नाशे रोग हरे सब पीरा जो सुमिरै हनुमत बलबीरा...! जी हां हनुमान जी की नियमित और विधि विधान से पूजा करने से रोगों का नाश होता है। मंगलवार का दिन हनुमान जी को समर्पित है। मंगलवार का व्रत हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए रखा जाता है। इसलिए भक्त मंगलवार को व्रत रख बजरंगबली की नियम के साथ अर्चना करते हैं। कोई पारिवारिक समस्या हो या फिर कोई अन्य शारीरिक कष्ट, बजरंगबली की पूजा करने से शांति मिलती है और भक्तों के कष्ट दूर होते हैं। हनुमान जी की पूजा करते समय पवित्रता का विशेष ध्यान रखना अनिवार्य है। जब भी पूजा करें, तब मन और तन से पवित्र हो। आइए जानते है हनुमान जी की पूजा की विधि।
1. इन बातों का रखें ध्यान।
मंगलवार को हनुमान जी की पूजा के लिए सूर्योदय से पहले ही उठना चाहिए। इसे बाद नित्यक्रिया और स्नान के बाद स्वच्छ होकर पूजा घर में जाकर बजरंगबली को प्रणाम करें। इसके बाद हनुमानजी को लाल फूल, सिंदूर, वस्त्र, जनेऊ आदि चढ़ाएं।
2. पीले या लाल फूल हैं प्रिय।
शाम को हनुमान जी के मंदिर या घर में बने हनुमान जी की मूर्ति के सामने साफ आसन पर बैठें। सरसों के तेल का दीपक जलाएं। इसके अलावा उन्हें पुष्प अर्पित करें। हनुमान जी को पीले या लाल फूल विशेष प्रिय होते हैं। पूजा आदि करने के बाद आप हनुमान चालीसा का पाठ जरूर करें। मंगलवार के दिन हनुमान चालीसा पढ़ने का विशेष महत्व है।
3. पूजास्थल को रखें साफ।
हनुमान जी को सिंदूर, वस्त्र आदि चढ़ाने के बाद पूजास्थल की ठीक से एक बार और सफाई करें और अगरबत्ती, धूप चढ़ाएं। उसके बाद हनुमान जी को गेंदे की फूल की माला चढ़ाएं और पुष्प के साथ गुड़ चने का भोग लगाएं।
4. सभी मनोकामनाएं होंगी पूरी।
माना जाता है कि सूर्योदय के बाद हनुमान जी की पूजा करने से वह जल्द प्रसन्न होते है। मंगलवार को मंगल ग्रह का दिन भी माना जाता है। इस दिन हनुमान जी की विधि विधान से पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है।