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Monday, February 1, 2021

जाने "शिव को महादेव बोलने के पीछे क्या कारण है"।

भगवान भोलेनाथ को कई नामों से जाना जाता है जैसे शिव, शंकर, भोलेनाथ, नीलकंठ, कैलाशपति, दीनानाथ आदि। उनको कई उपाधियाँ और नामों से संबोधित किया जाता है और हर नाम के पीछे कोई ना कोई कहानी और चमत्कार है। इन्ही नामों में से एक है।

महादेव।
हिन्दू धर्म में शास्त्रों के अनुसार केवल शिवजी को ही महादेव नाम से पुकारा जाता है। अन्य किसी देवता को इस नाम की संज्ञा नहीं दी गई है।

शिवजी को महादेव क्यों कहा जाता है?
इसका जवाब शिव पुराण में मिलता है। कहा जाता है कि शिव ही आदि और अनंत है। इस सृष्टि के निर्माण से पहले भी शिव जी है और इस सृष्टि के ख़त्म हो जाने के बाद भी वे ही रहेंगे। इसका मतलब यही है कि इस सृष्टि पर जो भी है वो शिव ही है। हिन्दू धर्म के अनुसार त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु और महेश यह तीन मुख्य देवता है। और यह त्रिदेव एक ही माने जाते है।

वेद-पुराण के अनुसार शिवजी से ही भगवान विष्णु की उत्पत्ति हुई है, और भगवान विष्णु की नाभि से ब्रह्मा जी उत्पन्न हुए है। तत्पश्चात भगवान शिव की आज्ञानुसार ही ब्रह्मा जी ने इस सम्पूर्ण सृष्टि का निर्माण किया है और भगवान विष्णु इस ब्रह्मांड का पालन पोषण करते आए है। कहा जाता है कि इन त्रिदेव मे से महेश अर्थात शिव ही कलयुग के बाद इस सृष्टि का संहार करेंगे, ऐसा वेद और पुराणों में उल्लेखित है। अतः शिव जी ही महाशक्तिशाली है और संपूर्ण ब्रह्मांड उन्ही के इशारे मात्र से चल रहा है। इसलिए भोलेनाथ को महादेव कहा जाता है।

गणतंत्र दिवस परेडः उत्तर प्रदेश ने जीता सर्वश्रेष्ठ झांकी का पुरस्कार।

नई दुनिया: इस साल गणतंत्र दिवस परेड में हिस्सा लेने वाली उत्तर प्रदेश की झांकी ने सर्वश्रेष्ठ झांकी का पुरस्कार जीता है। केंद्रीय मंत्री किरण रिजीजू ने बृहस्पतिवार को उसे पुरस्कार दिया। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इस साल की परेड में कुल 32 झांकियों ने हिस्सा लिया था जिनमें 17 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों की थी जबकि नौ केंद्रीय मंत्रालयों, विभागों और अर्द्धसैनिक बलों एवं छह रक्षा मंत्रालय की थीं।

उत्तर प्रदेश की झांकी का विषय ' अयोध्याः उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत' पर थी। इसमें प्राचीन पवित्र नगर अयोध्या की सांस्कृतिक विरासत, राम मंदिर का प्रतिचित्र और रामायण की विभिन्न कहानियों का प्रदर्शन किया गया।
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "त्रिपुरा की झांकी दूसरी सर्वश्रेष्ठ झांकी रही। इसने सामाजिक-आर्थिक मापदंडों में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए पर्यावरण अनुकूल परंपरा को बढ़ावा दिया गया है"।
बयान में बताया गया है कि उत्तराखंड की झांकी तीसरे स्थान पर रही।

इसका विषय 'देव भूमि--देवताओं की भूमि' थी। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) की झांकी को विशेष पुरस्कार दिया गया है। यह झांकी 'अमर जवान' की थीम पर थी और इसमें सशस्त्र बलों के शहीद नायकों को श्रद्धांजलि दी गई है। बयान में बताया गया है कि रिजीजू ने सर्वश्रेष्ठ सांस्कृतिक प्रस्तुति का पुरस्कार माउंट आबू पब्लिक स्कूल और दिल्ली के रोहिणी के विद्या भारती स्कूल को दिया है।

Sunday, January 31, 2021

Farmers Protest: हरियाणा अंबाला, कुरूक्षेत्र, करनाल, पानीपत आदि 14 जिलों में इंटरनेट पर बैन बढ़ा।

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार (Haryana Government) ने रविवार को 14 जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद करने की अवधि बढ़ाकर एक फरवरी शाम पांच बजे तक कर दी ताकि तीनों कृषि कानूनों (Farm Laws) के विरोध में किसानों के प्रदर्शन (Farmers Protest) को देखते हुए ‘किसी भी तरह से शांति एवं कानून-व्यवस्था बाधित’ न हो सके।

सरकार ने यहां एक बयान जारी कर अंबाला, कुरूक्षेत्र, करनाल, कैथल, पानीपत, हिसार, जींद, रोहतक, भिवानी, सिरसा, फतेहाबाद, चरखी दादरी, सोनीपत और झज्जर जिलों में एक फरवरी शाम पांच बजे तक मोबाइल इंटरनेट बंद रखने के निर्देश दिए। गृह विभाग की तरफ से जारी नए आदेश में यमुनानगर, पलवल, रेवाड़ी जिलों में इंटरनेट बंद करने की अवधि नहीं बढ़ाई गई है। यहां पहले मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद थीं।

बयान में कहा गया है, ‘हरियाणा सरकार ने 14 जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं (टूजी, थ्रीजी, 4जी, सीडीएमए, जीपीआरएस), एसएमएस सेवाएं (केवल काफी संख्या में भेजे जाने वाले एसएमएस) और सभी डोंगल सेवाएं आदि स्थगित कर दी हैं’।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में 26 जनवरी को हुई हिंसक घटनाओं के बाद यह निर्णय लिया गया है। अंबाला में संवाददाताओं से बात करते हुए खट्टर ने कहा कि ऐसी स्थिति में अस्थायी समयावधि के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद करना उपयुक्त हैं और चीजें सामान्य होते ही इन्हें बहाल कर दिया जाएगा।

T Natarajan ने किए नटराज मंदिर, चिदंबरम के दर्शन, अपने बालों का किया दान।

नई दिल्ली: ऑस्ट्रेलिया टूर (Australia Tour) पर वनडे, टी-20 और टेस्ट में डेब्यू करने के बाद टीम इंडिया के तेज गेंदबाज टी नटराजन(T Natarajan) पूरे भारत में मशहूर हो चुके हैं। उन्हें खुद इतनी कामयाबी की उम्मीद नहीं थी। वो मानते हैं कि भगवान के आशीर्वाद से ही ये मुकाम हासिल हो पाया है।


ईश्वर का शुक्रिया
भारत लौटने पर टी नटराजन (T Natarajan) का जोरदार स्वागत किया गया। इस सम्मान को पाकर वो काफी खुश नजर आए। भगवान का शुक्रिया अदा करने के लिए वो मंदिर की चौखट पहुंचे। इसकी तस्वीर उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया है।

नए लुक में नजर आए।
टी नटराजन (T Natarajan) अब नए लुक में नजर आ रहे है, क्योंकि मंदिर के दर्शन के दौरान उन्होंने अपना सिर मुंडवा लिया है। धार्मिक प्रकिया के तहत उन्होंने अपने बालों का दान किया है। 'यार्कर किंग' मानते हैं कि टीम इंडिया खेलना उनके लिए खुशकिस्मती है।

ऑस्ट्रेलिया में किया कमाल।
टी नटराजन (T Natarajan) भारत के पहले खिलाड़ी बने जिन्होंने एक ही टूर पर तीनों फॉर्मेट में डेब्यू किया। ब्रिसबेन (Brisbane) के गाबा मैदान (Gabba) में खेले गए टेस्ट में उन्होंने 3 विकेट लेकर हर हिंदुस्तानी का दिल जीत लिया।

काशी की धरती पर बना Smart Helmet, अब वंदे मातरम के साथ भारतीय सैनिक करेंगे दुश्मन का सफाया।

नई दुनिया. क्या आपके कभी सपने में भी सोचा है कि हेलमेट (Helmet) से गोलियां दागी जा सकेंगी? कभी सोचा है कि हेलमेट दुश्मनों की घुसपैठ के नापाक मंसूबों को मिट्टी में मिला देगा?  जी हां यह सब एक हेलमेट कर सकता है। अब भारतीय सैनिकों (Indian Soldiers) के हेलमेट से भी दुश्मन कांपते नजर आएंगे।


हेलमेट से दुश्मनों पर दागी जा सकेंगी गोलियां।
दरअसल, वाराणसी (Varanasi) के वैज्ञानिक श्याम चौरसिया (Shyam Chaurasia) ने एक बार फिर से अपने अविष्कार से सभी को हैरान कर दिया है। श्याम चौरसियां ने भारतीय जवानों की सुरक्षा के लिए एक खास तरह का हेलमेट तैयार किया है। इस हेलमेट की खासियत यह है कि घुसपैठिए के सीमा (Border) में दाखिल होते ही यह जवानों को अलर्ट कर देगा. इसके अलावा इस हेलमेट से दुश्मनों पर गोलियां भी दागी जा सकेंगी। इस हेलमेट को स्मार्ट डिफेंस हेलमेट (Smart Defence Helmet) नाम दिया गया है।

पीएम मोदी की तस्वीर देखते ही हेलमेट बोलेगा वंदे मातरम।
इस स्मार्ट हेलमेट (Smart Helmet) की एक और खासियत जानकर तो आप दंग ही रह जाएंगे. यह स्मार्ट हेलमेट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की तस्वीर देखते ही वंदे मातरम भी बोलने लगेगा। यह स्मार्ट हेलमेट बिजली के अलावा सोलर पावर (Solar Power) से भी चलता है।

फायरिंग के लिए हेलमेट में हैं रिमोट ट्रिगर- श्याम चौरसिया।
हेलमेट (Helmet) को बनाने वाले श्याम चौरसिया ने बताया कि उन्हें यह स्मार्ट हेलमेट (Smart Helmet) बनाने में दो महीने लगे। उन्होंने आगे कहा कि कई बार घुसपैठियों देश की सीमा में घुसने की कोशिश करते हैं। घुसपैठियों के बॉर्डर (Border) में घुसते ही यह हेलमेट सैनिकों को अलर्ट (Alert) कर देगा। साथ ही इस स्मार्ट हेलमेट में रिमोट ट्रिगर भी दिया गया है, जिससे जरूरत पड़ने पर फायरिंग की जा सकती है। श्याम चौरसिया ने बताया कि उनका ये स्मार्ट हेलमेट सीमाओं पर तैनात जवानों को दूसरी सीमाओं प्रवेश से पहले ही ऑडियो मैसेज के जरिए अलर्ट कर देगा। जिससे हमारे जवान गलती से दूसरे देश की सीमा में न जा सकें।

श्याम पहले बना चुके हैं स्मार्ट जूते।
बता दें कि इससे पहले श्याम चौरसिया ने स्मार्ट जूते (Smart Shoes) बनाए थे। जिनसे जरूरत पड़ने पर दुश्मनों पर गोलियां चलाई जा सकती हैं। साथ ही जूते में ऐसे सेंसर भी लगाए गए हैं, जिनसे दुश्मनों की आहट पहले ही मिल जाती है।

इंतजार खत्म! अब 100% कैपिसिटी के संग खुलेंगे सिनेमा हॉल।

नई दुनिया: बीते साल कोविड 19 (Covid 19)  महामारी के कारण सिनेमाघरों को बंद कर दिया गया था। जिसके बाद से अब तक सिनेमाघरों में 100 प्रतिशत की क्षमता के साथ दर्शकों को बैठाने की अनुमति नहीं थीं। लेकिन अब केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 1 फरवरी से सिनेमा हॉल को 100% बैठने की क्षमता से संचालित करने की अनुमति दी है। अपनी नई गाइडलाइन में सरकार ने सिनेमा हॉल को 100% कैपिसिटी के साथ संचालित करने की अनुमति दी थी। अब इस संबंध में सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने सिनेमा हॉल और सिनेमाघरों के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी किया हैै।


नई गाइडलाइन में हैं ये बातें।
Zee News इंग्लिश की खबर के अनुसार चूंकि सिनेमाघरों में कोविड 19 (Covid 19) संक्रमण फैलने का खतरा होता है, इसलिए बीमारी को फैलने से रोकने के लिए सिनेमा हॉल ने कुछ अन्य उपाय भी किए हैं। मास्क पहनने और तापमान की जांच के अनिवार्य होने के अलावा, सिनेमाघरों में अलग सीट, कंपित शो टाइमिंग बुकिंग, अनिवार्य सामाजिक गड़बड़ी और डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहित किया जाएगा।

1 फरवरी से सिनेमा हॉल में सामान्य दिशानिर्देश दिए गए हैं।
1. सभागार, आम क्षेत्रों और हर समय प्रतीक्षा क्षेत्रों के बाहर कम से कम 6 फीट की दूरी का पालन करना।
2. हर समय अनिवार्य किए जाने वाले फेस कवर / मास्क का उपयोग।
3. प्रवेश और निकास के पॉइंट्स के साथ-साथ परिसर के भीतर सामान्य क्षेत्रों में, हाथ साथ करने की उपलब्धता, अधिमानतः स्पर्श-मुक्त मोड मेंं।
4. कोविड को लेकर शिष्टाचार का सख्ती से पालन किया जाए। इसमें एक रूमाल / फ्लेक्स कोहनी के साथ खांसी / छींकने और उपयोग किए गए मास्क को ठीक से डिस्पोज और फिल्म के दौरान मुंह और नाक को ढंकने का सख्त अभ्यास शामिल है।
5. सभी द्वारा स्वास्थ्य की सेल्फ सेफ्टी करना और किसी भी बीमार व्यक्ति के मिलने पर जल्द से जल्द राज्य और जिला हेल्पलाइन पर रिपोर्ट करना।
6. थूकना सख्त मना हैै।
7. आरोग्य सेतु ऐप की स्थापना और उपयोग सभी को सलाह दी जाएगी।

अक्टूबर 2020 में खुले थे सिनेमाघर।
मार्च 2020 में सिनेमाघरों के बंद होने के बाद से संघर्ष कर रहे थिएटर मालिकों को इस खबर ने खुश कर दिया है। हालांकि अक्टूबर 2020 में, केंद्र ने सिनेमा हॉल को 50% बैठने की क्षमता में संचालित करने की अनुमति दी थी।

जब तक सीखते रहेंगे तब तक सफलता मिलती रहेगी।

एक समय की बात है दो दोस्तों ने गांव से बाहर जाकर व्यापार करने की योजना बनाई। दोस्तों ने तय किया कि दोनों अलग-अलग दिशाओं में जाएंगे तो व्यापार करेंगे। कुछ महीनों के बाद दोनों को वापस अपने गांव लौटेंगे और एक-दूसरे का अनुभव बताएंगे। योजना के अनुसार दोनों दोस्त अलग-अलग दिशाओं में निकल गए। शुरुआती दिनों से ही दोनों दोस्तों का व्यापार अच्छा चलने लगा। एक दोस्त अपनी सफलता की वजह अहंकारी हो गया। उसे लगने लगा कि अब वह जल्दी ही बहुत पैसा कमा लेगा। व्यापार बढ़ रहा था तो वह बेफिक्र हो गया, लापरवाही होने लगी। जब व्यापार में मंदी का दौर आया तो उसे बहुत नुकसान हो गया।

इतना नुकसान हुआ कि उसकी लगभग पूरी पूंजी ही खत्म हो गई। बर्बाद हुए व्यक्ति ने सोचा कि मुझे मेरे मित्र के पास जाना चाहिए, मंदी के दौर में वह क्या कर रहा है, ये जानने के लिए वह अपने दोस्त के पास पहुंच गया। उसने देखा कि मंदी के समय में भी उसका मित्र लाभ कमा रहा है। ये उसे समझ नहीं आया। उसने अपने दोस्त से इसकी वजह पूछी।

लाभ में चल रहे मित्र ने कहा कि मैं लगातार मेहनत कर रहा हूं। मैंने व्यापार में नई-नई चीजें सीखना जारी रखा। सोच-समझकर योजनाएं बना रहा हूं। मैंने इस दौरान छोटी सी लापरवाही नहीं की है। असफलता से सीख लेकर आगे बढ़ता हूं और दोबारा वैसी कोई गलती नहीं करता, जिससे हानि होने की संभावना बनती है। इसी वजह से मंदी के दौर में भी मैं अपना व्यापार अच्छी तरह चला पा रहा हूं।

पहले दोस्त को समझ आ गया कि उसने व्यापार में सीखना बंद कर दिया था। अहंकार की वजह से वह लापरवाह हो गया और गलतियों से सीख नहीं ली। इसी वजह से व्यापार में हानि हो गई। उसने मित्र से प्रेरणा लेकर दोबारा नए सिरे व्यापार शुरू किया और कड़ी मेहनत से उसका व्यापार फिर से चल पड़ा।

मैं तो इंसानियत से मजबूर था तुम्हे बीच मे नही डुबोया" मगर तुमने मुझे क्यों काट लिया!

नदी में बाढ़ आती है छोटे से टापू में पानी भर जाता है वहां रहने वाला सीधा साधा1चूहा कछुवे  से कहता है मित्र  "क्या तुम मुझे नदी पार करा ...