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Friday, February 19, 2021

मुगलों के छक्के छुड़ाने वाले वीर योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज के जयंती पर जाने उनके क्रांतिकारी विचार।

वीर सपूत छत्रपति शिवाजी महाराज भारत के एक महान योद्धा और कुशल प्रशासक थे। उन्होंने अपने पराक्रम, शौर्य और कुशल युद्ध नीति के बल पर मुगलों के छक्के छुड़ा दिए थे। छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म 19 फरवरी 1630 में महाराष्ट्र के शिवनेरी दुर्ग में हुआ था। उन्होंने 1674 में मराठा साम्राज्य की स्थापना की थी। आइए आज इस खास मौके पर जानते हैं शिवाजी महाराज के कुछ अनमोल विचार।

स्वतंत्रता वह वरदान है, जिसे पाने का अधिकारी हर किसी को है।
-छत्रपति शिवाजी महाराज

जब इरादे पक्के हों, तो पहाड़ भी एक मिट्टी का ढेर लगता है।
-छत्रपति शिवाजी महाराज

शत्रु को कमजोर समझना या बहुत अधिक बलवान समझना दोनों ही स्थिति घातक है।
- छत्रपति शिवाजी महाराज

एक छोटा कदम छोटे लक्ष्य पर,बाद मे विशाल लक्ष्य भी हासिल करा देता है।
-छत्रपति शिवाजी महाराज

नारी के सभी अधिकारों में, सबसे महान अधिकार माँ बनने का है।
-छत्रपति शिवाजी महाराज

शत्रु को कमजोर न समझो, तो अत्यधिक बलिष्ठ समझ कर डरो भी मत।
-छत्रपति शिवाजी महाराज

ऑटो रिक्‍शा ड्राइवर की बेटी Manya Singh ने ऐसे तय किया Miss India तक का सफर, ऐसा रहा संघर्ष की कहानी।

अमेरिकी Civil Rights Activist Malcom X ने कहा था, If you have no critics, you will likely have no success. अगर आपका कोई आलोचक नहीं हैं, तो आपकी सफलता की संभावना कम है। आलोचनाओं और तानों से घबराने की जगह अगर उन्हीं को ताकत बना लिया जाए तो सफलता का स्वाद भी दोगुना हो जाता है। इसलिए अगर आप आलोचनाओं से डर कर अब तक रुके हुए हैं, तो आज से ही अपने विचार बदल लीजिए। अपने आलोचकों को अपना शुभचिंतक समझिए और अपने लक्ष्य को हासिल करने की एक ईमानदार पहल करिए।

आज हम आपको एक ऐसी लड़की की कहानी बताएंगे जिसकी हार को भी पूरा देश जीत मान रहा है। इनका नाम है, मान्या सिंह। वर्ष 2020 की मिस इंडिया रनर अप मान्या अपने माता-पिता के साथ मुंबई की एक छोटी सी कॉलोनी में रहती हैं। पिता ऑटो रिक्शा चलाते हैं और मां ब्‍यूटीशियन हैं। बहुत साधारण सी आमदनी वाले घर में मान्या ने बचपन से ही एक ऐसा सपना देखना शुरू कर दिया जो बहुत संपन्न लोगों की जागीर माना जाता है। पिता को भी अपनी बेटी के इस सपने से डर लगता था कि अगर उसका सपना टूट गया तो क्या होगा? इसलिए वो अपनी बेटी से कहते कि सपना छोड़ो और किताबों में मन लगाओ, पढ़ाई करो,नौकरी करो।

पर बेटी जब स्कूल के लिए निकलती तो किताबों के बैग में ऊंची हील वाली सैंडल्‍स लेकर जाती थी और घर के बाहर पार्क में कैटवॉक की प्रैक्टिस करती थीं। एक दिन उनके पिता ने बैग में रखे सैंडल्‍स देख लिए, उन्होंने मान्या से कहा कि ये तो देवी सरस्वती का अपमान है।तब मान्या ने अपने पिता से कहा था कि मैं अपने सपने का सम्मान करती हूं, किसी का अपमान नहीं। आप मुझे मत रोकिए मैं आपको पढ़ के भी दिखाऊंगी और अपनी मंजिल तक पहुंच कर भी।

इसके बाद माता-पिता ने अपनी बेटी की उम्मीदों के साथ जीना शुरू कर दिया। उत्तर प्रदेश के छोटे से कस्बे से मान्या मुंबई पहुंचीं। वहां उन्होंने पढ़ाई के साथ कई छोटी-मोटी नौकरी करके परिवार की आर्थिक मदद भी की। पर इन नौकरियों से उन्होंने वो तौर तरीके और भाषा भी सीखी जो मिस इंडिया बनने के लिए जरूरी था। 10 फरवरी 2021 को मान्या अपनी जिंदगी की सबसे बड़ी कामयाबी के पास पहुंच गईं। मान्या को मिस इंडिया रनर अप का टाइटल मिला। वो मिस इंडिया तो नहीं बनी, लेकिन मिस इंडिया बनने के बहुत करीब पहुंच गईं. वैसे वो हमारे लिए मिस इंडिया ही हैं। मान्या सिंह मिस इंडिया रनर अप टाइटल पाने के बाद जब घर लौट रही थीं, तो उन्हें घर लाने के लिए पिता उसी ऑटो रिक्शा से पहुंचे जिसकी कमाई से मान्या को पाल-पोस कर बड़ा किया है।

मान्या की मां ब्यूटीशियन हैं। वो सजाना जानती हैं, बेटी की जिंदगी को हर मुश्किल के बावजूद सजाया। मान्या पहले उत्तर प्रदेश में रहीं फिर उन्हें मुंबई लाया गया। यहां उन्होंने पढ़ाई के साथ मिस इंडिया बनने की कोशिशें भी शुरू कीं। इसके लिए उन्होंने अपनी जिंदगी को ही ट्रेनिंग स्कूल बना लिया। ऐसी नौकरी की जिससे पर्सनैलिटी में सुधार हुआ और घर चलाने के लिए पैसे भी कमाए। मान्या ने जिद की और अपनी दुनिया बदल ली। अब वो उन लोगों के लिए प्रेरणा है जो पैसों की कमी और कुछ दूसरी वजहों से ज्यादा बड़ा बनने की सोच भी नहीं पाते हैं।

मान्या सिंह की कहानी निराशा मिटाती है और प्रेरणा देती है। वो जब अपनी कामयाबी के उत्सव में तिरंगे को शामिल करती हैं तब पता चलता है कि ये देश कैसे यहां के लोगों की धड़कनों में शामिल है।

NASA का Perseverance Rover, मंगल की सतह पर उतरा भारतीय मूल की वैज्ञानिक ने Mission में निभाई अहम भूमिका।

वॉशिंगटन: अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा (NASA) के पर्सीवरेंस रोवर (Perseverance Rover) ने मंगल (Mars) की सतह पर सफलतापूर्वक लैंडिंग कर ली है। करीब 7 महीने पहले इस रोवर ने धरती से टेकऑफ किया था। NASA ने ये कामयाबी भारतीय-अमेरिकी मूल की वैज्ञानिक डॉ स्वाति मोहन (Dr Swati Mohan) की अगुवाई में हासिल की हैै। पर्सीवरेंस रोवर मंगल ग्रह पर जीवन की संभावनाएं तलाशेगा। नासा के अनुसार, रोवर ने गुरुवार-शुक्रवार की दरमियानी रात मंगल की सबसे खतरनाक सतह जेजेरो क्रेटर पर लैंडिंग की, जहां कभी पानी हुआ करता था।

NASA ने किया ये दावा।
नासा ने दावा किया है कि यह अब तक के इतिहास में रोवर की मार्स पर सबसे सटीक लैंडिंग है। रोवर के लाल ग्रह की सतह पर पहुंचने के तुरंत बाद अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने पहली तस्वीर भी जारी कर दी है। छह पहिए वाला यह रोवर मंगल ग्रह की जानकारी जुटाएगा और चट्टानों के ऐसे नमूने साथ लेकर आएगा, जिनसे यह पता चल सकेगा कि क्या लाल ग्रह पर कभी जीवन था।

पर्सीवरेंस नासा का चौथी पीढ़ी का रोवर है। इससे पहले पाथफाइंडर अभियान के लिए सोजोनर को साल 1997 में भेजा गया था। इसके बाद 2004 में स्पिरिट और अपॉर्च्युनिटी को भेजा गया। इसी तरह 2012 में क्यूरिऑसिटी ने मंगल पर डेरा डाला था। नासा के मार्स मिशन का नाम पर्सीवरेंस मार्स रोवर और इंजीन्यूटी हेलिकॉप्टर है। NASA के अनुसार, पर्सीवरेंस रोवर 1000 किलोग्राम वजनी है, जो परमाणु ऊर्जा से चलता है। पहली बार किसी रोवर में प्लूटोनियम को ईंधन के तौर पर उपयोग किया जा रहा है।

आसान नही थी Landing।
पर्सीवरेंस रोवर मंगल ग्रह पर 10 साल तक काम करेगा। इसमें 7 फीट का रोबोटिक आर्म, 23 कैमरे और एक ड्रिल मशीन है। वैसे, Perseverance रोवर के लाल ग्रह की सतह पर पहुंचने की प्रक्रिया काफी मुश्किल रही। लैंडिंग से पहले रोवर को उस दौर से भी गुजरना पड़ा, जिसे टेरर ऑफ सेवन मिनट्स कहा जाता है। इस दौरान रोवर की गति 12 हजार मील प्रति घंटा थी और वह मंगल के वायुमंडल में प्रवेश कर चुका था। ऐसे समय में घर्षण से बढ़े तापमान के कारण रोवर को नुकसान पहुंचने की आशंका बेहद ज्यादा थी, लेकिन वह सफलतापूर्वक लैंड करने में कामयाब रहा।  

Dr Swati Mohan बचपन में ही आ गईं थीं US.
नासा की इंजीनियर डॉ स्वाति मोहन ने इस कामयाबी पर खुशी जताते हुए कहा कि मंगल ग्रह पर टचडाउन की पुष्टि हो गई है। अब यह जीवन के संकेतों की तलाश शुरू करने के लिए तैयार है।

स्वाति बचपन में ही अमेरिका आ गई थीं। उन्होंने अपना ज्यादातर बचपन उत्तरी वर्जीनिया-वाशिंगटन डीसी मेट्रो क्षेत्र में बिताया। उन्होंने कॉर्नेल विश्वविद्यालय से मैकेनिकल और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री हासिल की और एयरोनॉटिक्स/एस्ट्रोनॉटिक्स में एमआईटी से एमएस और पीएचडी पूरी की।

Thursday, February 18, 2021

समर्पण की आस्था का केंद्र श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए अंबेडकर महासभा ट्रस्ट ने दान की चाँदी की ईंट।

समर्पण की आस्था का केंद्र श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए अंबेडकर महासभा ट्रस्ट ने दान की चाँदी की ईंट अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए देश का हर हिस्सा आगे आ रहा है। देश के तमाम वर्ग और तमाम तरह के संगठन इस व्यापक अभियान में सहयोग के लिए आगे आ रहे हैं। इसी कड़ी में अंबेडकर महासभा ट्रस्ट सामने आया है। ट्रस्ट ने मंदिर निर्माण के लिए श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा को चाँदी की ईंट प्रदान की है। 

अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के अध्यक्ष डॉ. लालजी प्रसाद निर्मल ने रविवार (14 फरवरी 2021) को चाँदी की शिला भेंट की। उन्होंने कहा, “हमने राम मंदिर ट्रस्ट को चाँदी की ईंट भेंट की है। हम यह संदेश देना चाहते हैं कि प्रभु श्रीराम दलितों की आस्था का केंद्र हैं। आदिवासी समुदाय के लोग भगवान राम के साथ थे, जब वह 14 वर्ष के वनवास पर गए थे। हमारी इच्छा है कि अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के लिए भव्य मंदिर का निर्माण हो।” डॉ. निर्मल के मुताबिक़ समाज के अन्य वर्गों की तरह दलित समाज भी अयोध्या में मंदिर निर्माण को लेकर काफी उत्साहित है। जिस तरह न्यायपालिका, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया, दलित समाज उसका आभारी है।श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा ने अंबेडकर महासभा का आभार जताते हुए कहा कि देश की जनता इस अभियान के लिए खुले मन से दान कर रही है।

अमेरिका में Flying Car को मिली मंजूरी, 27 फुट के पंखे लेकिन घर में हो जाएगी पार्किंग।

वॉशिंगटन: क्या कभी उड़ती कार में सफर करने का सपना देखा है? अगर हां, तो आपका ये सपना जल्द पूरा होने वाला हैै। क्योंकि अमेरिका में उड़ने वाली कार न सिर्फ बन चुकी है, बल्कि उसे मंजूरी भी मिल गई है। खास बात ये है कि ये कार न सिर्फ 160 की स्पीड से उड़ेगी, बल्की जमीन से ऊपर 10 हजार फिट तक की ऊंचाई भी हासिल कर सकेगी। और जब आपका सफल पूरा हो जाए तो इसे किसी भी आम कार की तरह अपनी गराज में पार्क कर लेंं।


अमेरिकी संघीय एजेंसी की मिली मंजूरी।
अमेरिका की संघीय उड्डयन प्राधिकरण (Federal Aviation Authority) ने इस कार के लिए मंजूरी दे दी है। ये कार टेराफुगिया ट्रांजिशन कंपनी ने बनाया है, जिसे 'रोडेबल एयरक्राफ्ट' कैटिगिरी में स्पेशल लाइट-स्पोर्ट्स एयरक्राफ्ट के तौर पर मंजूरी मिली है। इसका मतलब है कि ये कार हवाई जहाज के तौर पर भी मान्य हो गई है। हालांकि अभी इसे सड़क पर चलने की मंजूरी नहीं मिली है, लेकिन ये मंजूरी भी जल्द मिल जाएगी।

27 फुट चौड़ा पंखा।
इस कार में 27 फुट चौड़ा पंखा लगा है, जो पोर्टेबल है। इस उड़ने वाली कार (Flying Car) में 2 लोग ही बैठ सकते हैं और इसे अगले साल लांच किया जा सकता है। डेलीमेल की खबर के मुताबिक अभी इस कार को सिर्फ उड़ने की अनुमति मिली है। और इसे पायलट ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट खरीद भी सकते हैं। लेकिन माना ये जा रहा है कि साल 2023 तक इस कार को सड़क पर भी चलने की अनुमति जाए।

पायलट लाइसेंस जरूरी।
टेराफुगिया ट्रांजिशन कंपनी ने कहा कि अभी इस कार को चलाने के लिए पायलट लाइसेंस जरूरी है। टेराफुगिया एक चीनी कंपनी है, लेकिन इसका सारा काम अमेरिका में है। कंपनी के अधिकारी केविन ने कहा कि हमारी टीम ने बहुत मेहनत करने के बाद ये उड़ने वाली कार बनाई है। जिसकी 80 दिनों की फ्लाइट टेस्टिंग भी हो चुकी है। इस कंपनी ने एफएए ऑडिट के लिए 150 तकनीकी पेपर भी भरे हैं, तब जाकर इसे मंजूरी मिली है। इस कार का वजन 590 किलोग्राम है और ये सिर्फ 1 मिनट के अंदर उड़ान भरने में सक्षम है।

Nick Jonas को Priyanka Chopra से 48 घंटों में हो गया था प्यार बोले थे 'I Love You'

नई दिल्ली: प्रियंका (Priyanka Chopra) इन दिनों खुलासे के मूड में लग रही हैं। आए दिन कभी इनकी किताब अनफिनिश्ड (Unfinished) के चर्चे आम हो रहे हैं तो कभी प्रियंका (Priyanka Chopra) खुद ही कुछ किस्सों को उजागर कर दे रही हैं। हाल ही में प्रियंका (Priyanka Chopra) के पति निक (Nick Jonas) ने बताया कि कितनी जल्दी दोनों ने एक-दूसरे को 'आई लव यू' (I Love You) बोल दिया था।


अपने फैंस से मिले निक-प्रियंका।
प्रियंका चोपड़ा (Priyanka Chopra) इन दिनों अपनी किताब 'अनफिनिश्ड' का प्रमोशन करने में जुटी हुई हैं। जिसके लिए वो लगातार फैंस से रू-ब-रू हो रही हैं। हाल ही में प्रियंका (Priyanka Chopra) अपने फैंस से एक वीडियो सेशन में जुड़ी थीं। इस सेशन में प्रियंका (Priyanka Chopra) के साथ निक (Nick Jonas) भी थे। इस दौरान निक (Nick Jonas) ने भी प्रियंका (Priyanka Chopra) से कई सवाल पूछे और कई सवालों के जवाब भी दिए। प्रियंका (Priyanka Chopra) मानती हैं कि निक जोनस (Nick Jonas) काफी मेहनती कलाकार हैं जो हर किसी को अपना मुरीद कर सकते हैं। एक्ट्रेस की मानें तो कोई भी उन पर आसानी से विश्वास कर सकता है। खुद प्रियंका (Priyanka Chopra) भी उसी एनर्जी की वजह से खिचीं चली गई थीं।

48 घंटे में कहा I Love You.
निक जोनस (Nick Jonas) मानते हैं कि उनकी प्रियंका (Priyanka Chopra) संग ज्यादा मुलाकात नहीं हुई थी। एक साल मिलने के बाद ब्रेक आ गया, फिर दोबारा मिले और फिर ब्रेक, लंबे समय तक ऐसा ही चलता रहा। निक (Nick Jonas) की माने तो जब वे प्रियंका (Priyanka Chopra) संग Dodgers गेम गए थे, ये वो समय था जब उन्हें प्रियंका (Priyanka Chopra) के लिए प्यार का अहसास हुआ। उस मुलाकात के 48 घंटे बाद ही दोनों ने एक-दूसरे को 'आई लव यू' (I Love You) कह दिया था। प्रियंका चोपड़ा (Priyanka Chopra) और निक जोनस (Nick Jonas) का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। इन दोनों के वीडियो को nickyanka18 नाम के इंस्टाग्राम हैंडल पर साझा किया गया है। वहीं वीडियो में प्रियंका चोपड़ा (Priyanka Chopra)और निक जोनस (Nick Jonas) ने एक-दूसरे के बारे में और भी ढेर सारी बातें कीं।

Ram Mandir: लोगों ने दान की इतनी चांदी कि ट्रस्ट ने कहा- बस, अब और नहीं।

लखनऊ:  अयोध्या में राम मंदिर (Ram Mandir) के निर्माण के लिए तैयारियां जोरों-शोरों से चल रही है। विश्व हिंदू परिषद (VHP) द्वारा चलाए जा रहे समर्पण अभियान के दौरान लोग भारी मात्रा में दान कर रहे हैं। हालात ये हो गए हैं कि खुद मंदिर निर्माण का कार्य कर रही श्री राम जन्‍मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्‍ट ने लोगों से और दान करने के लिए मना कर दिया हैै। हालांकि, यह मनाही सिर्फ चांदी के ईंटों के लिए किया गया है।

अब तक मिल चुकी है 400 किलो चांदी।
दरअसल, रामभक्त चांदी के ईंटों को दान जमकर कर रहे हैं। अभी तक करीब 400 किलो चांदी की ईंटें मिल चुकी हैं। इसको लेकर ट्रस्‍ट के सदस्‍य डॉ. अनिल मिश्र का कहना है कि इतनी चांदी की ईंटें हो गई हैं कि उन्‍हें सुरक्षित रखने की समस्‍या खड़ी हो गई। बैंक लॉकर्स भर गए हैं। ऐसे हम अपील करते हैं कि और ईंट का न दान करें।

दलित समाज ने दान में दी चांदी की शिला।
एक ओर जहां ट्रस्ट के पास चांदी की ईटें रखने की जगह नहीं है, तो वहीं अयोध्या से चांदी की शिला दान करने की खबर सामने आई है। जानकारी के मुताबिक, हाल ही में  आंबेडकर महासभा ट्रस्ट ने दलित समाज की ओर से राम मंदिर निर्माण के लिए चांदी की शिला का दान किया है।

अब तक मिल चुका है 1600 करोड़ से ज्यादा का चंदा।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक,  पूरे देश से अबतक 1600 करोड़ रुपये से अधिक का चंदा मिल चुका है। इसके लिए स्वयंसेवक घर-घर जाकर लोगों से समर्पण राशि ले रहे हैं। वहीं, लोगों की सुविधा के लिए ऑनलाइन भी दान देने की सुविधा दी गई है। इसके अलावा निर्माण की बात करें, तो नींव की खुदाई का काम शुरू हो गया है। बताया जा रहा है कि 39 महीने में राम मंदिर निर्माण पूरा कर लिया जाएगा।

मैं तो इंसानियत से मजबूर था तुम्हे बीच मे नही डुबोया" मगर तुमने मुझे क्यों काट लिया!

नदी में बाढ़ आती है छोटे से टापू में पानी भर जाता है वहां रहने वाला सीधा साधा1चूहा कछुवे  से कहता है मित्र  "क्या तुम मुझे नदी पार करा ...