आज हम आपको एक ऐसी लड़की की कहानी बताएंगे जिसकी हार को भी पूरा देश जीत मान रहा है। इनका नाम है, मान्या सिंह। वर्ष 2020 की मिस इंडिया रनर अप मान्या अपने माता-पिता के साथ मुंबई की एक छोटी सी कॉलोनी में रहती हैं। पिता ऑटो रिक्शा चलाते हैं और मां ब्यूटीशियन हैं। बहुत साधारण सी आमदनी वाले घर में मान्या ने बचपन से ही एक ऐसा सपना देखना शुरू कर दिया जो बहुत संपन्न लोगों की जागीर माना जाता है। पिता को भी अपनी बेटी के इस सपने से डर लगता था कि अगर उसका सपना टूट गया तो क्या होगा? इसलिए वो अपनी बेटी से कहते कि सपना छोड़ो और किताबों में मन लगाओ, पढ़ाई करो,नौकरी करो।
पर बेटी जब स्कूल के लिए निकलती तो किताबों के बैग में ऊंची हील वाली सैंडल्स लेकर जाती थी और घर के बाहर पार्क में कैटवॉक की प्रैक्टिस करती थीं। एक दिन उनके पिता ने बैग में रखे सैंडल्स देख लिए, उन्होंने मान्या से कहा कि ये तो देवी सरस्वती का अपमान है।तब मान्या ने अपने पिता से कहा था कि मैं अपने सपने का सम्मान करती हूं, किसी का अपमान नहीं। आप मुझे मत रोकिए मैं आपको पढ़ के भी दिखाऊंगी और अपनी मंजिल तक पहुंच कर भी।
इसके बाद माता-पिता ने अपनी बेटी की उम्मीदों के साथ जीना शुरू कर दिया। उत्तर प्रदेश के छोटे से कस्बे से मान्या मुंबई पहुंचीं। वहां उन्होंने पढ़ाई के साथ कई छोटी-मोटी नौकरी करके परिवार की आर्थिक मदद भी की। पर इन नौकरियों से उन्होंने वो तौर तरीके और भाषा भी सीखी जो मिस इंडिया बनने के लिए जरूरी था। 10 फरवरी 2021 को मान्या अपनी जिंदगी की सबसे बड़ी कामयाबी के पास पहुंच गईं। मान्या को मिस इंडिया रनर अप का टाइटल मिला। वो मिस इंडिया तो नहीं बनी, लेकिन मिस इंडिया बनने के बहुत करीब पहुंच गईं. वैसे वो हमारे लिए मिस इंडिया ही हैं। मान्या सिंह मिस इंडिया रनर अप टाइटल पाने के बाद जब घर लौट रही थीं, तो उन्हें घर लाने के लिए पिता उसी ऑटो रिक्शा से पहुंचे जिसकी कमाई से मान्या को पाल-पोस कर बड़ा किया है।
मान्या की मां ब्यूटीशियन हैं। वो सजाना जानती हैं, बेटी की जिंदगी को हर मुश्किल के बावजूद सजाया। मान्या पहले उत्तर प्रदेश में रहीं फिर उन्हें मुंबई लाया गया। यहां उन्होंने पढ़ाई के साथ मिस इंडिया बनने की कोशिशें भी शुरू कीं। इसके लिए उन्होंने अपनी जिंदगी को ही ट्रेनिंग स्कूल बना लिया। ऐसी नौकरी की जिससे पर्सनैलिटी में सुधार हुआ और घर चलाने के लिए पैसे भी कमाए। मान्या ने जिद की और अपनी दुनिया बदल ली। अब वो उन लोगों के लिए प्रेरणा है जो पैसों की कमी और कुछ दूसरी वजहों से ज्यादा बड़ा बनने की सोच भी नहीं पाते हैं।
मान्या सिंह की कहानी निराशा मिटाती है और प्रेरणा देती है। वो जब अपनी कामयाबी के उत्सव में तिरंगे को शामिल करती हैं तब पता चलता है कि ये देश कैसे यहां के लोगों की धड़कनों में शामिल है।