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Thursday, May 20, 2021

ब्लैक फंगस के लक्षण, एम्स ने जारी की यह जरूरी गाइडलाइन्स।

कोरोना वायरस के प्रकोप से देश में तबाही मची हुई है। वहीं, दूसरी तरफ देश के सामने ब्लैक फंगस जैसी बीमारी की चुनौती आ गई है। आय दिन इसके मामले बढ़ते जा रहे हैं। कई जगहों पर तो इसके कारण मौतें पर दर्ज की गई हैं। ब्लैक फंगस तेजी से अपने पाव पसारते जा रहा है। अकेले महाराष्ट्र में इसके कारण 90 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। इसके अलावा दिल्ली, राजस्थान समेत अन्य राज्यों में हर दिन नए केस आ रहे हैं। लगातार बढ़ते इस संकट को देखते हुए एम्स ने कुछ गाइडलाइन्स जारी की हैं। जो ब्लैक फंगस के लक्षण और उसके इलाज के दौरान मदद कर सकती हैं।

किन मरीजों में सबसे ज्यादा रिस्क ?
1• जिन मरीज़ों को डायबिटीज़ की बीमारी हैै। डायबिटीज़ होने के बाद स्टेरॉयड या tocilizumab दवाईयों का सेवन करते हैं, उनपर इसका खतरा हैै।

2• कैंसर का इलाज करा रहे मरीज या किसी पुरानी बीमारी से पीड़ित मरीजों में अधिक रिस्क्क।

3• जो मरीज स्टेरॉयड और tocilizumab को अधिक मात्रा में ले रहे  हैै।

4• कोरोना से पीड़ित गंभीर मरीज़ जो ऑक्सीजन मास्क या वेंटिलेटर के जरिए ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं।
 
एम्स की ओर से डॉक्टरों को सलाह दी गई है कि जो मरीज ब्लैक फंगस के शिकार होने के रिस्क पर हैं, उन्हें लगातार सूचित करें, चेकअप करवाएं।
 
ब्लैक फंगस का कैसे पता चलेगा?
कोरोना मरीजों की देखभाल करने वाले लोगों या डॉक्टरों के लिए ये लक्षण ब्लैक फंगस का पता लगाना आसान करेंगे।
 
1• नाक से खून बहना, पपड़ी जमना या काला-सा कुछ निकलना।

2• नाक का बंद होना, सिर और आंख में दर्द, आंखों के पास सूजन, धुंधला दिखना, आंखों का लाल होना, कम दिखाई देना, आंख को खोलने-बंद करने में दिक्कत होना।

3• चेहरे का सुन्न हो जाना या झुनझुनी-सी महसूस होना।
 
4• मुंह को खोलने में या कुछ चबाने में दिक्कत होना।

5• ऐसे लक्षणों का पता लगाने के लिए हर रोज़ खुद को चेक करें, अच्छी रोशनी में चेक करें ताकि चेहरे पर कोई असर हो तो दिख सकेे।
 
6• दांतों का गिरना, मुंह के अंदर या आसपास सूजन होना।
 
ब्लैक फंगस के लक्षण होने पर क्या किया जाए?
अगर किसी मरीज़ में ब्लैक फंगस के लक्षण दिखते हैं तो उसकी देखभाल कैसे की जाए, एम्स ने इसके बारे में भी जानकारी दी है।
 
1• किसी ENT डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें, आंखों के एक्सपर्ट से संपर्क करें या किसी ऐसे डॉक्टर के संपर्क में जाएं जो ऐसे ही किसी मरीज़ का इलाज कर रहा हो।

2• ट्रीटमेंट को हर रोज़ फॉलो करे। अगर डायबिटीज़ है तो ब्लड शुगर को मॉनिटर करते रहे।

3• कोई अन्य बीमारी हो तो उसकी दवाई लेते रहें और मॉनिटर करे।
 
4• खुद ही स्टेरॉयड या किसी अन्य दवाई का सेवन ना करें। डॉक्टर की सलाह पर ही इलाज करे।

5• डॉक्टर की जरूरी सलाह पर MRI और CT स्कैन करवाएंं। नाक-आंख की जांच भी जरूरी हैै।

R9X मिसाइल (R9X Missile) को निंजा मिसाइल के नाम से जाना जाता है। इसकी हमला को बगल में बैठा आदमी भी नहीं जान सकता।

यरुशलम: इजरायल (Israel) और हमास (Hamas) के बीच जारी जंग में इन दिनों निंजा की चर्चा जोरों पर है। कहा जा रहा है कि इजरायल ने फिलिस्तीन में निंजा अटैक (Israel-Palestine Conflict) किया। अब आप सोच रहे होंगे ये निंजा अटैक (Ninja Attack) क्या होता है? दरअसल निंजा मध्य कालीन जापान (Japan) के उन योद्धाओं को कहा जाता था, जो युद्ध के मैदान में दुश्मनों को चौंकाते थे। उनका हमला अचानक और अकल्पनीय होता था।

क्या है निंजा मिसाइल?
इसी तरह मिसाइल के दौर में R9X मिसाइल (R9X Missile) को निंजा मिसाइल के तौर पर जाना जाता है। जो चलती कार में बैठे शख्स को मिसाइल से उड़ाता है और उसी कार में बगल में बैठे शख्स को पता तक नहीं चलता है।

गाजा से आया हैरान करने वाला वीडियो।
इजरायल और हमास (Israel-Hamas Conflict) के बीच बीते 10 दिन से जारी जंग में अब तक आपने कई खतरनाक तस्वीरें और वीडियो देखी होंगी। आपने इजरायल के रिहाइशी इलाकों को टारगेट करते हमास के सैकड़ों रॉकेट देखे होंगे। आपने गाजा में हमास के ठिकानों को बम और मिसाइल से तबाह होते देखा होगा। इजरायल के गाजा अटैक की चपेट में कई इंटरनेशनल न्यूज एजेंसी भी आईं। लेकिन इजरायल के हमले का नया वीडियो दुनिया को हैरान करने वाला है। वीडियो में दिख रहा है कि सड़क पर एक कार जा रही है और उस कार को मिसाइल के जरिए हिट किया जाता है। हमला इस तरह से होता है कि कार में बैठे आदमी को टारगेट किया जाता है। इस हमले में सिर्फ कार की खिड़की और गेट को ही नुकसान पहुंचता है। कार के बाकी हिस्से को कोई नुकसान नहीं होता है। जानकार हमले की इस तकनीक को निंजा तकनीक कह रहे हैं। निंजा तकनीक इसलिए क्योंकि इस हमले में R9X निंजा मिसाइल के इस्तेमाल का दावा किया जा रहा है। लेकिन दावा किया जा रहा है कि ये वीडियो गाजा शहर का है। गौरतलब है कि गाजा में इजरायल की सेना के निशाने पर सफेद रंग की Citroen Xsara कार थी। जिसमें हमास की सबमरीन के ऑपरेटर सवार थे। कार पर R9X निंजा मिसाइल से हमला किया गया। R9X मिसाइल Hellfire रॉकेट का वेरियंट हैं, जिनमें विस्फोटक की जगह 6 घातक ब्लेड होते हैं। ये किसी एक विशेष इंसान को निशाना बनाते हैं। इस हथियार में Hellfire मिसाइल का लेजर टार्गेटिंग सिस्टम होता है और विस्फोटक की जगह 45 किलो का मेटल होता है। हमले के बाद कार की एक तरफ की खिड़की-दरवाजे उड़ गए लेकिन इसके अलावा गाड़ी को कोई नुकसान नहीं हुआ। हमले के बाद कार वहीं खड़ी रही। कार की बाईं ओर की खिड़की और दरवाजे नहीं हैं। लेकिन कार के दूसरे हिस्सों को देखकर लगता ही नहीं कि इस पर मिसाइल से हमला हुआ होगा।

बता दें कि R9X मिसाइल का इस्तेमाल अमेरिका साल 2017 से कर रहा है। लेकिन अब इजरायल के पास भी ऐसी तकनीक आ चुकी है।

Wednesday, May 19, 2021

आज ही के दिन जन्मे अखंड भारत का सपना देखने वाले महान देशभक्त नाथुराम गोडसे की अंतिम इच्छा आज भी अधूरी है।

जब सिंधु नदी भारत में हो, अखंड भारत बन जाएं, तब उसी सिंधु में मेरी अस्थियां विसर्जित हो। फाँसी से एक दिन पहले लिखी वसीयत के अनुसार उनकी अंतिम इच्छा अभी अधूरी। अखंड भारत में सिंधु नदी में अस्थियां विसर्जित करने की अंतिम इच्छा थी नाथूराम गोडसे की। क्या आपको पता है मरने के बावजूद आज तक गोडसे की अस्थियों (Asthi Kalash) को नदी में प्रवाहित नहीं किया गया है, बल्कि इसे एक चांदी के डिब्बे में भरकर सुरक्षित रखा गया है। यहां अस्थ्यिों के अलावा गोडसे के कुछ कपड़े और हाथ से लिखे नोट्स भी रखे हुए हैं। नाथूराम गोडसे के परिजनों की ओर से दिए गए एक इंटरव्यू के तहत फांसी के बाद गोडसे का शव उन्हें नहीं दिया गया था। सरकार ने खुद घग्घर नदी के किनारे उनका अंतिम संस्कार कर दिया था। इसके बाद उनकी अस्थियों को एक डिब्बे में भरकर उन्हें दिया गया था। गोडसे की भतीजी हिमानी सावरकर ने एक इंटरव्यू के बताया था कि नाथूराम गोडसे की अस्थियों को नदी में प्रवाहित न करने के पीछे गोडसे की अंतिम इच्छा (Last Wish) रही है। दरअसल मरने से पहले उन्होंने कहा था कि उनकी अस्थियों को तब तक संभाल कर रखा जाए और जब तक कि सिंधु नदी स्वतंत्र भारत में समाहित न हो जाए। इसके बाद ही उनकी अस्थियों को सिंधु नदी में प्रवाहित किया जाए। उनके इस सपने के सच होने की आस में ही परिवार ने उनकी अस्थियों को संभालकर रखा है। गोडसे की अंतिम इच्छा आज भी अधूरी है, जिसमें उन्होंने अपनी राख सिंधु नदी में विर्सजित करने की बात कही थी। क्या लिखा है वसीयत मेंं।

1:- यह वसीयत (पत्र) गोडसे ने 14-11-1949 यानी अपनी फांसी से ठीक एक दिन पहले अपने छोटे भैया दत्तात्रेय विनायक गोडसे के नाम जेल से लिखा था।
2:- उनके भाई गोपाल गोडसे ने इसे अपनी किताब ‘गांधी, वध और मैं’ ने इसे प्रकाशित किया है।
3:- इस पत्र में नाथूराम गोडसे ने अपने बीमा के पैसों को भाई दत्तात्रेय गोडसे, उनकी पत्नी और उनके दूसरे भाई की पत्नी को देने को कहा था।
4:- साथ ही, अंतिम संस्कार का सारा अधिकार भी दत्तात्रेय गोडसे को दिया था।
5:- गोडसे ने अपनी अस्थियों को सिंधु नदी में प्रवाहित करने की बात भी लिखी है। वसीयत में नाथूराम गोडसे का नाम सबसे नीचे लिखा हुआ है।

यहां आज भी रखी है गोडसे की अस्थियां।
1:- पुणे के जिस इमारत में गोडसे की अस्थियां रखी हैं वहां एक रियल एस्टेट, वकालत और बीमा क्षेत्र से जुड़े ऑफिस है।

2:- शीशे के एक केस में गोडसे के कुछ कपड़े और हाथ से लिखे नोट्स भी संभालकर रखे गए हैं।

3:- गोडसे से जुड़ी यह निशानियां शिवाजी नगर इलाके में बने जिस कमरे में रखी हैं वह अजिंक्य डेवलपर्स का दफ्तर है।

4:- इसके मालिक और नाथूराम गोडसे के भाई गोपाल गोडसे के पोते अजिंक्य गोडसे ने कहा “इन अस्थियों का विसर्जन सिंधु नदी में ही होगा और तभी होगा जब उनका अखंड भारत का सपना पूरा हो जाएगा।”

5:- “मेरे दादाजी की अंतिम इच्छा यही थी, इसमें कई पीढ़ियां लग सकती है, लेकिन मुझे उम्मीद है कि वह एक दिन जरुर पूरी होगी।

6:- शनिवार पेठ के इसी घर में कभी नाथूराम गोडसे रहा करते थे। अब यह मकान बेहद जर्जर हो चुका है। इस घर में इन दिनों कई छोटी-छोटी प्रिटिंग प्रेस हैं।

नाथूराम गोडसे ने अपनी अंतिम इच्छा में कहा था कि उनकी अस्थियों को तब तक संभाल कर रखा जाए जब तक सिंधु नदी स्वतंत्र भारत में समाहित न हो जाए और फिर से एक बार अखंड भारत का निर्माण न हो जाए। जब ऐसा हो जाए तभी मेरी अस्थियों को सिंधु नदी में प्रवाहित करा जाए।

आज ही जन्म लिया था अखंड भारत" का सपना देखने वाले और गांधी को मारने वाले “नाथूराम गोड्से” जिनकी अंतिम इच्छा आज भी अधूरी है।

75 साल से उसको ही नफरत का प्रतीक घोषित किये रहे। वो नाम जो भारत के विभाजन से दुखी था, वो नाम जो हमेशा अखण्ड भारत का स्वप्न देखता रहा , यहां तक कि मृत्यु के बाद भी। ये बात हो रही है नाथूराम गोडसे की जिनका जन्म आज ही के दिन अर्थात 19 मई को हुआ था। कम लोगों को पता है कि कश्मीर के कुख्यात आतंकियों तक के शव उनके परिवार को दे दिया जाता है जिसमे सेना विरोधी, भारत विरोधी नारे लगते हैं और आतंकी उन्हें बन्दूकों की सलामी देते हैं।

लेकिन नाथूराम गोडसे का शव इन्ही तथाकथित मानवता के ठेकेदारों ने उनके घर वालों को नही दिया था बल्कि तत्कालीन सरकार के आदेश पर जेल के अधिकारियों ने घग्घर नदी के किनारे पर उन्हें जला दिया था। जेल में नाथूराम और आप्टे को बी कैटेगरी में रखा गया था। नाथूराम कॉफी पीने और जासूसी किताबें पढ़ने का शौकीन थे। 15 नवंबर 1949 को गोडसे को फांसी दिए जाने से एक दिन पहले परिजन उससे मिलने अंबाला जेल गए थे। गोडसे की भतीजी और गोपाल गोडसे की पुत्री हिमानी सावरकर ने एक इंटरव्यू में बताया था कि वह फांसी से एक दिन पहले अपनी मां के साथ उनसे मिलने अंबाला जेल गई थी।

उस समय वह ढाई साल की थी। गिरफ़्तार होने के बाद गोडसे ने गांधी के पुत्र देवदास गांधी (राजमोहन गांधी के पिता) को तब पहचान लिया था जब वे गोडसे से मिलने थाने पहुंचे थे। इस मुलाकात का जिक्र नाथूराम के भाई और सह-अभियुक्त गोपाल गोडसे ने अपनी किताब गांधी वध क्यों, में किया है। गोपल गोडसे ने अपनी किताब में लिखा है, देवदास शायद इस उम्मीद में आए होंगे कि उन्हें कोई वीभत्स चेहरे वाला, गांधी के खून का प्यासा कातिल नजर आएगा, लेकिन नाथूराम सहज और सौम्य थे। उनका आत्मविश्वास बना हुआ था। देवदास ने जैसा सोचा होगा, उससे एकदम उलट थे नाथूराम जिनके चेहरे पर तब भी थी सौम्यता और शांति के साथ संतोष के भाव।

नाथूराम ने देवदास गांधी से कहा, “मैं नाथूराम विनायक गोडसे हूं। हिंदी अख़बार हिंदू राष्ट्र का संपादक। मैं भी वहां था (जहां गांधी की हत्या हुई)। आज तुमने अपने पिता को खोया है। मेरी वजह से तुम्हें दुख पहुंचा है। तुम पर और तुम्हारे परिवार को जो दुख पहुंचा है, इसका मुझे भी बड़ा दुख है। कृप्या मेरा यक़ीन करो, मैंने यह काम किसी व्यक्तिगत रंजिश के चलते नहीं किया है, ना तो मुझे तुमसे कोई द्वेष है और ना ही कोई ख़राब भाव। अदालत पर आज सवाल उठाने वालों के समय मे अदालत में नाथूराम गोडसे के दिये बयान पर प्रतिबंध लगा दिया गया जबकि इन्ही लोगों ने मुम्बई ब्लास्ट के दोषी याकूब के एक एक बयान यहां तक कि नहाने धोने तक कि खबर को जनता के बीच भावनात्मक रूप से पहुचाया।

गोपाल गोडसे ने अपनी पुस्तक के अनुच्छेद में नाथूराम की वसीयत का जिक्र किया है। जिसकी अंतिम पंक्ति है- “अगर सरकार अदालत में दिए मेरे बयान पर से पाबंदी हटा लेती है, ऐसा जब भी हो, मैं तुम्हें उसे प्रकाशित करने के लिए "अधिकृत करता हूं”। नाथूराम गोडसे के बयानों में ये भी था कि– मेरा पहला दायित्व हिंदुत्व और हिंदुओं के लिए है, एक देशभक्त और विश्व नागरिक होने के नाते। 30 करोड़ हिंदुओं की स्वतंत्रता और हितों की रक्षा अपने आप पूरे भारत की रक्षा होगी, जहां दुनिया का प्रत्येक पांचवां शख्स रहता है। इस सोच ने मुझे हिंदू संगठन की विचारधारा और कार्यक्रम के नज़दीक किया।

मेरे विचार से यही विचारधारा हिंदुस्तान को आज़ादी दिला सकती है और उसे कायम रख सकती है”। आगे गोड्से ने गांधी की कार्यशैली और एकतरफा तुष्टिकरण पर सवाल उठाते हुए लिखा कि– "32 साल तक विचारों में उत्तेजना भरने वाले गांधी ने जब मुस्लिमों के पक्ष में अपना अंतिम उपवास रखा तो मैं इस नतीजे पर पहुंच गया कि गांधी के अस्तित्व को तुरंत खत्म करना होगा, जब कांग्रेस के दिग्गज नेता, गांधी की सहमति से देश के बंटवारे का फ़ैसला कर रहे थे, उस देश का जिसे हम पूजते रहे हैं, मैं भीषण ग़ुस्से से भर रहा था। व्यक्तिगत तौर पर किसी के प्रति मेरी कोई दुर्भावना नहीं है लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि मैं मौजूदा सरकार का सम्मान नहीं करता, क्योंकि उनकी नीतियां मुस्लिमों के पक्ष में थीं। लेकिन उसी वक्त मैं ये साफ देख रहा हूं कि ये नीतियां केवल गांधी की मौजूदगी के चलते थीं”।

30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे दिल्ली के बिड़ला भवन में प्रार्थना-सभा के समय से 40 मिनट पहले पहुँच गये। जैसे ही गान्धी प्रार्थना-सभा के लिये परिसर में दाखिल हुए, नाथूराम ने पहले उन्हें हाथ जोड़कर प्रणाम किया उसके बाद बिना कोई बिलम्ब किये अपनी पिस्तौल से तीन गोलियाँ मार कर गान्धी का अन्त कर दिया। गोडसे ने उसके बाद भागने का कोई प्रयास नहीं किया। मुक़दमे के लिए नाथूराम गोडसे को सर्वप्रथम पंजाब उच्च न्यायालय में पेश किया गया। एक वर्ष से अधिक चले मुकद्दमे के बाद 8 नवम्बर 1949 को उसे मृत्युदंड प्रदान किया गया। उनका एक वाक्य ये भी था – "जिस दिन सच्चा इतिहास लिखा जाएगा उस दिन मेरे कार्यों को सराहा जाएगा। और जब पाकिस्तान में बहने वाली सिंधु नदी भारत के झंडे के नीचे बहने लगे , मेरी अस्थियां तब उसमें प्रवाहित करना। भले ही इसके लिए एक दो पीढ़ी की भी प्रतीक्षा करनी पड़े तो कर लेना। नाथूराम गोडसे की अस्थियां आज भी नागपुर में उसी प्रतीक्षा में हैं।

मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी का खास पूजन करने से बहुत लाभ होते हैं।

मंगलवार और शनिवार बजरंगबली के दिन माने जाते हैं। मान्यता है कि मंगलवार को हनुमान जी का खास पूजन करने से बहुत लाभ होते हैं।

1. अगर प्रत्येक मंगलवार को हनुमान जी का सिंदूर से पूजन किया जाए तो समस्त दुखों से मुक्ति मिलती है।

2. हनुमान जी एक ऐसे देवता हैं जिनकी पूजा में सावधानी बहुत जरूरी है। मंगलवार को अगर सुबह बरगद के पेड़ के एक पत्ते को तोड़कर गंगा जल से धो कर हनुमान जी को अर्पित करें तो धन की आवक बढ़ती है। आर्थिक संकटों से मुक्ति मिलती है।

3. मंगलवार को पान का बीड़ा नियम से चढ़ाया जाए तो रोजगार के रास्ते खुलते हैं। नौकरीपेशा को प्रमोशन के अवसर मिलते हैं।

4. मंगलवार को शाम के समय हनुमान जी को केवड़े का इत्र एवं गुलाब की माला चढ़ाएं और कोशिश करें कि स्वयं लाल रंग के वस्त्र पहनें। धन के लिए हनुमान जी को प्रसन्न करने का यह सबसे सरल उपाय है।

5. मंगलवार के दिन शाम को व्रत करके बूंदी के लड्डू या बूंदी का प्रसाद बांटें। इससे संतान संबंधी समस्याएं दूर होती हैं।

6. इस दिन हनुमान जी के पैरों में फिटकरी रखने से बुरे सपनों से पीछा छूट जाता है।

7. हनुमान जी के मंदिर में जा कर रामरक्षास्त्रोत का पाठ करने से सारे बिगड़े काम संवर जाते हैं। अटके कामों की बाधा दूर होती है। कर्ज से भी मुक्ति मिलती है।

8. मंगलवार के दिन हनुमान जी की प्रतिमा के समक्ष बैठ राम नाम का 108 बार जाप करें। हनुमान जी रामजी के अनन्य भक्त हैं इसलिए जो भी श्रीराम की भक्ति करता है, उन्हें वह पहले वरदान देते हैं। हनुमान जी इस उपाय से प्रसन्न हो विवाह संबंधी मनोकामना को पूरी करते हैं।

9. मंगलवार के दिन हनुमान जी के सामने सरसों के तेल का दिया जलाएं और चालीसा का पाठ करें। यह उपाय दांपत्य जीवन में सरसता लाता है।

10. ॐ हं हनुमंते नमः मंत्र का जाप करने से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं। ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट का रुद्राक्ष की माला से जाप करने से भी हनुमान जी बहुत प्रसन्न होते हैं। संकट कटै मिटै सब पीरा, जो सुमिरै हनुमत बलबीरा के उच्चारण से सभी बुरी शक्तियां दूर भाग जाती हैं और आरोग्य का वरदान मिलता है।

Tuesday, May 18, 2021

कोरोना वैक्सीन लगवाने के बाद और लगवाने से पहले रखें इन बातों का ध्यान होगा लाभ।

कोरोना वायरस के प्रकोप से बचने के लिए ज्यादा से ज्यादा लोग वैक्सीन लगा रहे हैं। इस समय पूरा भारत टीकाकरण के लिए कतार में लगा हुआ है। चाहे वह 18 साल का युवक हो या फिर 60 साल का बुजुर्ग सभी वैक्सीनेशन के लिए रजिस्ट्रेशन करा रहा हैं। वहीं, कुछ लोग ऐसे भी हैं जो कोरोना के वैक्सीन के साइड इफेक्ट से डरे हुए हैं। इसलिए कोरोना वैक्सीन लगाने से पहले और लगाने के बाद इन बातों का जरूर ध्यान रखें।

वैक्सीन लगने के बाद कुछ लोगों को बुखार या बदन दर्द जैसी परेशानियां हो रही हैं। इन सबसे बचने के लिए कुछ टिप्स को फॉलो करना जरूरी है। वैक्सीन लेने से पहले अच्छे से खाना खाएं। एंग्जाइटी को कंट्रोल करने के लिए बहुत भारी या तली भुनी चीजें न खाएं। वैक्सीन के साइड इफेक्ट से बचने के लिए हेल्दी डाइट लें। सेलिब्रिटी और स्पोर्ट्स न्यूट्रिशनिस्ट रेयान फर्नांडो ने सुपरफूड के बारे में बताया है जो हर व्यक्ति को वैक्सीन लगवाने से पहले और लगवाने के बाद जरूर खाना चाहिए, ये वैक्सीन के साइड इफेक्ट से बचने में मदद करते हैं।

1. हल्दी :-
हल्दी एंटीबायोटिक है। इसमें पाया जाने वाला करक्यूमिन सबसे अच्छा इम्यूनिटी बूस्टर माना जाता है। हल्दी सूजन कम करता है और तनाव से बचाता है। इसलिए कोरोना वैक्सीन लगवाने से पहले और लगवाने के बाद हल्दी को डाइट में जरूर शामिल करें। इसे दूध के साथ लेना भी फायदेमंद है।

2. लहसुन :-
लहसुन में कैल्शियम, आयरन, कॉपर , पोटेशियम और फास्फोरस की अच्छी मात्रा होती है। यह इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करते हैं। साथ ही ये सभी पोषक तत्व आपके शरीर को अदंर से पोषण देने के लिए जरूरी होते हैं। और पेट को स्वस्थ रखते हैं।

3. अदरक :-
अदरक हाइपर टेंशन, फेफड़ों के संक्रमण जैसी कई बीमारियों को नियंत्रित करता है। अदरक तनाव भी कम करता है, इसलिए वैक्सीन लगवाने से पहले अदरक को डाइट में जरूर शामिल करें।

4. हरी सब्जियां :-
हरी सब्जियां कैल्शियम, मिनरल्स और फेनोलिक कंपाउंड से भरपूर होती हैं। इसके पोषक तत्व वैक्सीन लगने के बाद होने वाली कई परेशानियों से बचाते हैं और सूजन कम करने में भी मदद करतै हैं। ताजे फलों के एंटीऑक्सीडेंट इम्यूनिटी मजबूत करते हैं इसलिए दिन में एक बार फल जरूर खाएं।

5. प्याज :-
गर्मियों में प्याज न सिर्फ आपको लू लगने से बचाती है बल्कि इससे आपकी भी इम्यूनिटी भी बढ़ती है। प्याज प्रोबायोटिक्स से भरपूर होता है। इसलिए प्याज जरूर खाएं।

6. ब्लूबेरी :-
एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर है ब्लूबेरी। इसमें पोटेशियम और विटामिन सी की अच्छी मात्रा पाई जाती है। यह सोरेटोनिन के स्तर को बढ़ाने में भी मदद करते हैं। इसलिए वैक्सीन लगवाने से पहले इसे भी डाइट में जरूर शामिल करें।

7. डार्क चॉकलेट :-
डार्क चॉकलेट सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसमें मौजूद कोको कैंसर जैसी बीमारी को रोकने में मदद करता है। स्टडी में पता चला कि डार्क चॉकलेट खाने से गंभी बीमारियां का खतरा कम हो जाता है और वैक्सीनेशन के बाद ये बहुत जरूरी होता है।

8. ऑलिव ऑयल :-
वर्जिन ऑलिव ऑयल डायबिटीज और न्यूरोलॉजिकल डिजीज को कम करने में मदद करता है। वैक्सीन लेने के बाद खाने में वर्जिन ऑलिव ऑयल का इस्तेमाल करना सेहत के लिए अच्छा होता है।

9. सूप :- 
इम्यूनिटी बूस्ट करने के लिए अपनी डाइट में सूप को जरूर शामिल करें। वैक्सीन लगवाने से पहले और लगवाने के बाद मिक्स वेजिटेबल सूप या फिर चिकन ब्रोथ सूप जरूर लें।

वैक्सीन लगवाने से पहले इन बातों का ध्यान रखें 
 
1- वैक्सीन लगवाने से पहले धुम्रपान न करें।
2- वैक्सीन लगवाने के लिए खाली पेट न जाएं, अच्छी तरह से खाकर जाएं।
3- वैक्सीन लगवाने से पहले शराब न पीए।
4- वैक्सीन लगवाने से पहले कैफीनयुक्त चीजों से दूर रहें।

Elon Musk को लगा झटका, रईसों की लिस्ट में नंबर 3 पर फिसले। Tesla के शेयरों में भरी गिरावट।

नई दिल्ली: Elon Musk के tweet आजकल Bitcoin निवेशकों के लिए सिरदर्द बने हुए हैं। उनके एक ट्वीट से Bitcoin में 20-20 परसेंट तक की गिरावट आ जाती है, लेकिन इस बीच Elon Musk की किस्मत भी कुछ खास साथ नहीं दे रही है।

Elon Musk रईसों की लिस्ट में नंबर -3 पर फिसले
Elon Musk अब दुनिया के नंबर -2 रईस नहीं रहे, Tesla के शेयर सोमवार को 2 परसेंट से ज्यादा टूट गए जिसके चलते नंबर-2 की कुर्सी एलन मस्क से छिन गई। ब्लूमबर्ग बिलिनेयर इंडेक्स के मुताबिक फ्रेंच बिलिनेयर और LVMH के चेयरमैन Bernard Arnault 161 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ दूसरे नंबर पर आ गए हैं जबकि इतनी ही संपत्ति के साथ एलन मस्क अब तीसरे पायदान पर खिसक गए हैं।

Tesla के शेयरों की पिटाई।
एलन मस्क की संपत्ति में ये गिरावट Tesla के शेयरों में 2 परसेंट से ज्यादा की गिरावट के चलते आई है। एलन मस्क की संपत्ति में इस साल 9.09 अरब डॉलर की गिरावट देखी गई है। जबकि 24 घंटे में उनकी संपत्ति में 3.16 अरब डॉलर की कमी आई है।

जनवरी में बने थे नंबर-1 रईस
एलन मस्क इस साल जनवरी में ब्लूमबर्ग बिलिनेयर इंडेक्स में नंबर एक पर पहुंच गए थे यानी दुनिया के सबसे रईस इंसान बन गए थे। दरअसल साल 2020 में टेस्ला के शेयर में करीब 750 परसेंट की तेजी देखने को मिली थी। जिसके बाद कंपनी का शेयर 900 डॉलर तक पहुंच गया था। इस तेजी का फायदा एलन मस्क को भी मिला और उनकी संपत्ति 200 अरब डॉलर के पार चली गई। 13 जनवरी को उनकी नेट वर्थ 202 अरब डॉलर पर पहुंच गई थी।

दुनिया के रईसों की लिस्ट 
ब्लूमबर्ग बिलिनेयर इंडेक्स के मुताबिक Amazon के जेफ बेजोस 190 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ पहले पायदान पर हैं। इंडेक्स में चौथे नंबर पर बिल गेट्स हैं और उनकी कुल संपत्ति 144 अरब डॉलर है। मार्क जकरबर्ग 118 अरब डॉलर के साथ पांचवें नंबर पर और 75.20 अरब डॉलर के साथ मुकेश अंबानी 13वें नंबर पर हैं। 63.10 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ गौतम अडाणी इस लिस्ट में 17वें नंबर पर हैं।

Bitcoin पर सफाई
एलन मस्क बीते कुछ समय से क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कई तरह के बयान देते रहे हैं जिसका असर बिटक्वाइन पर देखा गया। पिछले हफ्ते ही एलन मस्क ने ट्वीट किया कि टेस्ला अब बिटक्वॉइन में पेमेंट नहीं लेगी। बस फिर क्या था Bitcoin में 17 परसेंट से ज्यादा की गिरावट आ गई। इसके पीछे एलन मस्क ने तर्क दिया कि इसकी माइनिंग में बहुत ज्यादा ऊर्जी या बिजली खर्च होती है, जो पर्यावरण के लिए ठीक नहीं है। ये भी खबरें आईं कि Tesla अपने Bitcoins को बेच सकती है या बेच चुकी है, हालांकि सोमवार को सफाई आई कि कंपनी ने ऐसा कुछ नहीं किया है।

मैं तो इंसानियत से मजबूर था तुम्हे बीच मे नही डुबोया" मगर तुमने मुझे क्यों काट लिया!

नदी में बाढ़ आती है छोटे से टापू में पानी भर जाता है वहां रहने वाला सीधा साधा1चूहा कछुवे  से कहता है मित्र  "क्या तुम मुझे नदी पार करा ...