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Saturday, January 30, 2021

ICC ने जारी किया अपना Test Rankings. Virat Kohli चौथे नंबर पर बरकरार, Rishabh Pant की रैंकिग में कोई सुधार नहीं।

नई दुनिया: आईसीसी (ICC) ने अपनी रैंकिंग जारी कर दी है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक विराट कोहली (Virat Kohli) टेस्ट क्रिकेट में चौथे नंबर पर हैं। वहीं चेतेश्वर पुजारा को एक स्थान का फायदा मिला है और वो छठे नंबर पर पहुंच गए हैं। कोहली (862 प्वॉइंट) और पुजारा (760 प्वॉइंट) के अलावा टेस्ट उप कप्तान अजिंक्य रहाणे भी 8 वें नंबर के साथ टॉप 10 में जगह बनाने वाले भारतीय बल्लेबाजों में शामिल है।

टीम इंडिया के विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋषभ पंत (Rishabh Pant) और स्टार ओपनर रोहित शर्मा (Rohit Sharma) क्रमश: 13 वें और 18 वें स्थान पर बरकरार हैं। न्यूजीलैंड के बल्लेबाज केन विलियमसन (919 प्वॉइंट) बल्लेबाजी रैंकिंग में टॉप पर कायम हैं जबकि उनके बाद स्टीव स्मिथ (891 प्वॉइंट) और मार्नस लाबुशेन (878 प्वॉइंट) की ऑस्ट्रेलिया की जोड़ी का नंबर आता है।

इंग्लैंड के कप्तान जो रूट (Joe Root) 823 अंक के साथ 5 वें स्थान पर बरकरार हैं। गेंदबाजों की बात करें तो सीनियर स्पिनर रविचंद्रन अश्विन (760 प्वॉइंट) और स्टार तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह (757 प्वॉइंट) क्रमश: 8 वें और 9 वें स्थान पर बरकरार हैं। ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज पैट कमिंस 908 प्वॉइंट के साथ टॉप पर कायम हैं।
इंग्लैंड के तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड (839 प्वॉइंट) और न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाज नील वेगनर (835 प्वॉइंट) क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं। रविंद्र जडेजा (419 प्वॉइंट) और आर अश्विन (281 प्वॉइंट) ऑलराउंडर्स की लिस्ट में क्रमश: तीसरे और छठे स्थान पर बरकरार हैं। इंग्लैंड के बेन स्टोक्स (427 अंक) आलराउंडर्स की लिस्ट में टॉप पर हैं।

उस मंदिर का नाम क्या है जो दिन में लगातार दो बार गायब हो जाता है। IAS Interview Questions.

नई दुनिया: सिविल सेवा में चयनित होने से पहले आईएएस इंटरव्यू ( IAS Interview ) पास करना जरूरी होता हैै। इसके सवाल हमेशा चर्चा में रहते हैंं। यूपीएससी (UPSC) प्री और मेन्स का पहाड़ पार करके इंटरव्यू की दहलीज तक पहुंचे अभ्यर्थियों से कुछ भी पूछा जा सकता है। इसे पास करने में अच्छे-अच्छों का हाल भी बेहाल हो जाता है। इसलिए भारतीय प्रशासनिक सेवा के इंटरव्यू की तैयारी भी काफी अच्छी तरह से करनी चाहिए।


IQ लेवल की गहन पड़ताल
सिविल सेवा के साक्षात्कार में पास होने का कोई शॉर्टकट नहीं हैं। संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) इंटरव्यू की तैयारी भी काफी अच्छे तरीके से करनी चाहिए। UPSC की शुरूआती परीक्षा के बाद कैंडिडेट्स मेन्स की तैयारी में जुटते हैं। जिसमें कामयाबी के बाद ही इंटरव्यू का मौका मिलता है।

जानिए ट्रिकी सवालों के जवाब 
सिविल सर्विस एग्जाम (Civil Services Exam 2020) पर्सनैलिटी टेस्ट (Personality Test) में प्रतिभागी के सामान्य ज्ञान के अलावा दिमागी जांच ज्यादा की जाती है। ऐसे में सिविल की तैयारी करने वाले छात्रों को समझना चाहिए कि आखिर कैसे मामूली से दिखने वाले सवाल का जवाब इतना आसान नहीं होता। इसलिए हम आज कुछ ट्रिकी सवाल और उनके जवाब बता रहे हैं।

सवाल 1: वह क्या है जो आग में नही जलता और पानी में नहीं डूबता ?
जवाब:    बर्फ.
सवाल 2: कौन सा जानवर है जो एक बार सोने के बाद दोबारा नही जागता?
जवाब:    चींटी एक ऐसी जीव है जो एक बार सो जाए तो जगती ही नहींं।
सवाल 3:  उस जानवर का नाम बताइए जो 30 फीट तक छलांग मार सकता है?
जवाब:      कंगारू।
सवाल 4: टेलीफोन के डायलिंग पैड के सभी अंकों का गुणा करने पर क्या अंक प्राप्त होगा ?
जवाब:     शून्य।
सवाल 5: औरत का ऐसा कौन सा रूप है जिसे सभी देखते है लेकिन उसका पति कभी नहीं देख सकता ?
जवाब:      विधवा का रूप।
सवाल 6:   मान लीजिए z के आठ लड़के है और उनकी एक-एक बहन हैं, तो z के कुल कितने बच्चे हैं ?
जवाब:     Z के कुल 9 बच्‍चे हैं।
सवाल 7: उस मंदिर का नाम क्या है जो दिन में लागातार दो बार गायब हो जाता हैं ?
जवाब:    श्री स्तंभेश्वर महादेव मंदिर।
सवाल 8: अगर 1 रू.में 40 चिड़िया, 3 रू. का कबूतर, 5 रू. का 1 मुर्गा तो बताइए 100 रू. में 100 पक्षी कैसे आएंगे? समझाइए।
जवाब:     2 रु. में 80 चिड़िया, 3 रु. में 1 कबूतर और 95 रु. में 19 मुर्गे खरीदकर 2+3+95= 100 में सौ पक्षी आ जाएंगे.
सवाल 9: क्या सीलिंग फैन को 5 नंबर के बजाय 1 नंबर पर चलाया जाए तो बिजली का बिल कम आएगा? 
जवाब:    अगर पंखे का रेगुलेटर पुराना है तो 1 नंबर पर चलाने पर भी बिल पांच नंबर के बराबर ही आएगा। आप 1 पर चलाये या 5 पर बिजली खर्च में ज्यादा फर्क नहीं होने वाला हैै। पुराने रेगुलेटर एक तरह से प्रतिरोध ही है।
सवाल 10: कौन सा डर इंसान को सुंदर बना जाता हैं ?
जवाब:      पाउडर।

इन बातों पर भी विशेष ध्यान दें
जब भी आप इंटरव्यू देने जाएं तो बॉडी लैंग्वेज को सहज रखें। आई कॉन्टैक्ट ठीक से होना चाहिए। आपके कपड़े ऐसे हों जिससे अधिकारी जैसा लुक आए। इंटरव्यू रूम में दाखिल होने के बाद सभी मेंबर्स को अच्छे से ग्रीट करें। अपने आत्म विश्वास को कभी कम न होने दें। अगर आप इन बातों पर भी ध्यान देंगे तो आपके सेलेक्शन के चांस बढ़ जाएंगे।

सरस्वती पूजा की शुभ मुहूर्त, एवम् पूजा विधि।

पौराणिक महत्व हिंदू पंचांग के अनुसार माघ माह के शुक्ल की पंचमी तिथि के दिन बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। इस साल यह त्योहार 16 फरवरी के दिन पड़ रहा है। इस दिन से ऋतुराज बसंत की शुरुआत हो जाती है। बसंत पंचमी के दिन माता सरस्वती की पूजा-अर्चना की जाती है। ऐसी मान्यता है कि इस ज्ञान की देवी मां सरस्वती का प्राकट्य हुआ था। बसंत पंचमी का पौराणिक महत्व ऐसी मान्यता है कि बसंत पंचमी के दिन, देवी सती और भगवान कामदेव की षोडशोपचार पूजा करने से हर व्यक्ति को शुभ समाचार एवं फल की प्राप्ति होती है। इसलिए बसंत पंचमी के दिन, षोडशोपचार पूजा करना विशेष रूप से वैवाहिक जीवन के लिए सुखदायक माना गया है।

शुभ मुहूर्त बसंत पंचमी:- तिथि प्रारंभ - 16 फरवरी को सुबह 03 बजकर 36 मिनट से बसंत पंचमी तिथि समाप्त - 17 फरवरी को सुबह 5 बजकर 46 मिनट तक है।


पूजा विधि- सरस्वती पूजा के दिन सुबह उठकर शरीर पर उबटन लगाकर स्नान करें और पीले वस्त्र पहनें। अग्र भाग में गणेश जी और पीछे वसंत स्थापित करें। नए धान्य से जौ, गेहूं आदि की बाली की पुंज को भरे कलश में डंठल सहित रखकर अबीर और पीले फूलों से वसंत बनाएं। तांबे के पात्र से दूर्वा से घर या मंदिर में चारों तरफ जल छिड़कें और मंत्र पढ़ेंंंं। 

प्रकर्तत्याः वसंतोज्ज्वलभूषणा नृत्यमाना शुभा देवी समस्ताभरणैर्युता, वीणा वादनशीला च यदकर्पूरचार्चिता। प्रणे देवीसरस्वती वाजोभिर्वजिनीवती श्रीनामणित्रयवतु। 
पूर्वा या उत्तर की ओर मुंह किए बैठकर मां को पीले पुष्पों की माला पहनाकर पूजन करें। गणेश, सूर्य, विष्णु, रति-कामदेव, शिव और सरस्वती की पूजा का विधान भी है। बसंत पंचमी पर सरस्वती पूजा का महत्वहिंदू परंपरा के अनुसार माघ महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को, बसंत पंचमी पर्व मनाया जाता हैै। पौराणिक कथाओं के अनुसार, बसंत पंचमी के दिन ब्रह्मा जी ने मां सरस्वती का सृजन किया था।

इसलिए यही वजह है कि इस दिन सभी सनातन अनुयायी मां सरस्वती की पूजा-अर्चना करते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन मां सरस्वती की पूजा करने से, शुभ फल तो मिलते ही हैं, साथ ही उस व्यक्ति को मां सरस्वती की असीम कृपा भी प्राप्त होती है। बसंत पंचमी को लेकर एक और भी पौराणिक महत्व सुनने को मिलता है जिसके अनुसार इस दिन यदि कोई भी व्यक्ति सच्चे दिल से धन और वैभव की देवी मां लक्ष्मी और भगवान श्री विष्णु की पूजा करता है तो, उसे हर प्रकार की आर्थिक तंगी से निजात मिल जाता है। हालांकि देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु की ये पूजा भी मुख्य रूप से, पंचोपचार एवं षोडशोपचार विधि से ही होनी अनिवार्य होती है।

Friday, January 29, 2021

सर्दियों में जरूर खाएं छुहारे, होंगे बहुत फायदे।

सर्दियों में शरीर में गर्मी बने रहे इसके लिए हम सभी बहुत सी चीजे खाते हैं। उसमें से एक ड्राईफ्रूट्स हैं। लेकिन ड्राईफ्रूट्स में अगर आप सिर्फ छुहारा का ही सेवन करते हैं तो आप ठंड और ठंड में होने वाली बीमारियों से बच सकते हैं. छुहारा खजूर का सूखा रूप है। पौष्टिकता से भरपूर छुहारा गर्म तासीर का होता है इसलिए इसका उपयोगिता सर्दियों में ज्यादा होता है। छुहारे में काफी मात्रा में कैलिशियम, फाइबर, जिंक, मैग्नीशियम और आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसके अलावा इसमें इसमें विटामिन A, C, E, K, B2, B6, नियासिन और थियामिन सहित कई विटामिन पाये जाते हैं। इसको दूध के साथ लेने से इसकी गुणवक्त्ता और बढ़ जाती है। 

1-छुहारा महिलाओं के लिए काफी फायदेमंद हैं। सर्दी के दिनों में कई महिलाओं को मासिक धर्म से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता हैं, इसके लिए छुहारे फायदेमंद है। छुहारे खाने से मासिक धर्म खुलकर आता है और कमर दर्द में भी लाभ होता है।

2-आज कल बालों की समस्या बहुत बढ़ गई है। अगर आप इसे रोकना चाहिते हैं तो छुहारे का सेवन शुरू कर दें। इसमें मौजूद पैंटोफेनीक एसिड बालों को स्वस्थ बनाए रखने में काफी मददगार साबित होता है। यह बालों के लिए एक सुपर फूड का काम करता है।

3-बहुत से लोग बड़ी उम्र तक बिस्तर पर पेशाब करते हैं। या फिर बुढ़ापे जिन्हें पेशाब बार-बार आता हो, तो उन्हें दिन में दो छुहारे खाने से लाभ होगा। छुहारे वाला दूध भी लाभकारी है। यदि बच्चा बिस्तर पर पेशाब करता हो तो उसे भी रात को छुहारे वाला दूध पिलाएं। यह शक्ति पहुंचाते हैं।

4-सुबह-शाम तीन छुहारे खाकर बाद में गर्म पानी पीने से कब्ज दूर होती है। खजूर का अचार भोजन के साथ खाया जाए तो अजीर्ण रोग नहीं होता तथा मुंह का स्वाद भी ठीक रहता है। खजूर का अचार बनाने की विधि थोड़ी कठिन है, इसलिए बना-बनाया अचार ही ले लेना चाहिए।

5-छुहारे का सेवन करने से मांसपेशियों की ताकत बढ़ जाती है। छुहारा दिल को भी मज़बूत करने में काफी अच्छा माना जाता है।

6-छुआरे के गुदे को दूध के साथ उबाल लें, ठंडा होने पर इसे मिक्सर में डालकर पीसें तो आपको भूख ना लगने की समस्या से छुटकारा मिल जाएगा।

कैसे हुआ राजा सुरथ एवं समाधि वैश्य को देवी-दर्शन।

प्राचीन समय की बात हैं। स्वारोचिष मन्वन्तर में सुरथ नामके एक परम धार्मिक राजा थे।वे परम उदार थे तथा प्रजा का पुत्रवत पालन करते थे। दुर्योगवश उनके मंत्री शत्रुओं से मिल गये और शत्रुओं ने उन्हें पराजित करके उनका राज्य छीन लिया। निराश होकर राजा सुरथ वन में चले गये। एक दिन भूख-प्यास से व्याकुल अवस्था में परम तपस्वी सुमेधा मुनि के आश्रम में पहुँचे। मुनि के पूछने पर उन्होंने अपनी सम्पूर्ण कथा बतायी। दयालु मुनि ने उनका यथोचित सत्कार किया और उन्हें आश्रम में आश्रय प्रदान किया।

एक दिन महाराज सुरथ एक वृक्ष के नीचे बैठकर अपने खोये हुए राज्य एवं परिवार के विषय में चिन्तन कर रहे थे। इतने में वहां एक वैश्य पहुंचा। उसका नाम समाधि था। उसके पुत्रो ने उसकी सम्पत्ति छीन ली थी और उसे घर से निकाल दिया था। परस्पर समान दुःख से दुःखी होने के कारण थोड़ी ही देर में राजा और वैश्य में प्रगाढ़ मैत्री हो गयी। फिर दोनों अपने शोक- निवारण का उपाय पूछने के लिये सुमेधा मुनि के पास गये और अपने कल्याण का उपाय पूछा।

सुमेधा मुनि ने कहा- वत्स! कल्याण चाहने वाले पुरुषों को चाहिये कि मन, वचन और कर्म से भगवती महामाया की आराधना करें। भगवती की कृपा से सुख, ज्ञान और मोक्ष सब कुछ सहज ही सुलभ हो जाता है। भगवती की प्रसन्नता के लिये व्रत, भगवती का पूजन, निवारण - मंत्र का जप तथा हवन करना चाहिये। नवरात्र-व्रत सम्पूर्ण व्रतों में श्रेष्ठ हैं। भगवती की कृपा से तुम्हारी विघ्न-बाधाएँ दूर हो जायेगी।

इस प्रकार सुमेधा मुनि से उपदेश प्राप्त करके राजा सुरथ और वैश्य एक श्रेष्ठ नदी के तट पर गये, वहां उन्होंने एक निर्जन स्थान पर बैठकर भगवती के मंत्र का जप और ध्यान करना प्रारम्भ कर दिया। तपस्या करते हुए एक वर्ष का समय पूरा हो गया। दूसरे वर्ष उन लोगों ने सूखे पत्ते खाकर तपस्या की। तीसरे वर्ष की तपस्या में उन्होने सूखे पत्तों का भी त्याग कर दिया। कठिन तप से प्रसन्न होकर महामाया भगवती ने उन्हें साक्षात दर्शन दिया और कहा- तुम दोनों की तपस्या से मैं संतुष्ट हो गयी हूँ हे भक्तो! वर माँगो।

देवी की बात सुनकर उन्होंने भगवती से अपने शत्रुओं के विनाश के साथ निष्कंलक राज्य की याचना की। भगवती ने कहा-राजन! अब तुम घर लौट जाओ। तुम्हारे शत्रु तुम्हारा राज्य छोड़कर लौट जायेगे। दस हजार वर्षो तक अखिल भूमण्डल का राज्य करने के बाद अगले जन्म में तुम सूर्य के यहाँ जन्म लेकर मनु के पद को प्राप्त करोगे।

भगवती ने तथास्तु कहकर वैश्य को भी तृप्त कर दिया। इस प्रकार सुरथ भगवती के कृपा प्रसाद से समुद्रपर्यन्त समस्त पृथ्वी का राज्य भोगने लगे और समाधि वैश्य ज्ञान प्राप्त करके मुक्ति पथ के पथिक बने। भगवती के पावन कृपा के इस प्रसंग को पढ़ने और मनन करने से ज्ञान, मोक्ष, यक्ष, सुख- सभी उपलब्ध हो जाते हैं इसमें कुछ भी संशय नही है।

Team India के अहम सदस्य Shardul Thakur: कभी Mumbai Local ट्रेन में करते थे सफर।

नई दुनिया : शार्दुल ठाकुर (Shardul Thakur) अब भारतीय क्रिकेट टीम का जाना पहचाना चेहरा बन चुके हैं। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उन्होंने जो ऑलराउंड प्रदर्शन किया है वो सदियों तक क्रिकेट फैंस के जेहन में ताजा रहेगा, लेकिन ये कामयाबी इतनी आसानी से नहीं मिली है। शार्दुल को इसके लिए काफी संघर्ष करना पड़ा है।

टी-20 इंटरनेशल डेब्यू।
शार्दुल ठाकुर (Shardul Thakur) ने अपने टी-20 इंटरनेशनल करियर की शुरुआत 21 फरवरी 2018 को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ की थी। सेंचुरियन (Centurion) के सुपरस्पोर्ट पार्क में खेले गए इस मैच में शार्दुल ने 4 ओवर में 31 रन देकर 1 विकेट लिए थे।भारत को इस मैच 6 विकेट से हार मिली थी।

भारत लौटने पर मुंबई लोकल का सफर।
दक्षिण अफ्रीका (South Africa) से भारत लौटने के बाद शार्दुल ठाकुर (Shardul Thakur) ने अंधेरी स्टेशन से मुंबई लोकल (Mumbai Local) ट्रेन पकड़ी, क्योंकि वो अपने घर जल्दी पहुंचना चाहते थे। जो मुसाफिर उन्हें ट्रेन में देख रहे थे, वो पहचानने की कोशिश कर रहे थे कि ये शार्दुल हैं या नहीं।

युवाओं ने शार्दुल को पहचान लिया था।
लोकल ट्रेन में मौजूद कुछ कॉलेज स्टूडेंट्स ने शार्दुल ठाकुर (Shardul Thakur) की फोटो गूगल पर सर्च की और कंफर्म करने के बाद उन्होंने सेल्फी की गुजारिश की। शार्दुल ने कहा कि पालघर (Palghar) स्टेशन पर पहुंचने के बाद वो सेल्फी खिंचाएंगे। हर कोई इस बात से हैरान था कि टीम इंडिया का क्रिकेटर लोकल ट्रेन में सफर कर रहा है।

किसानों के माशिहा Rakesh Tikait इतने करोड़ के हैं मालिक।

नई दुनिया: दिल्ली में किसानों का आंदोलन अब नाजुक मोड़ पर पहुंच गया है। कुछ किसान संगठनों ने अपने आपको इस आंदोलन से अलग भी कर लिया है। 26 जनवरी 2021 को दिल्ली में हुई हिंसा के बाद किसान नेताओं के सुर भी बदले गए हैं। लेकिन किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) आंदोलन खत्म करने के लिए तैयार नहीं हैंं। उन्होंने यहां तक कह दिया कि अगर आंदोलन खत्म हुआ तो मैं आत्महत्या कर लूंगा। लेकिन क्या आप किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) के बारे में जानते हैै। वो कभी दिल्ली पुलिस में सब-इंस्पेक्टर थे और आज करोड़ों रुपये की संपत्ति के मालिक हैंं। राकेश टिकैत दो बार चुनाव भी लड़ चुके हैं। हालांकि उन्हें दोनों बार जीत नहीं मिली। किसानों की राजनीति तो राकेश टिकैत को विरासत में मिली है। उनके दिवंगत पिता महेंद्र सिंह टिकैत (Mahendra Singh Tikait) भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष थे।


राकेश टिकैत कौन हैं?
राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) का जन्म 4 जून 1969 को उत्तर प्रदेश में मुजफ्फरनगर जिले के सिसौली गांव में हुआ था। राकेश टिकैत ने मेरठ यूनिवर्सिटी से एम. ए. की पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने एलएलबी की और वकील बन गए। राकेश टिकैत 1992 में दिल्ली में सब-इंस्पेक्टर के पद पर तैनात थे, उस दौरान 1993-1994 में दिल्ली में महेंद्र सिंह टिकैत के नेतृत्व में किसान आंदोलन चल रहा था।

इस कारण से छोड़ी पुलिस की नौकरी।
चूंकि महेंद्र सिंह टिकैत राकेश टिकैत के पिता थे, इसलिए सरकार ने किसान आंदोलन (Farmers Protest) खत्म करवाने के लिए उन पर दबाव डाला कि वो अपने पिता को मनाएं। फिर राकेश टिकैत ने अपना पद छोड़ दिया और किसानों के साथ खड़े हो गए।

राकेश टिकैत की संपत्ति।
साल 2014 के लोक सभा चुनाव में राकेश टिकैत द्वारा दिए गए शपथपत्र के अनुसार, उनकी संपत्ति की कीमत 4,25,18,038 रुपये थी। इसके अलावा राकेश टिकैत के शपथपत्र के मुताबिक, उस समय उनके पास 10 लाख रुपये कैश था।

दो बार चुनाव लड़ चुके हैं राकेश टिकैत।
राकेश टिकैत ने पहली बार साल 2007 में मुजफ्फरनगर की खतौली विधान सभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा था, जिसमें उनकी हार हो गई थी। इसके बाद राकेश टिकैत ने साल 2014 में अमरोहा जिले से राष्ट्रीय लोक दल के टिकट पर लोक सभा चुनाव लड़ा था। लेकिन वो चुनाव नहीं जीत पाए।

राकेश टिकैत का परिवार।
राकेश टिकैत के बड़े भाई नरेश टिकैत भारतीय किसान यूनियन (BKU) के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। राकेश टिकैत खुद भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता हैं। राकेश टिकैत के छोटे भाई सुरेंद्र टिकैत मेरठ की एक शुगर मिल में मैनेजर हैं। वहीं सबसे छोटे भाई नरेंद्र टिकैत खेती करते हैं।

मैं तो इंसानियत से मजबूर था तुम्हे बीच मे नही डुबोया" मगर तुमने मुझे क्यों काट लिया!

नदी में बाढ़ आती है छोटे से टापू में पानी भर जाता है वहां रहने वाला सीधा साधा1चूहा कछुवे  से कहता है मित्र  "क्या तुम मुझे नदी पार करा ...