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Saturday, December 26, 2020

80 साल की आइरिस जोन्स और 35 साल के मोहम्मद इब्राहिम को हुआ प्यार मनाया हनीमून।

ब्रिटेन की रहने वाली आइरिस जोन्स (Iris Jones) की मुलाकात 35 साल के मोहम्मद इब्राहिम (Mohammad Ibriham) से फेसबुक (Facebook) पर हुई थी। दोनों में घंटों बातें होती थीं। मोहम्मद इब्राहिम इजिप्ट (Egypt) में रहता था। कुछ दिनों के बाद इब्राहिम ने आइरिस से अपने प्यार (Love) का इजहार कर दिया।

फिर क्या था, एक दिन आइरिस अपने प्यार (Love) इब्राहिम से मिलने के लिए इजिप्ट जा पहुंची। इन दोनों की फोटोज खूब वायरल (Viral Photo) हो रही हैं। अल वतन न्यूज के मुताबिक, यह कपल शादी के बंधन में बंध चुका है। दोनों ने काफी गोपनीय तरीके से शादी रचाई है। आइरिस ने मुस्लिम धर्म कबूल कर लिया है। मोहम्मद इब्राहिम ने कहा है कि उन्हें आइरिस (Iris) के पैसे नहीं चाहिए।

उन्हें तो बस आइरिस का साथ और प्यार चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि वे आइरिस को देखते ही समझ गए थे कि वही उसकी सच्ची मोहब्बत (Love) हैं। वे आइरिस को पाकर बहुत खुश हैं। इससे पहले साल के शुरू में इस कपल (Couple) ने एक शो में एंट्री की थी। इसके बाद हर तरफ बस इसी कपल की बातें होने लगी थीं।

आइरिस ने टीवी शो पर खुलकर अपनी सेक्स लाइफ (Sex Life) पर बात की थी। अपना प्यार मिलने के बावजूद इन दिनों आइरिस बेहद परेशान हैं। उनका कहना है कि उन्होंने हाल ही में हनीमून (Honeymoon) मनाया है लेकिन उसके बावजूद वे खुश नहीं हैं।

दरअसल शादी के बाद से ही उनके घरवालों ने उनसे बात करनी बंद कर दी है। उनके बच्चे और नाती-पोते भी उनसे बात नहीं करते हैं। फिलहाल आइरिस इजिप्ट (Egypt) में ही अपने पति के साथ हैं।

जम्मू-कश्मीर के कठुआ की रहने वाली पूजा देवी ने एक नया इतिहास रच दिया है।

कठुआ की रहने वाली पूजा देवी ने एक नया इतिहास रच दिया है। वे इस केंद्र शासित प्रदेश की पहली महिला बस ड्राइवर बन गई हैं। फिलहाल वे जम्मू-कठुआ रूट पर यात्री बस चला रही हैं। कठुआ जिले के संधार-बसोहली गांव में पली-बढ़ी 30 साल की पूजा ने कहा कि उन्हें शुरू से ही ड्राइविंग का शौक था।

वे किशोरावस्था से कार चला रही थी। लेकिन वे बड़ी गाड़ियां चलाना चाहती थी। उनका ये सपना अब जाकर पूरा हुआ है। पूजा ने कहा, 'मैं ज्यादा पढ़ी लिखी नहीं थी। इसलिए मुझे कोई बड़ी नौकरी मिलने की उम्मीद नहीं थी। लेकिन यह पेशा मुझे सूट करता है। मैं जम्मू में टैक्सी और ट्रक भी चला चुकी हूं'। मैं इस टैबू को तोड़ना चाहती थी कि केवल पुरुष ही यात्री बस चला सकते हैं। आखिरकार जब महिलाएं फाइटर जेट्स उड़ा रही हैं और एक्सप्रेस ट्रेन चला रही हैं तो बस चलाने में क्या दिक्कत है'।

पूजा देवी ने ड्राइवर बनने का अवसर मिलने के बारे में कहा,' मैं जम्मू-कठुआ रोड बस यूनियन के अध्यक्ष सरदार कुलदीप सिंह से मिली और बस चलाने देने का अनुरोध किया। उन्होंने शुरू में थोड़ी हैरानी दिखाई। लेकिन उसके बाद मुझे एक बस दे दी और कहा कि जाओ, अपने सपने को पूरा करो'।

पूजा देवी ने कहा कि उनका परिवार आर्थिक रूप से कमजोर था। जिसके चलते उन्हें नौकरी करनी पड़ी। उन्हें जम्मू में एक प्रतिष्ठित ड्राइविंग संस्थान से प्रशिक्षक के रूप में प्रति माह 10 हजार रुपये मिल रहे थे। लेकिन वे परिवार के लिए कम पड़ रहे थे। जिसके बाद उन्होंने भारी वाहन ड्राइविंग लाइसेंस लेकर खुद ड्राइविंग में उतरने का फैसला किया।

पूजा देवी के तीन बच्चे हैं। उनकी बड़ी बेटी दसवीं कक्षा की छात्रा है। वे अक्सर अपने छोटे बेटे को बस में ही ड्राइवर सीट के पीछे बिठाकर साथ ले जाती हैं। पूजा कहती हैं कि बस ड्राइविंग का मौका मिलने से उनका सपना सच हो गया है। बस ड्राइवर बनने के फैसले पर उन्हें अपने परिवार का काफी विरोध झेलना पड़ा। पूजा ने कहा कि उनके परिवार के सदस्य और ससुराल वाले पेशे के खिलाफ थे। इसके बावजूद उन्होंने ड्राइवर बनने के अपने सपने को आगे बढ़ाने का फैसला किया।

पूजा देवी कहती हैं कि लोग उन्हें बस चलाते हुए देखते हैं तो हैरान होते हैं। लेकिन जब वे बस में सवार हो जाते हैं तो उनके फैसले की तारीफ करते हैं। उन्हें मौका देने वाले जम्मू-कठुआ बस यूनियन के अध्यक्ष सरदार कुलदीप सिंह कहते हैं कि पूजा एक अच्छी ड्राइवर है। वह गाड़ी चलाते वक्त भरोसे से भरी और सतर्क रहती है।

Friday, December 25, 2020

जानिए प्रयागराज का वह मंदिर का रहस्य जहां लेटे है हनुमान जी।

श्री राम भक्त हनुमान जी का मंदिर देश - दुनिया में बहुत सी जगह है। लेकिन धर्म की नगरी प्रयागराज में संकटमोचन हनुमान जी का एक अनूठा मंदिर है। जिसे बड़े हनुमान जी के नाम से जाना जाता है। ऐसी मान्यता है कि पूरी दुनिया में इकौलाता ऐसा मंदिर है जहां हनुमान जी लेटे हुए हैं। और कहा जाता है कि प्रयागराज में आकर अगर हनुमान जी के इस स्वरुप के दर्शन नहीं किया तो पुण्य की प्राप्ति नहीं होती है। यहां दर्शन करने से सारे कष्ट का नाश हो जाता है।

 यहां स्थापित हनुमान की अनूठी प्रतिमा को प्रयाग का कोतवाल होने का दर्जा भी हासिल है। आम तौर पर जहां दूसरे मंदिरों मे प्रतिमाएँ सीधी खड़ी होती हैं। वही इस मन्दिर मे लेटे हुए बजरंग बली की पूजा होती है। पौराणिक कथाओं के मुताबिक लंका विजय के बाद भगवान् राम जब संगम स्नान कर भारद्वाज ऋषि से आशीर्वाद लेने प्रयाग आए तो उनके सबसे प्रिया भक्त हनुमान इसी जगह पर शारीरिक कष्ट से पीड़ित होकर मूर्छित हो गए।

पवन पुत्र को मरणासन्न देख माँ जानकी ने इसी जगह पर उन्हे अपना सिन्दूर देकर नया जीवन और हमेशा आरोअग्य व चिरायु रहने का आशीर्वाद देते हुए कहा कि जो भी इस त्रिवेणी तट पर संगम स्नान पर आयेंगा उस को संगम स्नान का असली फल तभी मिलेगा जब वह हनुमान जी के दर्शन करेगा।

हनुमान जी की इस प्रतिमा के बारे मे कहा जाता है कि 1400 इसवी में जब भारत में औरंगजेब का शासन काल था तब उसने इस प्रतिमा को यहां से हटाने का प्रयास किया था। करीब 100 सैनिकों को इस प्रतिमा को यहां स्तिथ किले के पास के मन्दिर से हटाने के काम मे लगा दिया था। कई दिनों तक प्रयास करने के बाद भी प्रतिमा टस से मस न हो सकी। सैनिक गंभीर बिमारी से ग्रस्त हो गये। मज़बूरी में औरंगजेब को प्रतिमा को वहीं छोड़ दिया।

Monday, December 21, 2020

"मादा बिच्छू" की अस्थिमज्जा पर उसके बच्चे विकसित होते हैं।

ऐसे तो हमारे समाज में मा का स्थान बहुत ऊंचा होता है। मा के स्थान को कोई ले नहीं सकता है। लेकिन हमारे समाज में ऐसे बहुत से जीव जंतु पेड़ पौधे है जो अपने ही मा को मर कर खाने में पीछे नहीं हटते। ऐसे ही एक जीव बिच्छू की मादा प्रजाति है। जो अपने बच्चे को अपने पेट में पलने के बाद तब तक रखती हैं जब तक उसके बच्चे बड़े नहीं हो जाते। 

"मादा बिच्छू" की अस्थिमज्जा पर उसके बच्चे विकसित होते हैं। मादा बिच्छू अपने  पैदाईश के बाद ये अपनी माँ की पीठ पर लदकर उसे तब तक खाते रहते हैं जबतक कि वो मर नहीं जाती।

Sunday, December 20, 2020

आखिर क्यों नहीं करना चाहते हैं लोग श्री राम-सीता के शुभ विवाह के दिन शादी ?

आज है विवाह पंचमी। हिंदू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को विवाह पंचमी मनाई जाती है विवाह पंचमी के दिन ही श्री राम और माता सीता का विवाह हुआ था। इसलिए आज के दिन भगवान राम और मां सीता की शादी की सालगिरह मनाई जाती है। आज के दिन श्री राम और माता सीता की पूजा अर्चना की जाती है। ऐसी मान्यता है कि जो जातक आज व्रत कर सच्चे मन से पूजा करता है तो उसे मनचाहा जीवनसाथी प्राप्त होता है। इस दिन नागदेवता की भी पूजा की जाती है।

इस दिन विवाह से क्यों डरते हैं लोग- हालांकि कई जगहों पर इस तिथि को विवाह के लिए शुभ नहीं माना जाता है। मिथिलाचंल और नेपाल में इस दिन लोग कन्याओं का विवाह करने से बचते हैं। लोगों में ऐसी मान्यताएं हैं कि विवाह के बाद ही प्रभु श्रीराम और माता सीता दोनों को बड़े दुखों का सामना करना पड़ा था। इसी वजह से लोग विवाह पंचमी के दिन विवाह करना उत्तम नहीं मानते हैं।

दुखों से भरा रहा दोनों का जीवन- प्रभु श्रीराम और माता सीता का विवाह होने के बाद दोनों को 14 साल का वनवास भोगना पड़ा। वनवास काल के दौरान भी मुश्किलों ने उनका पीछा नहीं छोड़ा। लंकपति रावण पर विजय हासिल कर जब दोनों अयोध्या लौटे तब भी दोनों को एकसाथ रहने का सौभाग्य नहीं मिल पाया। शायद इसी वजह से लोग इस तिथि को विवाह की शुभ वेला नहीं मानते हैं।

हालांकि कुछ जगहों पर मान्यताएं अलग हैं। कहते हैं अगर विवाह होने में बाधा आ रही हो तो विवाह पंचमी पर ऐसी समस्या दूर हो जाती है। मनचाहे विवाह का वरदान भी मिलता है। वैवाहिक जीवन की समस्याओं का अंत भी हो जाता है। भगवान राम और माता सीता की संयुक्त रूप से उपासना करने से विवाह होने में आ रही बाधाओं का नाश होता है। बालकाण्ड में भगवान राम और सीता जी के विवाह प्रसंग का पाठ करना शुभ होता है। सम्पूर्ण रामचरित-मानस का पाठ करने से भी पारिवारिक जीवन सुखमय होता है।

सुबह के वक्त स्नान करें और श्रीराम विवाह का संकल्प लें। स्नान करके विवाह के कार्यक्रम का आरम्भ करें। भगवान राम और माता सीता की प्रतिकृति की स्थापना करें। भगवान राम को पीले और माता सीता को लाल वस्त्र अर्पित करें या तो इनके समक्ष बालकाण्ड में विवाह प्रसंग का पाठ करें या "ॐ जानकीवल्लभाय नमः" का जप करें। इसके बाद माता सीता और भगवान राम का गठबंधन करें। उनकी आरती करें। इसके बाद गांठ लगे वस्त्रों को अपने पास सुरक्षित रख लें। श्रीराम विवाह के दिन पीले वस्त्र धारण करें। तुलसी या चन्दन की माला से मंत्र या दोहों का यथाशक्ति जप करें। जप करने के बाद शीघ्र विवाह या वैवाहिक जीवन की प्रार्थना करें। इनमे से किसी भी एक दोहे का जप करना लाभकारी होगा।

1- प्रमुदित मुनिन्ह भावँरीं फेरीं। नेगसहित सब रीति निवेरीं॥
राम सीय सिर सेंदुर देहीं। सोभा कहि न जाति बिधि केहीं॥ 
 
2- पानिग्रहन जब कीन्ह महेसा। हियँ हरषे तब सकल सुरेसा॥
बेदमन्त्र मुनिबर उच्चरहीं। जय जय जय संकर सुर करहीं॥
 
3- सुनु सिय सत्य असीस हमारी। पूजिहि मन कामना तुम्हारी॥
नारद बचन सदा सुचि साचा। सो बरु मिलिहि जाहिं मनु राचा॥

Thursday, December 17, 2020

देश में हुई कोरोना की रफ्तार धीमी, पिछले 24 घंटे में आए 24,010 नए मामले।

दुनिया में कोरोना वायरस की रफ्तार का ग्राफ नीचे गिरता जा रहा है। भारत में कोरोना वायरस के नए मामलों में लगातार गिरावट आ रही है। पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 24,010 नए मामले सामने आए हैं, जबकि 355 लोगों की मौत हुई है। देश में अबतक कोरोना मरीजों की कुल संख्या 99 लाख 56 हजार 557 हो गई है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, भारत में कोरोना के कुल मामले बढ़कर 99 लाख 56 हजार हो गए हैं। इनमें से अब तक एक लाख 44 हजार 451 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। कुल एक्टिव केस घटकर तीन लाख 22 हजार हो गए। अब तक कुल 94 लाख 89 हजार लोग कोरोना को मात देकर ठीक हो चुके हैं।

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के मुताबिक, 16 दिसंबर तक कोरोना वायरस के लिए कुल 15 करोड़ 78 लाख कोरोना के सैंपल टेस्ट किए गए, जिनमें से 11.58 लाख सैंपल कल टेस्ट किए गए। देश में पॉजिटिविटी रेट सात फीसदी है। 26 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एक्टिव केस 20,000 से कम हैं और 9 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एक्टिव केस 20,000 से ज्यादा हैं।

महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, आंध्र प्रदेश समेत कुछ राज्यों में कोरोना वायरस के एक्टिव केस, मृत्यु दर और रिकवरी रेट का प्रतिशत सबसे ज्यादा है। राहत की बात है कि मृत्यु दर और एक्टिव केस रेट में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। पिछले 20 दिनों से लगातार कोरोना वायरस के नए मामलों से ज्यादा रिकवरी हो रही हैं। देश में कोरोना से मृत्यु दर 1.45 फीसदी है जबकि रिकवरी रेट 95 फीसदी से ज्यादा है। एक्टिव केस 4 फीसदी से भी कम है।

सबसे ज्यादा एक्टिव केस महाराष्ट्र में हैं। एक्टिव केस मामले में दुनिया में भारत का आठवां स्थान है। कोरोना संक्रमितों की संख्या के हिसाब से भारत दुनिया का दूसरा सबसे प्रभावित देश है। रिकवरी दुनिया में अमेरिका के बाद सबसे ज्यादा भारत में हुई है। मौत के मामले में अमेरिका और ब्राजील के बाद भारत का नंबर है।

Wednesday, December 16, 2020

Donald Trump से लेकर Narendra Modi तक, इतनी सैलरी पाते हैं दुनिया के पांच बड़े नेता

किसी भी देश को चलाने की जिम्मेदारी और बहुत अधिक जवाबदेही इन नेताओं की है। ऐसे में कई बार मन में खयाल आता होगा कि नेता देश चलाते हैं लेकिन इनका घर कैसे चलता होगा यानी इनकी सैलरी क्या होगी? निश्चित तौर पर नेताओं को भी घर चलाने के लिए सैलरी की आवश्यकता होती है। इसका ताजा उदाहरण है ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) का बयान। बोरिस ने कहा है कि वह अब कुछ और काम करने की योजना बना रहे हैं क्योंकि वर्तमान सैलरी से जीवन यापन मुश्किल हो रहा है। बोरिस का ये बयान कितना सही है यह जानने के लिए जानते हैं विश्व के पांच बड़े नेताओं की सैलरी।

1. डोनाल्ड ट्रंप, राष्ट्रपति अमेरिका (Donald Trump Salary, President of the United States of America) 
राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ते समय डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump) ने दावा किया था कि वह वेतन नहीं लेंगे। हालांकि, अमेरिकी संविधान ने इसकी अनुमति नहीं दी। इसलिए राष्ट्रपति ट्रम्प वेतन लेते तो हैं लेकिन कई संघीय विभागों को दान करते हैं। जॉन एफ कैनेडी और हर्बर्ट हूवर जैसे पूर्व राष्ट्रपति, जो धनी परिवारों से आए थे उन्होंने भी अपना वेतन दान किया था। हालांकि राष्ट्रपति ट्रम्प मैनहट्टन, न्यूयॉर्क और अन्य जगहों पर चल रहे उनके व्यवसाय में से कमाई करते हैं। उनकी कुल संपत्ति 2.5 बिलियन डॉलर है, इस लिहाज से वह पहले अरबपति अमेरिकी राष्ट्रपति हैं। यूएसए टुडे की एक सूची के अनुसार, वह सबसे अधिक वेतन पाने वाले विश्व के नेताओं में चौथे स्थान पर हैं।
वेतन: ₹ 2.94 करोड़ प्रति वर्ष

2. नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री भारत (Narendra Modi Salary, Prime Minister of India)
12 अक्टूबर 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने जून 2020 तक की अपनी वित्तीय स्थिति का स्वेच्छा से खुलासा किया है। उस रिपोर्ट के अनुसार, पिछले वित्त वर्ष में उनकी चल संपत्ति 26.26% बढ़कर 1.39 करोड़ से 1.75 करोड़ हो गई। हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पीएम ने अपने वेतन का अधिकांश हिस्सा खर्च ही नहीं किया है, इस कारण उनकी संपत्ति में ये बढ़ोतरी हो पाई है. इस साल, पीएम मोदी और उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों ने COVID-19 संकट के कारण अपने वेतन में 30% वेतन कटौती का फैसला लिया। प्रधानमंत्री मोदी को महीने में 2 लाख रुपए मिलते हैं जो विश्व के तमाम नेताओं की तुलना में काफी कम है।
वेतन: ₹ 24 लाख प्रति वर्ष

3. बोरिस जॉनसन, प्रधानमंत्री यूके (Boris Johnson Salary, Prime Minister of United Kingdom)
इस सप्ताह की शुरुआत में, यूके के पीएम बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) ने दावा किया था कि वह पद से सेवानिवृत्त होने पर विचार कर रहे हैं क्योंकि वह इस वेतन पर जीवन यापन नहीं कर पा रहे। कार्यभार संभालने से पहले, बोरिस जॉनसन ने अंग्रेजी दैनिक द टेलीग्राफ में काम किया था यहां उनकी तनख्वाह 2.5 करोड़ रुपए सालाना थी। उन्होंने केवल दो भाषण देकर एक महीने में 1,17,98,128 रुपए कमाए, जो कि एक साल में यूनाइटेड किंगडम के पीएम की सैलरी से अधिक है।
वेतन: ₹ 1.43 करोड़

4. जस्टिन ट्रूडो, कनाडा के प्रधानमंत्री (Justin Trudeau Salary, Prime Minister of Canada)
कनाडा को सबसे अच्छा वेतन पैकेज देने वाले देश के तौर पर जाना जाता है। यह नियम यहां के प्रधानमंत्री Justin Trudeau पर भी लागू होता है। Wion के अनुसार, पीएम को मिलने वाली सैलरी में हाउस ऑफ कॉमन्स, बेसिक सेशनल क्षतिपूर्ति, वेतन और परिवार का भत्ता शामिल है। दुनिया के 20 सबसे अधिक सैलरी पाने वाले लोगों में यहां के पीएम शामिल हैं।
वेतन: ₹ 1.96 करोड़ प्रति वर्ष

5. जैसिंडा अर्डर्न, प्रधानमंत्री न्यूजीलैंड (Jacinda Ardern Salary, Prime Minister of New Zealand)
प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न (Jacinda Ardern) की पद संभालने के बाद से काफी प्रशंसा हुई है। न केवल वह देश के आंतरिक मामलों में बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं बल्कि उनकी सरकार ने COVID-19 संकट का भी दृढ़ता से मुकाबला किया है। अपनी कार्यशैली के ही कारण जैसिंडा अर्डर्न ने फिर से चुनाव जीता। 80 वर्षों में न्यूजीलैंड के चुनावी इतिहास में जैसिंडा का चुनाव कई मायनों में बेहद अहम रहा। न्यूजीलैंड के पीएम के रूप में अर्डर्न सबसे अधिक सैलरी पाने वाले विश्व के नेताओं की सूची में 7वें स्थान पर हैं।
वेतन: ₹ 2.06 करोड़ प्रति वर्ष



मैं तो इंसानियत से मजबूर था तुम्हे बीच मे नही डुबोया" मगर तुमने मुझे क्यों काट लिया!

नदी में बाढ़ आती है छोटे से टापू में पानी भर जाता है वहां रहने वाला सीधा साधा1चूहा कछुवे  से कहता है मित्र  "क्या तुम मुझे नदी पार करा ...