उन्होंने वीडियो के कैप्शन में लिखा, 'बहुत खुशी की बात है कि अयोध्या में हमारे श्रीराम के भव्य मंदिर का निर्माण शुरू हो चुका है। अब योगदान की बारी हमारी है। मैंने शुरुआत कर दी है, उम्मीद है आप भी साथ जुड़ेंगे। जय सियाराम।' वहीं, अपने वीडियो मैसेज में अक्षय कुमार ने एक किस्से का जिक्र किया है, जिसमें वो अपनी बेटी को रामसेतू निर्माण के दौरान की एक कहानी सुना रहे हैं।
उन्होंने कहा, 'जब एक तरफ वानरों की सेना थी और दूसरी तरफ थी लंका. और दोनों के बीच में महासमंदर। अब वानर सेना बड़े-बड़े पत्थर उठाकर समंदर में डाल रही थी, राम सेतु का निर्माण कर सीता मैया को वापस जो लाना था। प्रभु श्रीराम किनारे पर खड़े सबकुछ देख रहे थे, तभी उनकी नजर पड़ी एक गिलहरी पर। गिलहरी जो थी, वो पानी पर जाती फिर किनारे पर आती, रेत में लोट जाती थी फिर राम सेतु के पत्थरों की ओर फिर भागती, फिर से पानी में जाती, फिर रेत में, फिर पत्थरों पर। रामजी को आश्चर्य हुआ कि यह हो क्या रहा है। वह गिलहरी के पास गए, पूछा- तुम कर क्या रही हो? गिलहरी ने जवाब दिया- मैं अपने शरीर को गीला करती हूं, उस पर रेत लपेट देती हूं और पत्थरों के बीच की जो दरारें हैं, उसको भरती हूं। राम सेतु के निर्माण में मैं भी अपना छोटा सा योगदान दे रही हूं।
अब हमारी बारी है- सभी योगदान जरूर करें
अक्षय ने अपने मैसेज में आगे कहा, 'आज बारी हमारी है. अयोध्या में हमारे श्रीराम के भव्य मंदिर का निर्माण शुरू हो चुका है। हम में से कुछ वानर बनें, कुछ गिलहरियां बनें और अपनी-अपनी क्षमता के अनुसार योगदान देकर ऐतिहासिक भव्य राम मंदिर बनाने में साझेदार बनें। मैं खुद इसकी शुरुआत करता हूं, मुझे विश्वास है कि आप भी मेरे साथ जुड़ेंगे ताकि आने वाली पीढ़ियों को इस भव्य मंदिर से मर्यादा पुरुषोत्तम राम के जीवन और संदेश पर चलने की प्रेरणा मिलती रहे। जय श्री राम'
राष्ट्रपति ने की थी अभियान की शुरुआत।
बताते चलें कि इस अभियान की शुरुआत 14 जनवरी को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ramnath Kovind) ने की थी। उन्होंने राम मंदिर के लिए सबसे पहले 5 लाख रुपये का चंदा दिया था और अभियान को हरी झंडी दिखाई थी। राष्ट्रपति कोविंद ने चेक के माध्यम से ये धनराशि चंदा ट्रस्ट को सौंपी थी। इसके बाद से लेकर अब तक कई राज्यों के सीमए, सांसद, कारोबारी से लेकर आम आदमी तक अपनी क्षमता के अनुसार भव्य श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए चंदा दे रहा है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी दिए चंदा।
बताते चलें कि इस अभियान की शुरुआत 14 जनवरी को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ramnath Kovind) ने की थी। उन्होंने राम मंदिर के लिए सबसे पहले 5 लाख रुपये का चंदा दिया था और अभियान को हरी झंडी दिखाई थी। उत्तर प्रदेश सरकार के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने चेक के माध्यम से अपने निजी कोश से 2 लाख रुपए की धनराशि चंदा ट्रस्ट को सौंपी थी। इसके बाद से लेकर अब तक कई राज्यों के सीमए, सांसद, कारोबारी से लेकर आम आदमी तक अपनी क्षमता के अनुसार भव्य श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए चंदा दे रहा है।
आपको बता दें, अब राम मंदिर निर्माण में दान देने के लिए एक अभियान चलाया जा रहा है। इसके लिए कूपन भी छपवाए गए हैं। इस कूपन में 10 रुपये से लेकर 1000 रुपये तक की रसीद होगी। आप अपनी इच्छा के अनुसार दान देकर रसीद ले सकते हैं।
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