कोलकाता: दुर्गा पूजा उत्सव (Durga Puja Festival) के बीच, पूर्वी कोलकाता के श्रीभूमि दुर्गा पूजा पंडाल (Sree Bhoomi Durga Puja Pandal) में लेजर शो सोमवार शाम को बंद कर दिया गया। इसकी लाइटिंग से उड़ानों में समस्या को लेकर तीन अलग-अलग पायलट ने कोलकाता एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) के पास सोमवार को शिकायत दर्ज कराई थी। हालांकि, एटीसी ने पहले ही कोलकाता एयरपोर्ट अथॉरिटी (airport authority) को इसकी जानकारी दे दी थी। पायलटों ने दावा किया कि लाइटिंग इतनी खतरनाक थी कि उन्हें विमान को लैंड कराने में समस्या हो रही थी।
कोलकाता के श्रीभूमि दुर्गा पूजा पंडाल को सबसे बड़े स्मारकों में से एक बुर्ज खलीफा दुर्गा पूजा पंडाल (Burj Khalifa Durga Puja Pandal) के रूप में डिजाइन किया गया था। जिसकों देखने के लिए काफी लोगों की भीड़ देखी जा रही थी। इस दौरान एटीसी टॉवर से शिकायत मिलने के बाद आयोजकों को लेजर शो को बंद करना पड़ा। हैवी लाइट्स शो (heavy lights show) विमान के पायलटों के लिए परेशानी का कारण बन रहा था। दरअसल, ये हवाई अड्डे के पास स्थित था। हालांकि, आयोजकों ने दावा किया कि उन्हें ऐसी कोई शिकायत नहीं मिली है।
श्रीभूमि स्पोर्टिंग क्लब के अध्यक्ष सुजीत बोस (Sujit Bose, President of Sreebhumi Sporting Club) ने कहा कि 'उन्हें लेजर शो के बारे में कोई शिकायत नहीं मिली है और महामारी प्रतिबंधों के मद्देनजर इसे बंद करने का फैसला किया है। पंडाल में लाइटिंग को कम कर दिया गया है।' बोस के अनुसार, बुर्ज खलीफा के रूप में डिजाइन किया गया अनोखा पंडाल 145 फीट लंबा है और इसे बनाने में 250 मजदूर ने दो महीने का समय लिया था।
कोलकाता बुर्ज खलीफा पंडाल।
इस बार कोलकाता में सॉल्ट लेक सिटी के लेक टाऊन इलाके में दुनिया के सबसे बड़े स्मारकों में से एक बुर्ज खलीफा दुर्गा पूजा पंडाल के रूप में बनाया गया है। इसका उद्घाटन पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 9 अक्टूबर को किया था। उद्घाटन समारोह के दौरान, श्रीभूमि क्लब के प्रमुख बोस ने दावा किया था कि एक टीम ने नवरात्रि समारोह के हिस्से के रूप में प्रतिकृति बनाने से पहले दुबई का दौरा किया था। यह पंडाल लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इसे देखने के लिए बड़ी तादाद में लोग जुट रहे हैं। बोस ने एक बयान में कहा था, "हर साल, हमने प्रतिष्ठित इमारतों की प्रतिकृति के रूप में पंडाल का निर्माण किया। इससे पहले, हमने इसे पेरिस ओपेरा, केदारनाथ और पुरी मंदिरों की थीम पर बनाया था।" दो महीने के समय में लगभग 250 मजदूरों ने इस पंडाल का निर्माण किया। बोस ने कहा कि क्लब दान और सामाजिक कार्य करता है।
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