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Monday, May 17, 2021

पूजा में प्रयोग होने वाली ये चीजें कभी नहीं होती बासी, पुराने होने पर भी आप कर सकते हैं इनका प्रयोग।

पूजा पाठ में बासी चीजों का प्रयोग करना वर्जित माना जाता है। जैसे बासी फूल, पत्ती, जल और फल बिल्कुल भी बासी नहीं चढ़ाया जाता है। लेकिन कुछ ऐसी चीजें है जिनका प्रयोग आप उनके बासी होने के बाद भी पूजा में शामिल कर सकते है। आईये बताते है उन वस्तुओं के बारें में।

1. गंगाजल- धर्म शास्त्रों के अनुसार पूजा में बासी जल का प्रयोग नहीं करना चाहिए। लेकिन गंगाजल का प्रयोग करना कभी बासी नहीं माना गया है। वायुपुराण के साथ साथ स्कंदपुराण में इस बात का उल्लेख मिलता है कि गंगाजल कितना भी पुराना हो वह कभी भी बासी नहीं होता है।

2. बेलपत्र- शास्त्रों के अनुसार शिवजी के प्रिय बेल पत्र छह माह तक बासी नहीं माने जाते है। इसलिए इन्हें जल छिड़क कर फिर से शिवलिंग पर अर्पित किया जा सकता है। पूजा में इसका प्रयोग कभी भी किया जा सकता है। मंदिरों और घरों में शिवजी को चढ़ने वाले इस बेलपत्र का प्रयोग औषधि के रूप में भी किया जाता है।

3. तुलसी की पत्ती- बेलपत्र और गंगाजल की भांति तुलसी दल भी कभी बासी नहीं मानी जाती है। यदि पूजा के लिए तुलसी के नए पत्ते नहीं मिल रहे है तो आप पुराने चढ़े हुए तुलसी के पत्ते भी चढ़ा सकते है। याद रहें कि शिवजी, गणेश जी और भैरवजी को तुलसी नहीं चढ़ानी चाहिए। तुलसी दल को भगवान से उतारने के बाद उसे जल में प्रवाहित कर देना चाहिए या फिर किसी गमले या क्यारी में डाल देना चाहिए ताकि किसी के पैरों में ना दबे।

4. कमल का फूल- पूजा पाठ में फूलों का विशेष महत्व होता है। लेकिन बासी फूल को चढ़ाना उतना ही वर्जित माना जाता है। लेकिन धर्म शास्त्रों के अनुसार एक ऐसे फूल यानी कमल का वर्णन मिलता है जो बासी नहीं माना जाता है। मां लक्ष्मी को विशेष रूप से कमल का फूल अर्पित किया जाता है। कमल का फूल पांच दिनों तक जल छिड़क कर दोबारा चढ़ा सकते है।

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