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Sunday, December 27, 2020

DRDO ने बनाई JPVC कार्बाइन, एक मिनट में दाग सकती है 700 गोलियां।

देश के सशस्त्र बलों को तेजी से आधुनिक बनाने में जुटे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने ऐसी एक खतरनाक राइफल तैयार कर ली है। जो एक मिनट में 700 गोलियां दाग सकती है। DRDO ने इस राइफल का नाम जॉइंट वेंचर प्रोटेक्टिव कार्बाइन यानी JPVC दिया है।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक DRDO ने हाईटेक कार्बाइन (Carbine) विकसित कर ली है। यह कार्बाइन सेना के परीक्षणों में भी सफल पाई गई है। ट्रायल का अंतिम चरण पूरा होने के बाद अब कार्बाइन तीनों सेनाओं व अन्य अर्धसैनिक बलों में इंडक्शन के लिए तैयार है।

अखबार की रिपोर्ट में कहा गया है कि यह लेटेस्ट कार्बाइन (Carbine) सेना में इस्तेमाल हो रही 9 एमएम कार्बाइन की जगह लेगी। इसके साथ ही इसे अब CRPF, BSF, ITBP, SSB, CISF और राज्य पुलिस बलों के बेड़े में भी शामिल किया जाएगा। DRDO सूत्रों के मुताबिक इस हथियार का तकनीकी नाम जॉइंट वेंचर प्रोटेक्टिव कार्बाइन यानी JPVC है।

यह एक गैस चालित सेमी ऑटोमेटिक हथियार है। DRDO की पुणे लैब Armament Research and Development Establishment में इसका डिजाइन तैयार किया गया है। यह कार्बाइन (Carbine) कम रेंज की लड़ाई के लिए खास हथियार है। ये इतनी हल्की है कि जवान एक हाथ से भी आराम से इससे फायरिंग कर सकते हैं। लड़ाई के दौरान इसे कैरी करने में भी सैनिकों को कोई दिक्कत नहीं होगी।

DRDO के मुताबिक ये कार्बाइन (Carbine) दायें-बायें किसी को नुकसान पहुंचाए बिना सीधे टारगेट पर हमला कर सकती है। एक बार ट्रिगर दबा देने पर इसमें से एक मिनट में 700 गोलियां फायर हो जाती हैं।

यह गति इतनी तेज है कि यदि इसे किसी पौधे पर फायर किया जाए तो उसके सारे पत्तों तक को साफ किया जा सकता है। इस कार्बाइन की गोलियां पुणे की हथियार फैक्ट्री में तैयार की जाएंगी। 

Saturday, December 26, 2020

नौ ग्रहों में शनिदेव विशेष।

महाराष्ट्र में एक छोटा सा गांव है शिंगणापुर, जहां आज भी किसी भी घर में दरवाजे नहीं है। घरों में दरवाजे न होने के बावजूद यहां चोरी की घटनाएं नहीं होती हैं, क्योंकि यहां ऐसा माना जाता है कि जो भी व्यक्ति यहां चोरी करेगा उसे स्वयं शनि देव जी सजा देंगे। इस स्थान पर शनि की विशेष कृपा है।

शास्त्रों के अनुसार शिंगणापुर में ही शनिदेव का जन्म हुआ था। शिंगणापुर में शनि देव की एक विशाल प्रतिमा है।

इस मूर्ति का रंग काला है। इसकी लंबाई लगभग 5 फीट 9 इंच है और चौड़ाई करीब 1 फीट 6 इंच। शनि के जन्म के संबंध में शास्त्रों में बताया गया है कि शनिदेव सूर्यदेव के पुत्र हैं। सूर्य की पत्नी छाया ने पुत्र प्राप्ति की इच्छा से शिवजी को प्रसन्न करने के लिए कठोर तपस्या की। तपस्या की कठोरता और धूप-गर्मी के कारण छाया के गर्भ में पल रहे शिशु का रंग काला पड़ गया। तपस्या के प्रभाव से ही छाया के गर्भ से शनिदेव का जन्म शिंगणापुर में हुआ।

इस दिन ज्येष्ठ मास की अमावस्या थी। शनिदेव के जन्म के बाद जब सूर्य अपनी छाया और पुत्र से मिलने पहुंचे तो उन्होंने देखा कि पुत्र का रंग काला है। काले शिशु को देखकर सूर्य ने पत्नी छाया से संदेह प्रकट किया कि इतना काला शिशु उनका नहीं हो सकता है। सूर्य की कठोरता देखकर शनि के मन में माता के लिए श्रद्धा बढ़ गई और पिता सूर्य के लिए क्रोध बढऩे लगा, तभी से शनि सूर्य के प्रति शत्रुभाव रखते हैं। शनि ने सूर्य से भी अधिक तेजस्वी और पराक्रमी बनने की इच्छा से शिवजी को प्रसन्न करने के लिए तपस्या की।

शनि की कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर शिवजी ने उन्हें वरदान मांगने के लिए कहा। तब शनि ने शिवजी से कहा कि उनके पिता सूर्य से उन्हें तथा उनकी माता को हमेशा अपमानित होना पड़ा है। अत: आप मुझे सूर्यदेव से भी अधिक शक्तियां और ऊंचा पद प्रदान करें। शिवजी ने शनि की विनती मानकर उन्हें न्यायाधीश का पद प्रदान किया और सूर्य से भी अधिक तेजस्वी और शक्तिशाली होने का वरदान दिया। तभी से शनि का स्थान सभी नौ ग्रहों में सर्वाधिक महत्वपूर्ण हो गया।

सर्दियों में अमरूद खाने के अद्भुत फायदे।

अमरूद एक ऐसा फल जिसे सब पसंद करते हैं। काले नमक के साथ इसका स्वाद और बढ़ जाता है। सर्दियों में अमरूद की चटनी और मुरब्बों का तो क्या कहना। अमरूद स्वादिष्ट होने के साथ-साथ बहुत फायदेमंद भी होता है. अक्सर सर्दियों में गैस की परेशानी या फिर पेट से जुड़ी परेशानी ज्यादा शुरू हो जाती हैं। ऐसे में अगर रोजना एक अमरूद सेवन किया जाए तो इस परेशानी से छुटकारा मिल जाएगा। अमरूद में भरपूर मात्रा में विटामिन सी, कैल्शियम, फॉस्फोरस, पोटैशियम और आयरन होता है। जो सर्दियों में बीमारियों से लड़ने में मदद करता है। आइए जानते है अमरूद के ये फायदे।

1- अमरूद में विटामिन सी की मात्रा अधिक होती है. जिसकी वजह से प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. और सर्दियों में होने वाले इंफेक्शन से बचाती है। 
2- अमरूद में मौजूद पोटैशिमय शरीर के रक्तचाप को सामान्य बनाए रखता है। जो दिल के साथ -साथ मांसपेशियों स्वस्थ्य रखता है और साथ ही कई बीमारियों से भी बचाता है।

3- एक अमरूद में कई बीमारियों से लड़ने की क्षमता है। इसमें पानी की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। जो हमारी त्वचा में नमी बनाती है। अमरूद में फाइबर की मात्रा बहुत अधिक होती है। डायबिटिज के रोगियों के लिए यह बहुत लाभकारी होता है।
4- अमरूद का नियमित सेवन करने से सर्दी जुकाम जैसी सामान्य बीमारियों के होने का खतरा कम हो जाता है। अमरूद में मौजूद विटामिन ए और ई आंखों, बालों और त्‍वचा को पोषण देता है।

5- अमरूद में पाया जाने वाला लाइकोपीन नामक पोषक तत्व शरीर को कैंसर और ट्यूमर के खतरे से बचाने में मददगार होते हैं। अमरूद में बीटा कैरोटीन होता है जो शरीर को त्‍वचा संबंधी बीमारियों से बचाता है।
6- अमरूद को इसके बीजों के साथ खाना बहुत लाभदायक होता है, जिसके कारण पेट साफ रहता है। अमरूद मेटाबॉलिज्‍म को सही रखता है जिससे शरीर में कोलेस्‍ट्रॉल का स्‍तर नियंत्रित रहता है।

7- अमरूद खाने में स्वादिष्ट तो होता ही है। यह वजन घटाने में भी मददगार है. इसमें कैलोरी बहुत कम होती है और फाइबर ज्यादा होता है। एक अमरूद में 112 कैलोरी होती है जिससे बहुत देर तक भूख नहीं लगती. इसका नियमित सेवन करने से वजन कम होता है और पाचन शक्ति बढ़ती है। 
8- अगर आपके मुंह से दुर्गंध आती है तो अमरूद की कोमल पत्त‍ियों को चबाना आपके लिए फायदेमंद रहेगा। इसकी पत्तियों में एंटी-बैक्टीरियल क्षमता होती है जिसको चबाने से दांतों का दर्द भी कम हो जाता है।

80 साल की आइरिस जोन्स और 35 साल के मोहम्मद इब्राहिम को हुआ प्यार मनाया हनीमून।

ब्रिटेन की रहने वाली आइरिस जोन्स (Iris Jones) की मुलाकात 35 साल के मोहम्मद इब्राहिम (Mohammad Ibriham) से फेसबुक (Facebook) पर हुई थी। दोनों में घंटों बातें होती थीं। मोहम्मद इब्राहिम इजिप्ट (Egypt) में रहता था। कुछ दिनों के बाद इब्राहिम ने आइरिस से अपने प्यार (Love) का इजहार कर दिया।

फिर क्या था, एक दिन आइरिस अपने प्यार (Love) इब्राहिम से मिलने के लिए इजिप्ट जा पहुंची। इन दोनों की फोटोज खूब वायरल (Viral Photo) हो रही हैं। अल वतन न्यूज के मुताबिक, यह कपल शादी के बंधन में बंध चुका है। दोनों ने काफी गोपनीय तरीके से शादी रचाई है। आइरिस ने मुस्लिम धर्म कबूल कर लिया है। मोहम्मद इब्राहिम ने कहा है कि उन्हें आइरिस (Iris) के पैसे नहीं चाहिए।

उन्हें तो बस आइरिस का साथ और प्यार चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि वे आइरिस को देखते ही समझ गए थे कि वही उसकी सच्ची मोहब्बत (Love) हैं। वे आइरिस को पाकर बहुत खुश हैं। इससे पहले साल के शुरू में इस कपल (Couple) ने एक शो में एंट्री की थी। इसके बाद हर तरफ बस इसी कपल की बातें होने लगी थीं।

आइरिस ने टीवी शो पर खुलकर अपनी सेक्स लाइफ (Sex Life) पर बात की थी। अपना प्यार मिलने के बावजूद इन दिनों आइरिस बेहद परेशान हैं। उनका कहना है कि उन्होंने हाल ही में हनीमून (Honeymoon) मनाया है लेकिन उसके बावजूद वे खुश नहीं हैं।

दरअसल शादी के बाद से ही उनके घरवालों ने उनसे बात करनी बंद कर दी है। उनके बच्चे और नाती-पोते भी उनसे बात नहीं करते हैं। फिलहाल आइरिस इजिप्ट (Egypt) में ही अपने पति के साथ हैं।

जम्मू-कश्मीर के कठुआ की रहने वाली पूजा देवी ने एक नया इतिहास रच दिया है।

कठुआ की रहने वाली पूजा देवी ने एक नया इतिहास रच दिया है। वे इस केंद्र शासित प्रदेश की पहली महिला बस ड्राइवर बन गई हैं। फिलहाल वे जम्मू-कठुआ रूट पर यात्री बस चला रही हैं। कठुआ जिले के संधार-बसोहली गांव में पली-बढ़ी 30 साल की पूजा ने कहा कि उन्हें शुरू से ही ड्राइविंग का शौक था।

वे किशोरावस्था से कार चला रही थी। लेकिन वे बड़ी गाड़ियां चलाना चाहती थी। उनका ये सपना अब जाकर पूरा हुआ है। पूजा ने कहा, 'मैं ज्यादा पढ़ी लिखी नहीं थी। इसलिए मुझे कोई बड़ी नौकरी मिलने की उम्मीद नहीं थी। लेकिन यह पेशा मुझे सूट करता है। मैं जम्मू में टैक्सी और ट्रक भी चला चुकी हूं'। मैं इस टैबू को तोड़ना चाहती थी कि केवल पुरुष ही यात्री बस चला सकते हैं। आखिरकार जब महिलाएं फाइटर जेट्स उड़ा रही हैं और एक्सप्रेस ट्रेन चला रही हैं तो बस चलाने में क्या दिक्कत है'।

पूजा देवी ने ड्राइवर बनने का अवसर मिलने के बारे में कहा,' मैं जम्मू-कठुआ रोड बस यूनियन के अध्यक्ष सरदार कुलदीप सिंह से मिली और बस चलाने देने का अनुरोध किया। उन्होंने शुरू में थोड़ी हैरानी दिखाई। लेकिन उसके बाद मुझे एक बस दे दी और कहा कि जाओ, अपने सपने को पूरा करो'।

पूजा देवी ने कहा कि उनका परिवार आर्थिक रूप से कमजोर था। जिसके चलते उन्हें नौकरी करनी पड़ी। उन्हें जम्मू में एक प्रतिष्ठित ड्राइविंग संस्थान से प्रशिक्षक के रूप में प्रति माह 10 हजार रुपये मिल रहे थे। लेकिन वे परिवार के लिए कम पड़ रहे थे। जिसके बाद उन्होंने भारी वाहन ड्राइविंग लाइसेंस लेकर खुद ड्राइविंग में उतरने का फैसला किया।

पूजा देवी के तीन बच्चे हैं। उनकी बड़ी बेटी दसवीं कक्षा की छात्रा है। वे अक्सर अपने छोटे बेटे को बस में ही ड्राइवर सीट के पीछे बिठाकर साथ ले जाती हैं। पूजा कहती हैं कि बस ड्राइविंग का मौका मिलने से उनका सपना सच हो गया है। बस ड्राइवर बनने के फैसले पर उन्हें अपने परिवार का काफी विरोध झेलना पड़ा। पूजा ने कहा कि उनके परिवार के सदस्य और ससुराल वाले पेशे के खिलाफ थे। इसके बावजूद उन्होंने ड्राइवर बनने के अपने सपने को आगे बढ़ाने का फैसला किया।

पूजा देवी कहती हैं कि लोग उन्हें बस चलाते हुए देखते हैं तो हैरान होते हैं। लेकिन जब वे बस में सवार हो जाते हैं तो उनके फैसले की तारीफ करते हैं। उन्हें मौका देने वाले जम्मू-कठुआ बस यूनियन के अध्यक्ष सरदार कुलदीप सिंह कहते हैं कि पूजा एक अच्छी ड्राइवर है। वह गाड़ी चलाते वक्त भरोसे से भरी और सतर्क रहती है।

Friday, December 25, 2020

जानिए प्रयागराज का वह मंदिर का रहस्य जहां लेटे है हनुमान जी।

श्री राम भक्त हनुमान जी का मंदिर देश - दुनिया में बहुत सी जगह है। लेकिन धर्म की नगरी प्रयागराज में संकटमोचन हनुमान जी का एक अनूठा मंदिर है। जिसे बड़े हनुमान जी के नाम से जाना जाता है। ऐसी मान्यता है कि पूरी दुनिया में इकौलाता ऐसा मंदिर है जहां हनुमान जी लेटे हुए हैं। और कहा जाता है कि प्रयागराज में आकर अगर हनुमान जी के इस स्वरुप के दर्शन नहीं किया तो पुण्य की प्राप्ति नहीं होती है। यहां दर्शन करने से सारे कष्ट का नाश हो जाता है।

 यहां स्थापित हनुमान की अनूठी प्रतिमा को प्रयाग का कोतवाल होने का दर्जा भी हासिल है। आम तौर पर जहां दूसरे मंदिरों मे प्रतिमाएँ सीधी खड़ी होती हैं। वही इस मन्दिर मे लेटे हुए बजरंग बली की पूजा होती है। पौराणिक कथाओं के मुताबिक लंका विजय के बाद भगवान् राम जब संगम स्नान कर भारद्वाज ऋषि से आशीर्वाद लेने प्रयाग आए तो उनके सबसे प्रिया भक्त हनुमान इसी जगह पर शारीरिक कष्ट से पीड़ित होकर मूर्छित हो गए।

पवन पुत्र को मरणासन्न देख माँ जानकी ने इसी जगह पर उन्हे अपना सिन्दूर देकर नया जीवन और हमेशा आरोअग्य व चिरायु रहने का आशीर्वाद देते हुए कहा कि जो भी इस त्रिवेणी तट पर संगम स्नान पर आयेंगा उस को संगम स्नान का असली फल तभी मिलेगा जब वह हनुमान जी के दर्शन करेगा।

हनुमान जी की इस प्रतिमा के बारे मे कहा जाता है कि 1400 इसवी में जब भारत में औरंगजेब का शासन काल था तब उसने इस प्रतिमा को यहां से हटाने का प्रयास किया था। करीब 100 सैनिकों को इस प्रतिमा को यहां स्तिथ किले के पास के मन्दिर से हटाने के काम मे लगा दिया था। कई दिनों तक प्रयास करने के बाद भी प्रतिमा टस से मस न हो सकी। सैनिक गंभीर बिमारी से ग्रस्त हो गये। मज़बूरी में औरंगजेब को प्रतिमा को वहीं छोड़ दिया।

Monday, December 21, 2020

"मादा बिच्छू" की अस्थिमज्जा पर उसके बच्चे विकसित होते हैं।

ऐसे तो हमारे समाज में मा का स्थान बहुत ऊंचा होता है। मा के स्थान को कोई ले नहीं सकता है। लेकिन हमारे समाज में ऐसे बहुत से जीव जंतु पेड़ पौधे है जो अपने ही मा को मर कर खाने में पीछे नहीं हटते। ऐसे ही एक जीव बिच्छू की मादा प्रजाति है। जो अपने बच्चे को अपने पेट में पलने के बाद तब तक रखती हैं जब तक उसके बच्चे बड़े नहीं हो जाते। 

"मादा बिच्छू" की अस्थिमज्जा पर उसके बच्चे विकसित होते हैं। मादा बिच्छू अपने  पैदाईश के बाद ये अपनी माँ की पीठ पर लदकर उसे तब तक खाते रहते हैं जबतक कि वो मर नहीं जाती।

मैं तो इंसानियत से मजबूर था तुम्हे बीच मे नही डुबोया" मगर तुमने मुझे क्यों काट लिया!

नदी में बाढ़ आती है छोटे से टापू में पानी भर जाता है वहां रहने वाला सीधा साधा1चूहा कछुवे  से कहता है मित्र  "क्या तुम मुझे नदी पार करा ...