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Tuesday, September 14, 2021

साउथ के सुपरस्टार महेश बाबू 3 साल बड़ी लड़की पर हुए थे फिदा और शादी के लिए किया था इजहार।

नई दुनिया: साउथ फिल्म के सुपरस्टार महेश बाबू ने 10 फरवरी 2005 में बॉलीवुड अभिनेत्री नम्रता शिरोडकर से शादी कर सबको सरप्राइज कर दिया था। फिल्मो में काम करने वाले दोनों स्टार्स की लव स्टोरी भी पूरी फ़िल्मी है। आज के इस लेख में हम आपको महेश बाबू और नम्रता शिरोडकर की प्रेम कहानी पहली नजर में प्यार हुआ और फिर मुलाकातो से कैसे बात शादी तक पहुंची।

शायद कम ही लोग जानते हैं कि नम्रता पति महेश बाबू से 3 साल बड़ी है लेकिन उनके प्यार के बीच कभी भी उम्र आड़े नहीं आई। नम्रता ने सलमान खान और ट्विंकल खन्ना के साथ फिल्म जब प्यार किसी से होता है से डेब्यू किया था और इसके बाद उन्होंने तेलुगु फिल्म वामसी साइन की थी, जिसमें उनके साथ लीड रोल में महेश बाबू थे। साल 2000 में इसी फिल्म की शूटिंग के दौरान नम्रता और महेश बाबू की पहली मुलाकात हुई थी। पहली बार में ये दोनों एक दूसरे को काफी पसंद करने लगे थे। फिल्म की शूटिंग खत्म होने तक दोनों एक-दूसरे को दिल दे बैठे थे।

शुरुआत से ही महेश और नम्रता एक दूसरे के लिए काफी सीरियस थे लेकिम मीडिया की नजरों से बचना चाहते थे। यहां तक कि महेश ने अपने रिश्ते के बारे में अपने घरवालों तक को नहीं बताया था। पांच साल तक एक-दूजे को डेट करने के बाद दोनों ने शादी करने का फैसला किया था। लेकिन शादी करने से पहले महेश बाबू ने नम्रता के सामने एक शर्त रखी थी कि वो शादी के बाद फिल्मों में काम करना छोड़ देगी और घर-परिवार पर ध्यान देगी। नम्रता को भी इस बात से कोई एतराज नहीं है। इसकी वजह थी उनका फ्लॉप करियर।

शादी के बाद नम्रता अपने बच्चों की परवरिश में बिजी हो गईं लेकिन महेश अब भी फिल्मों में एक्टिव है। दोनों के 2 बच्चे गौतम और सितारा है। बता दें कि 1993 में मिस इंडिया का ताज जीतने के बाद नम्रता सुर्खियों में आई थीं। वो मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता में भी पांचवे नंबर पर रही थीं। ब्यूटी कॉन्टेस्ट जीतने और कुछ साल मॉडलिंग करने के बाद नम्रता ने फिल्मों का रुख किया था। नम्रता ने अपने करियर में मेरे दो अनमोल रतन, हीरो हिंदुस्तानी, कच्चे धागे, पुकार, ‘वास्तव’, अलबेला, तेरा मेरा साथ रहे, मसीहा, प्राण जाए पर शान न जाए, तहजीब, चरस, इंसाफ और ‘LOC कारगिल’ जैसी फिल्मों में काम किया।

महेश बाबू साउथ के सुपरस्टार हैं। 1999 में बतौर लीड एक्टर ‘राजा कुमारुदु’ से डेब्यू किया। इस फिल्म में उनकी एक्ट्रेस प्रिटी जिंटा थी। इसके बाद उन्होंने ‘मुरारी’ (2001), ‘बॉबी’ (2002), ‘ओक्काडू’ (2003), ‘अर्जुन’ (2004), ‘पोकिरी’ (2006), ‘बिजनेसमैन’ (2012), ‘आगदु’ (2014), ‘ब्रह्मोत्सवम’ (2016), स्पाइडर, भारत अने नेनु, महर्षि, सरिलेरू नीकेवरू सहित कई फिल्मों में काम किया है।

Saturday, September 11, 2021

क्या आपका भी मोबाइल Screen Guard लगाने के बाद दिक्कत कर रहा है। पहले जरूर जान लें दोबारा नहीं करेंगे गलती।

नई दुनिया: नया फोन खरीदते ही ज्यादातर लोग उस पर टेंपर्ड (Tempered Glass) लगवा लेते हैं ताकि फोन की स्क्रीन को प्रोटेक्ट किया जा सके। लेकिन ऐसे लोगों की संख्या बहुत कम है जो ये जानते हैं कि स्क्रीन गार्ड मोबाइल को नुकसान पहुंचाता है। इससे न सिर्फ कॉलिंग में परेशानी आती है बल्कि यूजर्स को ये अहसास होने लगता है कि उनका फोन खराब हो गया है। आज हम आपको बताएंगे कि ऐसा क्यों होता है और इससे छुटकारा कैसे पाया जा सकता है।

ब्लॉक हो जाते हैं सेंसर।
दरअसल, नए स्मार्टफोन्स में मॉडर्न टच डिस्प्ले दिया जा रहा है, जिसके नीचे की तरफ Ambient Light सेंसर और Proximity सेंसर मौजूद होते हैं। लेकिन जब हम अपने फोन पर स्क्रीनगार्ड लगा लेते हैं तो ये सेंसर ब्लॉक हो जाते हैं और काम करना बंद कर देते हैं। इस कारण फोन कॉल के दौरान स्क्रीन लाइट परेशान करने लगती है, और बात करते करते आपके फोन में कोई दूसरी ऐप खुल जाती है। इसके अलावा ऑन-स्क्रीन फिंगरप्रिंट होने पर स्मार्टफोन अनलॉक करने में दिक्कत आने लगती है। फोन देर में अनलॉक होता है।

इस परेशानी से कैसे निकलें?
अब कुछ लोगों के मन में सवाल उठ रहा होगा कि ऐसी स्थिति में क्या करें जिससे फोन के सेंसर भी ब्लॉक न हों और डिस्प्ले भी प्रोटेक्टेड रहे? तो जान लीजिए कि ये दिक्कत ज्यादातर उन स्मार्टफोन्स में आती है जिस पर हल्की क्वालिटी का स्क्रीनगार्ड लगा होता है। भारत में इसकी संख्या काफी ज्यादा है। इसलिए एक्सपर्ट्स हमेशा ही एक अच्छी कंपनी का प्रोटेक्टर इस्तेमाल करने के सलाह देते हैं। अब आप जब भी फोन खरीदें तो उसी कंपनी का स्क्रीन प्रोटेक्टर भी खरीद लें। ऐसा इसलिए क्योंकि कंपनियों को पता होता है कि उन्होंने सेंसर कहां लगाया है। इसे ध्यान में रखकर ही कंपनियां प्रोटेक्टर बनाती हैं।

कैसे काम करते हैं ये सेंसर।
जब आप धूप में जाते हैं तो रोशनी के मुताबिक आपके स्मार्टफोन की स्क्रीन लाइट ऑटेमैटिक एडजस्ट हो जाती है। ऐसा Ambient Light सेंसर के कारण होता है। वहीं, अगर फोन किसी कम रोशनी वाली जगह है कि तो अपने आप फोन की लाइट कम हो जाती है। Proximity Mobile सेंसर की बात करें तो जब भी आप फोन को अपने कान के पास लेकर जाते हैं तो उसकी लाइट बंद हो जाती है। यह आपने नोटिस जरूर किया होगा लेकिन आपको यह पता नहीं होगा कि ऐसा क्यों होता है। यह इसी सेंसर के चलते होता है।

Friday, September 10, 2021

शिखर धवन से पहले इन क्रिकेटरों ने अपनी पत्नी को तलाक दिया तलाक ,एक की पत्नी ने टीम के कप्तान से की थी शादी।

नई दुनिया: दोस्तो हमारे देश में अन्य खेल प्रतियोगिताओं की अपेक्षा क्रिकेट को एक अलग ही पहचान मिली है। वहीं अगर बात की जाये क्रिकेट के खिलाड़ियों की तो ऐसे कई खिलाड़ी है, जो अपने बेहतरीन खेल प्रदर्शन के दम पर लोगों के दिलों में एक अलग ही पहचान बना ली है। आपको बता दें कि क्रिकेटर्स किसी न किसी वजह से सोशल मीडिया पर हमेशा ही चर्चा का विषय बने रहे है। इसी क्रम में आज हम कुछ ऐसे खिलाड़ियों के संबंध में बताने जा रहे है, जिन्होनें दिग्गज खिलाड़ी शिखर धवन से पहले अपनी पत्नी को तालाक दे दिया था।

शिखर धवन और उनकी पत्नी आयशा मुखर्जी का तलाक : आपकी जानकारी के लिये बताते चले कि शिखर धवन और उनकी पत्नी आयशा मुखर्जी के तलाक की खबरें मीडिया में सुर्खियां बटोर रही है। धवन और आयशा की लव मैरिज हुई थी लेकिन यह सफर सिर्फ 9 साल तक चल पाया।  आयशा ने इंस्टा पर एक भावुक पोस्ट लिखकर इस बात की जानकारी दी। वहीं शिखर धवन से पहले जिन खिलाड़ियों ने अपनी पत्नी को तालाक दिया था वो कुछ इस प्रकार से हैं।

मोहम्मद अजहरूद्दीन और उनकी पत्नी  नौरीन का तलाक : भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और हैदराबादी बल्लेबाज मोहम्मद अजहरूद्दीन की दो शादियों के बारे में लगभग हर क्रिकेट फैन जानता है। उन्होंने पहले नौरीन से शादी की जिनसे उनको 2 बेटे हुए। इसके बाद साल 1996 में वह संगीता बिजलानी से शादी करना चाहते थे इस कारण उन्होंने अपनी पहली पत्नी को तलाक दे दिया। मोहम्मद अजहरुद्दीन ने सर्वाधिक 3 बार टीम इंडिया की विश्वकप में कप्तानी की लेकिन इस दौरान टीम का प्रदर्शन लचर रहा। साल 1999 में लचर प्रदर्शन और फिक्सिंग कांड के बाद उनसे कप्तानी छीन ली गई और बाद में आजीवन प्रतिबंध लगा दिया गया।

दिनेश कार्तिक और उनकी पत्नी निकिता का तलाक : कार्तिक का निजी जीवन काफी खराब रहा। उनके एक करीबी दोस्त ने ही उनकी पत्नी से इशक किया और फिर उनका तलाक हो गया। तमिलनाडु की तरफ से खेलने वाले दोनों बल्लेबाज कभी गहरे दोस्त हुआ करते थे, लेकिन दोनों की दोस्ती के बीच खटास आ गई। बताया जाता है कि दिनेश कार्तिक की पत्नी निकिता ने उनसे तलाक लेकर मुरली विजय से विवाह किया था। इसके बाद दोनों दोस्तों के बीच एक दीवार बन गई।निकिता से तलाक के बाद‍ दिनेश कार्तिक ने स्कवॉश खिलाड़ी दीपिका पल्लीकल से शादी कर ली।

विनोद कांबली और उनकी पत्नी नोएला लुईस का तलाक : विनोद कांबली ने अपने बचपन की दोस्त नोएला लुईस से शादी साल 1998 में की थी। हालांकि इसके बाद कांबली का मन बदल गया और उन्होंने पूर्व मॉडल एंड्रिया हेविट से शादी करने के लिए अपने बचपन के प्यार को तलाक दे दिया। विनोद कांबली 90 के दशक में तेजी से उभरे लेकिन जल्द ही टीम इंडिया से बाहर हो गए थे। कुछ विशेषज्ञों का तो यहां तक मानना था कि कांबली में उनके बचपन के दोस्त रहे सचिन तेंदुलकर से ज्यादा प्रतिभा है लेकिन वह विवादों के चलते अपना करियर आगे नहीं बढ़ा पाए। कांबली ने 104 वनडे और 17 टेस्ट मैच खेले हैं।

जवागल श्रीनाथ और उनकी पत्नी ज्योत्सना का तलाक : पूर्व भारतीय पेसर और अभी आईसीसी के मैच रेफ्री जवागल श्रीनाथ का तलाक हो गया था। मैसूर एक्सप्रेस के नाम से जाने जाने वाले जवागल श्रीनाथ की पहली शादी ज्योत्सना से हुई थी लेकिन इसके बाद उन्होंने अपनी पहली पत्नी को तलाक दे दिया और पत्रकार माधवी पतरावली से शादी कर ली। दूसरी शादी उन्होंने साल 2008 में की। जवागल श्रीनाथ 90 के दशक में भारतीय तेज गेंदबाजी आक्रमण के अगुवा रहे। श्रीनाथ ने 1991 से 2003 के बीच 67 टेस्ट और 229 एकदिवसीय खेले है, जिसमें उन्होंने क्रमशः 236 और 315 विकेट लिए हैं। साल 2006 में आईसीसी ने उन्हे मैच रेफरी नियुक्त कर लिया।

Monday, September 6, 2021

सिद्धार्थ शुक्ला अब इस दुनिया में नही है, आइए जानते हैं कितनी प्रॉपर्टी छोड़ गए अपने परिवार के लिए।

टेलिविज़न की दुनिया में अपना नाम कमाने वाले और लोगों दे दिलो पर राज करने वाले सिद्धार्थ शुक्ला की उम्र लगभग 40 वर्ष थी जब 1 सितम्बर की रात उन्होंने इस दुनियां से अलविदा कर लिया वो मात्र 40 साल की उम्र में ही काफी कामयाब टीवी एक्टर थे उन्हें कई नयी टीवी सीरीज के लिए ऑफर भी आ रहे थे I  बिग बॉस सीजन 13 और खतरों के खिलाड़ी के भी विजेता रह चुके है। शहनाज़ गिल और सिद्धार्थ दोनों पहली बार बिग बॉस के सेट में मिले थे  यही से दोनों के बीच नजदीकियां बढी और दोनों  अक्सर साथ में ही स्पॉट किये जाते थे I

सिद्धार्थ अपने परिवार के एक अकेले लड़के थे जिनकी दो बहने थी। सिद्धार्थ की मौत के बाद अब उनकी कमाई का मालिक सिर्फ माँ है और बहने। उस शुक्ला परिवार का चिराग नहीं रहा और सिद्धार्थ अपने पीछे कितनी जायदाद छोड़ कर गए है हम आपको इस पोस्ट में ज़रूर बताएँगे। सिद्धार्थ ने अपने इस करियर में काफी कुछ कमाया था। उन्होंने करीब 8.80 करोड़ रूपए की संपत्ति बना कर राखी हुई थी। सिद्धार्थ को महंगी गाड़ियों का काफी शौक था। सिद्धार्थ के पास एक BMW X5 कार है और उनके पास हार्ले डैविडसन फैट बॉब मॉडल की बाइक भी है।

एक मशहूर टीवी एक्टर होने के साथ साथ सिद्धार्थ एक सादा जीवन जीना पसंद किया करते थे। कई बार सिद्धार्थ को तो लोखंडवाला मार्किट में घूमते स्पॉट किया जाता था। हालही में सिद्धार्थ शुक्ला ब्रोकन बट ब्यूटीफुल वेब सीरीज में नज़र आए थे। इन्होने बालिका वधु जैसे कई बड़े टीवी शोज करे है। सिद्धार्थ ने हाह्ली में अपना घर खरीदा था जिसमे वह अकेले रहा करते थे, सिद्धार्थ का फ्लैट जिस घर में था उसके पास में ही उनकी माँ अपने पुराने फ्लैट में रहती थी।

सिद्धार्थ के पास कई बड़े प्रोजेक्ट्स का एडवांस भी आया हुआ था। सिद्धार्थ महीना 10 लाख तक की कमाई कर रहे थे जिससे उनका जीवन आलीशान तरीके से गुज़र रहा था। वह सिर्फ कमाते नहीं बल्कि काफी दान भी किया करते थे जिससे उनकी विनम्रता का पता चलता था।

ऐसे संत जिसके पैरो के नीचे अपना सिर रखने आते थे नेता व अंग्रेज देवरहा बाबा उन्ही के नाम पे देवरिया का नामकरण हुआ।

देवरहा बाबा का जन्म अज्ञात है। यहाँ तक कि उनकी सही उम्र का आकलन भी नहीं है। वह यूपी के देवरिया जिले के रहने वाले थे। मंगलवार, 19 जून सन् 1990 को योगिनी एकादशी के दिन अपना प्राण त्यागने वाले बाबा के जन्म के बारे में संशय है। कहा जाता है कि वह करीब 900 साल तक जिन्दा थे। (बाबा के संपूर्ण जीवन के बारे में अलग-अलग मत है, कुछ लोग उनका जीवन 250 साल तो कुछ लोग 500 साल मानते हैं।)

भारत के उत्तर प्रदेश के देवरिया जनपद में एक योगी, सिद्ध महापुरुष एवं सन्तपुरुष थे देवरहा बाबा। डॉ॰ राजेन्द्र प्रसाद, महामना मदन मोहन मालवीय, पुरुषोत्तमदास टंडन, जैसी विभूतियों ने पूज्य देवरहा बाबा के समय-समय पर दर्शन कर अपने को कृतार्थ अनुभव किया था। पूज्य महर्षि पातंजलि द्वारा प्रतिपादित अष्टांग योग में पारंगत थे।

श्रद्धालुओं के कथनानुसार बाबा अपने पास आने वाले प्रत्येक व्यक्ति से बड़े प्रेम से मिलते थे और सबको कुछ न कुछ प्रसाद अवश्य देते थे। प्रसाद देने के लिए बाबा अपना हाथ ऐसे ही मचान के खाली भाग में रखते थे और उनके हाथ में फल, मेवे या कुछ अन्य खाद्य पदार्थ आ जाते थे जबकि मचान पर ऐसी कोई भी वस्तु नहीं रहती थी।
श्रद्धालुओं को कौतुहल होता था कि आखिर यह प्रसाद बाबा के हाथ में कहाँ से और कैसे आता है। जनश्रूति के मुताबिक, वह खेचरी मुद्रा की वजह से आवागमन से कहीं भी कभी भी चले जाते थे। उनके आस-पास उगने वाले बबूल के पेड़ों में कांटे नहीं होते थे। चारों तरफ सुंगध ही सुंगध होता था।

लोगों में विश्वास है कि बाबा जल पर चलते भी थे और अपने किसी भी गंतव्य स्थान पर जाने के लिए उन्होंने कभी भी सवारी नहीं की और ना ही उन्हें कभी किसी सवारी से कहीं जाते हुए देखा गया। बाबा हर साल कुंभ के समय प्रयाग आते थे।
 मार्कण्डेय सिंह के मुताबिक, वह किसी महिला के गर्भ से नहीं बल्कि पानी से अवतरित हुए थे। यमुना के किनारे वृन्दावन में वह 30 मिनट तक पानी में बिना सांस लिए रह सकते थे। उनको जानवरों की भाषा समझ में आती थी। खतरनाक जंगली जानवारों को वह पल भर में काबू कर लेते थे।

लोगों का मानना है कि बाबा को सब पता रहता था कि कब, कौन, कहाँ उनके बारे में चर्चा हुई। वह अवतारी व्यक्ति थे। उनका जीवन बहुत सरल और सौम्य था। वह फोटो कैमरे और टीवी जैसी चीजों को देख अचंभित रह जाते थे। वह उनसे अपनी फोटो लेने के लिए कहते थे, लेकिन आश्चर्य की बात यह थी कि उनका फोटो नहीं बनता था। वह नहीं चाहते तो रिवाल्वर से गोली नहीं चलती थी। उनका निर्जीव वस्तुओं पर नियंत्रण था।
अपनी उम्र, कठिन तप और सिद्धियों के बारे में देवरहा बाबा ने कभी भी कोई चमत्कारिक दावा नहीं किया, लेकिन उनके इर्द-गिर्द हर तरह के लोगों की भीड़ ऐसी भी रही जो हमेशा उनमें चमत्कार खोजते देखी गई।अत्यंत सहज, सरल और सुलभ बाबा के सानिध्य में जैसे वृक्ष, वनस्पति भी अपने को आश्वस्त अनुभव करते रहे। भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने उन्हें अपने बचपन में देखा था।

देश-दुनिया के महान लोग उनसे मिलने आते थे और विख्यात साधू-संतों का भी उनके आश्रम में समागम होता रहता था। उनसे जुड़ीं कई घटनाएं इस सिद्ध संत को मानवता, ज्ञान, तप और योग के लिए विख्यात बनाती हैं।
उस समय के एक अधिकारी के मुताबिक जो वहा मौजूद था। 1987 जून महीने की बात है। वृंदावन में यमुना पार देवरहा बाबा का डेरा जमा हुआ था। अधिकारियों में अफरातफरी मची थी। प्रधानमंत्री राजीव गांधी को बाबा के दर्शन करने आना था। प्रधानमंत्री के आगमन और यात्रा के लिए इलाके की मार्किंग कर ली गई।

आला अफसरों ने हैलीपैड बनाने के लिए वहां लगे एक बबूल के पेड़ की डाल काटने के निर्देश दिए। भनक लगते ही बाबा ने एक बड़े पुलिस अफसर को बुलाया और पूछा कि पेड़ को क्यों काटना चाहते हो? अफसर ने कहा, प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए जरूरी है। बाबा बोले, तुम यहां अपने पीएम को लाओगे, उनकी प्रशंसा पाओगे, पीएम का नाम भी होगा कि वह साधु-संतों के पास जाता है, लेकिन इसका दंड तो बेचारे पेड़ को भुगतना पड़ेगा।

वह मुझसे इस बारे में पूछेगा तो मैं उसे क्या जवाब दूंगा? नही! यह पेड़ नहीं काटा जाएगा। अफसरों ने अपनी मजबूरी बताई कि यह दिल्ली से आए अफसरों का है, इसलिए इसे काटा ही जाएगा और फिर पूरा पेड़ तो नहीं कटना है, इसकी एक टहनी ही काटी जानी है, मगर बाबा जरा भी राजी नहीं हुए। उन्होंने कहा कि यह पेड़ होगा तुम्हारी निगाह में, मेरा तो यह सबसे पुराना साथी है, दिन रात मुझसे बतियाता है, यह पेड़ नहीं कट सकता।

इस घटनाक्रम से बाकी अफसरों की दुविधा बढ़ती जा रही थी, आखिर बाबा ने ही उन्हें तसल्ली दी और कहा कि घबड़ा मत, अब पीएम का कार्यक्रम टल जाएगा, तुम्हारे पीएम का कार्यक्रम मैं कैंसिल करा देता हूं। आश्चर्य कि बात दो घंटे बाद ही पीएम आफिस से रेडियोग्राम आ गया कि प्रोग्राम स्थगित हो गया है, कुछ हफ्तों बाद राजीव गांधी वहां आए, लेकिन पेड़ नहीं कटा। इसे क्या कहेंगे चमत्कार या संयोग।

बाबा की शरण में आने वाले कई विशिष्ट लोग थे। उनके भक्तों में जवाहर लाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री , इंदिरा गांधी जैसे चर्चित नेताओं के नाम हैं। उनके पास लोग हठयोग सीखने भी जाते थे। सुपात्र देखकर वह हठयोग की दसों मुद्राएं सिखाते थे। योग विद्या पर उनका गहन ज्ञान था। ध्यान, योग, प्राणायाम, त्राटक समाधि आदि पर वह गूढ़ विवेचन करते थे। कई बड़े सिद्ध सम्मेलनों में उन्हें बुलाया जाता, तो वह संबंधित विषयों पर अपनी प्रतिभा से सबको चकित कर देते।

लोग यही सोचते कि इस बाबा ने इतना सब कब और कैसे जान लिया। ध्यान, प्रणायाम, समाधि की पद्धतियों के वह सिद्ध थे ही, धर्माचार्य, पंडित, तत्वज्ञानी, वेदांती उनसे कई तरह के संवाद करते थे। उन्होंने जीवन में लंबी लंबी साधनाएं कीं। जन कल्याण के लिए वृक्षों-वनस्पतियों के संरक्षण, पर्यावरण एवं वन्य जीवन के प्रति उनका अनुराग जग जाहिर था।

Thursday, September 2, 2021

ये लक्षण दिखें तो सावधान न करें नजर अंदाज कम उम्र में आता है हार्ट अटैक।

नई दुनिया: एक्टर सिद्धार्थ शुक्ला (Siddharth Shukla) की गुरुवार को हार्ट अटैक से मौत हो गई। बिग बॉस-13 के विनर रहे सिद्धार्थ शुक्ला (Siddharth Shukla) की उम्र 40 साल थी और इस उम्र में हार्ट अटैक से उनकी (Siddharth Shukla Death) मौत से हर कोई हैरान है। सामान्य तौर पर एक खास उम्र में हृदय से जुड़ी बीमारियों और हार्ट अटैक (Heart Attack) के मामले सामने आते हैं, लेकिन पिछले एक साल में युवाओं में हार्ट अटैक से मौत के मामले बढ़े हैं। आइए जानें क्या हैं वो कारण जिनकी वजह से युवा तेजी से हृदय से जुड़ी बीमारियों का शिकार हो रहे हैं।

जंक फूड।
जंक फूड में कैलोरी की मात्रा बहुत ज्यादा होती है और इससे कोलेस्ट्रॉल लेवल भी बढ़ जाता है। ज्यादा जंक फूड खाने से भी हृदय रोगों का खतरा बढ़ जाता है।

वर्क प्रेशर।
व्यस्त जीवनशैली और डाइट का ख्याल न रखने की वजह से भी युवाओं में ये समस्या सामने आ रही है। लगातार काम करने का वर्क प्रेशर, घंटों बैठने की आदत और जंक ये बातें सेहत पर बुरा असर डालती हैं। वहीं अगर आप भूख लगने पर जंक फूड खाते हैं, तो इसका असर रक्त वाहिकाओं पर पड़ता है। इसकी वजह से कम उम्र में ही आपको हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है।

स्टेरॉयड।
बॉलीवुड सेलिब्रिटीज की तरह बॉडी बनाने के चक्कर में युवा घंटों जिम में पसीना बहाते हैं और कई बार न्यूट्रिशन सप्लीमेंट लेने लगते हैं।इसमें एम्बोलिक स्टेरॉयड जैसे प्रोडक्ट आपकी सेहत पर बुरा असर डालते हैं। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है।

नशा।
ज्यादातर यंग्स्टर्स 18 से 25 साल की उम्र में ही स्मोकिंग और अल्कोहल का सेवन शुरू कर देते हैं। डॉक्टरों के मुताबिक, युवाओं में दिल से जुड़ी बीमारियों की ये एक बड़ी वजह है। अपने एडिक्शन की वजह से युवा कार्डियोवास्कुलर हार्ट डिजीज का शिकार हो रहे हैं, जिससे हार्ट अटैक का भी खतरा रहता है।

इन लक्षणों को इग्नोर न करें।
हार्ट अटैक के लिए ऐसा नहीं है कि यह आपको किसी खास उम्र में ही आ सकता है। कोई भी व्यक्ति इसका शिकार हो सकता है, लेकिन अगर आपको कुछ खास लक्षण दिखें तो आपको सतर्क हो जाना चाहिए। नींद न आना, सांस लेने में दिक्कत, बहुत ज्यादा थकान, अनियमित दिल की धड़कन और पैरों में सूजन हार्ट अटैक के लक्षण हो सकते हैं।इन लक्षणों पर गौर करें और तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।

Africa: शादी से पहले चाची लेती है दूल्हे का 'मर्दानगी टेस्ट', दर्द सहन करने की दी जाती है ट्रेनिंग!

नई दुनिया: सभ्यता के विकास के बाद भी दुनिया के कई देशों में आज भी ऐसी अजीबो गरीब परंपराएं हैं जो हैरान करने वाली हैं। हैरान करने वली परंपराओं के मामले में अफ्रीकन देशों (African Countries) का नाम सबसे ऊपर आता है। अफ्रीका के जातीय समुदाय आज भी हजारों साल पुरानी अपनी परंपराओं का पालन करते हैं जिन्हें जान आप चौंक जाएंगे।


जानवरों का पीते हैं खून, थूक कर करते हैं 'स्वागत'।
अभिवादन को हर कोई सम्मान के तौर पर लेता है लेकिन केन्या और तंजानिया में पाई जाने वाली मासाई जनजाति का अभिवादन करने का तरीका तगड़ी बेइज्जती करने जैसा है। यहां लोग एक दूसरे के ऊपर थूक कर 'हैलो' कहते हैं। इसके अलावा, जब एक बच्चा पैदा होता है तो घर का पुरुष सदस्य नवजात शिशु पर थूकता है। उनका मानना ​​है कि यह बच्चे को बुरी आत्माओं से बचाएगा। मासाई योद्धा भी एक बुजुर्ग से हाथ मिलाने से पहले उनके हाथों में थूकते हैं। इसके अलावा, मासाई जनजाति के लोग अपने जानवरों का खून पीने के लिए भी जाने जाते हैं।

लाश का गला काटकर करते हैं 'पवित्र'।
मलावी में पाए जाने वाले चेवा समुदाय की बंटू जनजाति है। इस जनजाति के लोग किसी की मौत होने पर एक हैरान करने वाला अनुष्ठान करते हैं। लाश को धोकर एक पवित्र स्थान पर ले जाया जाता है जहां गला काटकर बॉडी की अंदर से सफाई की जाती है। पानी शरीर से तब तक निचोड़ा जाता है जब तक कि वह साफ न निकल जाए। फिर पानी इकट्ठा किया जाता है और पूरे समुदाय के लिए भोजन तैयार करने के लिए उपयोग किया जाता है।

मर्दानगी साबित करने का अनोखा तरीका।
इथियोपिया में युवा लड़कों को अपनी मर्दानगी साबित करने के लिए किसी न किसी प्रकार के अनुष्ठान से गुजरना पड़ता है। इनमें से एक है बुल जंपिग। यहां युवा लड़के को सारे कपड़े उतार कर बैल की पीठ पर दौड़ना पड़ता है। इस दौरान कई सांडों की पीठ पर दौड़ते हुए जो लड़का सीधा लक्ष्य तक पहुंच जाता है उसे विवाह के योग्य माना जाता है।

दुल्हन की चाची परखती है मर्दानगी।
युगांडा में रहने वाली एक अल्पसंख्यक जनजाति बन्यानकोले जनजाति (Banyankole Tribe) में शादी से पहले दुल्हन की चाची दूल्हे की मर्दानगी का टेस्ट लेती है। 'शक्ति परीक्षण' करने के लिए चाची दूल्हे के साथ संबंध बनाती है। साथ ही वह होने वाली दुल्हन का वर्जिनिटी टेस्ट भी करती है।

शादी से पहले पिटाई की रस्म।
फुलानी जनजाति शादी करने से पहले पिटाई खाने का अभ्यास कराती है। यहां दूल्हे को समुदाय के बड़े सदस्यों द्वारा पीटा जाता है ताकि वह शादी के योग्य बन सके। अगर आदमी इतना मजबूत नहीं है कि दर्द सह सके तो शादी रद्द कर दी जाती है। अगर कोई लड़का कोड़े मारने की सजा से बचना चाहता है तो इसके बदले वह 'कौगल' चुन सकता है, जो दहेज देने जैसा है।

मैं तो इंसानियत से मजबूर था तुम्हे बीच मे नही डुबोया" मगर तुमने मुझे क्यों काट लिया!

नदी में बाढ़ आती है छोटे से टापू में पानी भर जाता है वहां रहने वाला सीधा साधा1चूहा कछुवे  से कहता है मित्र  "क्या तुम मुझे नदी पार करा ...