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Sunday, November 29, 2020

आखिर क्यों अहमद पटेल ने कहा था, 'सारे राज मेरे साथ कब्र में दफन हो जाएंगे'

कांग्रेस के दिग्गज नेता अहमद पटेल (Ahmed Patel) को कुछ महीने पहले जब अपने राजनीतिक अनुभवों को लेकर संस्मरण लिखने के बारे में सलाह दी गई थी तो उन्होंने कहा था कि ‘राज मेरे साथ कब्र में दफन हो जाएंगे’। अहमद पटेल का 25 नवंबर बुधवार को निधन हो गया। वह 71 वर्ष के थे और कुछ हफ्ते पहले कोरोना वायरस से संक्रमित हुए थे।


'राज मेरे साथ कब्र में दफन हो जाएंगे'
लेखक और पत्रकार रशीद किदवई (Rasheed Kidwai) के मुताबिक, वह लॉकडाउन के बाद पटेल से उनके आवास ‘23, मदर टेरेसा क्रेसेंट मार्ग’ पर मिले थे। किदवई ने बताया, ‘हम कांग्रेस (Congress) और राजनीति के बारे में खुलकर बातें कर रहे थे। मैंने उनसे कहा कि आप अपने अनुभवों को लेकर संस्मरण क्यों नहीं लिखते। इस पर उनका जवाब था कि राज मेरे साथ कब्र में दफन हो जाएंगे।

'संकटमोचक होने के साथ सहमति बनाने वाले नेता'
'24 अकबर रोड ए शॉर्ट हिस्ट्री ऑफ द पीपुल बिहाइंड द फाल एंड राइज ऑफ द कांग्रेस' नामक पुस्तक के लेखक किदवई का कहना है कि पटेल बहुत जल्द चले गए। किदवई का कहना है कि पटेल एक संकटमोचक होने के साथ सहमति बनाने वाले नेता थे। इसकी ताजा मिसाल महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ गठबंधन करना जबकि अतीत में उद्धव ठाकरे की पाटी ने उन पर गंभीर आरोप लगाए थे।

उन्होंने कहा कि पटेल धार्मिक व्यक्ति थे और हर शुक्रवार को जुमे की नमाज के लिए अलग मस्जिद में जाते थे क्योंकि अगर नियमित रूप से एक ही मस्जिद में जाते तो बाहर कांग्रेस का टिकट मांगने वालों की कतार लग जाती।

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