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Saturday, November 12, 2022

तीर्थ यात्रा के दौरान का मेरा अनुभव। और VIP व्यवस्था जो की भगवान के दर्शन के दौरान देखने और लेने पड़ते हैं।

समय ज़्यादा दूर नहीं जब भगवान ख़ुद चल कर भक्त के घर तक पहुँचेंगे, फ़्री में दर्शन करने हैं तो सुबह चार बजे से लाइन लगाओ। फिर जा कर भगवान का गर्भगृह के दरवाजे से पूरे धक्का मुक्की के साथ दूर से दर्शन करो। पूर्वांचल की भाषा में कहे तो बिना टिकट जनरल डिब्बे के जैसे। तत्पशाचात आता है अगली श्रेणि जिसमे भगवान के दर्शन के लिए 15 रुपए या उससे ज्यादा का होता हैं, जिसमें समझ लो जनरल डिब्बे की टिकट के साथ रेल का सफ़र भगवान दर्शन तो देंगे गर्भगृह के दरवाजे से थोड़ा कम धक्का मुक्की के। उसके बाद अगली व्यवस्था 250 रुपए या उससे अधिक का होता हैं टिकट लेकर दर्शन की ( वो स्लीपर क्लास के जैसे समझ लो ) मतलब हर कोई ये व्यवस्था लेकर दर्शन की लाइन में लगेगा लेकिन दर्शन दूर से करेगा। थोड़ा उससे कम धक्का मुक्की के साथ अगली व्यवस्था 750 रुपए या उससे ज्यादा का जिसमें भक्त गर्भग्रह में जा सकता है , भगवान को हाथ लगा सकता है , जल चढ़ा सकता है , अभिषेक कर सकता है। अकेले या गर्भगृह के पंडित जी के साथ।

अगली व्यवस्था है 3000 रुपए या उससे अधिक वाली जिसमें भक्त के साथ एक पंडित भी रहेगा, वो गर्भग्रह में भगवान के सामने 5 मिनट के लिए आपसे पूजा करवाएगा, जल चढ़वाएगा, अभिषेक करवाएगा मंत्रोच्चरण के साथ। अगली व्यवस्था है 6000 रुपए या उससे अधिक वाली जिसमें भक्त के साथ पंडित और फ़ोटो ग्राफ़र भी जाएगा और जाता भी हैं।
  
💐 जल्द ही निम्नलिखित व्यवस्था देखने को मिलेंगी। 

🚩 अगली व्यवस्था होगी 6 लाख वाली जिसमें भक्त और उसके परिवार को भगवान विशेष दर्शन देंगे।

🚩 अगली व्यवस्था 6 करोड़ वाली जिसमें भगवान मंदिर से पालकी में निकल कर भक्त के hotel जाकर उसके रूम में दर्शन देंगे। 

🚩 अगली व्यवस्था होगी 100 करोड़ वाली जिसमें भगवान मंदिर से पालकी से निकल कर सीधे भक्त के घर दर्शन देने जाएँगे। 

🚩 लास्ट हज़ार करोड़ कोई देगा तो भगवान भक्त के घर ही अपना आसन लगा लेंगे। 

ये बहुत दुःखद हैं जो हमारे भगवान का नहीं सिस्टम का उपहास है जिसमें सिस्टम ने भगवान को बेचना शुरू कर दिया है। 

कोई इसे भगवान की आलोचना ना समझे यह सही हैं हमने अनुभव किया है, जो व्यापार बनता जा रहा है।🙏

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