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Thursday, April 29, 2021

Mobile Phone चोरी या गुम होने पर ऐसे बचाएं अपना Whatsapp अकाउंट को, सुरक्षित रहेगा आपका डेटा।

नई दिल्ली: फोन चोरी होने की स्थिति में किसी भी शख्स का सबसे पहला कदम होता है कि किस तरह से वह अपनी जरूरी जानकारियों को बचा सके। कैसे फोन में सेव प्राइवेट चीजों को ब्लॉक करा सके ताकि कोई उनका दुरुपयोग न कर सके। वहीं इस स्थिति में लोगों के सामने बड़ी परेशानी यह आती है कि वह अपने WhatsApp अकाउंट को कैसे बचाएं। साथ ही अगर उसे दोबारा एक्सेस करने की आवश्यकता पड़े तो कैसे एक्सेस करें।
 
अपनाएं ये तरीका।
फोन चोरी होने या खोने की स्थिति में सबसे पहले अपना सिम कार्ड ब्लॉक करएं। इसके लिए आप अपने नेटवर्क प्रोवाइडर के अनुसार कस्टमर केयर पर फोन कर सकते हैं। इसके बाद नई सिम के साथ दोबारा WhatsApp लॉगइन करें। बात दें कि अगर आप अपने सेम नंबर से किसी दूसरे मोबाइल में WhatsApp लॉग इन करेंगे तो पुराने फोन से WhatsApp ऑटोमैटिक लॉग आउट हो जाएगा।

बिना सिम के भी कर सकते हैं डिएक्टिवेट Whatsapp अकाउंट।
बिना सिम कार्ड के भी आप अपना WhatsApp अकाउंट डी-एक्टिवेट कर सकते हैं। इसके लिए आपको WhatsApp को एक ईमेल करना होगा। ईमेल में Lost/Stolen: Please deactivate my account मैसेज के साथ अपना पूरा नंबर अंतरराष्ट्रीय फॉर्मेट में भेजें।
एक बार डी-एक्टिवेट होने के बाद, कांटेक्ट्स अभी भी आपकी प्रोफाइल देख सकते हैं और मैसेज भेज सकते हैं, जो 30 दिनों तक पेंडिंग स्थिति में रहेगा। अगर यूजर हटाए जाने से पहले अकाउंट को फिर से एक्टिवेट करने का प्रबंधन करता है, तो उसे नए फोन पर कोई भी पेंडिंग मैसेज मिल जाएगा और वह अभी भी ग्रुप चैट्स का हिस्सा रह सकता है। अगर यूजर 30 दिनों के भीतर अपने खाते को सक्रिय नहीं करता है, तो इसे पूरी तरह से हटा दिया जाएगा।

वाई-फाई से हो सकता है यूज।
यहां तक ​​कि सिम कार्ड ब्लॉक और फोन सर्विस डिसेबल्ड होने के बावजूद, WhatsApp का इस्तेमाल वाई-फाई पर किया जा सकता है अगर यूजर कंपनी से अकाउंट डी-एक्टिवेट करने के अनुरोध के साथ संपर्क नहीं करता है। अगर यूजर गूगल ड्राइव, आईक्लाउड या वनड्राइव का इस्तेमाल करने से पहले बैकअप लेने में कामयाब रहा, तो वो अपने चैट हिस्ट्री को रिस्टोर करने में सक्षम हो सकता है।

Tuesday, April 27, 2021

कोरोना: Pat Cummins के बाद Brett Lee ने बढ़ाया मदद का हाथ, दान की बड़ी रकम।

नई दिल्ली: भारत में कोरोना वायरस (Corona Virus) की दूसरी लहर से बढ़ते आतंक को देखकर हाल ही में केकेआर के लिए खेलने वाले ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज पैट कमिंस (Pat Cummins) ने भारत को ऑक्सीजन सप्लाई खरीदने के लिए 37 लाख रुपए दान में दिए थे। कमिंस के बाद अब ऑस्ट्रेलिया के ही पूर्व दिग्गज तेज गेंदबाज ब्रेट ली (Brett Lee) ने भी भारत के लिए मदद का हाथ बढ़ाया है।


ली ने भी डोनेट की बड़ी रकम।
पैट कमिंस (Pat Cummins) की दरियादिली के बाद अब ब्रेट ली (Brett Lee) ने भी भारत की कोरोना वायरस से लड़ाई में मदद की है। ली ने फैसला किया है कि वो ऑक्सीजन सप्लाई खरीदने के लिए भारत को 1 बिटकॉइन (1 Bitcoin) दान में देंगे। भारत में एक बिटकॉइन की कीमत लगभग 41 लाख रुपए होती है। ली ने एक ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी है। उस ट्वीट में ली ने कमिंस का भी शुक्रिया अदा किया है।

कही दिल जीतने वाली बात।
ली (Brett Lee) ने इस बीच एक ट्वीट भी किया है जिसमें उन्होंने एक दिल जीतने वाली बात कही है। ली ने अपने ट्वीट में कहा, 'भारत मेरे लिए दूसरे घर जैसा है। मुझे अपने क्रिकेट करियर के दौरान और मेरे संन्यास के बाद यहां के लोगों से जो प्यार मिला उसकी मेरे दिल में एक खास जगह है। इस संकट में लोगों को मरते हुए देखना दर्दनाक है। मैं उनकी मदद करने के लिए थोड़ा योगदान करने का अवसर पाकर खुद को सौभाग्यशाली महसूस कर रहा हूं। मैं www.cyptorelief.in को एक बिटकॉइन दान कर रहा हूं और उनके माध्यम से भारत के विभिन्न अस्पतालों में ऑक्सीजन की आपूर्ति की जाएगी। वेल डन पैट कमिंस’।

कमिंस ने भी की थी मदद।
ली (Brett Lee) से पहले पैट कमिंस (Pat Cummins) ने सोमवार को भारत में कोविड-19 मामलों से भरे अस्पतालों में आक्सीजन की आपूर्ति के लिये ‘पीएम केयर्स फंड’ में 50,000 डॉलर दान देने की घोषणा की। कमिंस ने साथ ही कहा कि उन्हें सलाह दी गई है कि भारत सरकार इंडियन प्रीमियर लीग जारी रखने का समर्थन करती है और मानती है इस मुश्किल समय में यह ‘कुछ घंटे का आनंद’ मुहैया कराती है।

कोरोना अपडेट : पिछले 24 घंटे में आए 3 लाख 23 हजार नए मामले, 2772 की हुई मौत।

देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बीते 6 दिनों से तीन लाख से ज्यादा ही पाये जा रहे है। पिछले 24 घंटे में कोरोना के 3 लाख 23 हजार नए मामले सामने आए हैं। वहीं, 2772 लोगों की मौत हुई। हालांकि 2 लाख 51 हजार 827 लोग ठीक भी हुए हैं। देश में अब तक कोरोना संक्रमण की संख्या एक करोड़ 76 लाख 36 हजार 307 पहुंच गई है।

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने बताया है कि भारत में कल तक कोरोना वायरस के लिए कुल 28 करोड़ 09 लाख 79 हजार 877 सैंपल टेस्ट किए जा चुके हैं, जिनमें से 16 लाख 58 हजार 700 सैंपल कल टेस्ट किए गए। देशभर में कोरोना वायरस रोधी टीके की 14.5 करोड़ से अधिक खुराक लगाई जा चुकी है, जिनमें से 31 लाख से अधिक खुराक सोमवार को लगाई गईं। सोमवार रात आठ बजे तक की प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार देशभर में टीके की 14,50,85,911 खुराक दी जा चुकी है, जिनमें से सोमवार को टीकाकरण के 101वें दिन 31,74,688 खुराक दी गई। सोमवार को 19,73,778 लाभार्थियों को पहली और 12,00,910 लाभार्थियों को दूसरी खुराक दी गई।

दिल्ली के लिए करीब 70 टन जीवनदायिनी ऑक्सीजन के साथ पहली ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेन मंगलवार सुबह राष्ट्रीय राजधानी पहुंच गयी। अधिकारियों ने इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस ऑक्सीजन को अब दिल्ली सरकार के विभिन्न अस्पतालों को पहुंचाया जायेगा।

रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट किया, ‘‘राष्ट्रीय राजधानी में मरीजों के लिए ऑक्सीजन के साथ छत्तीसगढ़ के रायगढ़ से ऑक्सीजन एक्सप्रेस दिल्ली पहुंच गयी है। भारतीय रेल कोविड-19 के खिलाफ हमारी जंग में कोई कसर नहीं छोड़ेगी और देश भर में जीवनदायिनी संसाधनों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करेगी’’।

Sunday, April 25, 2021

कोरोना अपडेट : पिछले 24 घंटों में रिकॉर्ड 3 लाख 46 हजार 786 केस दर्ज, 2624 की मौत।

पूरी दुनिया कोरोना वायरस के आतंक में जी रही है। भारत में कोरोना संक्रमण का कोहराम हर पल बढ़ते जा रहा है। बीते एक दिन में कोरोना के 3,46,786 नए मामले सामने आए हैं, जबकि 2624 लोगों की मौत हुई है। हालांकि कल दो लाख 19 हजार 838 लोग ठीक भी हुए हैं। कोरोना के नए मामले सामने आने के बाद देश में कुल संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर एक करोड़ 66 लाख 10 हजार 481 हो गई है।

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने बताया है कि भारत में कल तक कोरोना वायरस के लिए कुल 27 करोड़ 61 लाख 99 हजार 222 सैंपल टेस्ट किए जा चुके हैं, जिनमें से 17 लाख 53 हजार 569 सैंपल कल टेस्ट किए गए।

बता दें कि भारत में संक्रमण से ठीक होने की दर यानी रिकवरी रेट 83.92% है। वहीं संक्रमण से मृत्यु दर 1.15% है। भारत के कुल एक्टिव केस में करीब 59% पांच राज्यों में हैं। ये पांच राज्य हैं- महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और केरल। सबसे ज्यादा एक्टिव केस महाराष्ट्र में हैं।

महाराष्ट्र, दिल्ली और उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में कोरोना बेकाबू होता नजर आ रहा है। अस्पतालों में बेड्स, ऑक्सीजन जैसी जरूरी चीजों की किल्लत जारी है। कोरोना के मरीज दर-दर भटक रहे हैं। महाराष्ट्र में बीते 24 घंटे में कोरोना के 66,836 नए केस सामने आए हैं। जबकि 74,045 रिकवर भी हुए है और 773 लोगों की मौत हो गई। राज्य में अब एक्टिव केस 6,91,851 हैं, जबकि कुल कोरोना केस 41,61,676 हो गए हैं। यहां अबतक 63 हजार 252 लोगों की मौत हो चुकी है।

देश की राजधानी दिल्ली में बीते 24 घंटे में कोरोना के 24331 नए केस सामने आए और 348 की मौत हो गई। दिल्ली में एक्टिव केस बढ़कर 92029 हो गए हैं।

Thursday, April 22, 2021

Lord Hanuman Birthplace: तिरुपति मंदिर ट्रस्ट ने की घोषणा, अंजनाद्री की पहाड़ी ही है हनुमान जी का जन्म स्थान।

नई दिल्ली: तिरुपति के तिरुमला हिल्स पर स्थित भगवान बालाजी मंदिर (Lord Balaji Temple) का संचालन करने वाले तिरुमला तिरुपति देवस्थानम ट्रस्ट (Tirumala Tirupati Devsthanam TTD) ने पुख्ता सबूतों के साथ इस बात की आधारिकारिक घोषणा कर दी है कि अंजनाद्री की पहाड़ियां (Anjanadri Hillock) ही भगवान हनुमान की जन्म स्थली है (Lord Hanuman)। अंजनाद्री, उन सात पहाड़ियों में से एक है जिस पर श्री वेंकटेश्वर स्वामी का मंदिर स्थित है। बुधवार को रामनवमी के पावन अवसर पर तिरुमला ट्रस्ट ने इस बात की घोषणा की।

गहन रिसर्च के बाद ट्रस्ट ने सबूतों के साथ की घोषणा
जिस वक्त ट्रस्ट की तरफ से यह घोषणा की गई उस दौरान तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित भी इस खास मौके पर मौजूद थे। उन्होंने कहा कि वह हनुमान जी को बहुत बड़े भक्त हैं और उन्हें खुशी है कि तिरुमला तिरुपति देवस्थानम ट्रस्ट ने अंजनाद्री की पहाड़ियों को हनुमान जी का जन्म स्थान घोषित करने से पहले एक्सपर्ट कमिटी की मदद से काफी गहन रिसर्च भी (Expert committee did research) करवायी है। राज्यपाल ने रिसर्च के लिए लगी टीम को बधाई देते हुए कहा कि पूरी टीम ने 4 महीने तक दिन रात हनुमान जी के जन्म स्थान से जुड़े सबूतों को जुटाने पर काम किया और अब यह साबित हो गया है कि अयोध्या श्रीराम का जन्म स्थान है (Ayodhaya is lord Ram's Birth place) और अंजनाद्री, अंजनेय का। अंजनी के पुत्र होने के कारण हनुमान जी को अंजनेय भी कहा जाता है।

हनुमान जी के जन्म स्थान से जुड़े पुख्ता सबूत।
नेशनल संस्कृत यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रोफेसर मुरलीधर शर्मा जो इस एक्सपर्ट कमिटी के सदस्य भी हैं, ने मीडिया के सामने पौराणिक, ऐतिहासिक, वैज्ञानिक, साहित्यिक और भूवैज्ञानिक सबूतों के साथ अंजनाद्री को अंजनेय स्वामी (Anjaney Swami) यानी हनुमान जी का जन्म स्थान घोषित किया। उन्होंने कहा कि 12 पुराणों में भी इस बात का जिक्र है। उन्होंने पुराणों में वर्णित कुछ घटनाओं को मीडिया के सामने रखते हुए कहा,

1- वाल्मिकी रामायण के सुंदर कांड में 81 से 83 श्लोक में इस बात का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि चूँकि हनुमान जी का जन्म तपस्या के बाद इन पवित्र पहाड़ियों पर अंजना देवी से हुआ था, इसलिए हनुमान जी अंजनेय कहलाए जबकि पहाड़ियों को "अंजनाद्री" नाम मिला।

2- 1491 और 1545 दोनों के श्रीवारी मंदिर में पत्थरों पर लिखे शिला लेख में अंजनाद्री को ही अंजनेय यानी हनुमान जी के जन्म स्थान के रूप में बताया गया है।

3- इसके अलावा व्यास महाभारत चैप्टर 147 वनपर्व, वाल्मिकी रामायण में 66 चैप्टर किश्किंधा कांड, शिव पुराण, शतरुद्र सम्हिता, ब्रह्मांड पुराण, स्कंद पुराण इन सभी में भी ऐसे ही सबूत मिले हैं।

4- लंदन की लाइब्रेरी में मौजूद एक किताब जिसका नाम अंजनाद्री महात्म्य में भी अंजनाद्री को ही हनुमान जी का जन्म स्थान बताया गया है।

इन 5 जगहों को भी हनुमान जी की जन्म स्थली माना जाता है।
हालांकि इतिहासकारों में हनुमान जी के जन्म स्थान को लेकर कई आशंकाएं हैं। 5 अन्य स्थानों को भी हनुमान जी की जन्म स्थली के रूप में देखा जाता है।
1. कर्नाटक के हम्पी में अंजनाद्री के पास ही एक पहाड़ी है. हालांकि हम्पी के कन्नड़ यूनिवर्सिटी के विद्वानों के पास इस बात को साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं है।
2. झारखंड के गुमला जिले से 21 किलोमीटर दूर स्थित अंजन गांव।
3. गुजरात के नवसारी में स्थित अंजन के पहाड़।
4. हरियाणा का कैथल इलाका।
5. महाराष्ट्र के नासिक जिले में त्र्यंबकेश्वर मंदिर से 7 किलोमीटर दूर स्थित अंजनेरी।

टीम ने तैयार की 22 पन्नों की रिपोर्ट।
तिरुमला तिरुपति देवस्थानम के अधिकारी ने बताया, हमारे पंडितों की टीम ने कड़ी मेहनत करके पुख्ता सबूत जुटाए हैं और 22 पन्नों की एक रिपोर्ट तैयार की है। हम बहुत जल्द इस रिपोर्ट को अपनी वेबसाइट पर भी डाल देंगे। हरियाणा, झारखंड और महाराष्ट्र जैसे अन्य राज्य केवल स्थानीय मान्यताओं के आधार पर हनुमान जी का जन्म स्थान होने का दावा कर रहे हैं। लेकिन उनके पास कोई पुख्ता सबूत नहीं हैं। साथ ही ट्रस्ट के पंडितों की पूरी टीम जल्द ही इन सबूतों से संबंधित एक किताब भी रिलीज करेगी।

Wednesday, April 21, 2021

कुंभ में होने वाले रामनवमी के स्नान के लिए प्रसाशन ने 23 सेक्टर में बांटा मेला क्षेत्र।

कोरोना वायरस के बढ़ते संकट को देखते हुए मेला प्रशासन ने रामनवमी के पावन अवसर पर होने वाले स्नान की पूरी तैयारी कर ली हैं। प्रशासन ने पूरे मेला क्षेत्र को 23 सेक्टर में बांट दिया है। हर सेक्टर के लिए मजिस्ट्रेट भी नियुक्त किए गए हैं। रामनवमी का स्नान कुंभ मेले के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। देखा जाए तो कोविड के खतरे के कारण श्रद्धालुओं की संख्या काफी कम हो गई है। प्रशासन के अनुसार स्नान के लिए आने वाले हर एक श्रद्धालु को आरटी पीसीआर की नेगेटिव रिपोर्ट लाना अनिवार्य है।

वहीं, आने वाले सभी यात्रियों को कोरोना के नियमों का पालन करना भी अनिवार्य होगा। उप मेला अधिकारी अंशुल सिंह ने बताया कि, रामनवमी पर्व को लेकर मेला प्रशासन की सभी तैयारी पुण्य कर ली गई हैं, हालांकि दिल्ली और देश के बड़े शहरों में हुए लॉक डाउन के बाद श्रद्धालुओं की संख्या कम हो सकती है, लेकिन कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए रामनवमी स्नान पर सख्ती बरती जाएगी।

आपको बता दें कि, हरिद्वार कुंभ में शाही स्नान के लिये आए तमाम अखाड़ों के साधु-संत कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। इसके अलावा, महामंडलेश्वर की मौत के बाद अखाड़ों में भी भय है। पीएम की अपील के बाद जूना अखाड़े ने सबसे पहले कुंभ की समाप्ति का एलान किया।

कन्या पूजन करते समय न करें ये काम, रखें इन बातों का ध्यान।

नवरात्रि की अष्टमी और नवमी तिथि पर घरों और मंदिरो में कन्या पूजन किया जाता है। नवरात्रि के बाद कन्या पूजन का विशेष महत्व माना गया है। नवरात्रि की अष्टमी और नवमी तिथियों पर मां महागौरी और सिद्धिदात्री की पूजा करने का प्रावधान है। इन तिथियों पर कन्याओं को घरों में बुलाकर भोजन कराया जाता है उन्हें अन्य वस्तुएं दान में दी जाती हैं। वहीं दूसरी तरफ बंगाल, ओडिशा, त्रिपुरा और मणिपुर में दुर्गा पूजा में अष्‍टमी का विशेष महत्‍व है। पंडालों में इस दिन दुर्गा की नौ शक्तियों का आह्वान किया जाता है। हम आपको बताने जा रहे हैं कि नवरात्रि में कन्या पूजन के दौरान हमें किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए और कैसे किया जाता है कन्या पूजन..!

अष्‍टमी के दिन कैसे करें कन्‍या पूजन?

1- कन्‍या पूजन के दिन सुबह-सवेरे स्‍नान कर भगवान गणेश और महागौरी की पूजा करें।

2- कन्‍या पूजन के लिए दो साल से लेकर 10 साल तक की नौ कन्‍याओं और एक बालक को आमंत्रित करें। बता दें, कि बालक को बटुक भैरव के रूप में पूजा जाता है। मान्‍यता है कि भगवान शिव ने हर शक्ति पीठ में माता की सेवा के लिए बटुक भैरव को तैनात किया हुआ है। कहा जाता है कि अगर किसी शक्‍ति पीठ में मां के दर्शन के बाद भैरव के दर्शन न किए जाएं तो दर्शन अधूरे माने जाते हैं।

3-कन्याओं की संख्या कम से कम सात या नौ होनी ही चाहिए। कन्याएं कम हों तो दो कन्याओं को भी भोजन कराया जा सकता है।

4- ध्‍यान रहे कि कन्‍या पूजन से पहले घर में साफ-सफाई हो जानी चाहिए। कन्‍या रूपी माताओं को स्‍वच्‍छ परिवेश में ही बुलाना चाहिए।

5- कन्‍याओं को माता रानी का रूप माना जाता है। ऐसे में उनके घर आने पर माता रानी के जयकारे लगाएं।

6- सभी कन्‍याओं को बैठने के लिए आसन दें।

7- फिर सभी कन्‍याओं के पैर धोएं।

8- अब उन्‍हें रोली, कुमकुम और अक्षत का टीका लगाएं।

9- इसके बाद उनके हाथ में मौली बाधें।

10- अब सभी कन्‍याओं और बालक को घी का दीपक दिखाकर उनकी आरती उतारें।

11- आरती के बाद सभी कन्‍याओं को यथाशक्ति भोग लगाएं। आमतौर पर कन्‍या पूजन के दिन कन्‍याओं को खाने के लिए पूरी, चना और हलवा दिया जाता है।

12- भोजन के बाद कन्‍याओं को यथाशक्ति भेंट और उपहार दें।

13- इसके बाद कन्‍याओं के पैर छूकर उन्‍हें विदा करें।

धार्मिक ग्रन्थों के अनुसार, दो वर्षीय कन्याओं से दस वर्षीय कन्याएँ, कुमारी पूजा के लिये उपयुक्त होती है। एक वर्षीय कन्या को कुमारी पूजा में सम्मिलित नहीं करना चाहिये। 2 से 10 वर्ष की कन्याएं दुर्गा के विभिन्न रूपों का प्रतिनिधित्व करती हैं। इन पवित्र रूपों के नाम निम्नलिखित हैं-
कुमारिका, त्रिमूर्ति, कल्याणी, रोहिणी, काली, चण्डिका, शाम्भवी, दुर्गा, भद्रा या सुभद्रा

इन बातों का रखें ध्यान-
धार्मिक ग्रन्थों के अनुसार, कुमारी पूजा के समय प्रत्येक कन्या को एक निश्चित समर्पित मन्त्र के साथ पूजा जाता है। कुमारी पूजा के लिये उपयुक्त कन्या, स्वस्थ तथा सभी प्रकार के रोगों व शारीरिक दोषों से मुक्त होनी चाहिये। माना जाता है कि, सभी प्रकार की इच्छाओं को पूरा करने के लिये ब्राह्मण कन्याओं का पूजन करना चाहिये। वैभव तथा प्रसिद्धि पाने के लिये क्षत्रिय कन्याएँ तथा धन व समृद्धि के लिये वैश्य कन्याओं का पूजन करना चाहिये। जिनके मन में पुत्र प्राप्ति की मनोकामना है, उनके लिये शूद्र कन्याओं के पूजन का सुझाव दिया गया है।

मैं तो इंसानियत से मजबूर था तुम्हे बीच मे नही डुबोया" मगर तुमने मुझे क्यों काट लिया!

नदी में बाढ़ आती है छोटे से टापू में पानी भर जाता है वहां रहने वाला सीधा साधा1चूहा कछुवे  से कहता है मित्र  "क्या तुम मुझे नदी पार करा ...