गेट को नीचे से छोटा रखने का कोई वैज्ञानिक आधार भले ही न हो लेकिन इसके पीछे के तर्क बहुत मजबूत हैं। माना जाता है कि गेट को नीचे से छोटा रखने के कई सारे फायदे हैं जिनके बारे में आपको विस्तार से बताते हैं।
क्लीन रखने के लिए जरूरी।
हाइजीन के लिहाज से हम सभी साफ-सुथरे टॉयलेट का इस्तेमाल करना चाहता हैं। इसलिए उसकी क्लीनिंग काफी जरूरी है और अगर टॉयलेट के दरवाजे जमीन से एकदम सटे होंगे तो सफाई करने में दिक्कतें आएंगी। इसके अलावा पानी और नमी की वजह से गेट को लगातार नुकसान भी होगा। अब अगर गेट नीचे से छोटे हैं तो सफाई आसान हो जाती है और पानी रुकने की दिक्कत भी दूर हो जाती है।
मुश्किल वक्त में मददगार।
किसी बीमार शख्स को अगर टॉयलेट के इस्तेमाल के दौरान कुछ हो जाए तो उसका बचाव करने के लिए छोटी गेट उपयोगी साबित हो सकते हैं। एक तो नीचे से लगातार हवा का फ्लो रहता है तो दम घुटने या किसी और तरह की दिक्कत से बचा जा सकता है। इसके अलावा आपात स्थित में गेट को नीचे से काटकर ये किसी तरह अंदर घुसने की गुंजाइश भी रहती है।
कोई नहीं करेगा तंग।
अक्सर देखा गया है कि लोग टॉयलेट के इस्तेमाल के वक्त किसी तरह का डिस्टर्बेंस नहीं चाहते और जब आप पब्लिक टॉयलेट यूज करते हैं तो इसकी आशंका बढ़ जाती है। ऐसे में टॉयलेट में दूर से झांकने पर आपको अंदर बैठे हुआ शख्स आसानी से दिख जाएगा और आप गेट खटखटाने से बचेंगे।
स्मोकिंग रोकने में कारगर।
पब्लिक टॉयलेट में बैठकर अक्सर लोग बीड़ी, सिगरेट, गुटखे का इस्तेमाल करते हैं। अगर गेट पूरी तरह से बंद है तो इसका अंदाजा लगाना जरा मुश्किल हो जाता है। लेकिन गेट अगर नीचे से छोटे हैं तो धुआं तुरंत बाहर आएगा, जिसके डर से कोई भी पब्लिक टॉयलेट में धूम्रपान से बचता है।
बाहर से रहता है संपर्क।
इस तरह के टॉयलेट में आप बगैर गेट खोले छोटे-मोटे सामान जैसे टॉयलेट पेपर, मोबाइल फोन, अखबार का आदान-प्रदान कर सकते हैं। इसके अलावा कभी टॉयलेट पेपर ही खत्म हो गया तो वह बाहर से मांग सकते हैं। आपको कोई जरूरी कॉल अटेंड करनी है और फोन बाहर ही छोड़ आएं हैं तो इसके जरिए उसे अंदर पास किया जा सकता है।
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