नदी में बाढ़ आती है छोटे से टापू में पानी भर जाता है वहां रहने वाला सीधा साधा1चूहा कछुवे से कहता है मित्र "क्या तुम मुझे नदी पार करा सकते हो मेरे बिल में पानी भर गया है?
कछुवा राजी हो जाता है तथा चूहे को अपनी पीठ पर बैठा लेता है तभी 1 बिच्छु भी बिल से बाहर आता है कहता है मुझे भी पार जाना है मुझे भी ले चलो, चूहा बोला मत बिठाओ ये जहरीला है
ये मुझे काट लेगा तभी समय की नजाकत को भांपकर बिच्छू बड़ी विनम्रता से कसम खाकर प्रेम प्रदर्शित करते हुए कहता है:भाई कसम से नही काटूंगा बस मुझे भी ले चलो।" कछुआ चूहे और बिच्छू को ले तैरने लगता है
तभी बीच रास्ते मे बिच्छु चूहे को काट लेता है। चूहा चिल्लाकर कछुए से बोलता है”मित्र इसने मुझे काट लिया अब मैं नही बचूंगा।" थोड़ी देर बाद उस बिच्छू ने कछुवे को भी डंक मार दिया।कछुवा मजबूर था जब तक किनारे पहुंचा चूहा मर चुका था!!
कछुआ बोला "मैं तो इंसानियत से मजबूर था तुम्हे बीच मे नही डुबोया" मगर तुमने मुझे क्यों काट लिया? बिच्छु उसकी पीठ से उतरकर जाते जाते बोला "मूर्ख तुम जानते नही मेरा तो धर्म ही है डंक मारना चाहे कोई भी हो।" गलती तुम्हारी है जो तुमने मुझ पर विश्वास किया.!
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