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Tuesday, January 19, 2021

इस खास मंत्र के जाप करने से भगवान शिव दूर करते हैं, हर कष्ट।

सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है। ऐसे में कहा जाता है कि अगर सोमवार को भगवान शिव की सच्चे मन से पूजा की जाए तो सारे कष्टों से मुक्ति मिलती है और सभी मनोकामना पूरी होती है। शिव सदा अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं। मान्यता है कि भगवान शिव को खुश करने के लिए सोमवार को सुबह उठकर स्नान करके भगवान शिव की आराधना करनी चाहिए। वैसे तो भगवान शिव के कई तरह के नाम हैं लेकिन सभी भक्त प्रेम से इन्हें भोलेनाथ ही पुकारते हैं क्योंकि भोलेनाथ के अंदर न तो अहम है और न ही चालाकी है। उनके अंदर एक बच्चे की तरह मासूमियत है। इसीलिए इन्हें भोलेनाथ कहा जाता है। सभी देवताओं में भोलेनाथ ही एक ऐसे देवता हैं जिन्हें खुश करना सबसे आसान होता है।

जहां एक तरफ उनको भोलेनाथ कहा जाता है तो वहीं दूसरी तरफ इनको सृष्टि का विनाशक भी कहा जाता है। हिन्दू धर्म के मुताबिक भगवान शिव त्रिदेवों में से एक हैं। ऐसी मान्यता है कि जो भी भगवान शिव की आराधना करता है उसके सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। शिवपुराण में 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र को सारे कष्टों को दूर करने वाला मंत्र बताया गया है। शिवपुराण में ही ऐसा बताया गया है कि 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र के जाप से मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। शिव महापुराण में ही इस मंत्र को शरणाक्षर मंत्र भी कहा गया है।

'ॐ नमः शिवाय' मंत्र जाप करने की विधि।
हमारे हिन्दू धर्मशास्त्रों में इस चमत्कारी मंत्र का जाप करने के लिए किसी खास समय का निर्धारण नहीं किया गया है। इसका मतलब यह है कि इस मंत्र का जाप अपनी सुविधा के अनुसार कभी भी कर सकते हैं।

1. इस मंत्र का जाप नदी के किनारे शिवलिंग की स्थापना कर, किसी वन या शांत स्थान पर या घर में रहते हुए भी कर सकते हैंं।

2. इस मंत्र का जाप प्रत्येक दिन हमेशा पूर्व या उत्तर दिशा की तरफ मुख करके करना चाहिए।

3. इस मंत्र का जाप रुद्राक्ष की माला से करना चाहिए।

4. इस मंत्र का जाप प्रत्येक दिन कम से कम 108 बार करना चाहिए।

ॐ नमः शिवाय' मंत्र के जाप से होने वाला लाभ।
इस मंत्र का जाप करने से धन की प्राप्ति, संतान की प्राप्ति और शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है। इस मंत्र के जाप से सभी कष्ट और दुख दूर हो जाते हैं।

Monday, January 18, 2021

बादाम को भिगोकर खाने के चमत्कारी फायदे।

सर्दियों में शरीर को गर्माहट देने के लिए सबसे अच्छा स्त्रोत बादाम है। बादाम सिर्फ विटामिन और पोषक तत्वों का खजाना नहीं होते बल्कि खाना बनाने में भी इनका अलग आनंद है। ये ऐसा ड्राई फ्रूट है जिसे स्नैक्स के तौर पर भी खाया जाता है। बादाम में कैल्शियम, फास्फोरस,विटामिन ई, फाइबर, प्रोटीन ,हेल्दी फैट, ओमेगा 3 और एंटी ऑक्सीडेंट्स होता है। जो शरीर के लिए काफी फायदेमंद है। पर बहुत से लोगों के बीच इसको लेकर कंफ्यूजन है कि भीगे हुए बादम ज्यादा फायदेमंद होते हैं या फिर सूखे हुए बादाम का सेवन ज्यादा फायदा करता है। तो हम बता दें बादाम को दूध के साथ या फिर पानी में भिगो कर भी खाने से ज्यादा फायदा होता हैं। चलिए जानते है इसके फायदे...।

1. बादाम को भिगोने से एंजाइम को रिलीज करने में मदद मिलती है जो हमारे पाचन के लिए लाभदायक हो सकते हैं। बादाम भिगोने से एंजाइम लाइपेस निकलता है जो वसा के पाचन के लिए फायदेमंद होता है।
2. बादाम में मौजूद मोनोअनसैचुरेटेड फैट्स आपकी भूख को कंट्रोल करने में मददगार हो सकते हैंं। बादाम नाश्ते में अपके ब्रेकफास्ट को औप भी हेल्दी बना सकते हैंं।
3. बादाम आपके दिल को स्वस्थ रखते हैं, खराब कोलेस्ट्रॉल को बेहतर बना सकते हैंं।
4. बादाम एंटीऑक्सिडेंट का एक अच्छा स्रोत हैंं। भीगे हुए बादाम में विटामिन ई एक एंटीऑक्सिडेंट के रूप में काम करता है जो उम्र बढ़ने और सूजन को रोकता है।
5. भीगे हुए बादाम में विटामिन बी 17 होता है जो कैंसर से लड़ने में कारगर साबित हो सकता है।
6. बादाम बालों के साथ स्किन के लिए भी बेहद अच्छा होता है। विटामिन ई और प्रोटीन बाल को मजबूत बनाते हैं और स्किन को ग्लोइंग बनाता है।

Sunday, January 17, 2021

आज हम जानेंगे यशवंती नामक गोह प्रजाति की छिपकली की कहानी। जो अपनी जान देकर अपने स्वामी की साथ दिया।

कोंडाणा के किले में चढ़ने के लिए तानाजी ने यशवंती नामक गोह प्रजाति की छिपकली का प्रयोग किया था जिसको फ़िल्म में नही दिखाया गया और फिल्मों में इसका कोई वर्णन नहीं किया गया है। किले पर चढ़ाई के लिए तानाजी ने अपने बक्से से यशवंती को निकाला, उसे कुमकुम और अक्षत से तिलक किया और किले की दीवार की तरफ उछाल दिया किन्तु यशवंती किले की दीवार पर पकड़ न बना पायी और फिसल कर नीचे आ गिरी। फिर दूसरा प्रयास किया गया लेकिन यशवंती दुबारा नीचे आ गयी।

भाई सूर्याजी व शेलार मामा ने इसे अपशकुन समझा, तब तानाजी ने कहा कि अगर यशवंती इस बार भी लौट आयी तो उसका वध कर देंगे और यह कहकर दुबारा उसे दुर्ग की तरफ उछाल दिया, इस बार यशवंती ने जबरदस्त पकड़ बनाई और उससे बंधी रस्सी से एक टुकड़ी दुर्ग पर चढ़ गई। अंत मे जब यशवंती को मुक्त करना चाहा तो पाया कि यशवंती भी भारी वजन के कारण वीरगति को प्राप्त हो चुकी थी किन्तु उसने अपनी पकड़ नही छोड़ी थी।

Akshay Kumar ने Ram Mandir निर्माण के लिए कहानी सुनाकर की लोगों से की योगदान की अपील।

नई दुनिया: अयोध्या (Ayodhya) में भव्य राम मंदिर (Ram Mandir) निर्माण के लिए धन संचय अभियान की शुरुआत हो चुकी है, जिसमें तमाम लोग अपनी क्षमता के अनुसार दान कर रहे हैं। इसी कड़ी में अब बॉलिवुड सुपरस्टार अक्षय कुमार (Akshay Kumar) का नाम भी जुड़ गया है। रविवार को उन्होंने सोशल मीडिया (Social Media) पर एक वीडियो शेयर करते हुए इसकी जानकारी अपने फैन्स के साथ साझा की है।
उन्होंने वीडियो के कैप्शन में लिखा, 'बहुत खुशी की बात है कि अयोध्या में हमारे श्रीराम के भव्य मंदिर का निर्माण शुरू हो चुका है। अब योगदान की बारी हमारी है। मैंने शुरुआत कर दी है, उम्मीद है आप भी साथ जुड़ेंगे। जय सियाराम।' वहीं, अपने वीडियो मैसेज में अक्षय कुमार ने एक किस्से का जिक्र किया है, जिसमें वो अपनी बेटी को रामसेतू निर्माण के दौरान की एक कहानी सुना रहे हैं।


उन्होंने कहा, 'जब एक तरफ वानरों की सेना थी और दूसरी तरफ थी लंका. और दोनों के बीच में महासमंदर। अब वानर सेना बड़े-बड़े पत्‍थर उठाकर समंदर में डाल रही थी, राम सेतु का निर्माण कर सीता मैया को वापस जो लाना था। प्रभु श्रीराम किनारे पर खड़े सबकुछ देख रहे थे, तभी उनकी नजर पड़ी एक गिलहरी पर। गिलहरी जो थी, वो पानी पर जाती फिर किनारे पर आती, रेत में लोट जाती थी फिर राम सेतु के पत्‍थरों की ओर फिर भागती, फिर से पानी में जाती, फिर रेत में, फिर पत्‍थरों पर। रामजी को आश्‍चर्य हुआ कि यह हो क्‍या रहा है। वह गिलहरी के पास गए, पूछा- तुम कर क्या रही हो? गिलहरी ने जवाब दिया- मैं अपने शरीर को गीला करती हूं, उस पर रेत लपेट देती हूं और पत्‍थरों के बीच की जो दरारें हैं, उसको भरती हूं। राम सेतु के निर्माण में मैं भी अपना छोटा सा योगदान दे रही हूं।

अब हमारी बारी है- सभी योगदान जरूर करें
अक्षय ने अपने मैसेज में आगे कहा, 'आज बारी हमारी है. अयोध्‍या में हमारे श्रीराम के भव्‍य मंदिर का निर्माण शुरू हो चुका है। हम में से कुछ वानर बनें, कुछ गिलहरियां बनें और अपनी-अपनी क्षमता के अनुसार योगदान देकर ऐतिहासिक भव्‍य राम मंदिर बनाने में साझेदार बनें। मैं खुद इसकी शुरुआत करता हूं, मुझे विश्‍वास है कि आप भी मेरे साथ जुड़ेंगे ताकि आने वाली पीढ़ियों को इस भव्‍य मंदिर से मर्यादा पुरुषोत्‍तम राम के जीवन और संदेश पर चलने की प्रेरणा मिलती रहे। जय श्री राम'
राष्ट्रपति ने की थी अभियान की शुरुआत।
बताते चलें कि इस अभियान की शुरुआत 14 जनवरी को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ramnath Kovind) ने की थी। उन्होंने राम मंदिर के लिए सबसे पहले 5 लाख रुपये का चंदा दिया था और अभियान को हरी झंडी दिखाई थी। राष्ट्रपति कोविंद ने चेक के माध्यम से ये धनराशि चंदा ट्रस्ट को सौंपी थी। इसके बाद से लेकर अब तक कई राज्यों के सीमए, सांसद, कारोबारी से लेकर आम आदमी तक अपनी क्षमता के अनुसार भव्य श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए चंदा दे रहा है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी दिए चंदा।
बताते चलें कि इस अभियान की शुरुआत 14 जनवरी को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ramnath Kovind) ने की थी। उन्होंने राम मंदिर के लिए सबसे पहले 5 लाख रुपये का चंदा दिया था और अभियान को हरी झंडी दिखाई थी। उत्तर प्रदेश सरकार के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने चेक के माध्यम से अपने निजी कोश से 2 लाख रुपए की धनराशि चंदा ट्रस्ट को सौंपी थी। इसके बाद से लेकर अब तक कई राज्यों के सीमए, सांसद, कारोबारी से लेकर आम आदमी तक अपनी क्षमता के अनुसार भव्य श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए चंदा दे रहा है।

आपको बता दें, अब राम मंदिर निर्माण में दान देने के लिए एक अभियान चलाया जा रहा है। इसके लिए कूपन भी छपवाए गए हैं। इस कूपन में 10 रुपये से लेकर 1000 रुपये तक की रसीद होगी। आप अपनी इच्छा के अनुसार दान देकर रसीद ले सकते हैं।

कर्ज में डूबे पाकिस्तान की हुए अंतरराष्ट्रीय बेइज्जती कर्ज नहीं चुकाने पर जब्त हुआ PIA का विमान।

कर्ज में डूबे पाकिस्तान की एक बार फिर दुनिया के सामने फजीहत हुई है। दरअसल मलेशिया ने पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस का विमान भुगतान ना होने की वजह से जब्त कर लिया। वहीं मीडिया रिपोर्ट्स में ऐसा दावा किया जा रहा है कि जिस कंपनी ने यह विमान लीज पर दिया था, उसका मालिक भारतीय है।


मामला सामने आने के बाद पाकिस्तान के प्रमुख अखबारों समेत कई मीडिया रिपोर्टस में ऐसा दावा किया जा रहा है कि PIA  ने जिस कंपना से बोइंग 777 यात्री विमान को लीज पर लिया था, उसके मालिक और डायरेक्टर भारतीय होने की बात कहीं जा रही है। रिपोर्टस में आगे कहा गया है कि इस कंपनी का हेडऑफिस दुबाई में बताया जा रहा है जहां भारतीय मूल के कर्मचारी होने की बात भी सामने आ रही है।  गौरतलब है कि पिछले एक साल में पाकिस्तानी एयरलाइन्स कई बार आलोचना की शिकार हुई है।

मलेशियाई अधिकारियों ने कुआलालंपुर हवाई अड्डे पर पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस यानी पीआईए के एक विमान को ज़ब्त कर लिया, ऐसा विमान के लीज के बकाये का भुगतान नहीं करने की वजह से किया गया ।  पीआईए ने 2015 में एक वियतनामी कंपनी से जब्त बोइंग -777 सहित दो विमान किराए पर लिए थे।
विमान को तब जब्त किया गया, जब यात्री इसमें पहले ही सवार हो चुके थे,  सूत्रों ने कहा कि विमान का 18 सदस्यीय स्टाफ भी ज़ब्ती के कारण कुआलालंपुर में फंसा हुआ है और अब प्रोटोकॉल के मुताबिक 14 दिन के लिए क्वारंटाइन में रहना होगा ।  

Saturday, January 16, 2021

Bird Flu: 13000 किमी उड़कर आए कबूतर को आस्ट्रेलिया देगा मौत, बीमारी फैलाने की आशंका के चलते जारी किया फरमान।

नई दुनिया: ऑस्ट्रेलिया (Australia) में एक कबूतर (Pigeon) चर्चा का विषय बना हुआ है और प्रशासन उसे हर हाल में मारना चाहता है. दरअसल, यह कबूतर अमेरिका (America) से 13000 किलोमीटर का सफर तय करके ऑस्ट्रेलिया पहुंचा। इसे रेसिंग कबूतर बताया जा रहा है, जो गलती से भटककर 26 दिसंबर को मेलबर्न पहुंच गया। ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों को डर है कि इस कबूतर के आने से उनके देश में बीमारी (Bird Flu) फैल सकती है। इसी के चलते प्रशांत महासागर (Pacific Ocean) पार कर आए कबूतर को अब मारने की योजना बनाई जा रही है।


Joe Biden पर रखा नाम
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ‘जो’ नाम का यह कबूतर (Pigeon) 29 अक्टूबर को अमेरिका (America) के ओरेगन से एक रेस के दौरान गायब हुआ था और 26 दिसंबर को मेलबर्न पहुंच गया। मेलबर्न निवासी केविन सेली-बर्ड (Kevin Celli-Bird) को अपने घर के पीछे कबूतर हांफता हुआ मिला था। संभवत इतना लंबा सफर तय करने की वजह से वो थक गया था। केविन ने ही कबूतर का नाम अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) के नाम पर ‘जो’ रख दिया। कबूतर को लेकर मीडिया में खबरें आने के बाद ऑस्ट्रेलिया की क्वारंटीन एंड इंस्पक्शन सर्विस हरकत में आई और उसे देश के लिए खतरा करार दे दिया। केविन सेली-बर्ड ने बताया कि ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों ने उन्हें फोन करके कबूतर पकड़ने को कहा है, ताकि उसे मौत के घाट उतारा जा सके।
'Pigeon को यहां रहने की अनुमति नहीं'
विशेषज्ञों को लगता है कि यह कबूतर किसी मालवाहक जहाज के सहारे प्रशांत महासागर पार कर ऑस्ट्रेलिया (Australia) पहुंचा है। ऑस्ट्रेलिया के कृषि विभाग ने एक बयान जारी कर कहा है कि इस कबूतर को हमारे देश में रहने की अनुमति नहीं है। क्योंकि इसके कारण ऑस्ट्रेलिया की खाद्य सुरक्षा और पोल्ट्री उद्योगों की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है। विभाग का यहां तक कहना है कि कबूतर से देश की जैव सुरक्षा को भी खतरा हो सकता है। ऑस्ट्रेलियाई सरकार दूसरे देशों से आने वाले पशु-पक्षियों को लेकर ज्यादा ही चौकन्नी रहती है। 2015 में हॉलीवुड स्टार जॉनी डेप और उनकी पूर्व पत्नी एम्बर हर्ड तस्करी करके यॉर्कशायर टेरियर्स ब्रीड के दो डॉग्स लेकर आए थे। इसकी जानकारी लगते ही प्रशासन ने चेतावनी जारी करते हुए कुत्तों को 50 घंटे के भीतर ऑस्ट्रेलिया से बाहर भेजने को कहा था। साथ ही यह भी कहा गया था कि अगर ऐसा नहीं किया जाता तो पिस्टल और बू नामक दोनों कुत्तों को मार दिया जाएगा।
मौत के फरमान से नाराज हैं लोग
केविन सेली-बर्ड का कहना है कि उन्होंने कबूतर के मालिक का पता लगा लिया है, लेकिन उससे संपर्क नहीं हो पाया है। केविन के मुताबिक, जब उन्होंने कबूतर को देखा तो वो काफी कमजोर नजर आ रहा था। मैंने उसके लिए पानी और कुछ खाना रखा, जिसके बाद से उसने वहीं बैठने शुरू कर दिया। हालांकि, वो मेरे इतने पास भी नहीं आता कि मैं उसे पकड़ सकूं। मैंने अधिकारियों को बता दिया है कि मेरे लिए उसे पकड़ना संभव नहीं होगा। वहीं, प्रशासन के फरमान को लेकर लोगों में नाराजगी भी है। उनका कहना है कि इतने साहसिक कबूतर को बिना यह जाने कि उसे कोई बीमारी है या नहीं मारना पूरी तरह गलत है।
दुनिया की सबसे लंबी उड़ान।
मेलबर्न प्रशासन ने कबूतर को खतरा बताते हुए उसे पकड़ने के लिए प्रोफेशनल बर्ड कैचर की मदद लेने का फैसला लिया है। ऑस्ट्रलियन नेशनल पिजन एसोसिएशन के सचिव ब्रैड टर्नर ने कहा कि कबूतर अमेरिका से कई तरह की विदेशी बीमारियां ला सकता है, इसलिए उसे मारना बेहद जरूरी है। कहा जा रहा है कि यह आज तक किसी कबूतर के द्वारा तय की गई सबसे अधिक दूरी है। इससे पहले किसी भी कबूतर ने 13000 किलोमीटर की दूरी तय नहीं की। कबूतरपीडिया डॉट कॉम के अनुसार, 1931 में एक कबूतर फ्रांस के अर्रास से उड़कर वियतनाम के सॉइगान पहुंचा था। उसने कुल 11,600 किलोमीटर का सफर तय करके 24 दिन में अपनी यात्रा पूरी की थी। ‘जो’ ने 13000 किलोमीटर तक उड़ान भरकर उसका यह रिकॉर्ड तोड़ दिया है।

WhatsApp की नई Privacy Policy, हुई फेल Chat, Personal Data को नहीं लगेगी कोई आंच।

नई दुनिया: WhatsApp आपके गुस्से को झेल नहीं पाया। दुनियाभर में हो रहे विरोध के बाद WhatsApp ने अब अपने कदम पीछे खींचने का फैसला कर लिया है। कंपनी ने अपने नए प्राइवेसी पॉलिसी को वापस लेने का फैसला कर लिया है।


ANI की रिपोर्ट के मुताबिक WhatsApp ने नए प्राइवेसी पॉलिसी को फिलहाल स्थगित (Privacy Policy Postpone) करने का फैसला कर लिया है। कंपनी ने अपने बयान में कहा है कि नए पॉलिसी को स्थगित करने के पीछे अफवाहों का फैलना है। बयान में आगे कहा गया है कि किसी भी WhatsApp यूजर का अकांउट बंद नहीं होगा। पॉलिसी नहीं मानने वालों का 8 फरवरी के बाद भी अकाउंट चलता रहेगा।
WhatsApp चलाएगा अभियान
प्राप्त जानकारी के मुताबिक WhatsApp पूरी दुनिया में चल रहे अफवाहों के खिलाफ अभियान चलाएगा। यूजर्स को नए प्राइवेसी पॉलिसी को रिव्यू करने के लिए पर्याप्त समय दिया जाएगा। WhatsApp की नई प्राइवेसी पॉलिसी (Privacy Policy) का विरोध जारी है। लोगों की निजी जानकारी जबर्दस्ती लेने का नया फैसला WhatsApp को भारी पड़ा है। सिर्फ आम यूजर्स ही नहीं बल्कि कई बड़ी कंपनियों के CEO और Business Tycoons भी इस मैसेजिंग प्लेटफॉर्म (Messaging Platform) को छोड़कर दूसरी ऐप चुनने लगे हैं। प्राप्त जानकारी के मुताबिक पेमेंट गेटवे ऐप PhonePe के सीईओ समेत कंपनी के 1000 से ज्यादा कर्मचारियों ने अपने मोबाइल से WhatsApp हटा दिया है। अब ये कर्मचारी अपने सभी कार्यों के लिए Signal यूज करने लगे हैं। कंपनी के सीईओ समीर निगम (PhonePe CEO Sameer Nigam) ने ट्वीट करके इस बात की जानकारी दी है।

मैं तो इंसानियत से मजबूर था तुम्हे बीच मे नही डुबोया" मगर तुमने मुझे क्यों काट लिया!

नदी में बाढ़ आती है छोटे से टापू में पानी भर जाता है वहां रहने वाला सीधा साधा1चूहा कछुवे  से कहता है मित्र  "क्या तुम मुझे नदी पार करा ...