अभिवादन को हर कोई सम्मान के तौर पर लेता है लेकिन केन्या और तंजानिया में पाई जाने वाली मासाई जनजाति का अभिवादन करने का तरीका तगड़ी बेइज्जती करने जैसा है। यहां लोग एक दूसरे के ऊपर थूक कर 'हैलो' कहते हैं। इसके अलावा, जब एक बच्चा पैदा होता है तो घर का पुरुष सदस्य नवजात शिशु पर थूकता है। उनका मानना है कि यह बच्चे को बुरी आत्माओं से बचाएगा। मासाई योद्धा भी एक बुजुर्ग से हाथ मिलाने से पहले उनके हाथों में थूकते हैं। इसके अलावा, मासाई जनजाति के लोग अपने जानवरों का खून पीने के लिए भी जाने जाते हैं।
लाश का गला काटकर करते हैं 'पवित्र'।
मलावी में पाए जाने वाले चेवा समुदाय की बंटू जनजाति है। इस जनजाति के लोग किसी की मौत होने पर एक हैरान करने वाला अनुष्ठान करते हैं। लाश को धोकर एक पवित्र स्थान पर ले जाया जाता है जहां गला काटकर बॉडी की अंदर से सफाई की जाती है। पानी शरीर से तब तक निचोड़ा जाता है जब तक कि वह साफ न निकल जाए। फिर पानी इकट्ठा किया जाता है और पूरे समुदाय के लिए भोजन तैयार करने के लिए उपयोग किया जाता है।
मर्दानगी साबित करने का अनोखा तरीका।
इथियोपिया में युवा लड़कों को अपनी मर्दानगी साबित करने के लिए किसी न किसी प्रकार के अनुष्ठान से गुजरना पड़ता है। इनमें से एक है बुल जंपिग। यहां युवा लड़के को सारे कपड़े उतार कर बैल की पीठ पर दौड़ना पड़ता है। इस दौरान कई सांडों की पीठ पर दौड़ते हुए जो लड़का सीधा लक्ष्य तक पहुंच जाता है उसे विवाह के योग्य माना जाता है।
दुल्हन की चाची परखती है मर्दानगी।
युगांडा में रहने वाली एक अल्पसंख्यक जनजाति बन्यानकोले जनजाति (Banyankole Tribe) में शादी से पहले दुल्हन की चाची दूल्हे की मर्दानगी का टेस्ट लेती है। 'शक्ति परीक्षण' करने के लिए चाची दूल्हे के साथ संबंध बनाती है। साथ ही वह होने वाली दुल्हन का वर्जिनिटी टेस्ट भी करती है।
शादी से पहले पिटाई की रस्म।
फुलानी जनजाति शादी करने से पहले पिटाई खाने का अभ्यास कराती है। यहां दूल्हे को समुदाय के बड़े सदस्यों द्वारा पीटा जाता है ताकि वह शादी के योग्य बन सके। अगर आदमी इतना मजबूत नहीं है कि दर्द सह सके तो शादी रद्द कर दी जाती है। अगर कोई लड़का कोड़े मारने की सजा से बचना चाहता है तो इसके बदले वह 'कौगल' चुन सकता है, जो दहेज देने जैसा है।
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