उसने आपको एक्सपोज़ कर दिया।
उसने उस साजिश की पोल खोल दी कि कैसे हर नेशनल डे तक किसी भी आंदोलन को खींचा जाता है और उसे शाहीन बाग जैसी घृणित आंदोलन की शक्ल दी जाती है। आप हार गए मोदी जीत गया। जिसे आप तानाशाह साबित करने पर तुले थे उसने आपकी अराजगता को पूरी दुनिया के सामने दिखा दिया, कि आप एक paid आंदोलन में शामिल थे जिसकी आयु 26 जनवरी तक थी और दुनिया के सामने यह संदेश देना चाहते थे कि मोदी तानाशाह है।
लेकिन मोदी ने आपके क्रियाकलाप का भीषण विरोध न करके आपको जल बिन मछली बना दिया। और यह संदेश दिया कि वह तानाशाह नही बल्कि आप अराजक हो। जिस तरह से तलवारें लहराई गयी, जिस तरह से ईंट पत्थर फेंके गए, ट्रैक्टर से पुलिस वालों को कुचलने की कोशिश की गई। इन सब चीजों को जनता देख रही है।
आप मोदी विरोधी मुठ्ठी भर हो लेकिन मोदी के समर्थको की मुठ्ठियां फिर किसी चुनाव में खुलेंगी और उसे ही अपना सिर मौर बनाएगी। जो कि आपके गाल पर एक गहरा तमाचा होगा। वैसे मैं हमेशा से कहते आया हूँ कि भारत को संजय गांधी जैसा नेता चाहिये।
जिसके अनुसार सीधा कुचल डालो। भाग्यशाली हो आप आंदोलनकारी लोग मोदी कार्यकाल में हो जो आपकी उदंडता को भी सर माथे लगाया करता है। खैर मुझे डर है कि कहीं जिहादी इस आंदोलन में घुसकर और ज्यादा उत्पात न मचा दें, क्योंकि विपक्ष को और पाकिस्तान को जो खून खराबा चाहिए था वह अभी तक नही मिला।
इनकी सोच थी कि सरकार इनका खूब विरोध करे और सैकड़ो लोगों की लाशें गिरें जिससे आज तक मोदी द्वारा किये गए सारे अच्छे कार्यों को भूला दिया जाय और वर्षो तक इस दिन को काला दिवस के रूप में मनाया जाय।
लेकिन सरकार ने इनकी इस मंशा पर भी पानी फेर दिया।
मोदी जी हमे आप पर गर्व है.....
शास्त्र कहता है राजा समस्त प्रजा के लिए पिता समान होता है। और आपने इनकी उदंडता को माफ कर के अपने कर्तव्य का निर्वहन करके दिखा दिया। लेकिन अगर जिहादी इसमे घुसकर उत्पात मचाये तो उन्हें भीषणतम दंड देना भी राजा का कर्तव्य होता है। और इस देश की जनता आशा करती है कि मोदी जी आप अपने इस कर्तव्य का भी अच्छे से निवर्हन करेंगे। मोदी समर्थक जो नाराज़ है उन्हें बस यही कहूंगा की धैर्य पूर्वक एक बार विचार कीजिये कि आपके नेता के धैर्य ने कौन कौन सी अनहोनी को टाल दिया। कृपया लाल किले पर झंडा फहराए जाने को नाक का सवाल न बनाये। यह कृष्ण युग है इसमे शिशुपाल को 99 तक माफ किया जाता है, यहां कालयवन को स्वयं न मारकर राजा मुचुकुन्द की दृष्टि से मरवाया जाता है।
यहां कालयवन paid आंदोलन कारी है और राजा मुचुकुंद देश की जनता है। अब जनता अपनी आँख खोले और धराशायी कर दे कालयवन को..!
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