पाकिस्तान प्रशासनिक सेवा में पहली हिंदू महिला।
बता दें कि सना राम चंद सिंध प्रांत के शिकारपुर जिले में स्थित कस्बा चक की रहने वाली हैं। उनकी प्राइमरी से कॉलेज तक की शिक्षा वहीं से हुई थी। फिर इंटर में अच्छे नंबर लाने के बाद उन्होंने सिंध के चंदका मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस किया और कराची के सिविल अस्पताल में हाउस जॉब की। बता दें कि उनके पिता भी स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े हुए हैं।
पाकिस्तानी रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले साल सीएसएस की वार्षिक परीक्षा में कुल 18,553 उम्मीदवार शामिल हुए थे जिनमें टेस्ट और इंटरव्यू के बाद केवल 221 लोगों का चयन किया गया था। आगे बताया गया है कि सीएसएस परीक्षा में सफलता की दर 2 प्रतिशत से भी कम रही है और ऊपर से, उनमें से पाकिस्तान की सेवा करने के लिए जिन 79 महिलाओं का चयन किया गया है, उनमें डॉक्टर सना राम चंद इकलौती हिंदू महिला हैं।
उन्होंने इस साल 7 मई को ट्विटर हैंडल के जरिए लिखा- “वाहेगुरु जी का खालसा वाहेगुरु जी की फतेह। मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि अल्लाह की कृपा से, मैंने सीएसएस 2020 को पास कर लिया है और पीएएस के लिए सिलेक्ट हो गई हूं। सारा श्रेय मेरे माता-पिता को जाता है।”
खबरों के मुताबिक, सना इन दिनों सिंध इंस्टीट्यूट ऑफ यूरोलॉजी एंड ट्रांसप्लांट (एसआईयूटी) से यूरोलॉजी में एफसीपीएस कर रही हैं जिसके कुछ ही महीनों बाद वह सर्जन बन जाएंगी। वह सीएसएस पास करने के बाद, असिस्टेंट कमिश्नर बन गई हैं।
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के वरिष्ठ नेता फरहतुल्लाह बाबर ने उन्हें बधाई दी। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि ‘सना ने पाकिस्तान के हिंदू समुदाय को ही नहीं, पूरे देश को गौरवान्वित किया है।’
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