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Wednesday, May 12, 2021

कोरोना अपडेट : देश में पिछले 24 घंटे में आए 3 लाख 48 हजार 421 नए मामले, 4205 लोगों की हुए मौत।

भारत में कोरोना वायरस की रफ्तार थोड़ी कम हुई हैं लेकिन इसका कहर अभी भी जारी है। बीते दिनों चार हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई। हालांकि कि बुधवार को संक्रमितों से ज्यादा ठीक होने वालों की संख्या रही है। देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 3 लाख 48 हजार 421 नए मामले सामने आए हैं। वहीं 4205 लोगों की मौत हुई है। जबकि इस दौरान 3 लाख 55 हजार 338 मरीज डिस्चार्ज भी हुए।

11 मई तक देशभर में 17 करोड़ 52 लाख 35 हजार 991 कोरोना डोज दिए जा चुके हैं। बीते दिन 24 लाख 46 हजार 674 टीके लगाए गए। वहीं अबतक करीब 30.75 करोड़ टेस्ट किए जा चुके हैं। बीते दिन 19.83 लाख कोरोना सैंपल टेस्ट किए गए, जिसका पॉजिटिविटी रेट 17 फीसदी से ज्यादा है।

देश में आज कोरोना की ताजा स्थिति।
कुल कोरोना केस- दो करोड़ 33 लाख 40 हजार 938
कुल डिस्चार्ज- एक करोड़ 93 लाख 82 हजार 642
कुल एक्टिव केस- 37 लाख 4 हजार 99
कुल मौत- 2 लाख 54 हजार 197

देश में कोरोना से मृत्यु दर 1.09 फीसदी है जबकि रिकवरी रेट 83 फीसदी से कम है। एक्टिव केस घटकर 16 फीसदी से ज्यादा हो गया है। कोरोना एक्टिव केस मामले में दुनिया में भारत का दूसरा स्थान है। कुल संक्रमितों की संख्या के मामले में भी भारत का दूसरा स्थान है। जबकि दुनिया में अमेरिका, ब्राजील, मैक्सिको के बाद सबसे ज्यादा मौत भारत में हुई है।

मुंबई में लगातार दूसरे दिन दो हजार से कम नए मामले
महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में कोविड-19 के नए मामलों में कमी जारी है और मंगलवार को इसके संक्रमण के 1,717 नए मामले सामने आए जबकि इस दौरान 51 मरीजों की मौत हो गयी। नए मामलों के सामने आने के बाद मुंबई में कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 6,79,986 हो गयी, वहीं इस महामारी से अब तक जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 13,942 हो गयी।

महाराष्ट्र की बात करें तो मंगलवार को कोविड के 40,956 नए मामले आने से कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 51,79,929 हो गयी। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि इस दौरान संक्रमण से 793 मरीजों की मौत हो गयी। राज्य में अब तक 77,191 लोगों की इस महामारी से मौत हो चुकी है। राज्य में एक दिन पहले संक्रमण के 37,236 नए मामले आए थे।

Tuesday, May 11, 2021

केंद्र सरकार ने कोरोना से फास्ट रिकवरी के लिए जारी किया सिंपल डाइट प्लान।

कोरोना वायरस की दूसरी लहर किसी को नहीं छोड़ रही है। इस महामारी ने देश में तबाही मचा दी है। इस तबाही से बचने के लिए कई राज्यों ने लॉकडाउन भी लगाया है। सरकार लगातार आम नागरिकों को यहीं सलाह दें रही है कि कोविड-19 के प्रोटोकॉल को फोलो करे। यहीं नहीं ज्यादा से ज्यादा कोरोना मरीजों को होम आइसोलेशन में रहने के लिए भी सलाह दी जा रही है। बिगड़ते हालात को देखते हुए भारत सरकार ने मरीजों की फास्‍ट रिकवरी के लिए सिंपल डाइट प्‍लान शेयर किया है। एबीपी न्‍यूज के मुताबिक, सरकार ने अपने ट्विटर हैंड पर यह डाइट प्‍लान उन मरीजों के लिए शेयर की है जो घर, अस्पतालों या कैंपों में हैं और अपना इलाज करा रहे हैं।

1. दिन की शुरुआत भीगे हुए बादाम और किशमिश से करें।
सरकार ने जिस डाइट प्‍लान को शेयर किया है उसमें ये बताया गया है आप रोज दिन की शुरुआत भीगे हुए बादाम और किशमिश के साथ करें। योजना में भोजन को न सिर्फ पौष्टिक बनाने बल्कि स्वादिष्ट बनाने की भी बात की गई है। बताया गया है कि अगर आप एक कोविड-19 मरीज हैं तब आपको बादाम का प्रयोग प्रोटीन और आयरन के लिए करना ही चाहिए।

2. ब्रेकफास्ट के लिए रागी डोसा या एक कटोरा दलिया।
सुबह की शुरुआत आप रागी डोसा के साथ कर सकते हैं। इसके अलावा एक कटोरा दलिया भी नाश्‍ते में बना उपयोग कर सकते हैं। आप ग्लुटेन-मुक्त और अत्यधिक फाइबर का विकल्प भी अपना सकते हैं।

3. लंच के समय गुड़ और घी जरूरी।
डाइट प्‍लान में लंच के समय गुड़ और घी के सेवन की सिफारिश की गई है। प्‍लान के मुताबिक, लंच के दौरान या बाद में आप गुड और घी का सेवन कर सकते हैं। इसे आप रोटी के साथ भी खा सकते हैं। बता दें कि गुड़ और घी दोनों शरीर को गर्म रखने और मजबूत बनाने में मदद करते हैं जबकि इ्म्यूनिटी बढ़ाने वाले गुण भी इनमें भरपूर हैं।

4. डिनर में खिचड़ी का प्रयोग।
इस डाइट प्‍लान के मुताबिक, हेवी डिनर की बजाए आप खिचड़ी का सेवन करें क्योंकि इसमें सभी जरूरी पोषक तत्व शामिल होते हैं। ये पेट के लिए हल्की होती है और अच्छी नींद में मदद करती है।

5. खुद को रखें हाइड्रेटेड।
खुद को इन दिनों हाइड्रेटेड रखना बहुत जरूरी है। योजना में मुख्य सुझाव के रूप में बताया गया है कि पानी पीने के अलावा आप घर पर नींबू पानी पी सकते हैं। आप घर के बने छाछ को भी अपनी रोजाना की रूटीन में शामिल कर सकते हैं।

घर में है कोई पारिवारिक समस्या या शारीरिक कष्ट तो ऐसे करें हनुमान जी की पूजा, होगा लाभ।

नाशे रोग हरे सब पीरा जो सुमिरै हनुमत बलबीरा...! जी हां हनुमान जी की नियमित और विधि विधान से पूजा करने से रोगों का नाश होता है। मंगलवार का दिन हनुमान जी को समर्पित है। मंगलवार का व्रत हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए रखा जाता है। इसलिए भक्त मंगलवार को व्रत रख बजरंगबली की नियम के साथ अर्चना करते हैं। कोई पारिवारिक समस्या हो या फिर कोई अन्‍य शारीरिक कष्‍ट, बजरंगबली की पूजा करने से शांति मिलती है और भक्‍तों के कष्ट दूर होते हैं। हनुमान जी की पूजा करते समय पवित्रता का विशेष ध्यान रखना अनिवार्य है। जब भी पूजा करें, तब मन और तन से पवित्र हो। आइए जानते है हनुमान जी की पूजा की विधि।

1. इन बातों का रखें ध्‍यान।
मंगलवार को हनुमान जी की पूजा के लिए सूर्योदय से पहले ही उठना चाहिए। इसे बाद नित्यक्रिया और स्नान के बाद स्वच्छ होकर पूजा घर में जाकर बजरंगबली को प्रणाम करें। इसके बाद हनुमानजी को लाल फूल, सिंदूर, वस्त्र, जनेऊ आदि चढ़ाएं।

2. पीले या लाल फूल हैं प्रिय।
शाम को हनुमान जी के मंदिर या घर में बने हनुमान जी की मूर्ति के सामने साफ आसन पर बैठें। सरसों के तेल का दीपक जलाएं। इसके अलावा उन्‍हें पुष्प अर्पित करें। हनुमान जी को पीले या लाल फूल विशेष प्रिय होते हैं। पूजा आदि करने के बाद आप हनुमान चालीसा का पाठ जरूर करें। मंगलवार के दिन हनुमान चालीसा पढ़ने का विशेष महत्व है।

3. पूजास्थल को रखें साफ।
हनुमान जी को सिंदूर, वस्त्र आदि चढ़ाने के बाद पूजास्थल की ठीक से एक बार और सफाई करें और अगरबत्ती, धूप चढ़ाएं। उसके बाद हनुमान जी को गेंदे की फूल की माला चढ़ाएं और पुष्प के साथ गुड़ चने का भोग लगाएं।

4. सभी मनोकामनाएं होंगी पूरी।
माना जाता है कि सूर्योदय के बाद हनुमान जी की पूजा करने से वह जल्द प्रसन्न होते है। मंगलवार को मंगल ग्रह का दिन भी माना जाता है। इस दिन हनुमान जी की विधि विधान से पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है।

मंगलवार को हनुमान जी की पूजा से मिलती है समस्त दुखों से मुक्ति।

धर्म ज्ञान: मंगलवार और शनिवार बजरंगबली के दिन माने जाते हैं। मान्यता है कि मंगलवार को हनुमान जी का खास पूजन करने से बहुत लाभ होते हैं।

1. अगर प्रत्येक मंगलवार को हनुमान जी का सिंदूर से पूजन किया जाए तो समस्त दुखों से मुक्ति मिलती है।

2. हनुमान जी एक ऐसे देवता हैं जिनकी पूजा में सावधानी बहुत जरूरी है। मंगलवार को अगर सुबह बरगद के पेड़ के एक पत्ते को तोड़कर गंगा जल से धो कर हनुमान जी को अर्पित करें तो धन की आवक बढ़ती है। आर्थिक संकटों से मुक्ति मिलती है।

3. मंगलवार को पान का बीड़ा नियम से चढ़ाया जाए तो रोजगार के रास्ते खुलते हैं। नौकरीपेशा को प्रमोशन के अवसर मिलते हैं।

4. मंगलवार को शाम के समय हनुमान जी को केवड़े का इत्र एवं गुलाब की माला चढ़ाएं और कोशिश करें कि स्वयं लाल रंग के वस्त्र पहनें। धन के लिए हनुमान जी को प्रसन्न करने का यह सबसे सरल उपाय है।

5. मंगलवार के दिन शाम को व्रत करके बूंदी के लड्डू या बूंदी का प्रसाद बांटें। इससे संतान संबंधी समस्याएं दूर होती हैं।

6. इस दिन हनुमान जी के पैरों में फिटकरी रखने से बुरे सपनों से पीछा छूट जाता है।

7. हनुमान जी के मंदिर में जा कर रामरक्षास्त्रोत का पाठ करने से सारे बिगड़े काम संवर जाते हैं। अटके कामों की बाधा दूर होती है। कर्ज से भी मुक्ति मिलती है।

8. मंगलवार के दिन हनुमान जी की प्रतिमा के समक्ष बैठ राम नाम का 108 बार जाप करें। हनुमान जी रामजी के अनन्य भक्त हैं इसलिए जो भी श्रीराम की भक्ति करता है, उन्हें वह पहले वरदान देते हैं। हनुमान जी इस उपाय से प्रसन्न हो विवाह संबंधी मनोकामना को पूरी करते हैं।

9. मंगलवार के दिन हनुमान जी के सामने सरसों के तेल का दिया जलाएं और चालीसा का पाठ करें। यह उपाय दांपत्य जीवन में सरसता लाता है।

10. ॐ हं हनुमंते नमः मंत्र का जाप करने से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं। ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट का रुद्राक्ष की माला से जाप करने से भी हनुमान जी बहुत प्रसन्न होते हैं। संकट कटै मिटै सब पीरा, जो सुमिरै हनुमत बलबीरा के उच्चारण से सभी बुरी शक्तियां दूर भाग जाती हैं और आरोग्य का वरदान मिलता है।

Monday, May 10, 2021

पाकिस्तान प्रशासनिक सेवा में पहली बार एक हिंदू लड़की का चयन, डॉ सना रामचंद ने लिखा इतिहास।

कराची पाकिस्तान : पाकिस्तान की MBBS डॉक्टर सना राम चंद इन दिनों काफी सुर्खियों में बनी हुई हैं। बता दें कि वह पहली हिंदू लड़की हैं जिन्होंने सेंट्रल सुपीरियर सर्विस (CSS) परीक्षा 2021 पास कर ली है और अब उन्हें पाकिस्तान प्रशासनिक सेवा के लिए चुना गया है। गौरतलब है कि ये पाकिस्तान की सबसे बड़ी प्रशासनिक परीक्षा होती है।

पाकिस्तान प्रशासनिक सेवा में पहली हिंदू महिला।
बता दें कि सना राम चंद सिंध प्रांत के शिकारपुर जिले में स्थित कस्बा चक की रहने वाली हैं। उनकी प्राइमरी से कॉलेज तक की शिक्षा वहीं से हुई थी। फिर इंटर में अच्छे नंबर लाने के बाद उन्होंने सिंध के चंदका मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस किया और कराची के सिविल अस्पताल में हाउस जॉब की। बता दें कि उनके पिता भी स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े हुए हैं।

पाकिस्तानी रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले साल सीएसएस की वार्षिक परीक्षा में कुल 18,553 उम्मीदवार शामिल हुए थे जिनमें टेस्ट और इंटरव्यू के बाद केवल 221 लोगों का चयन किया गया था। आगे बताया गया है कि सीएसएस परीक्षा में सफलता की दर 2 प्रतिशत से भी कम रही है और ऊपर से, उनमें से पाकिस्तान की सेवा करने के लिए जिन 79 महिलाओं का चयन किया गया है, उनमें डॉक्टर सना राम चंद इकलौती हिंदू महिला हैं।

उन्होंने इस साल 7 मई को ट्विटर हैंडल के जरिए लिखा- “वाहेगुरु जी का खालसा वाहेगुरु जी की फतेह। मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि अल्लाह की कृपा से, मैंने सीएसएस 2020 को पास कर लिया है और पीएएस के लिए सिलेक्ट हो गई हूं। सारा श्रेय मेरे माता-पिता को जाता है।”

खबरों के मुताबिक, सना इन दिनों सिंध इंस्टीट्यूट ऑफ यूरोलॉजी एंड ट्रांसप्लांट (एसआईयूटी) से यूरोलॉजी में एफसीपीएस कर रही हैं जिसके कुछ ही महीनों बाद वह सर्जन बन जाएंगी। वह सीएसएस पास करने के बाद, असिस्टेंट कमिश्नर बन गई हैं। 

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के वरिष्ठ नेता फरहतुल्लाह बाबर ने उन्हें बधाई दी। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि ‘सना ने पाकिस्तान के हिंदू समुदाय को ही नहीं, पूरे देश को गौरवान्वित किया है।’

कल है वैशाख अमावस्या, पानी में गंगाजल और तिल डाल कर नहाए, दूर होगी बीमारियां।

धर्म: हिंदू पंचांग के अनुसार 11 मई 2021 यानी मंगलवार को वैशाख मास कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि है। वैशाख अमावस्या को सुतवाई अमावस्या और भौमावस्या के नामों से भी जाना जाता है। हिंदू धर्म में अमावस्या की तिथि का विशेष महत्व माना गया है। वैशाख अमावस्या के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इस दिन स्नान, पूजा और दान करने से पुण्य प्राप्त होता है। मान्यता है कि मंगलवार को पड़ने वाली अमावस्या पर पितरों की विशेष पूजा की जाए, तो पितरों की कृपा से परिवार के सभी रोग, दोष और शोक खत्म हो जाते हैं। इस दिन मंगल का व्रत और पूजा करने से मंगल दोष भी ख़त्म हो जाता है। वैशाख महीने की अमावस्या पर कुछ बातों का खासतौर से ध्यान रखना चाहिए।

वैशाख अमावस्या के दिन ये करें।
वैशाख अमावस्या पर व्रत करना चाहिए। इससे संयम, आत्मबल और आत्मविश्वास बढ़ता है। इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर पानी में गंगाजल और तिल मिलाकर नहाना चाहिए। ऐसा करने से हर तरह के दोष और बीमारियां दूर होने लगती हैं। इसके बाद पानी में तिल मिलाकर सूर्य को अर्घ्य देने से ग्रह दोष दूर होते हैं। फिर पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाना चाहिए। ऐसा करने से बीमारियों से छुटकारा मिलता है। पितरों के लिए श्राद्ध करना चाहिए और जरूरतमंद लोगों को खाना खिलाना चाहिए। इस दिन किए गए अन्न और जल दान से कई यज्ञों को फल मिलता है।

अमावस्या पर उड़द खाने से बचें
अमावस्या पर उड़द या इससे बनी कोई भी चीज न खाएं। इस दिन मांसाहार और किसी भी तरह का नशा नहीं करना चाहिए। भोग और विलासिता से बचने की कोशिश करनी चाहिए। मांगलिक कार्य, शुभ कामों के लिए खरीदारी और नए काम की शुरुआत नहीं करनी चाहिए।

वैशाख अमावस्या: पौराणिक कथा
वैशाख अमावस्या के महत्व से जुड़ी पौराणिक कथा के अनुसार धर्मवर्ण नाम के एक ब्राह्मण थे। एक बार उन्होंने किसी महात्मा के मुख से सुना कि कलियुग में भगवान विष्णु के नाम स्मरण से ज्यादा पुण्य किसी भी काम में नहीं है। इसके बाद धर्मवर्ण ने सांसारिक जीवन छोड़ दिया और संन्यास लेकर भ्रमण करने लगे। एक दिन घूमते हुए वे पितृलोक पहुंचें। वहां उनके पितर बहुत कष्ट में थे। पितरों ने बताया कि ऐसी हालत तुम्हारे संन्यास के कारण हुई है। क्योंकि उनके लिए पिंडदान करने वाला कोई नहीं है। पितरों ने कहा अगर तुम वापस जाकर गृहस्थ जीवन की शुरुआत करो, संतान उत्पन्न करो और साथ ही वैशाख अमावस्या के दिन विधि-विधान से पिंडदान करो। तो हमें राहत मिल सकती है। धर्मवर्ण ने उन्हें वचन दिया कि वह उनकी ये इच्छा पूरी करेंगे। इसके बाद उन्होंने संन्यासी जीवन छोड़कर फिर से सांसारिक जीवन अपनाया और वैशाख अमावस्या पर विधि विधान से पिंडदान कर अपने पितरों को मुक्ति दिलाई।

क्या आप जानते है, रामभद्राचार्य जी सुप्रीम कोर्ट में रामलला के पक्ष में वेद पुराण के उद्धारण के साथ गवाही दी थी।

दृश्य था उच्चतम न्यायलय का... श्रीराम जन्मभूमि के पक्ष में वादी के रूप में उपस्थित थे धर्मचक्रवर्ती, तुलसीपीठ के संस्थापक, पद्मविभूषण, जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी... जो विवादित स्थल पर श्रीराम जन्मभूमि होने के पक्ष में शास्त्रों से प्रमाण पर प्रमाण दिये जा रहे थे।

न्यायाधीश की कुर्सी पर बैठा व्यक्ति मुसलमान था...
उसने छूटते ही चुभता सा सवाल किया, "आप लोग हर बात में वेदों से प्रमाण मांगते हैं... तो क्या वेदों से ही प्रमाण दे सकते हैं कि श्रीराम का जन्म अयोध्या में उस स्थल पर ही हुआ था?"
जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी (जो प्रज्ञाचक्षु हैं) ने बिना एक पल भी गँवाए कहा , " दे सकता हूँ महोदय"... और उन्होंने ऋग्वेद की जैमिनीय संहिता से उद्धरण देना शुरू किया जिसमें सरयू नदी के स्थान विशेष से दिशा और दूरी का बिल्कुल सटीक ब्यौरा देते हुए श्रीराम जन्मभूमि की स्थिति बताई गई है ।
कोर्ट के आदेश से जैमिनीय संहिता मंगाई गई... और उसमें जगद्गुरु जी द्वारा निर्दिष्ट संख्या को खोलकर देखा गया और समस्त विवरण सही पाए गए... जिस स्थान पर श्रीराम जन्मभूमि की स्थिति बताई गई है... विवादित स्थल ठीक उसी स्थान पर है... और जगद्गुरु जी के वक्तव्य ने फैसले का रुख हिन्दुओं की तरफ मोड़ दिया...
मुसलमान जज ने स्वीकार किया , " आज मैंने भारतीय प्रज्ञा का चमत्कार देखा... एक व्यक्ति जो भौतिक आँखों से रहित है, कैसे वेदों और शास्त्रों के विशाल वाङ्मय से उद्धरण दिये जा रहा था? यह ईश्वरीय शक्ति नहीं तो और क्या है?"
"सिर्फ दो माह की उम्र में आंख की रोशनी चली गई, आज 22 भाषाएं आती हैं, 80 ग्रंथों की रचना कर चुके हैं। सनातन धर्म को दुनिया का सबसे पुराना धर्म कहा जाता है। वेदों और पुराणों के मुताबिक सनातन धर्म तब से है जब ये सृष्टि ईश्वर ने बनाई। जिसे बाद में साधू और संन्यासियों ने आगे बढ़ाया। ऐसे ही आठवीं सदी में शंकराचार्य आए, जिन्होंने सनातन धर्म को आगे बढ़ाने में मदद की। पद्मविभूषण रामभद्राचार्यजी एक ऐसे संन्यासी हैं जो अपनी दिव्यांगता को हराकर जगद्गुरू बने।

1. जगद्गुरु रामभद्राचार्य चित्रकूट में रहते हैं। उनका वास्तविक नाम गिरधर मिश्रा है, उनका जन्म उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में हुआ था।

2. रामभद्राचार्य एक प्रख्यात विद्वान्, शिक्षाविद्, बहुभाषाविद्, रचनाकार, प्रवचनकार, दार्शनिक और हिन्दू धर्मगुरु हैं।

3. वे रामानन्द सम्प्रदाय के वर्तमान चार जगद्गुरु रामानन्दाचार्यों में से एक हैं और इस पद पर साल 1988 से प्रतिष्ठित हैं।

4. रामभद्राचार्य चित्रकूट में स्थित संत तुलसीदास के नाम पर स्थापित तुलसी पीठ नामक धार्मिक और सामाजिक सेवा स्थित जगद्गुरु रामभद्राचार्य विकलांग विश्वविद्यालय के संस्थापक हैं और आजीवन कुलाधिपति हैं।

5. जगद्गुरु रामभद्राचार्य जब सिर्फ दो माह के थे तभी उनके आंखों की रोशनी चली गई थी।

6. वे बहुभाषाविद् हैं और 22 भाषाएं जैसे संस्कृत, हिन्दी, अवधी, मैथिली सहित कई भाषाओं में कवि और रचनाकार हैं।

7. उन्होंने 80 से अधिक पुस्तकों और ग्रंथों की रचना की है, जिनमें चार महाकाव्य (दो संस्कृत और दो हिन्दी में ) हैं। उन्हें तुलसीदास पर भारत के सर्वश्रेष्ठ विशेषज्ञों में गिना जाता है।

8. चिकित्सक ने गिरिधर की आँखों में रोहे के दानों को फोड़ने के लिए गरम द्रव्य डाला, परन्तु रक्तस्राव के कारण गिरिधर के दोनों नेत्रों की रोशनी चली गयी।

9. वे न तो पढ़ सकते हैं और न लिख सकते हैं और न ही ब्रेल लिपि का प्रयोग करते हैं। वे केवल सुनकर सीखते हैं और बोलकर अपनी रचनाएं लिखवाते हैं।

10. साल 2015 में भारत सरकार ने उन्हें पद्मविभूषण से सम्मानित किया था।

मैं तो इंसानियत से मजबूर था तुम्हे बीच मे नही डुबोया" मगर तुमने मुझे क्यों काट लिया!

नदी में बाढ़ आती है छोटे से टापू में पानी भर जाता है वहां रहने वाला सीधा साधा1चूहा कछुवे  से कहता है मित्र  "क्या तुम मुझे नदी पार करा ...