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Monday, February 1, 2021

Delhi Police को मिला नया हथियार, अब दंगाइयों कि खैर नहीं।

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने दंगाइयों का सामना करने के लिए अब खास हथियार आ गया है। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक विभाग ने विशेष ऑर्डर जारी करते हुए स्टील की लाठियां (Steel Lathi) बनवाई हैं। जो तलवार से हमला करने वाले दंगाइयों से निपटने में कारगर साबित होगी। अभी फिलहाल ऐसी स्टील की सिर्फ 50 लाठियां डिलीवर हुई हैं। लेकिन जरूरत पड़ने पर इनकी संख्या बढ़ाई जा सकती है। गौरतलब है कि लाल किला हिंसा के दौरान 26 जनवरी को एसएचओ पीसी यादव पर जब तलवार से हमला हुआ था तब ये लाठी होती तो शायद उन्हें इतनी चोट नहीं आती।


26 जनवरी को महसूस हुई थी जरूरत।
दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि दिल्ली की सीमा पर बैठे प्रदर्शनकारियों जब 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड (Tractor Parade) निकाल रहे थे तब सैकड़ों दंगाइयों ने पहले से तय ट्रैक्टर मार्च के रूट को तोड़ते हुए दिल्ली की सीमा के भीतर आकर राजधानी को बंधक बनाने की कोशिश की थी। गणतंत्र दिवस पर लोकतंत्र को शर्मसार करने वाली उस हिंसा के दौरान बलवा करने वाले दंगाइयों ने लाल क़िले की प्राचीर पर धार्मिक झंडा फहरा दिया था। उसी दिन कई जगह लोगों ने तलवार लहरा कर पुलिस वालों पर हमला करने की कोशिश की। पुलिस पर तलवार से हमला हुआ तो लकड़ी की लाठियां काम नहीं आईं ऐसे में नई स्टील की लाठी न सिर्फ तलवार का वार रोकेगी बल्कि दंगाइयों को सही से सबक भी सिखाएगी।
घायल पुलिसकर्मियों को नहीं मिली अस्पताल से छुट्टी।
दिल्ली (Delhi) में जबरन दाखिल होने वाले दंगाइयों के हाथों में तलवार, फरसा, लोहे की रॉड जैसे कई हथियार थे। जब पुलिसकर्मियों ने इन्हें रोका तो उन पर ऐसे ही धारदार हथियारों से हमला किया गया। दंगाइयों ने पुलिस पर पथराव भी किया था। उस हिंसा में करीब 384 पुलिसकर्मी घायल हुए थे। सबसे ज्यादा पुलिसकर्मी लाल किले में हुई वारदात में घायल हुए। वहां ऑन ड्यूटी मौजूद एसएचओ पीसी यादव पर भी तलवार से हमला हुआ था। कई पुलिसकर्मी अभी तक अस्पताल में भर्ती हैं।
उत्तर पूर्वी और पूर्वी जिला पुलिस को मिली खेप।
पुलिस अधिकारी ने बताया ऐसे दंगाइयों से निपटने के लिए ही स्टील की लाठी बनवाई गई है। ऐसी करीब 30 लाठियां उत्तर पूर्वी दिल्ली की शाहदरा (Shahdara) पुलिस को दी गई हैं। वहीं 20 लाठियां पूर्वी जिला पुलिस को भेजी गई हैं। हालांकि इनका इस्तेमाल तब किया जाएगा जब हालात नियंत्रण से बाहर हो रहे हों और दंगाइयों के पास तलवार जैसे घातक हथियार हों। इस दौरान 29 जनवरी को भी सिंघु बॉर्डर पर एसएचओ अलीपुर प्रदीप पालीवाल पर भी तलवार से हमला किया था। उस दौरान अगर ऐसी स्टील की लाठियां होती तो तलवार वाले दंगाइयों पर आसानी से काबू पाया जा सकता था।

"भगवान शिव को क्यों नहीं चढ़ाते शंख से जल"।


शिवपुराण के अनुसार शंखचूड नाम का महापराक्रमी दैत्य हुआ। शंखचूड दैत्यराम दंभ का पुत्र था। दैत्यराज दंभ को जब बहुत समय तक कोई संतान उत्पन्न नहीं हुई तब उसने भगवान विष्णु के लिए कठिन तपस्या की। तप से प्रसन्न होकर विष्णु प्रकट हुए। विष्णुजी ने वर मांगने के लिए कहा तब दंभ ने तीनों लोको के लिए अजेय एक महापराक्रमी पुत्र का वर मांगा। 

श्रीहरि तथास्तु बोलकर अंतर्ध्यान हो गए। तब दंभ के यहां एक पुत्र का जन्म हुआ जिसका नाम शंखचूड़ पड़ा। शंखचुड ने पुष्कर में ब्रह्माजी के निमित्त घोर तपस्या की और उन्हें प्रसन्न कर लिया। ब्रह्मा ने वर मांगने के लिए कहा तब शंखचूड़ ने वर मांगा कि वो देवताओं के लिए अजेय हो जाए। ब्रह्माजी ने तथास्तु बोला और उसे श्रीकृष्ण कवच दिया। साथ ही ब्रह्मा ने शंखचूड़ को धर्मध्वज की कन्या तुलसी से विवाह करने की आज्ञा दी। फिर वे अंतध्र्यान हो गए। ब्रह्मा की आज्ञा से तुलसी और शंखचूड का विवाह हो गया। ब्रह्मा और विष्णु के वरदान के मद में चूर दैत्यराज शंखचूड़ ने तीनों लोकों पर स्वामित्व स्थापित कर लिया। देवताओं ने त्रस्त होकर विष्णु से मदद मांगी परंतु उन्होंने खुद दंभ को ऐसे पुत्र का वरदान दिया था अत: उन्होंने शिव से प्रार्थना की। 

तब शिव ने देवताओं के दुख दूर करने का निश्चय किया और वे चल दिए। परंतु श्रीकृष्ण कवच और तुलसी के पतिव्रत धर्म की वजह से शिवजी भी उसका वध करने में सफल नहीं हो पा रहे थे तब विष्णु ने ब्राह्मण रूप बनाकर दैत्यराज से उसका श्रीकृष्णकवच दान में ले लिया। इसके बाद शंखचूड़ का रूप धारण कर तुलसी के शील का हरण कर लिया। 

अब शिव ने शंखचूड़ को अपने त्रिशुल से भस्म कर दिया और उसकी हड्डियों से शंख का जन्म हुआ। चूंकि शंखचूड़ विष्णु भक्त था अत: लक्ष्मी-विष्णु को शंख का जल अति प्रिय है और सभी देवताओं को शंख से जल चढ़ाने का विधान है। परंतु शिव ने चूंकि उसका वध किया था अत: शंख का जल शिव को निषेध बताया गया है। इसी वजह से शिवजी को शंख से जल नहीं चढ़ाया जाता है।

जाने "शिव को महादेव बोलने के पीछे क्या कारण है"।

भगवान भोलेनाथ को कई नामों से जाना जाता है जैसे शिव, शंकर, भोलेनाथ, नीलकंठ, कैलाशपति, दीनानाथ आदि। उनको कई उपाधियाँ और नामों से संबोधित किया जाता है और हर नाम के पीछे कोई ना कोई कहानी और चमत्कार है। इन्ही नामों में से एक है।

महादेव।
हिन्दू धर्म में शास्त्रों के अनुसार केवल शिवजी को ही महादेव नाम से पुकारा जाता है। अन्य किसी देवता को इस नाम की संज्ञा नहीं दी गई है।

शिवजी को महादेव क्यों कहा जाता है?
इसका जवाब शिव पुराण में मिलता है। कहा जाता है कि शिव ही आदि और अनंत है। इस सृष्टि के निर्माण से पहले भी शिव जी है और इस सृष्टि के ख़त्म हो जाने के बाद भी वे ही रहेंगे। इसका मतलब यही है कि इस सृष्टि पर जो भी है वो शिव ही है। हिन्दू धर्म के अनुसार त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु और महेश यह तीन मुख्य देवता है। और यह त्रिदेव एक ही माने जाते है।

वेद-पुराण के अनुसार शिवजी से ही भगवान विष्णु की उत्पत्ति हुई है, और भगवान विष्णु की नाभि से ब्रह्मा जी उत्पन्न हुए है। तत्पश्चात भगवान शिव की आज्ञानुसार ही ब्रह्मा जी ने इस सम्पूर्ण सृष्टि का निर्माण किया है और भगवान विष्णु इस ब्रह्मांड का पालन पोषण करते आए है। कहा जाता है कि इन त्रिदेव मे से महेश अर्थात शिव ही कलयुग के बाद इस सृष्टि का संहार करेंगे, ऐसा वेद और पुराणों में उल्लेखित है। अतः शिव जी ही महाशक्तिशाली है और संपूर्ण ब्रह्मांड उन्ही के इशारे मात्र से चल रहा है। इसलिए भोलेनाथ को महादेव कहा जाता है।

गणतंत्र दिवस परेडः उत्तर प्रदेश ने जीता सर्वश्रेष्ठ झांकी का पुरस्कार।

नई दुनिया: इस साल गणतंत्र दिवस परेड में हिस्सा लेने वाली उत्तर प्रदेश की झांकी ने सर्वश्रेष्ठ झांकी का पुरस्कार जीता है। केंद्रीय मंत्री किरण रिजीजू ने बृहस्पतिवार को उसे पुरस्कार दिया। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इस साल की परेड में कुल 32 झांकियों ने हिस्सा लिया था जिनमें 17 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों की थी जबकि नौ केंद्रीय मंत्रालयों, विभागों और अर्द्धसैनिक बलों एवं छह रक्षा मंत्रालय की थीं।

उत्तर प्रदेश की झांकी का विषय ' अयोध्याः उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत' पर थी। इसमें प्राचीन पवित्र नगर अयोध्या की सांस्कृतिक विरासत, राम मंदिर का प्रतिचित्र और रामायण की विभिन्न कहानियों का प्रदर्शन किया गया।
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "त्रिपुरा की झांकी दूसरी सर्वश्रेष्ठ झांकी रही। इसने सामाजिक-आर्थिक मापदंडों में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए पर्यावरण अनुकूल परंपरा को बढ़ावा दिया गया है"।
बयान में बताया गया है कि उत्तराखंड की झांकी तीसरे स्थान पर रही।

इसका विषय 'देव भूमि--देवताओं की भूमि' थी। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) की झांकी को विशेष पुरस्कार दिया गया है। यह झांकी 'अमर जवान' की थीम पर थी और इसमें सशस्त्र बलों के शहीद नायकों को श्रद्धांजलि दी गई है। बयान में बताया गया है कि रिजीजू ने सर्वश्रेष्ठ सांस्कृतिक प्रस्तुति का पुरस्कार माउंट आबू पब्लिक स्कूल और दिल्ली के रोहिणी के विद्या भारती स्कूल को दिया है।

Sunday, January 31, 2021

Farmers Protest: हरियाणा अंबाला, कुरूक्षेत्र, करनाल, पानीपत आदि 14 जिलों में इंटरनेट पर बैन बढ़ा।

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार (Haryana Government) ने रविवार को 14 जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद करने की अवधि बढ़ाकर एक फरवरी शाम पांच बजे तक कर दी ताकि तीनों कृषि कानूनों (Farm Laws) के विरोध में किसानों के प्रदर्शन (Farmers Protest) को देखते हुए ‘किसी भी तरह से शांति एवं कानून-व्यवस्था बाधित’ न हो सके।

सरकार ने यहां एक बयान जारी कर अंबाला, कुरूक्षेत्र, करनाल, कैथल, पानीपत, हिसार, जींद, रोहतक, भिवानी, सिरसा, फतेहाबाद, चरखी दादरी, सोनीपत और झज्जर जिलों में एक फरवरी शाम पांच बजे तक मोबाइल इंटरनेट बंद रखने के निर्देश दिए। गृह विभाग की तरफ से जारी नए आदेश में यमुनानगर, पलवल, रेवाड़ी जिलों में इंटरनेट बंद करने की अवधि नहीं बढ़ाई गई है। यहां पहले मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद थीं।

बयान में कहा गया है, ‘हरियाणा सरकार ने 14 जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं (टूजी, थ्रीजी, 4जी, सीडीएमए, जीपीआरएस), एसएमएस सेवाएं (केवल काफी संख्या में भेजे जाने वाले एसएमएस) और सभी डोंगल सेवाएं आदि स्थगित कर दी हैं’।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में 26 जनवरी को हुई हिंसक घटनाओं के बाद यह निर्णय लिया गया है। अंबाला में संवाददाताओं से बात करते हुए खट्टर ने कहा कि ऐसी स्थिति में अस्थायी समयावधि के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद करना उपयुक्त हैं और चीजें सामान्य होते ही इन्हें बहाल कर दिया जाएगा।

T Natarajan ने किए नटराज मंदिर, चिदंबरम के दर्शन, अपने बालों का किया दान।

नई दिल्ली: ऑस्ट्रेलिया टूर (Australia Tour) पर वनडे, टी-20 और टेस्ट में डेब्यू करने के बाद टीम इंडिया के तेज गेंदबाज टी नटराजन(T Natarajan) पूरे भारत में मशहूर हो चुके हैं। उन्हें खुद इतनी कामयाबी की उम्मीद नहीं थी। वो मानते हैं कि भगवान के आशीर्वाद से ही ये मुकाम हासिल हो पाया है।


ईश्वर का शुक्रिया
भारत लौटने पर टी नटराजन (T Natarajan) का जोरदार स्वागत किया गया। इस सम्मान को पाकर वो काफी खुश नजर आए। भगवान का शुक्रिया अदा करने के लिए वो मंदिर की चौखट पहुंचे। इसकी तस्वीर उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया है।

नए लुक में नजर आए।
टी नटराजन (T Natarajan) अब नए लुक में नजर आ रहे है, क्योंकि मंदिर के दर्शन के दौरान उन्होंने अपना सिर मुंडवा लिया है। धार्मिक प्रकिया के तहत उन्होंने अपने बालों का दान किया है। 'यार्कर किंग' मानते हैं कि टीम इंडिया खेलना उनके लिए खुशकिस्मती है।

ऑस्ट्रेलिया में किया कमाल।
टी नटराजन (T Natarajan) भारत के पहले खिलाड़ी बने जिन्होंने एक ही टूर पर तीनों फॉर्मेट में डेब्यू किया। ब्रिसबेन (Brisbane) के गाबा मैदान (Gabba) में खेले गए टेस्ट में उन्होंने 3 विकेट लेकर हर हिंदुस्तानी का दिल जीत लिया।

काशी की धरती पर बना Smart Helmet, अब वंदे मातरम के साथ भारतीय सैनिक करेंगे दुश्मन का सफाया।

नई दुनिया. क्या आपके कभी सपने में भी सोचा है कि हेलमेट (Helmet) से गोलियां दागी जा सकेंगी? कभी सोचा है कि हेलमेट दुश्मनों की घुसपैठ के नापाक मंसूबों को मिट्टी में मिला देगा?  जी हां यह सब एक हेलमेट कर सकता है। अब भारतीय सैनिकों (Indian Soldiers) के हेलमेट से भी दुश्मन कांपते नजर आएंगे।


हेलमेट से दुश्मनों पर दागी जा सकेंगी गोलियां।
दरअसल, वाराणसी (Varanasi) के वैज्ञानिक श्याम चौरसिया (Shyam Chaurasia) ने एक बार फिर से अपने अविष्कार से सभी को हैरान कर दिया है। श्याम चौरसियां ने भारतीय जवानों की सुरक्षा के लिए एक खास तरह का हेलमेट तैयार किया है। इस हेलमेट की खासियत यह है कि घुसपैठिए के सीमा (Border) में दाखिल होते ही यह जवानों को अलर्ट कर देगा. इसके अलावा इस हेलमेट से दुश्मनों पर गोलियां भी दागी जा सकेंगी। इस हेलमेट को स्मार्ट डिफेंस हेलमेट (Smart Defence Helmet) नाम दिया गया है।

पीएम मोदी की तस्वीर देखते ही हेलमेट बोलेगा वंदे मातरम।
इस स्मार्ट हेलमेट (Smart Helmet) की एक और खासियत जानकर तो आप दंग ही रह जाएंगे. यह स्मार्ट हेलमेट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की तस्वीर देखते ही वंदे मातरम भी बोलने लगेगा। यह स्मार्ट हेलमेट बिजली के अलावा सोलर पावर (Solar Power) से भी चलता है।

फायरिंग के लिए हेलमेट में हैं रिमोट ट्रिगर- श्याम चौरसिया।
हेलमेट (Helmet) को बनाने वाले श्याम चौरसिया ने बताया कि उन्हें यह स्मार्ट हेलमेट (Smart Helmet) बनाने में दो महीने लगे। उन्होंने आगे कहा कि कई बार घुसपैठियों देश की सीमा में घुसने की कोशिश करते हैं। घुसपैठियों के बॉर्डर (Border) में घुसते ही यह हेलमेट सैनिकों को अलर्ट (Alert) कर देगा। साथ ही इस स्मार्ट हेलमेट में रिमोट ट्रिगर भी दिया गया है, जिससे जरूरत पड़ने पर फायरिंग की जा सकती है। श्याम चौरसिया ने बताया कि उनका ये स्मार्ट हेलमेट सीमाओं पर तैनात जवानों को दूसरी सीमाओं प्रवेश से पहले ही ऑडियो मैसेज के जरिए अलर्ट कर देगा। जिससे हमारे जवान गलती से दूसरे देश की सीमा में न जा सकें।

श्याम पहले बना चुके हैं स्मार्ट जूते।
बता दें कि इससे पहले श्याम चौरसिया ने स्मार्ट जूते (Smart Shoes) बनाए थे। जिनसे जरूरत पड़ने पर दुश्मनों पर गोलियां चलाई जा सकती हैं। साथ ही जूते में ऐसे सेंसर भी लगाए गए हैं, जिनसे दुश्मनों की आहट पहले ही मिल जाती है।

मैं तो इंसानियत से मजबूर था तुम्हे बीच मे नही डुबोया" मगर तुमने मुझे क्यों काट लिया!

नदी में बाढ़ आती है छोटे से टापू में पानी भर जाता है वहां रहने वाला सीधा साधा1चूहा कछुवे  से कहता है मित्र  "क्या तुम मुझे नदी पार करा ...