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Wednesday, April 13, 2022

दिवालिया हुआ श्रीलंका का विदेशी पैसा लौटाने से इनकार, जानिए क्या है डिफॉल्टर होने का मतलब।

Sri Lanka economic crisis: कंगाल हो चुके श्रीलंका (Sri Lanka) ने विदेशी कर्ज के भुगतान से इनकार कर दिया है। उसे सबसे ज्यादा कर्ज देने वाले देशों में चीन, जापान और भारत शामिल हैं। इस तरह श्रीलंका के डिफॉल्टर होने से सबसे ज्यादा नुकसान इन्हीं तीन देशों का होगा। श्रीलंका के डिपार्टमेंट ऑफ एक्सटरनल रिसोर्सेज (Department of External Resources) के मुताबिक अप्रैल 2021 तक देश पर सबसे ज्यादा कर्ज चीन का था। तब चीन का श्रीलंका पर कर्ज 3.388 अरब डॉलर था जो देश के कुल कर्ज का 10 फीसदी था। दूसरे नंबर पर जापान था। जापान का श्रीलंका पर कर्ज 3.36 अरब डॉलर था। पिछले साल अप्रैल तक भारत का श्रीलंका पर कुल कर्ज 85.93 करोड़ डॉलर था जो उसके कुल कर्ज का दो फीसदी है। इस तरह श्रीलंका के डिफॉल्टर होने से सबसे ज्यादा नुकसान इन्हीं तीन देशों का होगा।

विदेशी कर्ज के भुगतान से इनकार: श्रीलंका ने विदेशी कर्ज के भुगतान से इनकार किया है। यानी उसने एक तरह से खुद को डिफॉल्टर घोषित कर दिया है। हालांकि आधिकारिक तौर पर श्रीलंका अभी डिफॉल्टर घोषित नहीं हुआ है। कोई देश डिफॉल्टर है या नहीं इसकी घोषणा क्रेडिट रेटिंग एजेंसियां करती हैं। जानकारों का कहना है कि डिफॉल्टर होने का मतलब है यह है कि आप निर्धारित तिथि तक कर्ज नहीं चुका पाए। यह एक तरह से दिवालिया होने की शुरुआत है। कई बार ऐसा होता है कि देशों के पास इसके अलावा कोई रास्ता नहीं बचता।

श्रीलंका ने अंतिम उपाय के तौर पर यह फैसला किया है। विदेशी मुद्रा भंडार लगभग खत्म हो चुका है और देश 70 साल में सबसे बुरे आर्थिक दौर से गुजर रहा है। आईएमएफ का कहना है कि श्रीलंका की स्थिति गंभीर है। अनुमानों के मुताबिक देश पर करीब 35 अरब डॉलर का कर्ज है और इसमें से सात अरब डॉलर का भुगतान जल्दी किया जाना है। मंगलवार को ही देश सेंट्रल बैंक के गवर्नर पी. नंदलाल वीरसिंघे ने कहा कि हमें जरूरी चीजों के आयात पर फोकस करने की जरूरत है और विदेशी कर्ज को लेकर ज्यादा चिंता नहीं करनी चाहिए।

क्यों हुई ऐसी हालत: मूडीज की एक रिपोर्ट के मुताबिक फरवरी के अंत तक श्रीलंका का विदेशी मुद्रा भंडार करीब 2 अरब डॉलर था जो दो महीने के आयात के खर्च से भी कम है। विदेशी मुद्रा भंडार के कम होने से सरकार ने आयात पर पाबंदी लगा दी थी। इससे देश में फ्यूल, मिल्क पाउडर जैसी जरूरी चीजों की कमी हो गई और लोग सड़कों पर आ गए। महंगाई दोहरे अंकों में पहुंच गई है। रूस-यूक्रेन लड़ाई से सप्लाई चेन प्रभावित हुई है जिससे पर्यटन पर निर्भर देश की इकॉनमी की हालत और खराब हो गई। कोरोना महामारी ने पहले ही श्रीलंका के टूरिज्म सेक्टर की कमर तोड़ दी थी। देश में ऑर्गेनिक खेती के प्रयोग ने फार्म सेक्टर को बुरी तरह प्रभावित किया और देश में खाद्यान्न की भारी कमी हो गई। 2.2 करोड़ की आबादी वाले इस देश में जरूरी चीजों के दाम आसमान पर पहुंच गए हैं और लोगों के सामने भूखों मरने की नौबत आ गई है।

चीन का कर्ज: मार्च के अंत में श्रीलंका का विदेशी भंडार 1.93 अरब डॉलर था जबकि इस साल उसे लगभग चार अरब डॉलर के विदेशी कर्ज का भुगतान करना है। इसमें जुलाई में मैच्योर होने वाला एक अरब डॉलर का इंटरनेशनल सॉवरेन बॉन्ड भी शामिल है। जेपी मॉर्गन के विश्लेषकों का अनुमान है कि श्रीलंका की ग्रॉस डेट सर्विसिंग 2022 में 7 अरब डॉलर होगी और चालू खाता घाटा लगभग 3 अरब डॉलर होगा। श्रीलंका के इस हालत के लिए चीन से लिए गए भारी कर्ज को ही जिम्मेदार माना जा रहा है। कोरोना महामारी के कारण श्रीलंका का टूरिज्म सेक्टर बुरी तरह प्रभावित हुआ था। इसे देखते हुए श्रीलंका ने चीन से अपने कर्ज को रिशेड्यूल करने की अपील की थी लेकिन चीन ने इससे साफ इन्कार कर दिया था। चीन के कर्ज में फंसे कई दूसरे देशों की भी आर्थिक स्थिति डगमगा रही है। इनमें पाकिस्तान, मेडागास्कर, मालदीव और ताजिकिस्तान शामिल हैं।

डिफॉल्ट होने के बाद क्या होता है: इससे सभी आउटस्टेंडिंग सीरीज ऑफ बॉन्ड्स प्रभावित होंगे। इनमें ग्लोबल कैपिटल मार्केट्स में जारी किए गए बॉन्ड्स, गवर्नमेंट टु गवर्नमेंट क्रेडिट, कमर्शियल बैंकों और इंस्टीट्यूशनल लेंडर्स का साथ हुए फॉरेन करेंसी डिनॉमिनेटेड लोन एग्रीमेंट शामिल है। साथ ही सरकार और सरकारी संस्थाओं द्वाया किया जाने वाला भुगतान भी प्रभावित होगा। किसी देश के डिफॉल्ट करने पर उसे बॉन्ड मार्केट से पैसा उठाने से रोका जा सकता है। खासतौर से तब तक के लिए जब तक कि डिफॉल्ट का समाधान नहीं हो जाता और निवेशकों को भरोसा नहीं हो जाता कि सरकार भुगतान करना चाहती है और उसके पास क्षमता भी है। बैंक ऑफ कनाडा और बैंक ऑफ इंग्लैंड के एक सॉवरेन डेट डेटाबेस के मुताबिक 1960 के बाद से 147 सरकारों ने कर्ज के भुगतान में डिफॉल्ट किया है। कोविड-19 महामारी ने कई देशों को आर्थिक संकट में डाल दिया है। अर्जेंटीना, इक्वाडोर, लेबनॉन और जाम्बिया ने हाल में अपने डेट को रिस्ट्रक्चर करने की कोशिश की है।

उम्मीद की किरण: देशों के पास डिफॉल्ट होने की स्थिति में कई विकल्प होते हैं। कई बार कर्ज को रिस्ट्रक्चर किया जाता है। यानी कि इसकी ड्यू डेट को आगे बढ़ा दिया जाता है। इसी तरह करेंसी को ज्यादा किफायती बनाने के लिए इसका डिवैल्यूएट किया जाता है। डिफॉल्टर होने के बाद कई देश खर्च करने के लिए कई तरह के उपाय करते हैं। उदाहरण के लिए अगर कोई देश कर्ज चुकाने के लिए अपनी करेंसी को डिवैल्यूएट करता है तो उसके प्रॉडक्ट्स एक्सपोर्ट के लिए सस्ते हो जाते हैं। इससे मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री का फायदा होता है जिससे इकॉनमी को बूस्ट मिलता है और कर्ज का भुगतान आसान हो जाता है।

Saturday, April 9, 2022

कन्या पूजन की क्या है विधि? आयु के हिसाब से करें कन्या पूजन।

नवरात्रि के दौरान कन्या पूजन का विशेष महत्व बताया गया है। देवी भागवत पुराण में लिखा है कि कन्या पूजन के बिना नवरात्रि का पूजन पूर्ण नहीं होता है। कन्या पूजन के दौरान नौ कन्याओं और एक छोटे बालक को भोज कराने का चलन है। इन कन्याओं की आयु दो साल से दस साल के बीच होनी चाहिए। इन नौ कन्याओं को नौ देवियों का स्वरूप माना जाता है। वहीं, बालक को लांगुर का स्वरुप माना जाता है। मान्यता है कि कन्या भोज और पूजन से माता रानी अत्यंत प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों के तमाम कष्टों को दूर करती हैं। शास्त्रों में उम्र के हिसाब से कन्या भोज कराने का महत्व बताया गया है। आइए जानें इसके बारे में...

उम्र के हिसाब से कन्या पूजन से जुड़ी मान्यताएं इस प्रकार हैं:- कहा जाता है कि दो साल की कन्या का पूजन करने से दरिद्रता दूर होती है। तीन साल की कन्या के पूजन से घर में सुख समृद्धि आती है और साथ ही धन-धान्य की कमी नहीं रहती। चार साल की कन्या का पूजन करने से घर की सारी समस्याओं का अंत और परिवार के सदस्यों का कल्याण होता है। पांच साल की कन्या का पूजन करने से व्यक्ति का रोग और व्याधि, दोनों दूर होते हैं। छ: साल की कन्या कालका देवी का रुप मानी जाती है। इसकी पूजा करने से विद्या और विजय की प्राप्ति होती है। सात साल की कन्या का पूजन करने से ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। आठ और नौ साल की कन्या साक्षात दुर्गा का रूप कहलाती है। इनका पूजन करने से असाध्य काम भी पूरे हो सकते हैं। दस साल की कन्या का पूजन करने से भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है।

कन्या पूजन विधि।
वैसे तो कन्या पूजन, नवरात्रि के दौरान कभी भी किया जा सकता है। लेकिन इसके लिए अष्टमी और नवमी तिथि को श्रेष्ठ माना गया है। कन्या पूजन करने के लिए कन्याओं को आमंत्रित करना चाहिए। घर आने पर फूलों से उनका स्वागत करें और पैरों को, थाल में पानी डालकर धुलवाएं। इसके बाद उन्हें सम्मानपूर्वक भोजन और प्रसाद खिलाएं। कन्या भोज से पहले मां दुर्गा को भोग लगाएं। कन्याओं को तिलक लगाएं, कलावा बांधें और पैर छू कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करें। इसके बाद दक्षिणा व सामर्थ्य अनुसार उपहार देकर सम्मानपूर्वक विदा करें।

Hollywood 10 साल तक ऑस्कर में शामिल नहीं हो पाएंगे विल स्मिथ, थप्पड़ कांड के बाद लगा प्रतिबंध।

Willsmith: हॉलीवुड एक्टर विल स्मिथ 10 साल तक ऑस्कर में शामिल नहीं हो पाएंगे। दरअसल, ऑस्कर में अमेरिका के मशहूर कॉमेडियन और प्रोजेक्टर क्रिस रॉक को थप्पड़ मारने के चलते विल पर ये प्रतिबंध लगाया गया।

हॉलीवुड फिल्म अकादमी ने शुक्रवार को कहा कि उसके बोर्ड ऑफ गवर्नर्स ने ऑस्कर के मंच पर प्रोजेक्टर क्रिस रॉक को थप्पड़ मारने के बाद विल स्मिथ को ऑस्कर समेत अपने किसी भी कार्यक्रम से 10 साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया है।

एकेडमी ऑफ मोशन पिक्चर आर्ट्स एंड साइंसेज के अध्यक्ष डेविड रुबिन और मुख्य कार्यकारी डॉन हडसन ने बयान में कहा, 94वां ऑस्कर कई लोगों के जश्न मनाने लिए था, जिन्होंने पिछले साल अविश्वसनीय काम किया. लेकिन इस दौरान विल स्मिथ द्वारा किए गए अस्वीकार्य व्यवहार ने इन पर पानी फेर दिया।

Friday, April 8, 2022

क्या आप जानते है गायत्री मंत्र में क्या खास शक्ति है? आइए जानते हैं।

इस चित्र से आपको यह तो समझ आ गया होगा की गायत्री मंत्र से शरीर के कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर कम्पन व असर होता है।

चलो सबसे पहले हम समझते है कोई मंत्र काम केसे करता है, वास्तव में मंत्र के सही और सटीक उच्चारण से वह कार्य करता है, जब हम कोई मंत्र बोलते है वह ध्वनि हमारे शरीर के अलग अलग भाग से उत्पन्न होती है व अलग अलग भाग को प्रभावित करती है। उदाहरण के तौर पर जब आप प्रणव यानी कि ॐ का उच्चारण करते है तो वह भी अलग अलग भाग से उत्पन्न हुआ प्रतीत होगा, तो वैसे ही इस चित्र के अनुसार गायत्री मंत्र भी शरीर के अलग अलग बिंदुओ को प्रभावित करता है।

दूसरी बात गायत्री मंत्र क्या है, यह जानना जरूरी है, यह वास्तव में सविता देवता का मंत्र है, मतलब इसकी ऊर्जा का संबंध सविता देवता से है, सविता देवता को ही सूर्य समझिए, सूर्य की शक्ति को सविता कहा गया है। तो जो कहते है की गायत्री मंत्र से कोई असर नहीं हुआ या ना कुछ खास महसूस हुआ तो उन्हें ये जानना बहुत जरूरी है कि इसका जप कब और केसे करे।

गायत्री मंत्र का जप दिन में होने वाली तीनों में से किसी भी संध्या के समय किया जा सकता है।

Thursday, March 31, 2022

क्या आप जानते हैं नर्मदा नदी के हर पत्थर में भगवान शिव क्यों वास करते है।

प्राचीनकाल में नर्मदा नदी ने बहुत वर्षों तक तपस्या करके ब्रह्माजी को प्रसन्न किया। प्रसन्न होकर ब्रह्माजी ने वर मांगने को कहा। नर्मदाजी ने कहा‌ ब्रह्मा जी! यदि आप मुझ पर प्रसन्न हैं, तो मुझे गंगाजी के समान कर दीजिए।


ब्रह्माजी ने मुस्कराते हुए कहा ’यदि कोई दूसरा देवता भगवान शिव की बराबरी कर ले, कोई दूसरा पुरुष भगवान विष्णु के समान हो जाए, कोई दूसरी नारी पार्वतीजी की समानता कर ले और कोई दूसरी नगरी काशीपुरी की बराबरी कर सके तो कोई दूसरी नदी भी गंगा के समान हो सकती है।'

ब्रह्माजी की बात सुनकर नर्मदा उनके वरदान का त्याग करके काशी चली गयीं और वहां पिलपिलातीर्थ में शिवलिंग की स्थापना करके तप करने लगीं। भगवान शंकर उनपर बहुत प्रसन्न हुए और वर मांगने के लिए कहा। नर्मदा ने कहा ’भगवन्! तुच्छ वर मांगने से क्या लाभ? बस आपके चरणकमलों में मेरी भक्ति बनी रहे।'

नर्मदा की बात सुनकर भगवान शंकर बहुत प्रसन्न हो गए और बोले - ’नर्मदे! तुम्हारे तट पर जितने भी प्रस्तरखण्ड (पत्थर) हैं, वे सब मेरे वर से शिवलिंगरूप हो जाएंगे। गंगा में स्नान करने पर शीघ्र ही पाप का नाश होता है, यमुना सात दिन के स्नान से और सरस्वती तीन दिन के स्नान से सब पापों का नाश करती हैं परन्तु तुम दर्शनमात्र से सम्पूर्ण पापों का निवारण करने वाली होगी। तुमने जो नर्मदेश्वर शिवलिंग की स्थापना की है, वह पुण्य और मोक्ष देने वाला होगा।’ 

भगवान शंकर उसी लिंग में लीन हो गए। इतनी पवित्रता पाकर नर्मदा भी प्रसन्न हो गयीं। इसलिए कहा जाता है ‘नर्मदा का हर कंकर शिव शंकर है।'

                 🔱☘️ !! हर हर महादेव !! 🔱☘️

Monday, March 28, 2022

संडे की छुट्टी में करें दिल्ली की 6 सबसे सस्ती मार्केट में शॉपिंग, जहां 100 रुपए में टॉप तो 200 में जींस।

रविवार का दिन सिर्फ और सिर्फ शॉपिंग का दिन होता है, अगर आप भी हमारी इस बात से सहमत हैं, तो इस बार दिल्ली की कुछ सबसे सस्ती जगहों पर शॉपिंग करने के लिए निकल जाएं। इन जगहों पर आपको टॉप से लेकर जींस तक सब कुछ बेहद किफायती दाम पर मिल जाएगा। आखिर आजकल की महंगाई के दौर में कौन पैसे नहीं बचाना चाहता? कभी हम सब्जी वाले से पांच दस रुपए कम कराने लगते हैं, तो कभी-कभी दुकानों पर मोल भाव करना शुरू कर देते हैं। हालांकि, लोग जब कपड़े, जूते-चप्पल, ज्वेलरी आदि की खरीदारी करते हैं, तो ऐसे में उन्हें फैशन ट्रेंड वाली चीजों के साथ-साथ जितना हो सके उतना सस्ते में चीज खरीदनी पसंद होती है। अगर आप भी इस संडे शॉपिंग करने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो चलिए हम आपको दिल्ली की उन जगहों के बारे में बताते हैं, जहां आप कम से कम में हर एक सामान की खरीदारी कर सकते हैं।

चांदनी चौक, दिल्ली - Chandni Chowk, Delhi
अगर आप दिल्ली रहते हैं, तो आपको एक बार चांदनी चौक जरूर जाना चाहिए। पुरानी दिल्ली में मौजूद ये सदियों पुरानी इमारतों और स्मारकों से घिरा हुआ है। यहां आप स्मृति चिन्ह, ज्वेलरी, बिजली के सामान, कपड़े, मसाले और हां जिसके लिए ये मार्केट फेमस है, उसके बारे में तो हम बताना भूल ही गए। यहां आप अपनी शादी की शॉपिंग भी कर सकते हैं, बढ़िया और फैशनेबल साड़ी से लेकर सूट तक आपको यहां सब कुछ एक अच्छे दाम में मिल जाएगा। बुक लवर्स के लिए भी ये एक बेहतरीन जगह है। नई सड़क पर आप किताबें और स्टेशनरी का सारा सामान ले सकते हैं।

जनपथ, दिल्ली - Janpath, Delhi।
जनपथ की मार्केट जिस सड़क पर मौजूद है, वहां काफी भीड़-भाड़ रहती है, जिस वजह से लोग इस बाजार को कभी नजरअंदाज नहीं कर पाते और हमारे हिसाब से करनी भी नहीं चाहिए। यहां की हर एक चीज आपको कम से कम रेट में मिल जाएगी, फिर चाहे वो जींस हो टॉप, बैग्स, ज्वेलरी हो। आप जितना चाहे उतना यहां मोल भाव कर सकते हैं। जनपथ की मार्केट एक सीधी गली है, जहां दाएं और बाएं तरफ कपड़ों के स्टॉल्स लगे हुए हैं।

सरोजिनी नागर, दिल्ली - Sarojini Nagar, Delhi।
सस्ते मार्केट की बता हो रही है, ऐसे में हम सरोजिनी नगर को कैसे भूल सकते हैं। दिल्ली के सबसे प्रसिद्ध और किफायती मार्केट में से एक, इस जगह पर आप जितना चाहें उतना बार्गेनिंग कर सकते हैं। आपको यहां शोरूम और स्ट्रीट स्टॉल दोनों पर खरीदारी करने का मौका मिलता है। यहां आपको एक टॉप 100 रुपए में तो वहीं जीन्स 200 रुपए में मिल जाएगी। अगर फुटवियर की बात करें तो चप्पलें भी यहां 200 से 500 रुपए में आसानी से मिल सकती हैं। सोमवार को छोड़कर ये मार्केट पूरे हफ्ते खुलती है।

लाजपत नगर, दिल्ली - Lajpat Nagar, Delhi।
लाजपत नगर अपने फैशनेबल कपड़ों के लिए जाना जाता है। यहां आपको सस्ते से महंगे, हर तरह की शॉपिंग का मजा उठा सकते हैं। लाजपत नगर मेट्रो और बस से आसानी से पहुंचा जा सकता है। ये मार्केट महानगर में सबसे अधिक देखे जाने वाले बाजारों में से एक है। इस बाजार में आपको ट्रेंडी एक्सेसरीज़, कपड़े, जूते, बैग और डिज़ाइनर आइटम की एक लंबी लिस्ट देखने को मिल जाएगी। कोई चीज ऐसी नहीं है, जो आपको यहां नहीं मिल सकती। यहां भी आप हर कपड़े के साथ मोल भाव कर सकते हैं।

करोल बाग, दिल्ली - Karol Bagh, Delhi।
करोल बाग भी लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हो चुका है। ये बाजार भी सरोजिनी और लाजपत से कम नहीं है। यहां आप महिलाओं के लिए डिज़ाइनर लहंगे, चूड़ा, ज्वेलरी और पुरुषों के लिए शेरवानी और और इंडो-वेस्टर्न से लेकर सब कुछ खरीद सकते हैं। यहां टेस्टी खानों का आप पूरा मजा ले सकते है। इसके अलावा, आप आर्य समाज रोड पर पुरानी किताबें भी खरीद सकते हैं। गफ्फार मार्केट में आपको टैंक रोड पर ब्रांडेड सामान के सस्ते डुप्लिकेट और कॉस्मेटिक्स से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स तक मिल जाएंगे। प्रसिद्ध झंडेवालान मंदिर इसके करीब है, आप खरीदारी करने से पहले वहां जा सकते हैं।

कमला नगर, दिल्ली - Kamla Nagar Market, Delhi।
छात्रों के लिए सबसे प्रसिद्ध हैंगऑउट में से एक, ये जगह कमला नगर मार्केट दिल्ली विश्वविद्यालय के उत्तरी परिसर के पास स्थित है। जंक ज्वैलरी और फंकी फुटवियर से लेकर कमाल की कुर्तियों तक, आपको एक ही जगह सब कुछ मिल सकता है, वो भी एकदम किफायती दाम पर।

Tuesday, March 15, 2022

होलिका दहन पर भूलकर भी ना करें ये काम, नहीं तो हो सकती है पैसों की तंगी।

हिंदू धर्म में रंगों की होली खेलने से एक दिन पहले होलिका दहन करने की परंपरा है जो सदियों से चली आ रही है। होली के त्यौहार का हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हिरण्यकश्यप की बहन होलिका को अग्नि में न जलने का वरदान प्राप्त था। अपने अहंकारी भाई के कहने पर होलिका, प्रह्लाद को लेकर अग्नि में बैठ गई, लेकिन भगवान विष्णु की कृपी से प्रह्लाद की जान बच गई और होलिका जल कर भस्म हो गई। 

जिस दिन यह घटना घटी, उस दिन फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि थी। तब से होलिका दहन की परंपरा शुरु हुई और आज तक चली आ रही है। होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है, और इस बार होलिका दहन 17 मार्च 2022 की रात को किया जाएगा। होलिका दहन में इस बात का ध्यान रखते हैं कि कहीं उस समय में भद्रा तो नहीं है? भद्रा में होलिका दहन करना वर्जित माना जाता है। होलिका दहन के दिन कुछ ऐसे कार्य होते हैं, जिनको करना मना होता है। उन कार्यों को करना अशुभ माना जाता है। आइए जानते हैं कि होलिका दहन के दिन किन कार्यों को नहीं करना चाहिए।

होलिका दहन के दिन न करें ये काम।
1. होलिका दहन के अवसर पर पूजा करते समय अपने सिर को खुला नहीं रखना चाहिए। इस दौरान सिर पर रुमाल या कोई अन्य कपड़ा रख लेना चाहिए। होलिका दहन के दिन सिर खुला रख कर पूजा करना अशुभ माना जाता है।

2. नवविवाहित जोड़ों को होलिका दहन के दिन जलती हुई आग को नहीं देखना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि होलिका की आग को देखने से वैवाहिक जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ता है।

3. होलिका दहन की रात पूर्णिमा होती है, इस दिन लोग तांत्रिक क्रियाएं करते हैं। ऐसे में बाहर पड़ी हुई किसी वस्तु को नहीं छूना चाहिए क्योंकि उसमें नकारात्मक शक्तियां हो सकती हैं, उनसे बचना चाहिए।

4. होलिका दहन के दिन काले रंग के कपड़े पहनने से बचना चाहिए। काले रंग को नकारात्मकता का प्रतीक मानते हैं। ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार, होलिका दहन के दिन नकारात्मकता का प्रभाव ज़्यादा रहता है, इसलिए काले कपड़े पहनने से बचें।

5. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, होलिका दहन वाले दिन भक्त प्रह्लाद को मारने के लिए नकारात्मक शक्तियां एक हो गई थीं। इस रात नकारात्मक शक्तियां प्रभावी हो सकती हैं, इस वजह से तामसिक चीज़ों का सेवन न करें। इनके सेवन से आपके अंदर नकारात्मकता का प्रभाव बढ़ सकता है।

मैं तो इंसानियत से मजबूर था तुम्हे बीच मे नही डुबोया" मगर तुमने मुझे क्यों काट लिया!

नदी में बाढ़ आती है छोटे से टापू में पानी भर जाता है वहां रहने वाला सीधा साधा1चूहा कछुवे  से कहता है मित्र  "क्या तुम मुझे नदी पार करा ...