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Friday, February 5, 2021

'ये भारत की बात है' के एंकर विकास शर्मा का निधन।

हिंदी जगत के शो ये भारत की बात है के एंकर विकास शर्मा अब हमारे बीच नहीं हैं। ये हमारे लिए बहुत दुख की घड़ी है। जैसा आप सभी जानते हैं विकास शर्मा R.भारत के साथ लॉन्चिंग के वक्त से ही जुड़े थे।

कानपुर के छोटे से गांव से निकल कर देश के नंबर वन शो के एंकर बनने तक विकास शर्मा की जिंदगी एक लड़के के बहुत कम समय में अपनी कठिन मेहनत से आम से खास बनने की कहानी है। दो साल पहले विकास ने रिपब्लिक के साथ अपने नए सफर का आगाज़ किया था, नंबर वन बनने की मंजिल की तलाश में निकले विकास के लिए चुनौतियां बहुत थीं, लेकिन जो चुनौतियों से हार जाए वो विकास शर्मा नहीं थे, अपनी लगन और अथक परिश्रम से बहुत कम समय में 9 बजे बड़े बड़े दिग्गदजों की भीड़ में विकास ने ना सिर्फ अपना मुकाम बनाया बल्कि खास अंदाज़ से लोगों का दिल भी जीत लिया।

लोग विकास की एंकरिंग और रपोर्टिंग के कायल हो चुके थे। वहीं विकास शर्मा के निधन पर रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी ने दुख जताया। अर्नब ने कहा कि, 'विकास के तेवर, विकास का तरीका अलग था, अंदाज़ औरों से जुदा था और उनके इसी अंदाज़ में आम लोगों को खुद की कहानी अपने सवाल, अपनी परछाई, अपना गुस्सा, अपनी बात नजर आने लगी, अपने भारत की बात सुनाई देने लगी।

विकास ने हर चुनौती को मुस्कुरा कर अपनाया, बात चाहे बिहार में बेहाल अस्पतालों की हो य़ा फिर सुशांत के लिए इंसाफ की मुहिम हो, विकास डटे रहे, लड़ते रहे, यहां तक की कोरोना से भी जंग जीत कर दफ्तर लौटे और एक बार फिर बाबुलंद भारत की बात शुरु की।' कहते हैं भगवान की मर्जी के आगे किसी का जोर नहीं चलता। विकास की जिंदगी लंबी ना सही लेकिन बड़ी जरुर थी जो आने वाले समय में युवाओं को प्रेरित करती रहेगी। विकास आज भले ही हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन वो आपकी और हमारी यादों और दिलों में ज़िंदा हैं और हमेशा रहेंगे।

शुक्रवार के दिन रखे मां संतोषी की व्रत और सुने कथा, होगी हर मनोकामना पूरी।

मां संतोषी को मां दुर्गा के सबसे शांत, कोमल रूपों में से एक माना जाता हैं। संतोषी माता कमल के फूल में विराजमान हैं। मां संतोषी के पिता भगवान गणेश और माता रिद्धि-सिद्धि हैं। धन-धान्य और रत्नों से भरा परिवार होने के कारण इन्हें देवी संतोषी कहा जाता है। शास्त्रों के अनुसार शुक्रवार का दिन माता संतोषी को समर्पित होता है। इस दिन मां संतोषी की पूजा करना बहुत ही शुभ माना जाता है। इस दिन मां का व्रत रखने से आपकी हर इच्छा पूरी हो जाती हैं।

जानिए पूजा विधि, व्रत कथा, सामग्री और आरती।
एक बूढी औरत थी, जिसके 7 बेटे थे। इनमें से 6 बेटे बहुत मेहनती थे औए एक बेटा, जो सभी भाइयों में सबसे छोटा था। वह आलसी था और कुछ भी नहीं कमाता था। जब वो बूढी औरत खाना बनाती तो अपने 6 बेटों को अच्छे से खाना खिलाती और निकम्मे बेटे को सभी भाइयों की जूठन वाला खाना परोस देती थी। सबसे छोटा बेटा बहुत भोला था और इस बात से अनजान भी था। एक दिन सबसे छोटे बेटे ने अपनी पत्नी से कहा कि 'देखो मेरी मां मुझे कितना प्यार करती हैं।' इस पर उसकी पत्नि व्यंग करते हुए बोली कि हां क्यों नहीं, रोज सभी की जूठन जो परोस कर दे देती हैं। इस बात को सुनकर उस बेटे ने कहा कि ऐसा कैसे हो सकता हैं? जब तक मैं स्वयं अपनी आंखों से नहीं देख लेता, तुम्हारी इस बात पर विश्वास नहीं करूंगा। तब पत्नी ने कहा कि स्वयं देखने के बाद तो विश्वास करेंगे ना। कुछ दिनों बाद एक त्यौहार आया और घर में विभिन्न प्रकार के व्यंजन और लड्डू आदि बनाए गए। अपनी पत्नी द्वारा कही गयी बात की सच्चाई को परखने के लिए सबसे छोटा बेटा तबियत ख़राब होने का बहाना करके रसोई में गया और वहीं ज़मीन पर लेट गया और मुंह पर एक पतला कपड़ा ढंक लिया ताकि वह सब देख सकें। सभी भाई रसोई में भोजन ग्रहण करने आये। उसकी माँ ने सभी 6 भाइयो को लड्डू और अन्य व्यंजन बहुत ही प्रेम पूर्वक परोसे और जब उन सभी ने भोजन कर लिया और वे चले गये, तब उन 6 भाइयों की थाली में से बचे हुए भोजन को इकठ्ठा करके मां ने सबसे छोटे बेटे की थाली परोसी और लड्डू का जो भाग बचा था, उन्हें मिलाकर एक लड्डू बनाकर छोटे बेटे की थाली में रख दिया। छोटा बेटा इस पूरे क्रियाकलाप पर नज़र रखे हुए था। इसके बाद उसकी मां ने उसे आवाज लगाई कि बेटे उठ जाओ, तुम्हारे सारे भाई भोजन करके चले गये हैं, तुम कब भोजन करोगे, उठो और भोजन ग्रहण कर लो। तब वह उठा और बोला कि माँ तुम मुझे सबकी जूठन परोसती हो, मुझे इस प्रकार का भोजन नहीं करना हैं, मैं घर छोड़कर जा रहा हूँ। तब उसकी माँ ने भी कह दिया कि ठीक हैं यदि जाते हो तो जाओ और अगर कल जाने वाले हो तो आज ही चले जाओ। माँ के मुंह से इस प्रकार के कटु वचन सुनकर बेटा बोला कि हां, मैं आज ही जा रहा हूं और अब कुछ बनकर ही घर लौटूंगा।

यह कहकर वो घर से जाने ही वाला था कि तभी उसे अपनी पत्नी का स्मरण हुआ। उसकी पत्नी गायों के तबेले में गोबर के कंडे बना रही थी। वह तबेले में गया और अपनी पत्नी से बोला कि मैं कुछ समय के लिए दूसरे देश जा रहा हूं। तुम यहीं रहो और अपने कर्तव्यों का पालन करो। मैं कुछ समय बाद धन कमाकर वापस लौट आऊंगा। तब उसकी पत्नी ने कहा कि आप बेफिक्र होकर जाइए और अपने काम में अपना ध्यान लगाइए। जब तक आप वापस नहीं आ जाते मैं आपका यहीं रहकर इन्तज़ार करूंगी। परन्तु अपनी कोई निशानी मुझे दे जाइये। तब उसने कहा कि मेरे पास तो कुछ भी नहीं हैं सिवाय इस अंगूठी के तुम इसे मेरी निशानी के रूप में रख लो और अपनी भी कोई निशानी मुझे दो। तब उसकी पत्नी ने कहा कि मेरे पास तो कुछ भी नहीं हैं। तब उसके हाथ गोबर से भरे हुए थे तो उसने उसके पति की कमीज़ पर पीठ पर अपने गोबर से भरे हाथों की छाप छोड़ दी और कहा कि यही मैं निशानी के तौर पर आपको देती हूं।

इसके बाद छोटा बेटा दूसरे देश धन कमाने के उद्देश्य से चला गया। चलते-चलते वह बहुत दूर तक आ गया। तब उसे एक बहुत बड़े व्यापारी की दुकान दिखाई दी। वह उस दुकान पर गया और बोला कि सेठजी, मुझे आप अपने यहां काम पर रख लीजिये। उस समय सेठ को भी एक आदमी की आवश्यकता थी। सेठ ने उसे काम पर रख लिया। वह वहां नौकरी करने लगा और कुछ ही दिनों में उसने खरीदी, बिक्री, हिसाब – किताब और अन्य सभी काम भी बहुत ही अच्छे से संभाल लिए। उस सेठ के यहां और भी नौकर थे, वे सभी और स्वयं सेठ भी यह सब देखकर बहुत हैरान थे कि यह व्यक्ति कितना बुद्धिमान और होशियार हैं। उसके काम को देखकर 3 महीनों में ही सेठ ने उसे अपने व्यापार में बराबरी का साझेदार बना लिया और अगले 12 वर्षों में वह बहुत ही प्रसिद्ध व्यापारी बन गया और अब सेठ ने पूरे कारोबार की बागडोर उसके हाथ में दे दी और खुद दूसरे देश चला गया। उसकी पत्नि के साथ उसके सास और ससुर अर्थात् बेटे के माता -पिता बहुत बुरा बर्ताव करने लगे। घर के सभी कामों का बोझ उसकी पत्नी पर डाल दिया और इसके साथ ही उसे जंगल में लकड़ियां लेने भी भेजते थे। इसके अलावा उसके लिए जो रोटी बनती थी, वह अनाज की नहीं, बल्कि भूसे की होती थी और पीने का पानी उसे टूटे हुए नारियल के कवच में दिया जाता था। उसके दिन इतनी कठिनाइयों में बीत रहे थे।

एक दिन जब वह लकड़ियां चुनकर जंगल से अपने घर की ओर लौट रही थी तो उसने कुछ औरतों को संतोषी माता का व्रत करते हुए देखा. वह वहां खड़ी हो गयी और माता की कथा सुनने लगी। इसके बाद उसने वहां उपस्थित औरतों से पूछा कि बहनों, आप यह किस भगवान का व्रत कर रही हैं और इससे आपको क्या फल प्राप्त होगा? इसे करने के नियम क्या हैं? अगर आप मुझे इस बारे में बताएंगी तो आपकी बड़ी कृपा होगी और मैं भी इस व्रत को करुंगी। तब उनमें से एक औरत बोली कि हम सभी यहाँ मां संतोषी का व्रत और पूजा कर रहे हैं। इस व्रत को करने से सारी विपत्तियां और संकट टल जाते हैं, धन की प्राप्ति होती हैं और सारी परेशानियां दूर होती है। स्त्रियों ने बताया, शुक्रवार को स्नान करते हुए एक लोटे में शुद्ध जल ले गुड़-चने का प्रसाद लेना तथा सच्चे मन से मां का पूजन करना चाहिए। खटाई भूल कर भी मत खाना और न ही किसी को देना। एक वक्त भोजन करना। व्रत विधान सुनकर अब वह प्रति शुक्रवार को संयम से व्रत करने लगी। माता की कृपा से कुछ दिनों के बाद पति का पत्र आया। कुछ दिनों बाद पैसा भी आ गया। उसने प्रसन्न मन से फिर माता का व्रत रखा और मंदिर में जाकर अन्य स्त्रियों से कहा,संतोषी मां की कृपा से हमें पति का पत्र तथा रुपया आया है। अन्य सभी स्त्रियां भी श्रद्धा से व्रत करने लगीं। बहू ने कहा-हे मां! जब मेरा पति घर आ जाएगा तो मैं तुम्हारे व्रत का उद्यापन करूंगी। अब एक रात संतोषी मां ने उसके पति को स्वप्न दिया और कहा कि तुम अपने घर क्यों नहीं जाते? तो वह कहने लगा- सेठ का सारा सामान अभी बिका नहीं। रुपया भी अभी नहीं आया है। उसने सेठ को स्वप्न की सारी बात कही तथा घर जाने की इजाजत मांगी लेकिन पर सेठ ने मना कर दिया। मां की कृपा से कई व्यापारी आए, सोना-चांदी तथा अन्य सामान खरीदकर ले गए। कर्जदार भी धन लौटा गए। तब साहूकार ने उसे घर जाने की इजाजत दे दी।

घर आकर पुत्र ने अपनी मां व पत्नी को बहुत सारे रुपए दिए। पत्नी ने कहा कि मुझे संतोषी माता के व्रत का उद्यापन करना है। उसने सभी को न्योता दे उद्यापन की सारी तैयारियां की। पड़ोस की एक स्त्री उसे सुखी देख ईर्ष्या करने लगी थी। उसने अपने बच्चों को सिखाया कि तुम भोजन के समय खटाई जरूर मांगना। उद्यापन के समय खाना खाते-खाते बच्चे खटाई मांगने लगे तो बहू ने पैसा देकर उन्हें बहलाया। बच्चे दुकान से उन पैसों की इमली-खटाई खरीदकर खाने लगे, ऐसा होने पर बहू पर संतोषी माता क्रोधित हुईं। नगर के राजा के दूत उसके पति को पकड़कर ले जाने लगे, बहू की स्थिति पुन: वैसी ही हो गई तब उसने माता के मंदिर में जाकर पूछा कि मां मेरे साथ ऐसा क्यों हो रहा है तब मां ने कहा कि उद्यापन में बच्चों ने पैसों की इमली खटाई खाई है जिसका परिणाम तुम्हें भुगतना पड़ रहा है। फिर बहू ने पुन: व्रत के उद्यापन का संकल्प किया।सभी मनोकामनाओं की होती है पूर्तिसंकल्प के बाद वह मंदिर से निकली तो राह में पति आता दिखाई दिया। पति बोला कि जो इतना धन कमाया था राजा के पास उसका कर चुकाने गया था। तब वह बोली कि अब चलो घर चलते हैं। फिर अगले शुक्रवार को उसने विधिवत व्रत का उद्यापन किया। इससे संतोषी मां प्रसन्न हुई। 9 माह बाद दंपत्ति को सुंदर पुत्र की प्राप्ति हुई।

अब सास, बहू तथा बेटा मां की कृपा से आनंद से रहने लगे। संतोषी माता की अनुकंपा से व्रत करने वाले सभी स्त्री-पुरुषों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। हां संतोषी मां के व्रत में एक बात का ध्यान रखना चाहिए कि खट्टी चीजों से परहेज करना चाहिए।

Thursday, February 4, 2021

पाकिस्‍तान में अब तक 3 देशों का सर्जिकल स्‍ट्राइक हो चुका है।

नई दिल्ली: पाकिस्तान (Pakistan) में भारत के बाद अब एक और देश ने सर्जिकल स्ट्राइक (Surgical Strike) कर दी है। जानकारी के मुताबिक ईरान ने पाकिस्तान पर हमला कर अपने दो सैनिकों को छुड़ा लिया हैै। 2 साल पहले ईरान के ये 2 सैनिक अगवा किए गए थे। बता दें कि पाकिस्‍तान में अब तक 3 देशों का सर्जिकल स्‍ट्राइक हो चुका है। अमेरिका और भारत के बाद अब ईरान ने पाकिस्तान पर हमला बोल दिया हैै।

IRGC (ईरान रेवोल्यूशनरी गार्ड) ने एक बयान में कहा कि ईरान के दो सैनिकों को मंगलवार रात एक सफल खुफिया ऑपरेशन में मुक्त कर लिया गया। बयान में आगे कहा गया कि दो साल पहले पाकिस्तान के जैश अल-अद्ल (Jeish Al-Adl) आतंकवादी ग्रुप ने ईरान के दो सैनिकां का अपहरण कर लिया था।

ईरानी मीडिया रिपोर्ट् के मुताबिक ऑपरेशन में पाकिस्तान के कुछ सुरक्षाबलों के मारे जाने की भी खबर है। बता दें कि कुलभूषण जाधव को अगवा करने के पीछे भी जैश उल अद्ल का हाथ था।

Wednesday, February 3, 2021

किसान आंदोलन: रिहाना और ग्रेटा थनबर्ग को भारत सरकार की दो टूक, ‘सच जानकर ही बोलें’

विदेश मंत्रालय (MEA) ने बुधवार को कुछ विदेशी व्यक्तियों और संस्थाओं द्वारा किसान आंदोलन पर टिप्पणी करने के बाद एक बयान जारी किया है। MEA ने कहा कि ‘इस तरह के मामलों पर टिप्पणी करने से पहले, ये आग्रह किया जाता है कि तथ्यों को जाना जाए और मुद्दों की उचित समझ बनाई जाए’। बयान में कहा गया है, "सनसनीखेज सोशल मीडिया हैशटैग और टिप्पणियों का प्रलोभन, खासकर जब मशहूर हस्तियों और अन्य लोगों द्वारा होता है, वे न तो सटीक और न ही जिम्मेदार होता है"।

अंतरराष्ट्रीय पॉप स्टार रिहाना, जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग, अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस की भतीजी मीना हैरिस और अन्य ने किसानों के मुद्दे पर अपनी राय रखी थी। मंत्रालय ने हैशटैग - #IndiaTogether और #IndiaAgainstPropaganda का भी उपयोग किया है।

'अपना एजेंडा लागू करने की कोशिश'
बयान में कहा गया, “भारत की संसद ने एक पूर्ण बहस और चर्चा के बाद, कृषि क्षेत्र से संबंधित सुधारवादी कानूनों को पारित किया है। इन सुधारों ने विस्तारित बाजार पहुंच प्रदान की और किसानों को अधिक लचीलापन दिया। उन्होंने आर्थिक और पारिस्थितिक रूप से टिकाऊ खेती का मार्ग भी प्रशस्त किया है।”

रिहाना और ग्रेटा थनबर्ग की किसान आंदोलन में एंट्री
सबसे पहले, अंतरराष्ट्रीय पॉप स्टार रिहाना ने मंगलवार को किसान आंदोलन को समर्थन देते हुए ट्वीट किया। उन्होंने प्रदर्शन स्थल पर इंटरनेट बंद करने की आलोचना की थी और ट्वीट किया, ‘‘हम इसके बारे में बात क्यों नहीं कर रहे हैं? #FarmersProtest।’’
फिर स्वीडन की जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने भारत में चल रहे किसान आंदोलन को समर्थन दिया। मंगलवार को ट्वीट करते हुए ग्रेटा थनबर्ग ने एक रिपोर्ट साझा की जिसमें प्रदर्शनकारियों और पुलिसकर्मियों के बीच हुई झड़पों के परिणामस्वरूप दिल्ली में इंटरनेट बंद होने के बारे में लिखा हुआ था। इस रिपोर्ट को शेयर करते हुए ग्रेटा ने लिखा, "हम भारत में #FarmersProtest के साथ एकजुटता के साथ खड़े हैं।"

राम मंदिर के लिए दिल खोल कर दान दे रहे भक्त, अब तक खातों में जमा हुए 350 करोड़ रुपये।

अयोध्या: रामनगरी में राम मंदिर निर्माण के लिए भक्तों का खुले मन से सहयोग देखने को मिल रहा हैै। लोग अपनी क्षमता के अनुसार मंदिर निर्माण के लिए सहयोग राशि दे रहे हैंं। जानकारी के मुताबिक, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अकाउंट में 350 करोड़ से ज्यादा की समर्पण निधि पहुंच चुकी है। आपको बता दें, सहयोग राशि जमा करने के लिए ट्रस्ट ने 3 नए खाते खोले थेे। यह बैंक अकाउंट स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), पंजाब नेशनल बैंक (PNB) और  बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB) में हैं। भक्तों द्वारा दी गई राशि इन्हीं खातों में जाती है।


चेक भी क्लीयरिंग के लिए लगे हैं।
गौरतलब है कि मकर संक्रांति से निधि समर्पण अभियान का शुभारंभ किया गया था, जिसके बाद से देश भर से राम भक्त मंदिर निर्माण के लिए अपना सहयोग दे रहे हैं। केवल स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में ही सवा सौ करोड़ रुपये जमा हो चुके हैं। बाकी धनराशि भक्तों ने पंजाब नेशनल बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा में भेजी है। समर्पण निधि अभियान से जुड़े अधिकारियों ने जानकारी दी कि अभी करीब डेढ़ सौ करोड़ रुपए के चेक अभी क्लियर नहीं हुए हैं। चेक की धनराशि भी कुछ ही दिन में खातों में जमा हो जाएगी। इसके साथ ही कुल समर्पण निधि में भी खासा बढ़ोतरी होगी।
बनी एक स्पेशल विंग।
बता दें, ट्रस्ट ने एक ऐसी विंग भी गठित की है जो लगातार एक्टिव रह कर अभियान से जुड़े कार्यकर्ताओं और बैंक कर्मियों की समस्याएं सुनती है और उनका समाधान निकालने में मदद करती है।

Tuesday, February 2, 2021

प्रयागराज में सोमवार को गंगा पूजन के साथ शुरू हुआ पंचकोसीय परिक्रमा।

प्रयागराज के संगम तट से सोमवार से पंचकोसीय परिक्रमा का शुरू हो गई। यह परिक्रमा तीन दिन तक चलती है। सोमवार को संगम तट पर 11 बजे पूजन और आरती के साथ पंचकोसीय परिक्रमा की शुरुआत हुई। इसमें अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि, महामंत्री व जूना अखाड़े के संरक्षक महंत हरि गिरि शामिल हुए हैं। पंचकोसीय परिक्रमा में इस बार दंडी संन्यासी व कीडगंज राम-जानकी मंदिर में किन्नर अखाड़ा भी शामिल हुआ। तीन दिनी परिक्रमा पहले दिन 15 पड़ावों से गुजरी।

संगम तट पर अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष व महामंत्री के साथ पूजन में आईजी केपी सिंह, मेलाधिकारी विवेक चतुर्वेदी, अखिल भारतीय दंडी संन्यासी परिषद के संरक्षक स्वामी महेशाश्रम, अध्यक्ष स्वामी ब्रह्माश्रम, जूना अखाड़े के महंत नारायण गिरि, श्रीमहानिर्वाणी अखाड़े के महंत जमुनादास आदि साधु संत शामिल रहे। यहां पूजन के बाद संतों का काफिला सीधे अक्षयवट पहुंचा। अक्षयवट की छाया में साधु संतों ने पूजन किया और फिर बंधवा बड़े हनुमान मंदिर के दर्शन व पूजन किए। इसके बाद साधु संत मौजगिरि आश्रम में पूजन के लिए गए। यहां से पूजन के लिए कीडगंज प्राचीन राम जानकी मंदिर पहुंचे। यहां पर किन्नर अखाड़े की प्रदेश प्रभारी कौशल्यानंद गिरि, प्रयागराज की महामंडलेश्वर कौशल्यानंद गिरि सहित तमाम लोग यात्रा में शामिल हुए। इसके बाद यात्रा तमाम पड़ावों से गुजरी। पहले दिन की यात्रा बरखंडी महादेव के पूजन के साथ पूरी हुई।

Anushka Sharma और Virat ने अपनी नन्ही बेटी Vamika से कराया इंट्रोड्यूस, शेयर की फोटो।

नई दुनिया: विराट कोहली (Virat Kohli) और अनुष्का शर्मा (Anushka Sharma) ने अपनी प्यारी सी बेटी की पहली झलक दिखाई है। दोनों ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर अपनी बेटी की पहली तस्वीर शेयर की है। सोशल मीडिया पर फोटो आते ही वायरल हो गई है। इसी के साथ बेबी गर्ल के नाम का भी ऐलान कर दिया है।


पहली फोटो आई सामने।
फोटो में विराट  (Virat Kohli) और अनुष्का (Anushka Sharma)  बेबी गर्ल को गोद में लिए नजर आ रहे हैं। दोनों की फोटो बेहद प्यारी लग रही है। इस फोटो को पोस्ट करते हुए एक्ट्रेस ने फैंस के नाम एक संदेश भी लिखा है, जिसमें उन्होंने बेटी का नाम वामिका (Vamika Sharma) बताया है।

अनुष्का ने किया प्यार भरा पोस्ट।
अनुष्का (Anushka Sharma)  ने पोस्ट में लिखा, 'हम प्यार से एक-दूसरे के साथ रहे, एक दूसरे के साथ अच्छा वक्त बिताया, लेकिन इस नन्ही वामिका (Vamika Sharma) ने इस साथ को एक नया अंजाम दिया है। आंसू, हंसी, चिंता, आनंद- ये भावनाएं कुछ मिनटों में अनुभव हो गईं। आप सभी को आपकी इच्छाओं, प्रार्थनाओं और अच्छी ऊर्जा के लिए धन्यवाद'।

इस दिन हुआ था बेटी का जन्म।
बता दें, फैंस ने बेटी को अनवी नाम दिया था, लेकिन अब विरुष्का (Virushka) ने बेटी का असल नाम लोगों को बताया है। 11 जनवरी 2021 को विराट-अनुष्का (Virat-Anushka) माता-पिता बने थे। इस बात की जानकारी क्रिकेटर विराट कोहली ने खुद इंस्टाग्राम और ट्विटर पर पोस्ट कर दी थी। विराट कोहली (Virat Kohli) ने ट्वीट कर लिखा था, 'हम दोनों को यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि आज दोपहर हमारे यहां बेटी हुई है। हम आपके प्यार और दुआओं  के लिए दिल से आभारी हैं। अनुष्का और हमारी बेटी दोनों बिलकुल ठीक है और हमारा यह हमारी खुशकिस्मती है कि हमें जिंदगी का यह चैप्टर एक्सपीरियंस करने के लिए मिला। हम जानते हैं कि आप यह जरूर समझेंगे कि इस वक्त हम सब को थोड़ी प्राइवेसी चाहिए होगी'।

मैं तो इंसानियत से मजबूर था तुम्हे बीच मे नही डुबोया" मगर तुमने मुझे क्यों काट लिया!

नदी में बाढ़ आती है छोटे से टापू में पानी भर जाता है वहां रहने वाला सीधा साधा1चूहा कछुवे  से कहता है मित्र  "क्या तुम मुझे नदी पार करा ...