सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है। ऐसे में कहा जाता है कि अगर सोमवार को भगवान शिव की सच्चे मन से पूजा की जाए तो सारे कष्टों से मुक्ति मिलती है और सभी मनोकामना पूरी होती है। शिव सदा अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं। मान्यता है कि भगवान शिव को खुश करने के लिए सोमवार को सुबह उठकर स्नान करके भगवान शिव की आराधना करनी चाहिए। वैसे तो भगवान शिव के कई तरह के नाम हैं लेकिन सभी भक्त प्रेम से इन्हें भोलेनाथ ही पुकारते हैं क्योंकि भोलेनाथ के अंदर न तो अहम है और न ही चालाकी है। उनके अंदर एक बच्चे की तरह मासूमियत है। इसीलिए इन्हें भोलेनाथ कहा जाता है। सभी देवताओं में भोलेनाथ ही एक ऐसे देवता हैं जिन्हें खुश करना सबसे आसान होता है।
जहां एक तरफ उनको भोलेनाथ कहा जाता है तो वहीं दूसरी तरफ इनको सृष्टि का विनाशक भी कहा जाता है। हिन्दू धर्म के मुताबिक भगवान शिव त्रिदेवों में से एक हैं। ऐसी मान्यता है कि जो भी भगवान शिव की आराधना करता है उसके सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। शिवपुराण में 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र को सारे कष्टों को दूर करने वाला मंत्र बताया गया है। शिवपुराण में ही ऐसा बताया गया है कि 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र के जाप से मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। शिव महापुराण में ही इस मंत्र को शरणाक्षर मंत्र भी कहा गया है।
'ॐ नमः शिवाय' मंत्र जाप करने की विधि।
हमारे हिन्दू धर्मशास्त्रों में इस चमत्कारी मंत्र का जाप करने के लिए किसी खास समय का निर्धारण नहीं किया गया है। इसका मतलब यह है कि इस मंत्र का जाप अपनी सुविधा के अनुसार कभी भी कर सकते हैं।
1. इस मंत्र का जाप नदी के किनारे शिवलिंग की स्थापना कर, किसी वन या शांत स्थान पर या घर में रहते हुए भी कर सकते हैंं।
2. इस मंत्र का जाप प्रत्येक दिन हमेशा पूर्व या उत्तर दिशा की तरफ मुख करके करना चाहिए।
3. इस मंत्र का जाप रुद्राक्ष की माला से करना चाहिए।
4. इस मंत्र का जाप प्रत्येक दिन कम से कम 108 बार करना चाहिए।
ॐ नमः शिवाय' मंत्र के जाप से होने वाला लाभ।
इस मंत्र का जाप करने से धन की प्राप्ति, संतान की प्राप्ति और शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है। इस मंत्र के जाप से सभी कष्ट और दुख दूर हो जाते हैं।