Popular Posts

Monday, November 1, 2021

DHONI की CSK ने नीरज चोपड़ा पर की पैसों की बरसात, किया एक करोड़ रुपये से सम्मानित।

Chennai Super Kings reward Neeraj Chopra with Rs one crore: टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) के गोल्ड मेडल विजेता नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) पर इनामों की बारिश अभी तक हो रही है। देश का नाम रौशन करने वाले नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) ने ओलंपिक में इस साल कुछ ऐसा कर दिखाया था जो आज से पहले भाला फेंक में कोई भारतीय खिलाड़ी नहीं कर सका था। यही वजह है कि नीरज चोपड़ा पर लगातार इनामों की बारिश हो रही है।

न्यूज एजेंसी भाषा के मुताबिक चेन्नई सुपर किंग्स ने टोक्यो ओलंपिक के स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा को उनकी एतिहासिक उपलब्धि के लिए एक करोड़ रुपये का चैक देकर सम्मानित किया। ओलंपिक चैंपियन भाला फेंक खिलाड़ी चोपड़ा को चेन्नई सुपर किंग्स क्रिकेट लिमिटेड की ओर से एक करोड़ रुपये का चैक सौंपा गया। विज्ञप्ति के अनुसार सीएसके ने चोपड़ा के सम्मान में उन्हें 8758 नंबर (टोक्यो में 87.58 मीटर के स्वर्ण पदक के प्रयास के आधार पर) की जर्सी भी सौंपी।

चोपड़ा अभिनव बिंद्रा के बाद भारत के सिर्फ दूसरे व्यक्तिगत ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता हैं। सीएसके के सीईओ केएस विश्वनाथन ने कहा, "शानदार उपलब्धि के लिए पूरे देश को नीरज पर गर्व है। ट्रैक एवं फील्ड में स्वर्ण पदक जीतने वाला पहला भारतीय बनकर उन्होंने मापदंड स्थापित किए हैं"। उन्होंने कहा, "वह अगली पीढ़ी के लिए प्रेरणा हैं। 87.58 की संख्या हमेशा के लिए भारतीय खेलों के इतिहास में दर्ज हो गई है और नीरज को यह विशेष जर्सी सौंपना हमारे लिए सम्मान की बात है।

नीरज चोपड़ा ने सीएसके प्रबंधन को दिया धन्यवाद: 
पुरस्कार और विशेष जर्सी लेने के बाद 23 साल के चोपड़ा ने कहा कि पिछले दो महीने उनके लिए नई चीजों का अनुभव करने का मौका रहा। उन्होंने सीएसके प्रबंधन को धन्यवाद भी दिया। उन्होंने कहा, "आपके समर्थन और पुरस्कार के लिए धन्यवाद। काफी अच्छा लग रहा है। मैंने कभी नहीं सोचा था कि स्वर्ण पदक जीतने के बाद मुझे इतना प्यार मिलेगा। इसकी उम्मीद नहीं थी और काफी अच्छा महसूस कर रहा हूं। उम्मीद करता हूं कि मैं और कड़ी मेहनत करूंगा और अच्छे नतीजे हासिल करूंगा। "टोक्यो में सात अगस्त को 87.58 मीटर की दूरी तक भाला फेंककर चोपड़ा ओलंपिक खेलों की एथलेटिक्स स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय बने थे।

No comments:

Post a Comment

If you have any doubts, please let me know.

मैं तो इंसानियत से मजबूर था तुम्हे बीच मे नही डुबोया" मगर तुमने मुझे क्यों काट लिया!

नदी में बाढ़ आती है छोटे से टापू में पानी भर जाता है वहां रहने वाला सीधा साधा1चूहा कछुवे  से कहता है मित्र  "क्या तुम मुझे नदी पार करा ...