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Thursday, September 16, 2021

जाने क्यों, ज्योतिष और पंडित हमे सुंदरकाण्ड का पाठ करने की सलाह देते है।

हिंदू धर्म में ऐसे तो सभी देवी देवताओं के पूजा पाठ करने से लाभ प्राप्त होता हैं। लेकिन किसी विकट परिस्थितियों में हम अपने प्रभु श्री राम के अनन्य भक्त श्री हनुमान जी को ही याद करते है। हम जानते हैं कि श्री राम के अनन्य भक्त श्री हनुमान जी जब श्री राम प्रभु के विकट परिस्थिति से बाहर निकल दिए थे, तो अगर हम उनकी चरण बंदना करे तो हमे भी विकट परिस्थिति से बाहर अवश्य निकलेंगे। आज हम प्रभु श्री राम के अनन्य भक्त श्री हनुमान जी के सबसे प्रिय अध्याय सुन्दरकाण्ड की विशेषताएं बताएंगे। जब हम किसी खुशी या विकट परिस्थिति में अपने प्रभु श्री राम के अनन्य भक्त हनुमान जी का सुंदरकाण्ड के पाठ करेंगे तो श्री हनुमान जी अवश्य प्रसन्न होंगे और हमे मन चाहा फल और विकट परिस्थितियों से जरूर बाहर निकलेंगे। आज हम श्री हनुमान जी का सबसे प्रिय सुंदरकाण्ड की विशेषताएं बताएंगे। आखिर क्यों सुंदरकाण्ड मानव जीवन के लिए जरूरी है। सुंदरकाण्ड सें जुङी 5 अहम।

1:-सुंदरकाणड का नाम सुंदरकाणड क्यों रखा गया? 
हनुमानजी, सीताजी की खोज में लंका गए थें और लंका त्रिकुटाचल पर्वत पर बसी हुई थी। त्रिकुटाचल पर्वत यानी यहां 3 पर्वत थें। पहला सुबैल पर्वत, जहां कें मैदान में युद्ध हुआ था। दुसरा नील पर्वत, जहां राक्षसों कें महल बसें हुए थेंं। और तीसरे पर्वत का नाम है सुंदर पर्वत, जहां अशोक वाटिका नीर्मित थी। इसी वाटिका में हनुमानजी और सीताजी की भेंट हुई थी। इस काण्ड की यहीं सबसें प्रमुख घटना थी, इसलिए इसका नाम सुंदरकाणड रखा गया है।

2:- शुभ अवसर और विकट परिस्थितियों में सुंदरकाणड का पाठ करने का अनोखा महत्व।
शुभ और विकट परिस्थितियों पर गोस्वामी तुलसीदासजी द्वारा रचित श्रीरामचरितमानस कें सुंदरकाणड का पाठ किया जाता हैं। शुभ कार्यों की शुरूआत सें पहलें सुंदरकाणड का पाठ करनें का विशेष महत्व माना गया है। जबकि किसी व्यक्ति कें जीवन में ज्यादा परेशानीयाँ हो, कोई काम नहीं बन पा रहा हैं, आत्मविश्वास की कमी हो या कोई और समस्या हो तो सुंदरकाणड कें पाठ सें शुभ फल प्राप्त होने लग जाते है, कई ज्योतिषी या संत भी विपरित परिस्थितियों में सुंदरकाणड करनें की सलाह देते हैं।

3:- सुंदरकाणड का पाठ विषेश रूप सें क्यों किया जाता हैं।
माना जाता हैं कि सुंदरकाणड कें पाठ सें हनुमानजी प्रशन्न होतें है। सुंदरकाणड कें पाठ में बजरंगबली की कृपा बहुत ही जल्द प्राप्त हो जाती हैं। जो लोग नियमित रूप सें सुंदरकाणड का पाठ करतें हैं, उनके सभी दुख दुर हो जातें हैं, इस काण्ड में हनुमानजी नें अपनी बुद्धि और बल सें सीता की खोज की हैं। इसी वजह सें सुंदरकाणड को हनुमानजी की सफलता के लिए याद किया जाता हैं।

4:- सुंदरकाणड सें मिलता हैं मनोवैज्ञानिक लाभ।
वास्तव में श्रीरामचरितमानस कें सुंदरकाणड की कथा सबसे अलग हैं, संपूर्ण श्रीरामचरितमानस भगवान श्रीराम कें गुणों और उनके पुरूषार्थ को दर्शाती हैं, सुंदरकाणड एक मात्र ऐसा अध्याय हैं जो श्रीराम कें भक्त हनुमान जी  की विजय का काण्ड हैं। मनोवैज्ञानिक नजरिए सें देखा जाए तो यह आत्मविश्वास और इच्छाशक्ति बढ़ाने वाला काण्ड हैं।

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