विश्वकर्मा पूजा के बिना कोई भी तकनीकी कार्य शुभ नहीं होता। इसलिए घर हो या दुकान तकनीकी कार्य शुरू करने से पहले इनका पूजन किया जाता है। विश्वकर्मा पूजा इस साल 16 सितंबर को मनाई जा रही है। ऐसी मान्यता है कि भगवान विश्वकर्मा खुश होते हैं तो बिजनेस में दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की होती है। भगवान विश्वकर्मा ने पूरी सृष्टि का निर्माण किया है और इन्हें सृष्टि का निर्माणकर्ता कहा जाता है।
विश्वकर्मा पूजा इस साल 17 सितंबर को मनाई जा रही है। दरअसल इस बार 16 सितंबर को शाम 7 बजकर 23 मिनट पर संक्रांति है, इसलिए विश्वकर्मा जयंती 17 सितंबर को ही मनाई जाएगी। यह पूजा खासकर देश के पूर्वी प्रदेशों में मनाई जाती है, जैसे असम, त्रिपुरा, वेस्ट बंगाल, ओड़िशा, बिहार, झारखंड। कहते हैं कि विश्वकर्मा भगवान ने ही ब्रह्मा जी की सृष्टि के निर्माण में मदद की थी और पूरे संसार का नक्शा बनाया था। शास्त्रों के अनुसार विश्वकर्मा भगवान वास्तुदेव के पुत्र हैं। ऐसा भी कहा जाता है कि पांडवों के लिए माया सभा भी विश्वकर्मा भगवान ने ही बनाई थी। ऋग वेद में कहा गया है कि स्थापत्य वेद जो मशीन और आर्किटेक्टर की साइंस है, उसे भी विश्वकर्मा भगवान ने बनाया है। एक तरह से इन्हें भगवान विश्वकर्मा को पूरी दुनिया का सबसे पहला इंजीनियर कहा जाता है।
विश्वकर्मा पूजा की विधि
विश्वकर्मा पूजा के लिए भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा को विराजित कर इनकी पूजा की जाती है। हालांकि बहुत से लोग अपने कल-पुर्जे को ही भगवान विश्वकर्मा मानकर उसकी पूजा करते हैं। इस दिन कई जगहों पर यज्ञ का भी आयोजन किया जाता है। पूजा में बैठने से पहले स्नान कर लें और भगवान विष्णु का ध्यान करने के बाद एक चौकी पर भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति या तस्वीर रखें। फिर अपने दाहिने हाथ में फूल, अक्षत लेकर मंत्र पढ़ें और अक्षत को चारों ओर छिड़के दें और फूल को जल में छोड़ दें। इसके बाद हाथ में रक्षासूत्र, मौली या कलावा बांधे। फिर भगवान विश्वकर्मा का ध्यान करने के बाद उनकी विधिवत पूजा करें। पूजा के बाद विविध प्रकार के औजारों और यंत्रों को जल, रोली, अक्षत, फूल और मिठाई से पूजें और फिर विधिवत हवन करें।
घर में ऐसे करें पूजा
इस दिन कार्यालयों और कारखानों के साथ ही घर में भी सभी मशीनों की पूजा करनी चाहिए। चाहे बिजली के उपकरण हो या फिर बाहर खड़ी गाड़ी, विश्वकर्मा पूजा के दिन सभी की सफाई करें। अगर जरूरी हो तो ऑयलिंग और ग्रीसिंग भी करें। इस दिन इनकी देखभाल किसी मशीन की तरह न करके, इस प्रकार करें जिससे प्रतीत हो कि आप भगवान विश्वकर्मा की ही पूजा कर रहे हैं।
भगवान विश्वकर्मा की पूजा का मंत्र
ॐ आधार शक्तपे नम: और ॐ कूमयि नम:, ॐ अनन्तम नम:, ॐ पृथिव्यै नम:
विश्वकर्मा पूजा पर भूलकर भी न करें ये काम
उपकरण का न करें इस्तेमाल, मान्यता है कि इस दिन लोगों का अपने कारखाने फैक्ट्रियां बंद रखनी चाहिए।ऐसा करने के साथ ही वहां मौजूद मशीनों, उपकरणों और औजारों की पूजा करने से घर में बरकत आती है।इस दिन लोगों को किसी भी तरह की मशीनों और औजारों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
भूलकर भी मांस-मदिरा का सेवन न करें
इस दिन तामसिक भोजन यानी मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। साथ ही अपने व्यापार और रोजगार को बढ़ाने के लिए इस दिन गरीब और जरूरतमंद लोगों को दान जरूर देना चाहिए। रोजमर्रा में इस्तेमाल करने वाली चीजों का करें सम्मान। भगवान विश्वकर्मा को देवताओं का शिल्पकार माना जाता है। इस दिन किसी भी प्रकार के औजार का इस्तेमाल न करें। भले ही ये उपकरण घर के ही क्यों न हों, लेकिन उनके इस्तेमाल से भी बचना चाहिए। साथ ही मशीनों को इधर-उधर बिखरने से भी बचाना चाहिए। इसके अलावा इस दिन किसी को भी अपने औजार उधार न दें।