। आप इसमें स्वाद के लिए गुड़, किशमिश और इलायची डाल सकते हैं।
 
सुबह-शाम नाक में तिल का तेल, नारियल का तेल या फिर गाय का घी डालें। दिन में एक या दो बार ऑयल पुलिंग थेरिपी करें। इसके लिए आप 1 चम्मच तिल या नारियल का तेल मुंह में लें। 2-3 मिनट तक मुंह में चारों तरफ घुमाने के बाद इस थूक दें। इसके बाद गर्म पानी से कुल्ला करें। और लौंग या मुलेठी पाउडर को चीनी / शहद के साथ मिलाकर दिन में दो से तीन बार लें। इससे खांसी और गले में खराश से राहत मिलेगी।

हिंदुओं को अपने धर्म और संस्कृति को जानना चाहिए। जाने अपने धर्म और संस्कृति के बारे मे।


पाण्डव पाँच भाई थे जिनके नाम थे।
1. युधिष्ठिर।
2. भीम।
3. अर्जुन।
4. नकुल। 
5. सहदेव।

(इन पांचों के अलावा , महाबली कर्ण भी कुंती के ही पुत्र थे , परन्तु उनकी गिनती पांडवों में नहीं की जाती है )

यहाँ ध्यान रखें की पाण्डु के उपरोक्त पाँचों पुत्रों में से युधिष्ठिर, भीम और अर्जुन की माता कुन्ती थीं। तथा नकुल और सहदेव की माता माद्री थी।

वही धृतराष्ट्र और गांधारी के सौ पुत्र थे।
कौरव कहलाए जिनके नाम हैं
1. दुर्योधन 2. दुःशासन 3. दुःसह
4. दुःशल 5. जलसंघ 6. सम
7. सह 8. विंद 9. अनुविंद
10. दुर्धर्ष 11. सुबाहु। 12. दुषप्रधर्षण
13. दुर्मर्षण। 14. दुर्मुख 15. दुष्कर्ण
16. विकर्ण 17. शल 18. सत्वान
19. सुलोचन 20. चित्र 21. उपचित्र
22. चित्राक्ष 23. चारुचित्र 24. शरासन
25. दुर्मद। 26. दुर्विगाह 27. विवित्सु
28. विकटानन्द 29. ऊर्णनाभ 30. सुनाभ
31. नन्द। 32. उपनन्द 33. चित्रबाण
34. चित्रवर्मा 35. सुवर्मा 36. दुर्विमोचन
37. अयोबाहु 38. महाबाहु 39. चित्रांग 
40. चित्रकुण्डल41. भीमवेग 42. भीमबल
43. बालाकि 44. बलवर्धन 45. उग्रायुध
46. सुषेण 47. कुण्डधर 48. महोदर
49. चित्रायुध 50. निषंगी 51. पाशी
52. वृन्दारक 53. दृढ़वर्मा 54. दृढ़क्षत्र
55. सोमकीर्ति 56. अनूदर 57. दढ़संघ 58. जरासंघ 59. सत्यसंघ 60. सद्सुवाक
61. उग्रश्रवा 62. उग्रसेन 63. सेनानी
64. दुष्पराजय 65. अपराजित
66. कुण्डशायी 67. विशालाक्ष
68. दुराधर 69. दृढ़हस्त 70. सुहस्त
71. वातवेग 72. सुवर्च 73. आदित्यकेतु
74. बह्वाशी 75. नागदत्त 76. उग्रशायी
77. कवचि 78. क्रथन। 79. कुण्डी
80. भीमविक्र 81. धनुर्धर 82. वीरबाहु
83. अलोलुप 84. अभय 85. दृढ़कर्मा
86. दृढ़रथाश्रय 87. अनाधृष्य
88. कुण्डभेदी। 89. विरवि
90. चित्रकुण्डल 91. प्रधम
92. अमाप्रमाथि 93. दीर्घरोमा
94. सुवीर्यवान 95. दीर्घबाहु
96. सुजात। 97. कनकध्वज
98. कुण्डाशी 99. विरज
100. युयुत्सु

(इन 100 भाइयों के अलावा कौरवों की एक बहन भी थी। जिसका नाम दुशाला था। जिसका विवाह जयद्रथ से हुआ था)

Mamata Banerjee नहीं लेतीं सैलरी और पेंशन, जाने कैसे चलता है उनका खर्च।

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की सियासत में सबसे बड़ी खिलाड़ी के रूप में उभरी ममता बनर्जी ने तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली हैै। कोरोना के चलते उनका शपथ ग्रहण बेहद सामान्य रहा और अब बाकी मंत्रियों को बाद में शपथ दिलाई जाएगी। सादा लिबास में लोगों के बीच अपनी लोकप्रियता स्थापित करने वाली ममता का जीवन भी उतना ही सादगी भरा हैै।


विधायक से लेकर सांसद, कैबिनेट मंत्री और फिर तीन बार बंगाल की मुख्यमंत्री बनने के बाद भी ममता एक आम इंसान की तरह अपना जीवन बिताती हैं। सूती साड़ी और पैरों में हवाई चप्पल अब उनकी पहचान बन चुकी है और यही वजह है कि बंगाल की जनता ने लगातार तीसरी बार उन पर भरोसा जताया। बीजेपी की भारी-भरकम सियासी मशीनरी के बावजूद सूबे की सत्ता में बड़ी जीत के बाद उन्होंने वापसी की है।

ममता बनर्जी न सैलरी ली, न ही पेंशन।
एक आम बंगाली ब्राह्मण परिवार में जन्मीं ममता ने न्यूज 18 को दिए एक इंटरव्यू में बताया था कि बीते 7 साल से उन्होंने पूर्व सांसद के तौर पर पेंशन तक नहीं ली है। वह पूर्व सांसद और मंत्री रहने के चलते पेंशन की हकदार हैं। इसके अलावा ममता सूबे के मुख्यमंत्री को मिलने वाली सैलरी भी नहीं लेती हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा करके वह सरकार के लाखों रुपये बचा रही हैं और यही उनका तरीका है।

ममता ने इस बातचीत में बताया कि पूर्व सांसद होने के नाते उन्हें संसद से जो पेंशन मिलती है वह बीते 7 साल से नहीं ली गई है। यही नहीं ममता सूबे के मुख्यमंत्री होने के नाते मिलने वाली सैलरी तक नहीं लेती हैं और सरकारी कार तक का इस्तेमाल नहीं करती हैं। वह बताती हैं कि उन्होंने हमेशा प्लेन की इकोनॉमी क्लास में ही सफर किया है। यहां तक कि कभी सरकारी गेस्ट हाउस में ठहरना भी हो तो वह खुद उसका खर्च उठाती हैं।

कैसे चलता है ममता बनर्जी का खर्च।
सैलरी और पेंशन न लेने के बावजूद उनका खर्च कैसे चलता है। इस सवाल के जवाब में ममता कहती हैं कि उनकी किताबों की रॉयल्टी से इसका पैसा आता है। ममता की 80 से ज्यादा किताबें छप चुकी हैं जिनमें से कुछ बेस्ट सेलर भी हैं। इसके अलावा ममता गानों के बोल लिखकर भी अपनी आमदनी करती हैं। वह बताती हैं कि चाय तक अपने पैसे से पीती हूं।
पेटिंग करते ममता बनर्जी की कई तस्वीरें आए दिन सोशल मीडिया पर वायरल होती हैं। उन्हें पेटिंग का शौक भी है और इस काम में वह कुशल भी हैं। हालांकि इस इंटरव्यू में वह बताती हैं कि वह पेटिंग्स को कभी कमाई का जरिया नहीं बनातीं और इनसे होने वाली इनकम को दान कर देती हैं।

साल में कितनी कमाती हैं ममता बनर्जी।
इंटरव्यू के दौरान ममता ने बताया कि गाने लिखने के लिए म्यूजिक कंपनी उन्हें सालाना करीब तीन लाख रुपये देती है। इसके अलावा किताबों की रॉयल्टी से भी साल में 10 लाख के करीब आमदनी हो जाती है। उनके पास आय के सीमित साधन हैं और वह कहती हैं कि अकेले होने की वजह से इतना पैसा उनके लिए काफी है।

Vastu Tips: क्या नींद न आने की समस्या से हैं परेशान? तो वास्तु के ये उपाय आजमाकर देखें।

नई दिल्ली: इन दिनों बड़ी संख्या में लोग नींद न आने की समस्या (Loss of Sleep) से परेशान हैं। इसका एक कारण कोरोना महामारी से जुड़ा तनाव या फिर किसी तरह की कोई शारीरिक समस्या भी हो सकती है। लेकिन नींद न आने की समस्या आजकल आम बात हो गई है। हर दूसरा व्यक्ति आपको यही कहता सुनाई देगा कि रात में उसे नींद नहीं आती। हर रात 7 से 8 घंटे की नींद बेहद जरूरी है ताकि आप बीमार न पड़ें और अगले दिन पूरी ऊर्जा के साथ अपना काम कर सकें।

वास्तु दोष की वजह से भी नहीं आती नींद।
आप इस बात पर यकीन करें या न करें लेकिन ये सच है कि कई बार बेडरूम या आपके बिस्तर से जुड़े वास्तु दोष (Vastu dosh) की वजह से भी आपको नींद से जुड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। यही कारण है कि सोने से पहले सोने की सही दिशा (Right direction) और दशा के बारे में जानना जरूरी है। अगर आपको भी रात में नींद नहीं आती तो वास्तु के इन उपायों (Vastu remedies) को एक बार आजमाकर देखें।

अच्छी नींद के लिए वास्तु से जुड़े नियम।
1. बेड हमेशा लकड़ी का और चौकोर होना चाहिए- वास्तु शास्त्र के एक्सपर्ट्स की मानें तो आप जिस बिस्तर सो रहे हों वह बेड लकड़ी का होना चाहिए (Wooden bed) और उसका आकार चौकोर या आयताकार होना चाहिए। कभी भी वृत्ताकार, अर्धचंद्राकार या फिर किसी और आकार के बिस्तर पर न सोएं। साथ ही बिस्तर लकड़ी के अलावा लोहे या किसी और चीज का नहीं बना होना चाहिए। साथ ही बिस्तर न तो बहुत ज्यादा ऊंचा होना चाहिए और ना ही ज्यादा नीचा।

2. इस दिशा में पैर करके सोएं- वास्तु शास्त्र के नियमों के मुताबिक दक्षिण दिशा (Avoid South direction) की ओर पैर करके कभी नहीं सोना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से बुरे सपने आते हैं (Nightmare) और मानसिक बीमारियां होने का खतरा बना रहता है। अगर आप पश्चिम दिशा की ओर पैर करके सोएं तो सद्भावना और अध्यात्म का विकार होता है और अगर उत्तर दिशा की ओर पैर करके सोएं तो धन और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

3. दरवाजे के सामने न हो बिस्तर- बेडरूम के दरवाजे के ठीक सामने आपका बिस्तर नहीं होना चाहिए। (Avoid bed infront of door) अगर किसी वजह से बिस्तर की दिशा बदली नहीं जा सकती तो दरवाजे पर पर्दा लगाकर रखें। ऐसा करने स भी वास्तु दोष दूर हो सकता हैै। साथ ही बिस्तर के ठीक सामने शीशा भी न रखें वरना इससे भी बीमारियां होने का खतरा रहता हैै।

4. सिरहाने न रखें ये चीजें- सोते समय सिराहने (जिस तरह सिर रखते हैं) पर कभी भी पानी नहीं रखना चाहिए। ऐसा करने से मानसिक बीमारी होने का खतरा रहता है। इसके अलावा जूते चप्पल को भी कभी भी सिरहाने के पास नहीं रखना चाहिए वरना नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और बार-बार नींद टूटने लगती है।

Tuesday, May 4, 2021

क्या Corona 5G Network टेस्टिग से फैल रहा है, Corona और 5जी के बीच रिश्ता? जानिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने क्या कहा।

Coronavirus: भारत में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है। वहीं देश में तेजी से फैल रहे कोरोना संक्रमण को लेकर सोशल मीडिया (Social Media) पर अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं। इन्हीं से एक दावा यह है कि 5जी की टेस्टिंग के कारण कोरोना यह फैल रहा है। एक दावा यह भी है कि कोरोना जैसी कोई बीमारी नहीं है, बल्कि 5G टेक्नोलॉजी (5G Technology) की टेस्टिंग का परिणाम है। इसका जवाब विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने एक रिपोर्ट में दिया है।


कोरोना के लिए 5G की टेस्टिंग जिम्मेदार! (5G testing responsible for Corona!)
वायरल पोस्ट में यह भी कहा गया है कि रेडिएशन की वजह से घर में हर जगह करंट लगता रहता है और गला सामान्य से कुछ ज्यादा सूखता है। इन पोस्ट में कहा गया है कि यदि इन 5G टावरों की टेस्टिंग पर रोक लगा दी जाए, तो सब ठीक हो जाएगा। इन संदेशों को शेयर करने वाले कुछ लोगों ने अपने साथ ऐसा होने का दावा भी किया है।

WHO ने सभी दावों को बताया गलत (WHO says all claims are fake)
कोरोना महामारी को लेकर फैलाई जा रही इन खबरों पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट में जवाब दिया गया है। WHO की रिपोर्ट में ऐसे सभी दावों को फर्जी बताया गया है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि 5G मोबाइल नेटवर्क से कोरोना नहीं फैलता। साथ ही यह भी बताया गया है कि कोरोना मोबाइल नेटवर्क और रेडियो तरंगों के साथ एक जगह से दूसरी जगह पर नहीं पहुंच सकता। रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना उन देशों में भी हो रहा है जहां 5जी मोबाइल नेटवर्क नहीं है।

मैं तो इंसानियत से मजबूर था तुम्हे बीच मे नही डुबोया" मगर तुमने मुझे क्यों काट लिया!

नदी में बाढ़ आती है छोटे से टापू में पानी भर जाता है वहां रहने वाला सीधा साधा1चूहा कछुवे  से कहता है मित्र  "क्या तुम मुझे नदी पार करा ...