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Tuesday, October 27, 2020

क्या आप जानते है, बॉलीवुड के इस 10 अंधविश्वासी कलाकार के बारे में।

आमिर खान अपनी फिल्म दिसंबर में रिलीज़ करते हैं।
आपको जानकर हैरानी होगी कि बॉलीवुड के मिस्टर परफेक्शनिस्ट कहे जाने वाले आमिर खान भी अंधविश्वास जैसी चीज़ों में विश्वास रखने से अछूते नहीं हैं। आमिर खान अपने हर फिल्म को साल के दिसंबर महीने को अपने लिए बहुत लकी मानते हैं। इसीलिए वो अपनी फिल्मों को दिसंबर में ही रिलीज़ करते हैं।

‘क’ से शुरू होती हैं करण जौहर की कई फिल्में।
करण जौहर की यह धारणा थी कि उनकी फिल्में तभी सफल होंगी जब वो ‘क’ अक्षर से हो। यही वजह है कि उनकी कई फिल्में ‘क’ से ही शुरू होती हैं। हालांकि करण का कहना है कि वो बचपन के अंधविश्वास थे और अब उन्होंने इन पर विश्वास करना छोड़ दिया है।

कोई भी काम शुरू करने से पहले ज्योतिष की राय लेती हैं, एकता कपूर।
छोटे पर्दे की क्वीन कहीं जाने वाली एकता कपूर अंधविश्वास में सबसे ज्यादा विश्वास करती हैं। बता दें कि एकता अपने हर काम को शुरू करने से पहले ज्योतिष की राय लेती हैं। एकता कपूर इतनी ज़्यादा अंधविश्वासी हैं कि शूटिंग की तारीख से लेकर शूटिंग की जगह तक के लिए वो ज्योतिष की सलाह लेती हैं। साथ ही एकता कपूर ढेर सारे रत्न, तावीज, धागे आदि भी पहनती हैं।

शाहरुख खान ने अपनी सभी गाड़ियों का नंबर 555 रखा है।
वैसे तो शाहरुख खान अक्सर कहते हैं कि वो अंधविश्वास पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं करते हैं, लेकिन वो अंक ज्योतिष यानी न्यूमरोलॉजी पर इस कदर भरोसा करते हैं कि उन्होंने अपनी सभी गाड़ियों का नंबर 555 रखा है। इतना ही नहीं कोलकाता नाइट राइडर्स की हार से परेशान होकर उन्होंने ज्योतिषी के कहने पर अपनी टीम की जर्सी का रंग भी बैंगनी करवा दिया था।

अजमेर शरीफ दरगाह जाकर दुआ मांगती हैं कैटरीना कैफ।
खबरों के अनुसार, फिल्म ‘नमस्ते लंदन’ के प्रमोशन के दौरान कैटरीना अजमेर शरीफ की दरगाह गई थीं और उनकी फिल्म ने अच्छा बिज़नेस किया था। तब से लेकर अब तक कैटरीना अपनी हर फिल्म रिलीज़ होने से पहले अजमेर शरीफ दरगाह जाकर दुआ मांगती हैं।

हमेशा फिरोज़ा ब्रेसलेट पहनते हैं, सलमान खान।
बॉलीवुड के दबंग सलमान खान असल ज़िंदगी में बहुत अंधविश्वासी हैं। आपने भी सलमान खान की कलाई पर फिरोज़ा ब्रेसलेट देखा होगा। सलमान खान को ये ब्रेसलेट उनके पिता सलीम खान ने दिया है और सलमान इसे अपनी सलामती के लिए पहनते हैं।

सिद्धिविनायक मंदिर जाती हैं दीपिका पादुकोण।
दीपिका पादुकोण भी अपनी फिल्मों की कामयाबी के लिए मंदिर जाती हैं। हालांकि मंदिर में भगवान के सामने नतमस्तक होना कोई अंधविश्वास नहीं है, लेकिन दीपिका पादुकोण अपनी फिल्मों की रिलीज़ से पहले मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर में माथा टेकने ज़रूर जाती हैं, ताकि उनकी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर हिट हो जाएं।

क्रिकेट मैच लाइव नहीं देखते बिग बी अमिताभ बच्चन।
अमिताभ बच्चन का सुपरस्टीशन सुनकर आप हैरान रह जाएंगे। बिग बी को क्रिकेट बहुत पसंद है, लेकिन वो कभी भी भारत का क्रिकेट मैच लाइव नहीं देखते। उनका मानना है कि अगर वो टीवी के सामने बैठ जाते हैं तो भारत के विकेट गिरने शुरू हो जाते हैं।

आईपीएल में दो घड़ियां पहनती हैं शिल्पा शेट्टी।
शिल्पा शेट्टी मानती हैं कि वो अपनी आईपीएल टीम ‘राजस्थान रॉयल्स’ के मैच के दौरान जब दो घड़ियां पहनती हैं, तो ऐसा करने से उनकी टीम को सफलता मिलती है। अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी अंधविश्वास में विश्वास करती हैं और इसके लिए वो अंगूठियां पहनना, मंदिर जाना आदि चीज़ें करती रहती हैं।

पैर में काला धागा बांधते हैं रणवीर सिंह।
रणवीर सिंह अपनी सलामती के लिए पैर में काला धागा बांधते हैं। दरअसल, कुछ समय पहले रणवीर सिंह फिल्म के सेट पर बीमार पड़ने लगे थे और उन्हें अक्सर चोटें भी लग जाती थीं। ऐसा ना हो इसके लिए रणवीर सिंह पैर में काला धागा बांधने लगे।

Tuesday, October 20, 2020

हनुमान जी के बारह नाम, जिसके लेने मात्र से दूर हो जाते हैं सारे कष्ट।

ऐसे तो हनुमान जी के कई सारे नाम है जिसके लेने से भक्तो के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। जिसमे से प्रमुख नाम निम्न है। जिसको भक्त अपने जुबानों से कभी हटाने नहीं देना चाहते हैं।
जय श्री राम, जय बजरंगबली
आज के दिन ये नाम जपने से सब मंगल ही मंगल होगा। जानिए मंगल को जन्मे मंगलकारी हनुमान के अद्भुत और चमत्कारी बारह नामों के बारे में जिनके जाप से आपके सारे कष्ट, रोग, पीड़ा और संकट खुद ब खुद नष्ट हो जाते हैं और जीवन में सब मंगलमय होगा।
शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं हनुमान
अजर-अमर हैं हनुमान। अपने भक्तों पर कृपा करते हैं और उनके सारे कष्‍ट संकटमोचन हर लेते हैं। वह महावीर भी हैं और हर युग में अपने भक्तों की समस्याओं का समाधान करते हैं। माना जाता है कि हनुमान एक ऐसे देवता है जो थोड़ी-सी प्रार्थना और पूजा से ही शीघ्र प्रसन्न हो जाते है। मंगलवार और शनिवार हनुमान जी के पूजन के लिए सर्वश्रेष्ठ दिन हैं।

हर लेते हैं सारे संकट
हनुमान चालीसा में लिखा हुआ है कि संकट कटे मिटे सब पीरा जो सुमरे हनुमत बलवीरा। जी हां यह अटल सत्य है। भूत पिसाच निकट नहीं आवे महावीर जब नाम सुनावे। जी हां यह भी अटल सत्य है, जैसे- राम नाम की महिमा अपरम्‍पार मानी जाती है। ठीक वैसे ही श्री हनुमान के नाम की महिमा भी अनंत फलदायी मानी गई है। अगर आप अपनी परेशानियों से निजात पाना चाहते हैं तो जानिए कैसे करें महाबली को प्रसन्न।
जैसा कि रामचरित मानस में लिखा हुआ है कि कलयुग केवल नाम अधरा सुमरि-सुमरि नर उतरहीं पारा और यह भी माना जाता है कि कलयुग में हनुमान ही सबसे प्रभावशाली देवता हैं। उनका नाम सुमरने से ही आप सारे काम बन जाएंगे।

प्रभु श्री राम के प्रति अपनी अगाध श्रद्धा से ही हनुमान जी को अष्टसिद्धियों और नवनिधियों का वरदान मिला है। ये वही अष्टसिद्धियां और नव निधियां हैं जो कलयुग में हनुमान उपासकों के कल्याण का काम करती हैं. कलयुग में राम भक्त हनुमान के द्वादश यानि बारह नामों का स्मरण किया जाये तो सारी तकलीफें, समस्याएं, व्याधियों को हर लेते हैं हनुमान। तो आइए जानें हनुमान जी के नामों की महिमा के बारे में।
1. हनुमान
2. अंजनीसुत
3. वायुपुत्र
4. महाबल
5. रामेष्ट
6. फाल्गुनसखा
7. पिंगाक्ष
8. अमितविक्रम
9. उदधिक्रमण
10. सीताशोकविनाशन
11. लक्षमणप्राणदाता और
12. दशग्रीवदर्पहा
महाबली बजरंग के इन नामों का उच्चारण करने से आपकी कई वर्षों से चली आ रही परेशानियां पल भर में दूर हो जाएंगी।

Saturday, October 17, 2020

फ्रांस के पेरिस (Paris) में एक टीचर जो पैगंबर मोहम्मद का कार्टून बच्चों को दिखाया था उसकी सिर काट कर निर्मम हत्या कर दी गई।

फ्रांस के पेरिस (Paris) में एक टीचर जो पैगंबर मोहम्मद का कार्टून बच्चों को दिखाया था उसकी सिर काट कर निर्मम हत्या कर दी गई। सिर काटने वाला शख्स एनकाउंटर में मारा गया है। 18 साल के शख्स ने शुक्रवार को पैगंबर मोहम्मद (Prophet Mohammed) का कार्टून बच्चों को दिखाने वाले टीचर को पहले अल्लाह हू अकबर के नारे लगाए और फिर टीचर का गला रेत दिया।

आतंकी हमले की आशंका
फ्रांस में टीचर की निर्मम हत्या को लेकर आतंकी हमले की आशंका जताई जा रही है। फ्रांस के राष्ट्रपति इम्मैन्युअल मैक्रों (Emmanuel Macron) ने इसे 'आतंकवादी हमला' बताया है। उन्होंने कहा कि आतंकी ने देश के गणतंत्र के खिलाफ हमला किया है। ये लोग फ्रांस को विभाजित नहीं कर पाएंगे। आज राष्ट्रपति इमेनुएल मेक्रो खुद मृत शिक्षक के घर जाने वाले हैं।
पुलिस ने की थी गिरफ्तार करने की कोशिश
पुलिस (France Police) ने हमलावर की पहचान उजागर नहीं की है, लेकिन इतना बताया है कि वह 18 वर्षीय संदिग्ध इस्लामिक आतंकवादी था और मॉस्को में पैदा हुआ था। पुलिस ने हमलावर को गिरफ्तार करने की कोशिश की, लेकिन वह सरेंडर करने के बजाय पुलिस को ही डराने की कोशिश करने लगा। इसके बाद जवाबी कार्रवाई में पुलिस की गोली से उसकी मौत हो गई।
अभिव्यक्ति का पाठ पढ़ाते हुए दिखाया था कार्टून
पेरिस के एक स्कूल के टीचर सैमुअल ने बच्चों को अभिव्यक्ति की आजादी के बारे में पढ़ाते हुए पैगंबर मोहम्मद का कार्टून दिखाया था, जिससे हमलावर बेहद नाराज था। वह चाकू लेकर पहुंचा और अल्लाह हू अकबर के नारे लगाते हुए टीचर का गला काट दिया।
पिछले महीने चार्ली हेब्दो के ऑफिस के बाहर हमला
पिछले महीने चार्ली हेब्‍दो (Charlie Hebdo) के पुराने ऑफिस के पास एक पाकिस्तानी व्यक्ति ने चाकू से हमला किया था, जिसमें चार लोग घायल हो गए थे। पेरिस में इन दिनों 7 जनवरी 2015 को चार्ली हेब्दो के ऑफिस पर हुए बर्बर आतंकी हमले को लेकर सुनवाई जारी है और इन दो हमलों के बाद सनसनी फैल गई है। बता दें कि साल 2015 में चार्ली हेब्दो के ऑफिस पर पैगंबर मोहम्मद के कार्टून छापने के बाद आतंकी हमला हुआ था।

Saturday, September 26, 2020

कभी कोई युद्ध ना हारने वाला अकबर के सेनापति बहलोल खान को भेजा था महाराणा प्रताप का सर लाने।

मुगली शासक अकबर का सबसे खतरनाक एक सेना नायक हुआ   बहलोल खां कहा जाता है कि हाथी जैसा बदन था इसका और ताक़त का जोर इतना कि नसें फटने को होती थीं ज़ालिम इतना कि तीन दिन के बालक को भी गला रेत-रेत के मार देता था बशर्ते वो हिन्दू का हो एक भी लड़ाई कभी हारा नहीं था अपने पूरे करियर में ये बहलोल खां काफी लम्बा कद का सेनापति था उसका कद 7 फुट 8 इंच है। कहा जाता है की घोडा उसने सामने छोटा लगता था। बहुत चौड़ा और ताकतवर था बहलोल खां, अकबर को बहलोल खां पर खूब नाज था, लूटी हुई औरतों में से बहुत सी बहलोल खां को दे दी जाती थी।

फिर हल्दीघाटी का युद्ध हुआ, अकबर और महाराणा प्रताप की सेनाएं आमने सामने थी, अकबर महाराणा प्रताप से बहुत डरता था। इसलिए वो खुद इस युद्ध से दूर रहा। अब इस युद्ध में सेनापति बहलोल खां को अकबर ने युद्ध के लिए आदेश दिया। हिन्दू-वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप से लड़ाई पूरे जोर पर और मुगलई गंद खा-खा के ताक़त का पहाड़ बने बहलोल खां का आमना-सामना हो गया अपने प्रताप से अफीम के ख़ुमार में डूबी हुई सुर्ख नशेड़ी आँखों से भगवा अग्नि की लपट सी प्रदीप्त रण के मद में डूबी आँखें टकराईं और जबरदस्त भिडंत शुरू कुछ देर तक तो राणा यूँ ही मज़ाक सा खेलते रहे मुगलिया बिलाव के साथ और फिर गुस्से में आ के अपनी तलवार से एक ही वार में घोड़े सहित हाथी सरीखे उस नर का पूरा धड़ बिलकुल सीधी लकीर में चीर दिया ऐसा फाड़ा कि बहलोल खां का आधा शरीर इस तरफ और आधा उस तरफ गिरा दिया।

ऐसे-ऐसे युद्ध-रत्न उगले हैं सदियों से भगवा चुनरी ओढ़े रण में तांडव रचने वाली मां भारती ने।

Thursday, September 24, 2020

डीआरडीओ की बड़ी उपलब्धि लांच किया ATGM मिसाइल 3 किलोमीटर तक कर सकता है सत्यानाश।

(Laser-guided Anti Tank Guided Missile-ATGM) लेजर गाइडेड एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। AGTM का परीक्षण अहमदनगर के आर्मर्ड कॉर्प्‍स सेंटर एंड स्‍कूल (ACC&S) की केके रेंज में किया गया। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि परीक्षण के दौरान मिसाइल ने 3 किलोमीटर दूर स्थित लक्ष्य पर एकदम सटीक वार करके ध्‍वस्‍त कर दिया। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा तैयार की गई इस मिसाइल को अर्जुन टैंक से लॉन्‍च किया गया था।


इनके सहयोग से बनी :-  इस मिसाइल को DRDO की आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (ARDE) पुणे, उच्च ऊर्जा सामग्री अनुसंधान प्रयोगशाला (HEMRL) पुणे और इंस्ट्रूमेंट्स रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (IRDE) देहरादून के सहयोग से विकसित किया गया है।

क्यों है खास?
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, कई प्लेटफॉर्म लॉन्च क्षमता के साथ मिसाइल को विकसित किया गया है और वर्तमान में एमबीटी अर्जुन में लगी बंदूक से फायर कर इसका तकनीकी मूल्यांकन किया जा रहा है। लेजर गाइडेड एंटी टैंक गाइडेड लक्ष्य पर सटीक निशाना लगाने के लिए लेजर डेज़िग्नेशन का इस्तेमाल करती है। साथ ही यह HEAT (हाई स्‍पीड एक्‍सपेंडेबल एरियल टारगेट) वारहेड के जरिए एक्‍सप्‍लोसिव रिऐक्टिव आर्मर (ERA) प्रोटेक्‍टेड व्हीकल को उड़ाने में सक्षम है।

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने दी बधाई :-

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) ने इस सफलता के लिए DRDO को बधाई दी है। उन्होंने ट्वीट करके कहा, ‘अहमदनगर में केके रेंज में एमबीटी अर्जुन से लेजर गाइडेड एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया। भारत को डीआरडीओ पर गर्व है जो निकट भविष्य में आयात निर्भरता को कम करने की दिशा में काम कर रहा है’।


Monday, September 21, 2020

फिल्म सिटी के लिए दी 1000 एकड़ की जमीन, योगी सरकार।

लखनऊ:- मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने देश की सबसे खूबसूरत फिल्म सिटी उत्तर प्रदेश में बनाने की बात कही थी। इस प्रोजेक्ट पर अब काम भी शुरू हो चुका है। योगी सरकार ने इस फिल्म सिटी के लिए 1000 एकड़ जमीन भी उपलब्ध कराई है। यमुना एक्सप्रेस वे के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अरुण वीर सिंह ने अपर मुख्य सचिव अवस्थापना एवं ओद्योगिक विभाग को पत्र लिखकर फिल्म सिटी के उपलब्ध भूमि की जानकारी दी।

यमुना एक्सप्रेस वे पर बनेगी फिल्म सिटी:-
इस पत्र में फिल्म सिटी के लिए यमुना एक्सप्रेस वे ओद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र के सेक्टर - 21 में ओद्योगिक भूखंडों के लिए 780 एकड़ और व्यावसायिक भूखंड के लिए 220 एकड़ यानि कुल 1000 एकड़ भूमि उपलब्ध है।

मधुर भंडारकर ने की थी CM योगी से मुलाकात
फिल्मकार मधुर भंडारकर (Madhur Bhandarkar) ने रविवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की. इस दौरान दोनों ने गौतमबुद्ध नगर जिले में देश के 'सबसे बड़े और सबसे खूबसूरत फिल्म सिटी' के बनाए जाने को लेकर मुख्यमंत्री की घोषणा पर चर्चा की. मुख्यमंत्री ने फिल्म निर्माता को भेंट स्वरूप एक सिक्का दिया, जिसमें भगवान राम की तस्वीर उकेरी गई थी और इसके साथ ही रामचरितमानस की एक प्रति, तुलसी के बीजों की एक माला व एक भव्य कुंभ कॉफी टेबल भी दी, जिसे पिछले साल प्रयागराज में आयोजित किया गया था. सरकार की तरफ से एक प्रवक्ता के मुताबिक, भंडारकर ने मुख्यमंत्री को फिल्म सिटी की योजना के लिए बधाई दी और फिल्म बिरादरी से पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।

Saturday, September 19, 2020

दुनिया का इकलौता शुद्ध शाकाहारी मगरमच्छ।

मगरमच्छ पानी में रहने वाला एक खतरनाक जानवर जो एक इंसानी शरीर को बिना चबाए आराम से निगल सकता है। और जिसके शरीर के ऊपर की त्वचा इतनी सख्त होती है कि इस पर बंदूक की गोली का भी कोई असर नहीं होता है। लेकिन आज हम जिस मगरमच्छ के बारे में बात करने वाले हैं। वह दुनिया का इकलौता शुद्ध शाकाहारी मगरमच्छ है। यह जानकर आपको हैरानी जरूर होगी लेकिन यह एक सच है। केरल के कासरगोड जिले में स्थित है, भगवान विष्णु के अवतार श्री अनंत पदमनाभ स्वामी का मंदिर है। इसी मंदिर के किनारे बनी झील में रहता है, यह शाकाहारी मगरमच्छ जिसका नाम है “बबिया”

बबिया मगरमच्छ खाने में केवल मंदिर का बना प्रसाद ही खाता है इसके अलावा कुछ नहीं खाता इस झील में उसके साथ रहने वाली मछलियाँ उससे बिल्कुल भी भयभीत नहीं होती है। बल्कि आराम से उसके पास तैरती है बिना किसी डर के अनंत पदमनाभ स्वामी मंदिर तिरुवंतपुरम में श्री अनंत पदमनाभ स्वामी का एक बहुत विशाल एवं भव्य मंदिर है। लेकिन स्थानीय लोगों के अनुसार अनंतपुर में स्थित मंदिर ही श्री अनंत पदमनाभ स्वामी का मूल स्थान है। अनंतपुर में यह मंदिर करीब 2 एकड़ जगह में फैला हुआ है। इस मंदिर के पास में एक झील भी है। पौराणिक कथाओं के अनुसार प्रभु अनंत पद्मनाभस्वामी इसी झील के अंदर स्थित एक गुफा से होकर तिरुवंतपुरम गए थे इसी वजह से दोनों जगहों का नाम एक जैसा ही है।

मंदिर से जुड़ी पौराणिक कथा।
मंदिर में पूजा करने वाले स्थानीय पुजारियों के अनुसार लगभग 3000 साल पहले दिवाकर मुनि विल्व  मंगलम स्वामी  अनंतपुर के इसी मंदिर मे रहा करते थे, एवं विष्णु भगवान की पूजा किया करते थे। उनकी पूजा से प्रसन्न होकर एक दिन विष्णु भगवान स्वयं एक छोटे बालक के रूप में उनके सामने प्रकट हुए एवं उनके साथ इसी आश्रम में रहने लगे। धीरे धीरे यह बालक विल्व मंगलम स्वामी के साथ घुल मिल गया, एवं वह आश्रम की कार्यों में भी मुनि का हाथ बटाने लगा। समय बीतता गया और एक दिन जब विल्व मंगलम स्वामी अपने दैनिक पूजा का कार्य कर रहे थे। उस समय वह बालक उनके कार्य में विघ्न उत्पन्न कर रहा था। इस बात से परेशान होकर उन्होंने उस बालक को डाँटा और उसे पीछे की ओर धकेल दिया। मुनि के इस व्यवहार से आहत होकर वह बालक यह कहते हुए पास स्थित झील मे अदृश्य हो गया कि जब भी विल्व मंगलम स्वामी उनसे मिलना चाहे वे अनंतकट के जंगलों में उसे पाएंगे। जब तक मुनि को अपनी भूल का एहसास हुआ, कि जिस नन्हे बालक को उन्होंने डांटा है। वह स्वयं भगवान विष्णु का रूप है। तब तक बहुत देर हो चुकी थी। और वह बालक झील मे बनी गुफा मे अद्रश्य चुका था।

झील मे बनी गुफा।
विल्व मंगलम स्वामी स्वयं से हुई भूल का पश्चाताप करने के लिए एवं बालक से माफी मांगने के लिए उसी गुफा में प्रवेश करते हैं। और वे गुफा के दूसरी और समुद्र के पास में निकलते हैं। वहां पर वह देखते हैं कि समुद्र में स्वयं भगवान विष्णु विराजमान है। उनके चारों और विशाल नाग लिपटे हुए हैं।
बबिया मगरमच्छ के अस्तित्व का इतिहास।
स्थानीय पुजारियों के अनुसार बबिया मगरमच्छ उसी गुफा में रहता है। जहां पर भगवान श्री विष्णु के बाल अवतार श्री कृष्ण अदृश्य हुए थे। उनके अनुसार बबिया मगरमच्छ श्री कृष्ण के द्वार की पहरेदारी करता है।
बबिया के बारे में सबसे हैरान करने वाली बात यह है, कि यह शुद्ध शाकाहारी मगरमच्छ है। मंदिर के पुजारियों द्वारा इसे दिन में दो बार चावल का प्रसाद भोजन के रूप में दिया जाता है। मंदिर में पूजा करने वाले चंद्र प्रकाश जी के अनुसार वे पिछले 10 सालों से बबिया को भोजन करा रहे हैं वे कहते हैं कि वे प्रतिदिन 1 किलो चावल स्वयं अपने हाथों से बबिया को खिलाते हैं। और वह बिना उन पर आक्रमण किए या किसी अन्य मछलियों पर आक्रमण किए प्रसाद का भोजन करता है एवं अपनी गुफा में चला जाता है। बबिया पिछले 75 सालों से इसी झील में रह रहा है।

बबिया का इतिहास।
स्थानीय लोगों के अनुसार लगभग 75 साल पहले एक ब्रिटिश सैनिक ने बबिया से पहले इस गुफा की सुरक्षा कर रहे मगरमच्छ को मार दिया था। इस घटना के कुछ दिनों बाद ही उसे सैनिक की रहस्यमयी तरीके से सांप के काटने के कारण मृत्यु हो गई। स्थानीय लोगों का मानना है, कि सर्प देवता ने उसे उसके अपराध की सजा दी है। 
पहले वाले मगरमच्छ की मृत्यु हो जाने के बाद बबिया मगरमच्छ उसकी जगह पर उस गुफा की पहरेदारी करने के लिए उपस्थित हो गया।
ऐसा हर बार होता है जब भी गुफा की सुरक्षा में लगा हुआ मगरमच्छ मृत्यु को प्राप्त होता है। उसकी जगह पर दूसरा मगरमच्छ अपने आप ही उसका स्थान ले लेता है। यह कहां से आते हैं कोई नहीं जानता। यहां पर ऐसी मान्यता है, कि अगर आप इस झील में बबिया मगरमच्छ को तैरता हुआ देख लेते हैं तो आपकी किस्मत बदल सकती है बबिया अच्छे भाग्य का प्रतीक माना जाता है।

मैं तो इंसानियत से मजबूर था तुम्हे बीच मे नही डुबोया" मगर तुमने मुझे क्यों काट लिया!

नदी में बाढ़ आती है छोटे से टापू में पानी भर जाता है वहां रहने वाला सीधा साधा1चूहा कछुवे  से कहता है मित्र  "क्या तुम मुझे नदी पार करा ...