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Saturday, September 5, 2020

भारत और रूस के बीच AK 203 रायफल की खरीद को मंजूरी। जाने क्या है खास।

भारत और रूस के बीच AK 203 रायफल की खरीद का समझौता पर दोनों देशों की मंजूरी की मुहर लग गई हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के मॉस्को दौरे पर इस डील पर मुहर लग गई है। AK 203 रायफल AK-47 का एडवांस्ड वर्जन है। भारतीय सेना के लिए 7 लाख 70 हज़ार AK 203 रायफल की ज़रूरत है। इनमें से 1 लाख AK 203 रायफल रूस से आयात की जाएंगी।

दुनिया की सबसे खतरनाक रायफल
पिछले 70 वर्षों से एके 47 यानी ऑटोमैटिक Kalashnikov (कलाश्निकोव) दुनिया का सबसे जाना पहचाना हथियार है। भारतीय सेनाओं को और घातक बनाने के लिए अब इसे नए हथियारों से लैस किया जा रहा है। इसके लिए एके 47 रायफलों को रिप्लेस कर ज्यादा आधुनिक एके 203 रायफल दिए जाने पर काम चल रहा है।
AK-47 का Advance वर्जन है AK-203
Kalashnikov कंपनी के तकनीकी विशेषज्ञ मिखाइल बताते हैं कि ये पहले से कहीं ज्यादा आधुनिक और नए जमाने के मुताबिक बनाई गई रायफल है। AK-203 रायफल 60 गोलियों वाली मैगजीन लगाई जा सकती है
उन्होंने कहा कि एके 203 में 30 के बदले 60 गोलियों वाली मैगज़ीन लगाई जा सकती है। इससे ये पहले से ज्यादा देर तक दुश्मनों का मुकाबला करेगी। मौसम चाहे कितना भी खराब हो. बर्फबारी हो रही हो या धूल भरी आंधी हो। एके 203 हर मौसम में काम करेगी। दावा है कि एके 203 पुरानी गन के मुकाबले 30 प्रतिशत ज्यादा सटीक निशाना लगाती है।
अमेठी में तैयार होगा 6.7 लाख AK-203 रायफल
समझौते के तहत भारत और रूस मिलकर उत्तर प्रदेश के अमेठी में एके सीरीज़ की सबसे आधुनिक राइफल बनाएंगे। Make In India के तहत यहां साढ़े सात लाख राइफलें बनाई जाएंगी। रूस के फेडरल मिलिट्री Cooperation के डायरेक्टर दिमित्री सुगायेव कहते हैं कि AK-203 से हमें ज्यादा सफलता मिलेगी। यह दूसरी रायफलों से अलग है। भारत ऐसा पहला देश है जिसके साथ मिलकर Kalashnikov रायफल बनाई जाएंगी।
रूस की स्पेशल फोर्सेज अपने मिशन में AK-203 पर भरोसा करती हैं
मिखाइल कलाश्निकोव ने किया था डिजाइन
AK 203 पुरानी AK 47 का नया अवतार है। AK 47 का पूरा नाम Automatic Kalashnikov (कलाश्निकोव) 47 है, इस राइफल का निर्माण वर्ष 1947 में शुरु हुआ था। और इसका नाम Mikhail (मिखाइल) Kalashnikov (कलाश्निकोव) के नाम पर पड़ा था, जिन्होंने इस रायफल को डिज़ाइन किया था।
हर मौसम में काम करना भी AK 203 की बड़ी खूबी है। ये रायफल सियाचिन की माइनस 35 डिग्री की ठंड, थार रेगिस्तान की धूल भरी हवा और North East की Non Stop बारिश वाले मौसम में भी बिना रूके काम करेगी। AK 203 की गोलियां फायर करने की रफ्तार भी काफी तेज है। ये रायफल 60 सेकेंड में 600 गोलियां दाग सकती है। यानी एक सेकेंड में 10 गोलियां। ऐसी घातक क्षमता का मुकाबला करना किसी के लिए भी आसान नहीं है।
नाइट विजन कैमरे भी लगाए जा सकते हैं। भारतीय सैनिक चौबीसों घंटे आतंकवादियों से लड़ने के लिए तैयार रहते हैं। इसलिए AK 203 रायफल में Night Vision यानी रात में देखने में मदद करने वाले उपकरण भी लगाए जा सकते हैं। दुनिया के 100 से ज्यादा देशों में AK सीरीज की रायफल इस्तेमाल की जाती है।

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