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Thursday, May 20, 2021

इजरायल में हर घर में होता है एक 'स्पेशल' कमरा, जिसमे किसी भी आधुनिक हथियार से नुकसान नही पहुंचाया जा सकता है।

नई दिल्ली: अतीत से मौजूदा इतिहास तक यहूदियों को हमेशा अपने वजूद की लड़ाई लड़नी पड़ी है। वजूद की इस लड़ाई को लड़ते हुए वो युद्ध और युद्ध जैसी स्थितियों का सामना करने के आदी हो गए हैं उनकी रोजमर्रा की जिंदगी में कोई असर नहीं पड़ता है।
इजरायल ने भी अपने नागरिकों और रिहायशी इलाकों की सुरक्षा के लिए ऐसे चाक चौबंद इंतजाम किए हैं कि हमास या फिलिस्तीन का दागा कोई रॉकेट या मिसाइल उसके लिए बड़ी परेशानी नहीं खड़ी कर सकता।
इजरायल का सबसे बड़ा रक्षा कवच आयरन डोम मिसाइल डिफेंस सिस्टम है जो रिहायशी इलाकों में रहने वाले लोगों की सुरक्षा के लिए हवा में ही मिसाइलों या रॉकेटों को उड़ा देता है। जैसे ही किसी इलाके में हमले की सूचना रडार को मिलती है शहर में सायरन बजने लगता है, इसे सुनते ही लोग अपने घरों में बने सुरक्षा बंकर में चले जाते हैं जिससे कि यदि आयरन डोम को चकमा देकर अगर कोई मिसाइल लोगों के घर तक पहुंच भी जाए तो लोगों को उसकी वजह से जान माल का नुकसान न उठाना पड़े।

हर जगह होते हैं बंकर
इजरायल में बकर हर जगह बने हैं। घरों के अलावा ऑफिस, मॉल, खेल का मैदान, होटल, स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी हर जगह बंकर हैं। इन बंकर को इजरायली सेना की देखरेख में बनाया जाता है। जो डिजायन बंकर का पास किया जाता है उसमें किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया जा सकता।

हर तरह की व्यवस्था होती है बंकर के अंदर
बंकर में भी घर के आम कमरों की तरह, टीवी, फ्रिज, सोफा, बेड आदि की व्यवस्था होती है। पता नहीं कितने दिन तक लोगों को उसके अंदर रहना पड़े. कंक्रीट के बने इस बंकर में एक लोगे का गेट लगा होता है. साथ उसके अंदर एक आपातकालीन निकास भी होता है. रोशन दान में बुलेटप्रूफ कांच लगा होता है इसी के जरिए बंकर में रहने वाले लोग बाहर देख सकते हैं। इसके अलावा बंकर के अंदर कैमिकल वॉरफेयर से जुड़ी चीजें भी होती हैं इसमें बच्चों और बड़ों के लिए गैस मास्क रखे होते हैं। जो सामना बंकर में रखे जाने का निर्देश होता है वो लोगों को वहां रखना होता है।

सड़कों पर बने होते हैं बंकरों के लिए संकेत
सड़कों पर और इमारतों में बंकरों की स्थिति के बारे में संकेत होते हैं। अब तो ऐप के जरिए पब्लिक बंकर का पता लगाया जा सकता है। सायरन सुनते ही बच्चे से लेकर बड़े बुजुर्ग हर कोई बंकर की ओर भागना शुरू कर देते हैं। आपात स्थिति में किसी भी घर के बंकर में कोई भी व्यक्ति जा सकता है। सायरन के बंद होने के पंद्रह मिनट बाद तक सभी को यहीं रहना होता है। इस तरह के कड़े अनुशासन के बल पर इजरायल अपने नागरिकों को सुरक्षा दे पाता है।

अपार्टमेंट्स के अंदर बनाए जाने लगे हैं सुरक्षा रूम
मॉर्डन बहुमंजिला इमारतों में भी लोगों के लिए कंक्रीट बंकर बनाए जाने लगे हैं। इन्हें हिब्रु में 'ममाद' कहा जाता है। इसमें उस कमरे की दीवारों को 20 से 30 सेमी मोटी कंक्रीट से बनाया जाता है। इस कमरे के दरवाजे लोगे के बने होते है तथा खिड़कियों को भी कवर करने के लिए आयरन की अलग से प्लेट होती है। इसमें जो कांच लगाया जाता है वो भी बुलेट प्रूफ होता है जो लोगों को बम, रॉकेट और केमिकल वेपन के हमले से बचाता है।
इन कमरों में स्पेशल वेंटिलेशन की व्यवस्था होती है जिसमें अलग फिल्टर भी लगे होते हैं। अपार्टमेंट्स में ऐसे सुरक्षा बंकर 1992 के बाद बनाए जाने लगे।

पहले जमीन से चार मीटर नीचे होते थे बंकर
30 से 40 साल पहले पहले घरों में चार मीटर नीचे बंकर बनाया जाता था जिसकी दीवारें कंक्रीट की और दरवाजे लोहे के होते थे। उसक अंदर लाइट और वेंटीलेशन की भी व्यवस्था होती थी। इसके अलावा ऐसा पेंट दीवारों में अंधेरे में पहचान के लिए लगाया जाता था जो चमकता था। ऐसे में अंधेरे में भी कमरे में लोगों को परेशानी नहीं होती थी।

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