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Wednesday, May 19, 2021

आज ही जन्म लिया था अखंड भारत" का सपना देखने वाले और गांधी को मारने वाले “नाथूराम गोड्से” जिनकी अंतिम इच्छा आज भी अधूरी है।

75 साल से उसको ही नफरत का प्रतीक घोषित किये रहे। वो नाम जो भारत के विभाजन से दुखी था, वो नाम जो हमेशा अखण्ड भारत का स्वप्न देखता रहा , यहां तक कि मृत्यु के बाद भी। ये बात हो रही है नाथूराम गोडसे की जिनका जन्म आज ही के दिन अर्थात 19 मई को हुआ था। कम लोगों को पता है कि कश्मीर के कुख्यात आतंकियों तक के शव उनके परिवार को दे दिया जाता है जिसमे सेना विरोधी, भारत विरोधी नारे लगते हैं और आतंकी उन्हें बन्दूकों की सलामी देते हैं।

लेकिन नाथूराम गोडसे का शव इन्ही तथाकथित मानवता के ठेकेदारों ने उनके घर वालों को नही दिया था बल्कि तत्कालीन सरकार के आदेश पर जेल के अधिकारियों ने घग्घर नदी के किनारे पर उन्हें जला दिया था। जेल में नाथूराम और आप्टे को बी कैटेगरी में रखा गया था। नाथूराम कॉफी पीने और जासूसी किताबें पढ़ने का शौकीन थे। 15 नवंबर 1949 को गोडसे को फांसी दिए जाने से एक दिन पहले परिजन उससे मिलने अंबाला जेल गए थे। गोडसे की भतीजी और गोपाल गोडसे की पुत्री हिमानी सावरकर ने एक इंटरव्यू में बताया था कि वह फांसी से एक दिन पहले अपनी मां के साथ उनसे मिलने अंबाला जेल गई थी।

उस समय वह ढाई साल की थी। गिरफ़्तार होने के बाद गोडसे ने गांधी के पुत्र देवदास गांधी (राजमोहन गांधी के पिता) को तब पहचान लिया था जब वे गोडसे से मिलने थाने पहुंचे थे। इस मुलाकात का जिक्र नाथूराम के भाई और सह-अभियुक्त गोपाल गोडसे ने अपनी किताब गांधी वध क्यों, में किया है। गोपल गोडसे ने अपनी किताब में लिखा है, देवदास शायद इस उम्मीद में आए होंगे कि उन्हें कोई वीभत्स चेहरे वाला, गांधी के खून का प्यासा कातिल नजर आएगा, लेकिन नाथूराम सहज और सौम्य थे। उनका आत्मविश्वास बना हुआ था। देवदास ने जैसा सोचा होगा, उससे एकदम उलट थे नाथूराम जिनके चेहरे पर तब भी थी सौम्यता और शांति के साथ संतोष के भाव।

नाथूराम ने देवदास गांधी से कहा, “मैं नाथूराम विनायक गोडसे हूं। हिंदी अख़बार हिंदू राष्ट्र का संपादक। मैं भी वहां था (जहां गांधी की हत्या हुई)। आज तुमने अपने पिता को खोया है। मेरी वजह से तुम्हें दुख पहुंचा है। तुम पर और तुम्हारे परिवार को जो दुख पहुंचा है, इसका मुझे भी बड़ा दुख है। कृप्या मेरा यक़ीन करो, मैंने यह काम किसी व्यक्तिगत रंजिश के चलते नहीं किया है, ना तो मुझे तुमसे कोई द्वेष है और ना ही कोई ख़राब भाव। अदालत पर आज सवाल उठाने वालों के समय मे अदालत में नाथूराम गोडसे के दिये बयान पर प्रतिबंध लगा दिया गया जबकि इन्ही लोगों ने मुम्बई ब्लास्ट के दोषी याकूब के एक एक बयान यहां तक कि नहाने धोने तक कि खबर को जनता के बीच भावनात्मक रूप से पहुचाया।

गोपाल गोडसे ने अपनी पुस्तक के अनुच्छेद में नाथूराम की वसीयत का जिक्र किया है। जिसकी अंतिम पंक्ति है- “अगर सरकार अदालत में दिए मेरे बयान पर से पाबंदी हटा लेती है, ऐसा जब भी हो, मैं तुम्हें उसे प्रकाशित करने के लिए "अधिकृत करता हूं”। नाथूराम गोडसे के बयानों में ये भी था कि– मेरा पहला दायित्व हिंदुत्व और हिंदुओं के लिए है, एक देशभक्त और विश्व नागरिक होने के नाते। 30 करोड़ हिंदुओं की स्वतंत्रता और हितों की रक्षा अपने आप पूरे भारत की रक्षा होगी, जहां दुनिया का प्रत्येक पांचवां शख्स रहता है। इस सोच ने मुझे हिंदू संगठन की विचारधारा और कार्यक्रम के नज़दीक किया।

मेरे विचार से यही विचारधारा हिंदुस्तान को आज़ादी दिला सकती है और उसे कायम रख सकती है”। आगे गोड्से ने गांधी की कार्यशैली और एकतरफा तुष्टिकरण पर सवाल उठाते हुए लिखा कि– "32 साल तक विचारों में उत्तेजना भरने वाले गांधी ने जब मुस्लिमों के पक्ष में अपना अंतिम उपवास रखा तो मैं इस नतीजे पर पहुंच गया कि गांधी के अस्तित्व को तुरंत खत्म करना होगा, जब कांग्रेस के दिग्गज नेता, गांधी की सहमति से देश के बंटवारे का फ़ैसला कर रहे थे, उस देश का जिसे हम पूजते रहे हैं, मैं भीषण ग़ुस्से से भर रहा था। व्यक्तिगत तौर पर किसी के प्रति मेरी कोई दुर्भावना नहीं है लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि मैं मौजूदा सरकार का सम्मान नहीं करता, क्योंकि उनकी नीतियां मुस्लिमों के पक्ष में थीं। लेकिन उसी वक्त मैं ये साफ देख रहा हूं कि ये नीतियां केवल गांधी की मौजूदगी के चलते थीं”।

30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे दिल्ली के बिड़ला भवन में प्रार्थना-सभा के समय से 40 मिनट पहले पहुँच गये। जैसे ही गान्धी प्रार्थना-सभा के लिये परिसर में दाखिल हुए, नाथूराम ने पहले उन्हें हाथ जोड़कर प्रणाम किया उसके बाद बिना कोई बिलम्ब किये अपनी पिस्तौल से तीन गोलियाँ मार कर गान्धी का अन्त कर दिया। गोडसे ने उसके बाद भागने का कोई प्रयास नहीं किया। मुक़दमे के लिए नाथूराम गोडसे को सर्वप्रथम पंजाब उच्च न्यायालय में पेश किया गया। एक वर्ष से अधिक चले मुकद्दमे के बाद 8 नवम्बर 1949 को उसे मृत्युदंड प्रदान किया गया। उनका एक वाक्य ये भी था – "जिस दिन सच्चा इतिहास लिखा जाएगा उस दिन मेरे कार्यों को सराहा जाएगा। और जब पाकिस्तान में बहने वाली सिंधु नदी भारत के झंडे के नीचे बहने लगे , मेरी अस्थियां तब उसमें प्रवाहित करना। भले ही इसके लिए एक दो पीढ़ी की भी प्रतीक्षा करनी पड़े तो कर लेना। नाथूराम गोडसे की अस्थियां आज भी नागपुर में उसी प्रतीक्षा में हैं।

मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी का खास पूजन करने से बहुत लाभ होते हैं।

मंगलवार और शनिवार बजरंगबली के दिन माने जाते हैं। मान्यता है कि मंगलवार को हनुमान जी का खास पूजन करने से बहुत लाभ होते हैं।

1. अगर प्रत्येक मंगलवार को हनुमान जी का सिंदूर से पूजन किया जाए तो समस्त दुखों से मुक्ति मिलती है।

2. हनुमान जी एक ऐसे देवता हैं जिनकी पूजा में सावधानी बहुत जरूरी है। मंगलवार को अगर सुबह बरगद के पेड़ के एक पत्ते को तोड़कर गंगा जल से धो कर हनुमान जी को अर्पित करें तो धन की आवक बढ़ती है। आर्थिक संकटों से मुक्ति मिलती है।

3. मंगलवार को पान का बीड़ा नियम से चढ़ाया जाए तो रोजगार के रास्ते खुलते हैं। नौकरीपेशा को प्रमोशन के अवसर मिलते हैं।

4. मंगलवार को शाम के समय हनुमान जी को केवड़े का इत्र एवं गुलाब की माला चढ़ाएं और कोशिश करें कि स्वयं लाल रंग के वस्त्र पहनें। धन के लिए हनुमान जी को प्रसन्न करने का यह सबसे सरल उपाय है।

5. मंगलवार के दिन शाम को व्रत करके बूंदी के लड्डू या बूंदी का प्रसाद बांटें। इससे संतान संबंधी समस्याएं दूर होती हैं।

6. इस दिन हनुमान जी के पैरों में फिटकरी रखने से बुरे सपनों से पीछा छूट जाता है।

7. हनुमान जी के मंदिर में जा कर रामरक्षास्त्रोत का पाठ करने से सारे बिगड़े काम संवर जाते हैं। अटके कामों की बाधा दूर होती है। कर्ज से भी मुक्ति मिलती है।

8. मंगलवार के दिन हनुमान जी की प्रतिमा के समक्ष बैठ राम नाम का 108 बार जाप करें। हनुमान जी रामजी के अनन्य भक्त हैं इसलिए जो भी श्रीराम की भक्ति करता है, उन्हें वह पहले वरदान देते हैं। हनुमान जी इस उपाय से प्रसन्न हो विवाह संबंधी मनोकामना को पूरी करते हैं।

9. मंगलवार के दिन हनुमान जी के सामने सरसों के तेल का दिया जलाएं और चालीसा का पाठ करें। यह उपाय दांपत्य जीवन में सरसता लाता है।

10. ॐ हं हनुमंते नमः मंत्र का जाप करने से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं। ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट का रुद्राक्ष की माला से जाप करने से भी हनुमान जी बहुत प्रसन्न होते हैं। संकट कटै मिटै सब पीरा, जो सुमिरै हनुमत बलबीरा के उच्चारण से सभी बुरी शक्तियां दूर भाग जाती हैं और आरोग्य का वरदान मिलता है।

Tuesday, May 18, 2021

कोरोना वैक्सीन लगवाने के बाद और लगवाने से पहले रखें इन बातों का ध्यान होगा लाभ।

कोरोना वायरस के प्रकोप से बचने के लिए ज्यादा से ज्यादा लोग वैक्सीन लगा रहे हैं। इस समय पूरा भारत टीकाकरण के लिए कतार में लगा हुआ है। चाहे वह 18 साल का युवक हो या फिर 60 साल का बुजुर्ग सभी वैक्सीनेशन के लिए रजिस्ट्रेशन करा रहा हैं। वहीं, कुछ लोग ऐसे भी हैं जो कोरोना के वैक्सीन के साइड इफेक्ट से डरे हुए हैं। इसलिए कोरोना वैक्सीन लगाने से पहले और लगाने के बाद इन बातों का जरूर ध्यान रखें।

वैक्सीन लगने के बाद कुछ लोगों को बुखार या बदन दर्द जैसी परेशानियां हो रही हैं। इन सबसे बचने के लिए कुछ टिप्स को फॉलो करना जरूरी है। वैक्सीन लेने से पहले अच्छे से खाना खाएं। एंग्जाइटी को कंट्रोल करने के लिए बहुत भारी या तली भुनी चीजें न खाएं। वैक्सीन के साइड इफेक्ट से बचने के लिए हेल्दी डाइट लें। सेलिब्रिटी और स्पोर्ट्स न्यूट्रिशनिस्ट रेयान फर्नांडो ने सुपरफूड के बारे में बताया है जो हर व्यक्ति को वैक्सीन लगवाने से पहले और लगवाने के बाद जरूर खाना चाहिए, ये वैक्सीन के साइड इफेक्ट से बचने में मदद करते हैं।

1. हल्दी :-
हल्दी एंटीबायोटिक है। इसमें पाया जाने वाला करक्यूमिन सबसे अच्छा इम्यूनिटी बूस्टर माना जाता है। हल्दी सूजन कम करता है और तनाव से बचाता है। इसलिए कोरोना वैक्सीन लगवाने से पहले और लगवाने के बाद हल्दी को डाइट में जरूर शामिल करें। इसे दूध के साथ लेना भी फायदेमंद है।

2. लहसुन :-
लहसुन में कैल्शियम, आयरन, कॉपर , पोटेशियम और फास्फोरस की अच्छी मात्रा होती है। यह इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करते हैं। साथ ही ये सभी पोषक तत्व आपके शरीर को अदंर से पोषण देने के लिए जरूरी होते हैं। और पेट को स्वस्थ रखते हैं।

3. अदरक :-
अदरक हाइपर टेंशन, फेफड़ों के संक्रमण जैसी कई बीमारियों को नियंत्रित करता है। अदरक तनाव भी कम करता है, इसलिए वैक्सीन लगवाने से पहले अदरक को डाइट में जरूर शामिल करें।

4. हरी सब्जियां :-
हरी सब्जियां कैल्शियम, मिनरल्स और फेनोलिक कंपाउंड से भरपूर होती हैं। इसके पोषक तत्व वैक्सीन लगने के बाद होने वाली कई परेशानियों से बचाते हैं और सूजन कम करने में भी मदद करतै हैं। ताजे फलों के एंटीऑक्सीडेंट इम्यूनिटी मजबूत करते हैं इसलिए दिन में एक बार फल जरूर खाएं।

5. प्याज :-
गर्मियों में प्याज न सिर्फ आपको लू लगने से बचाती है बल्कि इससे आपकी भी इम्यूनिटी भी बढ़ती है। प्याज प्रोबायोटिक्स से भरपूर होता है। इसलिए प्याज जरूर खाएं।

6. ब्लूबेरी :-
एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर है ब्लूबेरी। इसमें पोटेशियम और विटामिन सी की अच्छी मात्रा पाई जाती है। यह सोरेटोनिन के स्तर को बढ़ाने में भी मदद करते हैं। इसलिए वैक्सीन लगवाने से पहले इसे भी डाइट में जरूर शामिल करें।

7. डार्क चॉकलेट :-
डार्क चॉकलेट सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसमें मौजूद कोको कैंसर जैसी बीमारी को रोकने में मदद करता है। स्टडी में पता चला कि डार्क चॉकलेट खाने से गंभी बीमारियां का खतरा कम हो जाता है और वैक्सीनेशन के बाद ये बहुत जरूरी होता है।

8. ऑलिव ऑयल :-
वर्जिन ऑलिव ऑयल डायबिटीज और न्यूरोलॉजिकल डिजीज को कम करने में मदद करता है। वैक्सीन लेने के बाद खाने में वर्जिन ऑलिव ऑयल का इस्तेमाल करना सेहत के लिए अच्छा होता है।

9. सूप :- 
इम्यूनिटी बूस्ट करने के लिए अपनी डाइट में सूप को जरूर शामिल करें। वैक्सीन लगवाने से पहले और लगवाने के बाद मिक्स वेजिटेबल सूप या फिर चिकन ब्रोथ सूप जरूर लें।

वैक्सीन लगवाने से पहले इन बातों का ध्यान रखें 
 
1- वैक्सीन लगवाने से पहले धुम्रपान न करें।
2- वैक्सीन लगवाने के लिए खाली पेट न जाएं, अच्छी तरह से खाकर जाएं।
3- वैक्सीन लगवाने से पहले शराब न पीए।
4- वैक्सीन लगवाने से पहले कैफीनयुक्त चीजों से दूर रहें।

Elon Musk को लगा झटका, रईसों की लिस्ट में नंबर 3 पर फिसले। Tesla के शेयरों में भरी गिरावट।

नई दिल्ली: Elon Musk के tweet आजकल Bitcoin निवेशकों के लिए सिरदर्द बने हुए हैं। उनके एक ट्वीट से Bitcoin में 20-20 परसेंट तक की गिरावट आ जाती है, लेकिन इस बीच Elon Musk की किस्मत भी कुछ खास साथ नहीं दे रही है।

Elon Musk रईसों की लिस्ट में नंबर -3 पर फिसले
Elon Musk अब दुनिया के नंबर -2 रईस नहीं रहे, Tesla के शेयर सोमवार को 2 परसेंट से ज्यादा टूट गए जिसके चलते नंबर-2 की कुर्सी एलन मस्क से छिन गई। ब्लूमबर्ग बिलिनेयर इंडेक्स के मुताबिक फ्रेंच बिलिनेयर और LVMH के चेयरमैन Bernard Arnault 161 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ दूसरे नंबर पर आ गए हैं जबकि इतनी ही संपत्ति के साथ एलन मस्क अब तीसरे पायदान पर खिसक गए हैं।

Tesla के शेयरों की पिटाई।
एलन मस्क की संपत्ति में ये गिरावट Tesla के शेयरों में 2 परसेंट से ज्यादा की गिरावट के चलते आई है। एलन मस्क की संपत्ति में इस साल 9.09 अरब डॉलर की गिरावट देखी गई है। जबकि 24 घंटे में उनकी संपत्ति में 3.16 अरब डॉलर की कमी आई है।

जनवरी में बने थे नंबर-1 रईस
एलन मस्क इस साल जनवरी में ब्लूमबर्ग बिलिनेयर इंडेक्स में नंबर एक पर पहुंच गए थे यानी दुनिया के सबसे रईस इंसान बन गए थे। दरअसल साल 2020 में टेस्ला के शेयर में करीब 750 परसेंट की तेजी देखने को मिली थी। जिसके बाद कंपनी का शेयर 900 डॉलर तक पहुंच गया था। इस तेजी का फायदा एलन मस्क को भी मिला और उनकी संपत्ति 200 अरब डॉलर के पार चली गई। 13 जनवरी को उनकी नेट वर्थ 202 अरब डॉलर पर पहुंच गई थी।

दुनिया के रईसों की लिस्ट 
ब्लूमबर्ग बिलिनेयर इंडेक्स के मुताबिक Amazon के जेफ बेजोस 190 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ पहले पायदान पर हैं। इंडेक्स में चौथे नंबर पर बिल गेट्स हैं और उनकी कुल संपत्ति 144 अरब डॉलर है। मार्क जकरबर्ग 118 अरब डॉलर के साथ पांचवें नंबर पर और 75.20 अरब डॉलर के साथ मुकेश अंबानी 13वें नंबर पर हैं। 63.10 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ गौतम अडाणी इस लिस्ट में 17वें नंबर पर हैं।

Bitcoin पर सफाई
एलन मस्क बीते कुछ समय से क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कई तरह के बयान देते रहे हैं जिसका असर बिटक्वाइन पर देखा गया। पिछले हफ्ते ही एलन मस्क ने ट्वीट किया कि टेस्ला अब बिटक्वॉइन में पेमेंट नहीं लेगी। बस फिर क्या था Bitcoin में 17 परसेंट से ज्यादा की गिरावट आ गई। इसके पीछे एलन मस्क ने तर्क दिया कि इसकी माइनिंग में बहुत ज्यादा ऊर्जी या बिजली खर्च होती है, जो पर्यावरण के लिए ठीक नहीं है। ये भी खबरें आईं कि Tesla अपने Bitcoins को बेच सकती है या बेच चुकी है, हालांकि सोमवार को सफाई आई कि कंपनी ने ऐसा कुछ नहीं किया है।

"बृहदेश्वर मंदिर" क्या आधुनिक तकनीकों वाला युग नींव खोदे बिना एक गगनचुंबी इमारत के निर्माण की कल्पना कर सकता है।

यह तमिलनाडु का बृहदेश्वर मंदिर है, यह बिना नींव का मंदिर है । इसे इंटरलॉकिंग विधि का उपयोग करके बनाया गया है इसके निर्माण में पत्थरों के बीच कोई सीमेंट, प्लास्टर या किसी भी तरह के चिपकने वाले पदार्थों का प्रयोग नहीं किया गया है इसके बावजूद पिछले 1000 वर्षों में 6 बड़े भूकंपो को झेलकर भी आज अपने मूल स्वरूप में यथा संभव स्थिति में खड़ा है।

216 फीट ऊंचा यह मंदिर उस समय दुनिया का सबसे ऊंचा मंदिर था। इसके निर्माण के कई वर्षों बाद बनी पीसा की मीनार खराब इंजीनियरिंग की वजह से समय के साथ झुक रही है लेकिन बृहदेश्वर मंदिर पीसा की मीनार से भी प्राचीन होने के बाद भी अपने अक्ष पर एक भी अंश का झुकाव नहीं रखता।

इस मंदिर के निर्माण के लिए 1.3 लाख टन ग्रेनाइट का उपयोग किया गया था जिसे 60 किलोमीटर दूर से 3000 हाथियों द्वारा ले जाया गया था। इस मंदिर का निर्माण पृथ्वी को खोदे बिना किया गया था यानी यह मंदिर बिना नींव का मंदिर है।

मंदिर टॉवर के शीर्ष पर स्थित शिखर का वजन 81 टन है आज के समय में इतनी ऊंचाई पर 81 टन वजनी पत्थर को उठाने के लिए आधुनिक मशीनें फेल हो जाएंगी।

बृहदीश्वर मंदिर के निर्माण के लिए प्रयोग किए गए इंजीनियरिंग के स्तर को दुनिया के सात आश्चर्यों में से किसी भी आश्चर्य के निर्माण की तकनीक मुकाबला नहीं कर सकती और आज की तकनीकों को देखकर भविष्य में भी कई सदियों तक ऐसा निर्माण सम्भव नहीं दिखता है ।

प्राचीन मंदिरो के दर्शन और उनका इतिहास जानने के लिए हमारा पेज follow करे . . !

क्या आप जानते है, काशी खण्डोक्त मंदिर में दर्शन पूजन करने से केदारनाथ (ज्योतिर्लिंग) के दर्शन का फल मिलता है।

काशी में ऐसी मान्यता है कि यहां खण्डोक्त मंदिर में दर्शन पूजन करने से उत्तराखंड केदारनाथ (ज्योतिर्लिंग) के दर्शन का फल मिलता है। काशी के द्वादश शिवलिंगों में विश्वनाथ लिंग के बाद यह प्रधान लिंग माना जाता है ।

खिचड़ी से बना यह शिव लिंग दो भागों में बटा हुआ है।
1. गौरी रूप।
2. केदारनाथ।।

जब खुद खिचड़ी खाने आये केदारनाथ।

हजारों वर्ष पहले एक मांधाता नाम के ऋषि काशी वास् करने आये थे , वह अपने तप की शक्ति द्वारा रोज़ केदारधाम जा कर केदारनाथ को अपने द्वारा बनाया हुआ खिचड़ी भोग लगाते थे तभी खुद भी खाते थे। समय के साथ साथ वृद्ध अवस्था के कारण वह अचेत होकर गिर पड़े और भोग लगाने के लिए केदार धाम न जा सके।

तभी जब उनकी आँख खुली तोह सामने उन्होंने शिव जी का साक्षात दर्शन किया और शिव जी ने खिचड़ी का भोग लगाया और वही लिंग रूप में माता गौरी के साथ विराज गए और मान्धाता ऋषि को यही रोजाना खिचड़ी का भोग लगाने को कहा ।

स्कन्द पुराण के काशी खण्ड में ऐसा वर्णन है कि यहां केदार धाम दर्शन करने का ही फल मिलता है।

Monday, May 17, 2021

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने लॉन्च की डीआरडीओ की दवा 2-डीजी।

देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर से फैली दहस्त के बीच आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कोरोना की दवा 2 -डीजी की पहली खेप लॉन्च की। अब इन्हें मरीजों को दिया जा सकता है। इस दवा को सबसे पहले दिल्ली के डीआरडीओ कोविड अस्पताल में भर्ती मरीजों को दिया जाएगा।

डीआरडीओ के डॉक्टर एके मिश्रा ने बताया, "किसी भी टिशू या वायरस के ग्रोथ के लिए ग्लूकोज़ का होना बहुत जरूरी होता है। लेकिन अगर उसे ग्लूकोज़ नहीं मिलता तो उसके मरने की उम्मीद बढ़ जाती है। इसी को हमने मिमिक करके ऐसा किया कि ग्लूकोज़ का एनालॉग बनाया। वायरस इसे ग्लूकोज़ समझ कर खाने की कोशिश करेगा, लेकिन ये ग्लूकोज़ नहीं है, इस वजह से वायरस की मौत हो जाएगी। यही इस दवाई का बेसिक प्रिंसिपल है"।

साथ ही उन्होंने कहा कि इस दवा से ऑक्सीजन की कमी भी नहीं होगी। जिन मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत है उन्हें इसको देने के बात फायदा होगा और वायरस की मौत भी होगी। जिससे इंफेक्शन का चांस कम होगा और मरीज जल्द से जल्द रिकवर होगा।

डॉक्टर एके मिश्रा ने बताया कि इस दवा के तीसरे फेज़ के ट्राएल के अच्छे नतीजे आए हैं। जिसके बाद इसके इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिली है। उन्होंने कहा कि हम डॉ रेड्डीज़ के साथ मिलकर ये कोशिश करेंगे कि हर जगह और हर नागरिक को मिले।

एके मिश्रा का कहना है कि इस दवाई को हर तरह के मरीज को दिया जा सकता है। हल्के लक्षण वाले कोरोना मरीज़ हो या गंभीर मरीज, सभी को इस दवाई को दी जा सकेगी। बच्चों के इलाज में भी ये दवा कारगर होगी। हालांकि उन्होने कहा कि बच्चों के लिए इस दवा की डोज़ अलग होगी।

मैं तो इंसानियत से मजबूर था तुम्हे बीच मे नही डुबोया" मगर तुमने मुझे क्यों काट लिया!

नदी में बाढ़ आती है छोटे से टापू में पानी भर जाता है वहां रहने वाला सीधा साधा1चूहा कछुवे  से कहता है मित्र  "क्या तुम मुझे नदी पार करा ...