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Sunday, January 10, 2021

सर्दियों में शकरकंद खाने के हैरान करने वाले ये फायदे।

सर्दियों में शकरकंद खाना बहुत से लोगों पसंद आता है। इसे स्वीट पोटैटो या गंजी के नाम से भी जाना जाता है। ये स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है। कई लोग इसकी बराबरी आलू से करते हैं लेकिन पोषक तत्वों और स्वास्थ्य के लिहाज से इसके फायदे बहुत ज्यादा है। ज्यादातर लोग सर्दियों में इसे आग में भून कर खाना पसंद करते हैं। तो कई लोग इसे उबाल कर इसकी चाट खाते हैं। क्या आप जानते हैं इसके फायदे।

1. शकरकंद या स्वीट पोटैटो का सेवन सर्दियों में लाभदायक होता है. सर्दियों में कंद-मूल अधिक फायदेमंद रहते हैं, क्योंकि ये शरीर को गर्म रखते हैंं। शकरकंद की गहरे रंग की प्रजाति में कैरोटिनॉयड जैसे, बीटा-कैरोटीन और विटामिन ए अधिक मात्रा में पाया जाता है। 100 ग्राम शकरकंद में 400 फीसदी से अधिक विटामिन ए पाया जाता है।

2. शकरकंद में आयरन, फोलेट, कॉपर, मैगनीशियम, विटामिन्‍स आदि होते हैं, जिससे इम्‍यून सिस्‍टम मजबूत बनता है। इसको खाने से त्‍वचा में चमक आती है और चेहरे पर जल्‍दी झुर्रियां नहीं पड़ती। इसमें मौजूद विटामिन सी त्‍वचा में कोलाजिन का निर्माण करता है जिससे आप सदाबाहर जवां और खूबसूरत रहते हैंं।

3. शकरकंद डायट्री फाइबर और कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होता है। शकरकन्‍द खाने में मीठा होता है। इसके सेवन से खून बढ़ता है, शरीर मोटा होता है साथ ही यह कामशक्ति को भी बढ़ाता है। नारंगी रंग के शकरकंद में विटामिन ए भरपूर मात्रा में पाया जाता है। शकरकंद में कैरोटीनॉयड नामक तत्व पाया जाता है जो ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है। वहीं इसमें मौजूद विटामिन बी6 डायबिटिक हार्ट डिजीज में भी फायदेमंद होता है।

4. यह उच्च मात्रा वाला स्टार्च फूड है, जिसके 100 ग्राम में 90 कैलोरीज होती हैंं। शकरकंद खाने में मीठा होता है. इसके सेवन से मोटापा, मधुमेह, हृदय रोगों और सम्पूर्ण तौर पर मृत्युकारक जोखिम कम होते हैंं। यह आरोग्यवर्धक तथा ऊर्जा वर्धक होता है, पर वजन को कम करने में मददगार होता है।

5. अगर आपको का ब्‍लड शुगर लेवल कुछ भी खाने से तुरंत ही बढ जाता है तो, शकरकंद खाना ज्‍यादा अच्‍छा होता है। इसे खाने से ब्‍लड शुगर हमेशा नियन्‍त्रित रहता है और इंसुलिन को बढने नहीं देता।

6. शकरकंद में कैलोरी और स्टार्च की सामान्य मात्रा होती है। वहीं, सैचुरेटेड फैट और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा इसमें न के बराबर रहती है। इसमें फाइबर, एंटी-ऑक्सीडेंट्स, विटामिन और लवण भरपूर पाए जाते हैंं।

7. शकरकंद में भरपूर मात्रा में विटामिन बी6 पाया जाता है, जो शरीर में होमोसिस्टीन नाम के अमीनो एसिड के स्तर को कम करने में सहायक होता है। अगर इस अमीनो एसिड की मात्रा बढ़ने पर बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है।

8. शकरकंद विटामिन डी का एक बहुत अच्छा सोर्स है। यह विटामिन दांतों, हड्ड‍ियों, त्वचा और नसों की ग्रोथ और मजबूती के लिए आवश्यक होता है। शकरकंद विटामिन ए का बहुत अच्छा माध्यम है। इसके सेवन से शरीर की 90 प्रतिशत तक विटामिन ए की पूर्ति हो जाती है।

9. शकरकंद में भरपूर मात्रा में आयरन होता है। आयरन की कमी से हमारे शरीर में एनर्जी नहीं रहती, रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित होती है और ब्लड सेल्स का निर्माण भी ठीक से नहीं होता। शकरकंद आयरन की कमी को दूर करने में मददगार रहता है।

10. शकरकंद पोटैशियम का एक बहुत अच्छा माध्यम है। यह नर्वस सिस्टम की सक्रियता को सही बनाए रखने के लिए आवश्यक है। साथ ही किडनी को भी स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण योगदान देता है।

PM नरेंद्र मोदी, की उलब्धियां आसमान छूती हुई दुनिया में बने नंबर-1 डोनाल्ड ट्रंप के Twitter पर बैन होते ही फॉलोअर्स की रेस में सबसे आगे।

नई दुनिया: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) का ट्विटर अकाउंट सस्पेंशन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) दुनिया में ट्विटर पर सबसे ज्यादा फॉलो किए जाने वाले सक्रिय राजनेता बन गए हैं।


पीएम मोदी ने बनाया नया रिकॉर्ड।
कुछ दिन पहले तक ये खिताब डोनाल्ड ट्रंप के नाम था, और पीएम मोदी ट्विटर (Twitter) पर सबसे ज्यादा फॉलो किए जाने वाले सक्रिय नेताओं की लिस्ट में दूसरे नंबर पर थे। लेकिन अमेरिकी संसद में अपने समर्थकों को हिंसा के लिए भड़काने के आरोप में ट्विटर द्वारा ट्रंप पर की गई कार्रवाई के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ट्विटर पर सबसे ज्‍यादा फॉलो किए जाने वाले सक्रिय राजनेता हो गए हैं।

ट्विटर पर हैं 6 करोड़ 47 लाख फॉलोअर्स।
बताते चलें कि ट्विटर पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 88.7 मिलियन यानी करीब 8 करोड़ 87 लाख फॉलोअर्स थे। जबकि भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी के 64.7 मिलियन यानी करीब 6 करोड़ 47 लाख फॉलोअर्स हैं।

हालांकि पीएम नरेंद्र मोदी और ट्रंप से ज्यादा पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के ट्विटर पर फॉलोअर्स हैं। बराक ओबामा के ट्विटर पर 127.9 मिलियन यानी करीब 12 करोड़ 79 लाख फॉलोअर्स हैं। लेकिन ओबामा फिलहाल न किसी पद पर हैं और न ही सक्रिय राजनेता हैं। इसलिए पीएम मोदी इस लिस्ट में सबसे आगे हो गए हैं।

सरकार ने वन नेशन वन राशन कार्ड अभियान के तहत नया Ration कार्ड पेश किया है।

सरकार ने वन नेशन वन राशन कार्ड (One Nation One Ration Card) अभियान के तहत नया Ration कार्ड पेश किया है। One Nation One Ration Card योजना के पूरे देश में लागू होने के बाद कोई भी कार्डधारक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (NFSA) के तहत किसी भी राज्य की राशन की दुकान से अपना सामान ले सकेगा।


घर बैठ कर सकते हैं आवेदन
अब तक Ration कार्ड नहीं बना है तो घर बैठे ऑनलाइन (Apply online for ration card) ही बनवा सकते हैं। इसके लिए सभी राज्यों की ओर से वेबसाइट शुरू कर दी गई है। आप जिस भी राज्य के मूल निवासी हैं, उसकी वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। बता दें इस समय देश में दो कैटेगिरी के राशन कार्ड होते हैं। एक BPL कैटेगिरी और दूसरा बिना बीपीएल कैटेगिरी का। आय के हिसाब से आप यह चुन सकते हैं कि कौन सा राशन कार्ड के लिए आपको आवेदन करना है।

How to Apply for Ration Card
आपको सबसे पहले राज्य की ऑफिशियल साइट पर जाना होगा। राशन कार्ड बनवाने के लिए ID Proof के तौर पर Aadhaar कार्ड, Voter आईडी, Passport दिया जा सकता है। अगर ये कार्ड नहीं है तो सरकार के द्वारा जारी किया गया कोई आई कार्ड, हेल्थ कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस दिया जा सकता है।

आपको राशन कार्ड का आवेदन करने के साथ ही 5 से 45 रुपए फीस देनी होगी। एप्लीकेशन सबमिट होने के बाद इसे फील्ड वेरिफिकेशन के लिए भेजा जाता है। अधिकारी फॉर्म में भरी जानकारियों की जांच कर पुष्टि करता है। यह जांच आवेदन करने के 30 दिन के अंदर पूरी हो जाती है। जांच सही पाए जाने पर 30 दिन में राशन कार्ड जारी हो जाता है। इसके अलावा आवेदनकर्ता चाहे तो राशन कार्ड के लिए कॉमन सर्विस सेंटर में भी अप्लाई कर सकते है।

कोर्ट के आदेश के बाद सख्त हुई योगी सरकार! अधिकारियों को डिमोट कर बनाया चपरासी और चौकीदार।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ एक और सख्त कदम उठाते हुए बड़ा फैसला लिया है। भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए प्रदेश के सूचना विभाग में 4 अपर जिला सूचना अधिकारियों का डिमोशन किया गया है। इन चारों अधिकारियों को चपरासी, चौकीदार और सिनेमा ऑपरेटर कम प्रचार सहायक के पद पर डिमोट किया गया है. जानकारी के मुताबिक, नवंबर 2014 में इन सभी अधिकारियों को नियम विरुद्ध ढंग से प्रमोट किया गया था।

पहले भी सरकार ले चुकी है यह फैसला।
हाई कोर्ट के आदेश के अनुसार डिमोट किए गए अधिकारियों को उनके मूल पद पर वापस भेज दिया गया है। बता दें, योगी सरकार ने यह सख्ती पहली बार नहीं की है। कुछ समय पहले भी एक एसडीएम को तहसीलदार बनाया जा चुका है। जानकारी के मुताबिक, क्षेत्रीय प्रचार संगठन के तहत चारों कर्मचारी सूचना कार्यालय में तैनात थे, जब इनका नियमों के विरुद्ध प्रमोशन किया गया। पदोन्नति के बाद यह कर्मचारी अपर जिला सूचना अधिकारी बना दिए गए।

मूल पद संभाल कर मुख्यालय को रिपोर्ट देने के निर्देश।
निदेशक सूचना शिशिर की ओर से जारी किए गए आदेश के मुताबिक, बरेली अपर जिला सूचना अधिकारी नरसिंह को डिमोट कर चपरासी, मथुरा अपर जिला सूचना अधिकारी विनोद कुमार शर्मा को पदावनत कर सिनेमा ऑपरेटर कम प्रचार सहायक, भदोही (संत रविदासनगर) अपर जिला सूचना अधिकारी अनिल कुमार सिंह का डिमोशन कर सिनेमा ऑपरेटर कम प्रचार सहायक और फिरोजाबाद अपर जिला सूचना अधिकारी दयाशंकर को चौकीदार के पद पर वापस भेज दिया गया।

बीते 6 जनवरी को जारी यह आदेश तत्काल रूप से लागू किया गया है. साथ ही, चारों कर्मचारियों को आदेश दिया गया है कि अपने मूल पद पर रिपोर्ट कर कार्यभार संभालें और उसकी रिपोर्ट तुरंत मुख्यालय को दें।

Netaji Subhash Chandra Bose की 125वीं जयंती मनाने के लिए बड़ी तैयारी बनी 85 सदस्यीय कमेटी।

नई दुनिया: नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Netaji Subhash Chandra Bose) की 23 जनवरी को 125वीं जयंती है। इस बार नेताजी की जयंती को बड़े स्तर पर मनाने की तैयारी केन्द्र सरकार ने शुरू कर दी है।


पीएम मोदी की अध्यक्षता में हाई लेवल कमेटी का गठन।
केन्द्र सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में एक हाई लेवल कमेटी (High Level Committee) का गठन किया है। यह कमेटी दिल्ली, कोलकाता और देश- विदेश में नेताजी की जयंती मनाने की रूपरेखा तैयार करेगी। नेताजी (Netaji Subhash Chandra Bose) की जयंती पर कई कार्यक्रम किए जाएंगे। दिल्ली के लाल किले के नेताजी म्यूजियम से लेकर कोलकाता में विक्टोरिया मेमोरियल तक कई कार्यक्रम किए जाएंगे। सूत्र बता रहे हैं कि अंडमान निकोबार में भी नेताजी की जयंती पर बड़ा कार्यक्रम किया जाएगा।

कमेटी में कुल 85 लोगों को मिला स्थान।
नेताजी की 125वीं जयंती (Netaji Subhash Chandra Bose 125th Birth Anniversary) मनाने के लिए पीएम मोदी की अध्यक्षता में अलग अलग फ़ील्ड और सभी राजनीतिक दलों से कुल 85 सदस्य इस कमेटी में रखे गए हैं. गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, संस्कृति मंत्री प्रह्लाद पटेल समेत केन्द्र सरकार के कई मंत्री और सांसद भी शामिल हैं. इसमें नेताजी के परिवार और उन पर रिसर्च करने वाले कई महत्वपूर्ण लोग भी शामिल हैं।

डॉ मनमोहन समेत कई विपक्षी नेता भी शामिल
खास बात यह है कि हाईलेवल कमेटी में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल, कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, अधीर रंजन चौधरी, पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक भी शामिल है. मिजोरम, त्रिपुरा, नागालैंड, मणिपुर, मेघालय के मुख्यमंत्री भी इस कमेटी में शामिल किए गए हैं.

नेताजी के परिवार भी कमेटी में शामिल किए गए।
अन्य बड़ी हस्तियों की बात करें तो क्रिकेटर सौरव गांगुली, अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती, अभिनेत्री काजोल, फिल्म निर्माता कौशिक गांगुली, फुटबॉलर सुब्रत भट्टाचार्य और शिक्षाविद जेएस राजपूत भी इस कमेटी (High Level Committee) के सदस्य बनाए गए हैं. नेताजी सुभाष चंद्र बोस के परिवार से उनकी बेटी अनीता बोस, भतीजे अरेंधु बोस, चंद्रकुमार बोस और रेणुका को कमेटी में रखा गया है।

पीएम ने फिर जताया, देश की धरोहर हैं नेताजी।
पश्चिम बंगाल चुनाव से पहले इस बार नेताजी की जयंती (Netaji Subhash Chandra Bose 125th Birth Anniversary) काफी महत्वपूर्ण बताई जा रही है. बंगाली अस्मिता से जोड़ते हुए इस बार चुनाव से पहले TMC और बीजेपी दोनों ही अपने अपने ढंग से जयंती मनाने की तैयारी कर रही हैं. लेकिन केन्द्र सरकार की इस हाई लेवल कमेटी में सभी दलों के सदस्यों को जगह देकर पीएम मोदी ने स्पष्ट कर दिया है कि नेताजी देश की धरोहर हैं।

Saturday, January 9, 2021

सर्दियों में जरूर खाए मूंगफली, जानिए इसके चमत्कारी फायदे।

मूंगफली सर्दियों का सबसे लोकप्रिय टाइम पास है। मूंगफली सबसे सस्ता ड्राई फ्रूट है। ये आसानी से मिल भी जाता है। इसे सस्ता बादाम भी कहा जाता है। और ठंड में ये सिर्फ खाने में ही टेस्टी नहीं लगता बल्कि ये सेहत के लिए लाभदायक होता है। इसमें पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है जो शारीरिक वृद्धि के लिए बहुत जरूरी है। मूंगफली में पर्याप्त मात्रा में आयरन, कैल्शियम और जिंक पाया जाता है। इसके अलावा इसे खाने से ताकत मिलती है। ये विटामिन ई और विटामिन बी 6 से भरपूर है। इसके अलावा मूंगफली शरीर को गर्माहट भी देता है। आज हम आपको मूंगफली के फायदे बताएंगे।

1. मूंगफली में मौजूद तत्व पेट से जुड़ी कई समस्याओं में राहत देने का काम करते हैं। इसके नियमित सेवन से कब्ज की समस्या दूर हो जाती है।

2. मूंगफली खाने से शरीर को ताकत मिलती है। इसके अलावा ये पाचन क्रिया को भी बेहतर रखने में मददगार है।

3. गर्भवती महिलाओं के लिए मूंगफली खाना बहुत फायदेमंद होता है। इससे गर्भ में पल रहे बच्चे का विकास बेहतर तरीके से होता है।

4. ओमेगा 6 से भरपूर मूंगफली त्वचा को भी कोमल और नम बनाए रखता है। कई लोग मूंगफली के पेस्ट का इस्तेमाल फेसपैक के तौर पर भी करते हैं।

5. मूंगफली खाने से दिल से जुड़ी बीमारियां होने का खतरा कम हो जाता है।

6. मूंगफली के नियमित सेवन से खून की कमी नहीं होने पाती है।

7. बढ़ती उम्र के लक्षणों को रोकने के लिए भी मूंगफली का सेवन किया जाता है। इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट बढ़ती उम्र के लक्षणों जैसे बारीक रेखाएं और झुर्रियों को बनने से रोकते हैंं।

8. इसमें कैल्शियम और विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा होती है। ऐसे में इसके सेवन से हड्डियां मजबूत बनती हैंं।

प्रतापगढ़ में डॉल्फिन को पीट-पीटकर मार डाला, तीन गिरफ्तार।

उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ का एक वीडियो काफी ज्यादा वायरल हो रहा है। बता दें, ये वीडियो डॉल्फिन की हत्या का है। जिसमें कई युवा डॉल्फिन को कुल्हाड़ी, लाठी, डंडों से मार रहे हैं। ये वीडियो करीब एक हफ्ते पुराना बताया जा रहा है। ये घटना नवाबगंज कोतवाली के कोथरिया की है।


डॉल्फिन भारत का राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित है और इसकी प्रजाति विलुप्ति के कगार पर है। बीते 31 दिसंबर को डॉल्फिन की हत्या की सूचना पर पुलिस और वन विभाग की टीम ने शव बरामद किया था और रेंजर की तहरीर पर अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था।
वन विभाग ने शव का पोस्टमार्टम करवाया था। सात जनवरी को तीन लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था, हत्या में शामिल अन्य लोगों की तलाश जारी है। हत्या करते हुए लगभग दर्जन भर लोग वीडियो में साफ नजर आ रहे है जिसमें एक व्यक्ति कुल्हाड़ी से हमला कर रहा है अन्य लोगों के हाथों में लकड़ियां है।
वीडिये में कुछ लोग डॉल्फिन को बचाने का प्रयास कर रहे है तो कुछ लोग मछली के भंडारे की बात कर रहे है। भारत की नदियों में मीठे पानी की दो तरह की डॉल्फिन पाई जाती हैं गंगा डॉल्फिन और सिंधु डॉल्फिन, इनकी संख्या लगातार शिकार के चलते घटती जा रही थी जिसे देखते हुए सरकार ने इसे संरक्षित जलीय जीव घोषित करते हुए शिकार पर प्रतिबंध लगा दिया इतना ही इसे राष्ट्रीय जलीय जीव साल 2009 में घोषित किया गया था। वर्तमान में देश में इस प्रजाति की संख्या घटकर 2000 से कम रह गई है। मीठे पानी की डॉल्फिन भारत के अलावा नेपाल, बंगलादेश और पाकिस्तान में भी पाई जाती है। सवाल ये उठता है कि इस नहर में कैसे आई डॉल्फिन इसकी संभावना यह है कि बहराइच के कर्तनिया डेम से ये नहर में पहुंची होगी क्योंकि शारदा नदी की ही सहायक नहर है जो सिंचाई के साथ ही एनटीपीसी ऊंचाहार को पानी की आपूर्ति करती है।

मैं तो इंसानियत से मजबूर था तुम्हे बीच मे नही डुबोया" मगर तुमने मुझे क्यों काट लिया!

नदी में बाढ़ आती है छोटे से टापू में पानी भर जाता है वहां रहने वाला सीधा साधा1चूहा कछुवे  से कहता है मित्र  "क्या तुम मुझे नदी पार करा ...