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Tuesday, March 16, 2021

Ethanol Blend Petrol: कारों के लिए एथनॉल-पेट्रोल ब्लेंड E20 को मंजूरी, जाने क्या खास है E20 पेट्रोल में।

नई दिल्ली: पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के बीच अब एक राहत की खबर ये है कि बाइक्स और कारों में E20 पेट्रोल के इस्तेमाल की इजाजत मिल गई है। E20 का मतलब हुआ ऐसा पेट्रोल जिसमें 20 परसेंट एथनॉल (Ethanol Blend Petrol) मिला होगा। सड़क और परिवहन मंत्रालय ने E20 को इस्तेमाल करने के लिए नोटिफिकशन जारी कर दिया है।


E20 पेट्रोल का इस्तेमाल करने की इजाजत।
मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि E20 एक ऐसा पेट्रोल है, जो वातावरण के लिए भी अच्छा है क्योंकि इससे कार्बन मोनोऑक्साइड और हाइड्रोकार्बन सामान्य पेट्रोल के मुकाबले बेहद कम निकलता है। इस ईंधन के लिए कार और बाइक मैन्यूफैक्चर्स को अलग से बताना होगा कि कौन सा वाहन E20 के लिए उपयुक्त है, इसके लिए वाहन में एक स्टीकर भी लगाना होगा।

E20 पेट्रोल के फायदे ही फायदे।
आपको बता दें कि 2014 में पेट्रोल में 1 परसेंट से भी कम एथनॉल ब्लेंड किया जाता था यानी मिलाया जाता था, फिर इसे बढ़ाकर 8.5 परसेंट किया गया, अब पेट्रोल में 10 परसेंट एथनॉल मिलाने का लक्ष्य है। पेट्रोल में एथनॉल मिलाने के कई फायदे हैं।
1. पहला फायदा तो यही है कि पेट्रोलियम पर भारत की निर्भरता काफी हद तक कम हो जाएगी। अभी भारत अपनी जरूरत का 83 परसेंट तेल इंपोर्ट करता है।
2. कार्बन डाई ऑक्साइड (CO2) कम निकलेगा तो वातावरण को होने वाला नुकसान भी कम हो जाएगा।
3. एथनॉल का इस्तेमाल बढ़ने से किसानों को फायदा होगा, उनकी आय बढ़ेगी, क्योंकि एथनॉल गन्ने, मक्का और कई दूसरी फसलों से बनाया जाता है।
4. चीनी मिलों को कमाई का एक नया जरिया मिलेगा जिससे वो अपने कृषि बकाए को चुका सकेंगे।
5. एथनॉल काफी किफायती है इसलिए उपभोक्ताओं को भी पेट्रोल की बढ़ती कीमतों से थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।

2025 तक 20 परसेंट एथनॉल ब्लेंडिंग का लक्ष्य।
आपको बता दें कि सरकार ने 2030 तक 20 परसेंट एथनॉल ब्लेंडिंग पेट्रोल का लक्ष्य रखा था, लेकिन अब इसे पांच साल पहले 2025 में ही हासिल करने की योजना है। पिछले साल सरकार ने 2022 तक पेट्रोल में 10 परसेंट एथनॉल ब्लेंडिंग का लक्ष्य रखा था। मौजूदा एथनॉल सप्लाई वर्ष में, जो कि अक्टूबर में शुरू होता है, पेट्रोल में 8.5 परसेंट एथनॉल ब्लेंडिंग होती है, इसे 2022 तक बढ़ाकर 10 परसेंट किया जाएगा।
सरकार की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, 2025 तक 20 परसेंट एथनॉल ब्लेंडिंग के लिए 1200 करोड़ एल्कोहॉल/एथनॉल की जरूरत होगी। 700 करोड़ लीटर एथनॉल बनाने में शुगर इंडस्ट्री को 60 लाख टन सरप्लस चीनी का इस्तेमाल करना होगा। जबकि 500 करोड़ लीटर एथनॉल दूसरी फसलों से बनेगा।

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