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Wednesday, June 9, 2021

आज है ज्येष्ठ का दूसरा बड़ा मंगलवार, ऐसे करें हनुमान जी को प्रसन्न।

मंगलवार का दिन श्री राम भक्त हनुमान जी को समर्पित है। इस दिन पूरे मन से बजरंगबली की पूजा की जाती है। और आज ज्येष्ठ मास का दूसरा बड़ा मंगलवार है। हिंदू शास्त्रों में इस दिन का बहुत महत्व है। श्रद्धालु आज के दिन व्रत रह कर पूरे विधि विधान से पूजा कर हनुमान जी को प्रसन्न करते हैं। हनुमान जी अपने भक्तों के हर कष्टों को दूर करते हैं। तभी तो उनको संकटमोचन कहा जाता है।

हिंदू धर्म में हनुमान जी को बल और बुद्धि का देवता माना गया है। धार्मिक मान्यता है कि हनुमान जी अपने भक्तों को शीघ्र फल प्रदान करते हैं, इसीलिए इन्हें कलयुग का देवता कहते हैं। ये ही एक मात्र देवता है जो आज भी अपने भक्तों की मदद के लिए जीवित हैं।

मान्यता है कि आज बड़े मंगलवार को हनुमान जी की पूजा बड़े नियम और संयम से करनी चाहिए। इस दिन भक्त यदि ये काम करें तो हनुमान जी उनकी मनोकामना पूरी करेंगें।

आइये जानें ये काम।

1- हनुमान जी की कृपा पाने के लिए बड़े मंगलवार को बजरंग बाण का नियम पूर्वक पाठ करना चाहिए। इससे आत्म-विश्वास और साहस में वृद्धि होती है। शत्रु पराजित होते हैं।

2- आज बड़े मंगल के दिन हनुमान जी के दर्शन के बाद भगवान राम और माता सीता का दर्शन जरूर करें। ऐसा करने से भक्त की मनोकामना पूरी होती है।

3- हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए बड़े मंगल के दिन गुलाब की माला या केवड़े का इत्र अर्पित करें। मान्यता है कि ऐसा करने से हनुमान जी कृपा भक्त पर बरसती हैm

4- बड़े मंगलवार को हनुमान जी के मंदिर में नारियल रखना शुभ होता है। माना जाता है कि ऐसा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

5- बड़े मंगलवार को लाल रंग की रोटी खिलाएं. ऐसा करना बेहद शुभ होता है।

6- बड़े मंगलवार के दिन हनुमान जी के साथ-साथ पीपल की पूजा भी करनी चाहिए। इससे भक्त की हर मनोकामना पूरी होती है और हनुमान जी भक्त को मालामाल कर देते हैं।

Monday, June 7, 2021

जानिए क्यों और कब शाम के समय शिवलिंग के पास दीपक जलाना चाहिए!

अगर हम शिव पुराण के अनुसार देखें तो इसमें भगवान शिव जी की पूजा अर्चना की विधियों के बारे में उल्लेख किया गया है, उन्हीं विधियों में से एक सावन महीने की रात के समय शिवलिंग के पास दीपक जलाने का उल्लेख मिलता है, शिव पुराण के अनुसार शिवलिंग के पास दीपक जलाना पूजा विधि बताई गई है, अगर आप सावन महीने में शिवलिंग के पास रात के समय दीपक जलाते हैं तो इससे अपको अपने जीवन में धन से जुड़ी हुई परेशानियां नहीं होंगी, आपको धन संबधित सभी परेशानियों से छुटकारा प्राप्त होगा। शिवलिंग के पास दीपक जलाने से आपको धन संबंधित फायदा प्राप्त होता है।

एक प्रचलित कथा के मुताबिक ऐसा कहा जाता है प्राचीन काल में गुणनिधि नाम का एक व्यक्ति बहुत ही निर्धन था, वह अपने और अपने परिवार के लिए भोजन की तलाश में लगा हुआ था, उसको भोजन की तलाश करते करते रात हो गई थी और वह एक शिव मंदिर में पहुंच गया था, गुणनिधि ने यह विचार किया कि रात के समय इसी स्थान पर आराम कर लेना उचित होगा लेकिन रात का समय था और वहां पर बहूत ज्यादा अंधेरा भी हो गया था।

तब उसने अंधेरे को दूर करने के लिए शिव मंदिर में उसने अपनी कमीज़ जला दी थी, रात के समय शिवलिंग तके समक्ष प्रकाश करने के फल स्वरुप उसको अगले जन्म में कुबेर देव का पद प्राप्त हुआ था, इसी वजह से ऐसा माना जाता है कि अगर व्यक्ति को धनवान बनने की इच्छा है तो सावन महीने में रात के समय शिलिंग के पास दीपक जलाना चाहिए.

Saturday, June 5, 2021

10 जून को है शनि जयंती, उस दिन भूलकर भी न करें ये गलतियां।

इस साल शनि देव जयंती 10 जून को मनाई जाएगी। हिंदू पंचाग के अनुार शनि जयंती हर साल जेष्ठ मास की अमावस्या के दिन मनाया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मनुष्य के कर्मों के अनुसार ही शनि देव उसे वैसा ही फल देते हैं। मनुष्य द्वारा किया गया कोई भी बुरा या अच्छा कार्य शनिदेव से छिपा हुआ नहीं है। इस दिन शनिदेव की विधि-विधान से पूजा की जाती है। मान्यता है कि इससे शनिदेव प्रसन्न होते हैं। और जिसके बाद जीवन में धन की परेशानी नहीं रहती है। साथ ही मान-सम्मान में वृद्धि होती है। परन्तु उनकी पूजा में यदि भूल से भी ये गलतियाँ हो गई तो उपासक को अपार क्षति हो सकती है। यहां तक की उनके जीवन में अनिष्ट भी हो सकता है. आइये जानें इन गलतियों के बारे में।

शनि जयंती शुभ मुहूर्त
ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि 09 जून को दोपहर 1 बजकर 57 मिनट से शुरू होगी, जोकि 10 जून को शाम 04 बजकर 22 मिनट पर समाप्त होगी।

ना करें ये गलतियां।
शनिदेव की पूजा करते समय उपासक को भूलकर भी उनसे अपनी दृष्टि नहीं मिलानी चाहिए। अन्यथा उपासक के जीवन में अनिष्ट हो सकता है। उपासक को चाहिए कि वे शनिदेव का सारा पूजन सिर को नीचे झुकाकर ही करें। ऐसी मान्यता है कि शनिदेव को उनकी पत्नी से श्राप मिलने से दृष्टि वक्र हो गई है। ऐसे में आंख मिलाकर उनकी पूजा करने से उपासक के जीवन में अनिष्ट हो सकता है। इसलिए शनिदेव के सामने कभी भी एकदम खड़े होकर उनकी आंखों में आँख डालकर पूजा या दर्शन नहीं करनी चाहिए।

Friday, May 28, 2021

आज नारद जयंती, जानिए कैसे बने नारद मुनि ब्रह्मा जी के मानस पुत्र।

हिंदू पंचांग के अनुसार वर्ष ज्येष्ठ माह में कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को नारद जयंती मनाई जाती है। ऋषि नारद मुनि परमपिता ब्रह्मा जी की मानस संतान माने जाते हैं। वह भगवान विष्णु के परम भक्त हैं। उनके मुख से हर वक्त नारायण नारायम का ही स्वर निकलता। नारद मुनि के एक हाथ में वीणा है और दूसरे हाथ में वाद्य यंत्र है। नारद मुनि को देवताओं का संदेशवाहक कहा जाता है। वह तीनों लोकों में संवाद का माध्यम बनते थे। ऐसी मान्यता है कि मान्यता है कि इस दिन नारद जी की पूजा आराधना करने से भक्‍तों को बल, बुद्धि और सात्विक शक्ति की प्राप्ति होती है। आइये जानें इससे जुड़ी पौराणिक कथा।

नारद जयंती का शुभ मुहूर्त।
हिन्दू पंचांग के अनुसार नारद जयंती हर साल ज्येष्ठ माह में कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाई जाती है। साल 2021 में नारद जयंती की तिथि 27 मई को होगी। ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा 26 मई को शाम 4 बजकर, 43 मिनट से शुरू होगी जो कि 27 मई को दोपहर 1 बजकर, 2 मिनट पर समाप्त होगी।

ब्रह्मा जी के मानस पुत्र हैं नारद जी।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, पूर्व जन्म में नारद मुनि का जन्म गंधर्व कुल में हुआ था। उनका नाम उपबर्हण था. नारद मुनि को अपने रूप पर बड़ा अभिमान था। एक बार कुछ गंधर्व और अप्सराएं गीत और नृत्य के साथ ब्रह्मा जी की उपासना कर रही थीं। इसी दौरान उपबर्हण {नारद जी} स्त्रियों के वेष में श्रृंगार करके उनके बीच में आ गये। यह देख ब्रह्मा जी को बहुत क्रोध आया और उन्होंने उपबर्हण को अगले जन्म में शूर्द के यहां जन्म होने का श्राप दे दिया। ब्रह्मा जी के श्राप से उपबर्हण का जन्म शूद्र दासी के पुत्र के रूप में हुआ। इस बालक ने अपना पूरा जीवन ईश्वर की पूजा-अर्चना में लगाने का संकल्प लेकर कठोर तपस्या करने लगा। तभी आकाशवाणी हुई कि तुम इस जीवन में ईश्वर के दर्शन नहीं पाओगे। अगले जन्म में आप उन्हें पार्षद के रूप में प्राप्त करोगे।

Tuesday, May 25, 2021

कैसे बचाया था भगवान विष्णु ने अपने भक्त प्रह्लाद की जान? पढ़िए नरसिंह भगवान की यह कथा!

पौराणिक कथा के अनुसार, हिरण्यकश्यप नाम का एक राक्षस था जो भगवान विष्णु का घोर विरोधी था। उसके राज्य में जो भी भगवान का नाम लेता उन पर बहुत अत्याचार किए जाते। हिरण्यकश्यप चाहता था कि उसकी प्रजा उसे ही भगवान् माने। उनका बेटा प्रह्लाद बहुत बड़ा विष्णु भक्त था। हिरण्यकश्यप ने उसे बहुत समझाया और डर दिखाया। लेकिन जब भक्त प्रह्लाद के सामने उसकी एक न चली तो उसने उन्हें पहाड़ी से नीचे फेंकने का आदेश दिया लेकिन भगवान विष्णु की कृपा से भक्त प्रहलाद को कुछ भी नहीं हुआ। जब हिरण्यकश्यप ने यह देखा तो क्रोध से तिलमिला उठा और भगवान को ललकारने लगा। उसी समय उसके महल का खंभा फटा और नरसिंह भगवान अवतरित हुए. उनका रूप देख हिरण्यकश्यप कांप उठा। नरसिंह देव, ना पूरे पशु थे और ना पूरे मनुष्य, उन्होंने हिरण्यकश्यप का वध अस्त्रों या शस्त्रों से नहीं बल्कि अपनी गोद में बिठाकर अपने नाखूनों से उसकी छाती चीर कर किया था।

बता दें कि हिरण्यकश्यप ने ब्रह्मा जी की तपस्या कर उनसे वरदान मांगा था कि उसे न कोई इंसान मार पाए और न ही जानवर। न मैं रात में मारा जाऊं और न सुबह, न मेरी मौत घर के अन्दर हो न बाहर। इसलिए भगवान विष्णु को नरसिंह का अवतार लेना पड़े। नरसिंह देव, ना पूरे पशु थे और ना पूरे मनुष्य, उन्होंने हिरण्यकश्यप का वध अस्त्रों या शस्त्रों से नहीं बल्कि अपनी गोद में बिठाकर अपने नाखूनों से उसकी छाती चीर कर किया था। जिस समय हिरण्यकश्यप वध हुआ उस समय शाम का समय था और महल की देहरी पर बैठकर नरसिंह भगवान ने हिरण्यकश्यप का वध किया।

Saturday, May 22, 2021

देश में अब तक ब्लैक फंगस के 7251 केस आए सामने, जानिए सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य।

देश में कोरोना वारयरस के संकट के बीच ब्लैक फंगस ने भी अपने पांव पसारने शुरू कर दिए हैं। कई राज्यों में इसके मामले लगातार बढ़ रह हैं जो एक चिंता विषय है। देश में अब तक 7251 मामले सामने आ चुके हैं। जबकि 219 लोग इसके कारण अपनी जान गवा चुके हैं। इसके सबसे ज्यादा केस महाराष्ट्र में देखने को मिले हैं। गुरुवार को केंद्र सरकार ने कहा कि राज्यों को महामारी अधिनियम, 1897 के तहत ब्लैक फंगस को महामारी घोषित करना चाहिए।

महाराष्ट्र में ब्लैक फंगस के अबतक 1500 केस सामने आए हैं, जिनमें 90 मरीजों की मौत हो गई है। इसके बाद गुजरात में सबसे ज्यादा 1163 केस आए और 61 मरीजों की जान चली गई। मध्य प्रदेश में ब्लैक फंगस के 575 केस आए और 31 की मौत हो गई। हरियाणा और दिल्ली में क्रमश: 268 और 203 केस आए और क्रमश: 8 और 1 व्यक्ति की जान गई।

उत्तर प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, कर्नाटका, तेलंगाना में 200 से कम केस आए हैं। इनमें से तेलंगाना में सबसे ज्यादा 10 लोगों की जान गई है। उत्तर प्रदेश में आठ लोग मारे गए हैं। बिहार व छत्तीसगढ़ में 2 और 1 व्यक्ति की जान गई है। हालांकि कर्नाटका में अबतक किसी की जन नहीं गई है। अब तक चंडीगढ़, असम, तेलंगाना, राजस्थान, गुजरात, ओडिशा और पंजाब जैसे राज्यों ने इस बीमारी को महामारी घोषित किया है।

क्या है ब्लैक फंगस?
दिल्ली स्थित एम्स के न्यूरोलॉजी प्रमुख डॉक्टर पद्मा के अनुसार, ब्लैक फंगस इन्फैक्शन कोई नई बीमारी नहीं है। जिनकी इम्युनिटी बहुत कम है या जो ट्रांसप्लांट के मरीज हैं, उनमें यह फंगस इन्फैक्शन पाया जाता है। उन्होंने कहा कि इतनी संख्या में फंगस इन्फैक्शन पहले कभी नहीं देखा गया था, जितना कोरोना की दूसरी लहर के दौरान अभी देखा गया है।

डॉक्टर पद्मा ने कहा कि फंगस इन्फैक्शन से खतरा है और अगर इलाज नहीं मिला तो 80 फीसदी मामलों में मौत की संभावना है। ब्लैक फंगस छूत की बीमारी नहीं है। यह कोरोना की तरह नहीं एक दूसरे को फैलता है।

Friday, May 21, 2021

Cooling-Off Period कानून की मदद से चीन में 70% तक घट गए बिखरते रिश्तों के बचान मामले।

बीजिंग: बिखरते रिश्तों को बचाने की चीन की कोशिश रंग लाती नजर आ रही है। चीन (china) की कम्युनिस्ट सरकार ने इस साल की शुरुआत में अनिवार्य ‘कूलिंग ऑफ पीरियड’ (cooling-off period) लागू किया था, जिसकी वजह से तलाक की दर (divorce rate) 70 फीसदी तक कम हो गई हैै। नागरिक मामलों के मंत्रालय (ministry of civil affairs) की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक, 2021 की पहली तिमाही में 296,000 तलाक के आवेदन दर्ज हुए, जबकि पिछले साल की अंतिम तिमाही में ये संख्या 1.06 मिलियन थी, इस तरह इसमें 70 प्रतिशत तक की कमी देखने को मिली है।

जाने Cooling-Off Period क्या है?
CNN की रिपोर्ट के मुताबिक, कूलिंग ऑफ पीरियड का मतलब उस समय से है, जिसके दौरान दो असहमत लोग आगे की कार्रवाई से पहले अपने मतभेदों को दूर करने की अंतिम कोशिश करते हैं। चीन (China) में नया सिविल कोड (Civil Code) 1 जनवरी से प्रभाव में आया है। इसके तहत तलाक (Divorce) के लिए आवेदन पेश करने के बाद जोड़े को 30 दिनों तक इतंजार करना जरूरी है, इस दौरान यदि पति-पत्नी में सहमति बन जाती है, तो वे अपनी याचिका वापस ले सकते हैं।

Law को लेकर विपक्ष में नाराजगी?
एक महीने के Cooling-Off Period के बाद पति-पत्नी को तलाक के लिए फिर से आवेदन करना होता है। इस नए कानून को लेकर सरकार की आलोचना भी बड़े पैमाने पर हो रही है। आलोचकों ने इसे व्यक्तिगत स्वतंत्रता में बाधा करार दिया है। उनका कहना है कि यदि दो लोग अपने मर्जी से अलग होना चाहते हैं, तो सरकार उन्हें 30 दिनों तक जबरन बांधे नहीं रख सकती। वहीं, समर्थकों का मानना है कि इससे परिवार की स्थिरता और सामजिक व्यवस्था सुनिश्चित होती है।

China ने जताई थी चिंता।
चीन में पिछले कुछ वक्त में तलाक के मामलों में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है, जिसने सरकार को चिंता में डाल दिया है। पिछले साल नागरिक मामलों के मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा था कि विवाह और प्रजनन दोनों एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। शादी की दर में गिरावट जन्म दर को प्रभावित करती है, जिसके परिणामस्वरूप आर्थिक और सामाजिक विकास प्रभावित होता है। इस मुद्दे का समाधान निकाला जाना चाहिए। उन्होंने संकेत दिए थे कि सरकार इस दिशा में कदम उठाएगी। कूलिंग ऑफ पीरियड उसी का एक हिस्सा है।

मैं तो इंसानियत से मजबूर था तुम्हे बीच मे नही डुबोया" मगर तुमने मुझे क्यों काट लिया!

नदी में बाढ़ आती है छोटे से टापू में पानी भर जाता है वहां रहने वाला सीधा साधा1चूहा कछुवे  से कहता है मित्र  "क्या तुम मुझे नदी पार करा ...