ऐसे तो हमारे समाज में मा का स्थान बहुत ऊंचा होता है। मा के स्थान को कोई ले नहीं सकता है। लेकिन हमारे समाज में ऐसे बहुत से जीव जंतु पेड़ पौधे है जो अपने ही मा को मर कर खाने में पीछे नहीं हटते। ऐसे ही एक जीव बिच्छू की मादा प्रजाति है। जो अपने बच्चे को अपने पेट में पलने के बाद तब तक रखती हैं जब तक उसके बच्चे बड़े नहीं हो जाते।
"मादा बिच्छू" की अस्थिमज्जा पर उसके बच्चे विकसित होते हैं। मादा बिच्छू अपने पैदाईश के बाद ये अपनी माँ की पीठ पर लदकर उसे तब तक खाते रहते हैं जबतक कि वो मर नहीं जाती।
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