भारत चीन सीमा पर हो रहे युध्ध मे गलवान घाटी मे शहीद हुए जवानों का भारतीय कर्नल और जवान। 🙏🙏
कर्नल संतोष बाबू
भारत और चीनी सेनाओं के बीच झड़प में जिन भारतीय सैनिकों की मौत हुई है, उनमें से एक कर्नल थे. वे तेलंगाना के सूर्यापेट ज़िले के रहने वाले थे.
कर्नल संतोष बाबू चीनी सीमा पर पिछले डेढ़ साल से तैनात थे.कर्नल संतोष बाबू 16-बिहार रेजिमेंट में थे. उनकी पत्नी और दो बेटे हैं। कर्नल संतोष की मां मंजुला ने बताया कि उन्हें भारतीय सेना ने सोमवार दोपहर को यह सूचना दी थी जबकि कर्नल की पत्नी दिल्ली में रहती हैं.।
गणेश हांसदा
पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में (15/16 जून की रात) चीन और भारत की सेना के आमने-सामने के संघर्ष में भारतीय सेना के एक अधिकारी समेत 20 सैनिकों दुश्मन से लोहा लेते लेते सहीद हो गये। भारत और चीन की विवादित सीमा पर 45 साल बाद पहली बार किसी जवान की जान गई है। संघर्ष में मारे गए जवानों में से एक झारखंड पूर्वी सिंहभूम ज़िले के बहरागोड़ा प्रखंड के बांसदा निवासी गणेश हांसदा भी थे। मंगलवार देर रात सेना के अधिकारियों ने उनके परिवार को फ़ोन कर यह दुखद ख़बर दी। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबू लाल मरांडी ने उनकी मौत पर दुख ज़ाहिर किया।
कुंदन कुमार
सहिद हुए जवानों में बिहार के सहरसा ज़िले के सत्तरकतैया ब्लॉक के आरण गांव के एक गरीब किसान परिवार के बेटा जब कुंदन कुमार आर्मी में भर्ती हुए तो लगा परिवार की गरीबी कुछ सुधरेगी लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था। उनके पिता किसानी कर परिवार चलते थे। कुंदन कुमार की पत्नी बेबी देवी को सेना की तरफ से फ़ोन पर इस घटना की सूचना मिली।
कुंदन कुमार के दो बेटे हैं । बड़ा बेटा रोशन छह साल का है और छोटा बेटा राणा चार साल का है।
गणेश राम कुंजाम
सेना संघर्ष में शहीद हुए जवानों में छत्तीसगढ़ के कांकेर के आदिवासी समुदाय से आने वाले गणेश राम कुंजाम भी समिल थे। वे साल 2011 में सेना में भर्ती हुए थे।क़रीब एक महीने पहले ही उनकी नियुक्ति भारत-चीन सीमा पर हुई थी। कई परिवारों की तरह कुंजाम के परिवार को भी फ़ोन पर यह दुखद ख़बर मिली।
कुंदन कांत ओझा
सहीद हुए जवानों में से एक जवान झारखंड के साहिबगंज ज़िले के डिहारी गांव के रहने वाले कुंदन ओझा हैं। वो बिहार रेजिमेंट में थे। उनके मारे जाने की ख़बर सेना ने उनके परिजनों को फ़ोन कॉल करके दी। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने जवान कुंदन ओझा की मौत पर दुख जताते हुए ट्वीट किया है।
जवान पलनी
तमिलनाडु के जवान पलनी (40 वर्षीय) भी इस संघर्ष में मारे गए हैं। उनके भाई ने बीबीसी तमिल को इसकी पुष्टि की। पलनी बीते 22 सालों से भारतीय सेना में कार्यरत थे। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ई.के. पलनीसामी ने ट्वीट करके राज्य के जवान की मौत पर दुख जताया है और उनके गांव की जानकारी दी है।
राजेश ओरंग
वहीं, पश्चिम बंगाल के बीरभूम ज़िले के सिपाही राजेश ओरांग इस झड़प में मारे गए हैं। कोलकाता से स्थानीय पत्रकार प्रभाकर मणि तिवारी बताते हैं कि मंगलवार को राजेश ओरांग के परिवार को फ़ोन आया कि उनका बेटा देश के लिए 'शहीद' हो गया है।यह सुनते ही पश्चिम बंगाल के बीरभूम ज़िले के मोहम्मदबाज़ार बेलगड़िया गांव के सुभाष ओरांग के घर पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। राजेश ओरांग के पिता सुभाष कहते हैं। "जवानों की शहादत का बदला लेने के बाद मैं पुत्रशोक से कुछ हद तक उबर सकूंगा."।। गांव के बाक़ी लोगों की तरह सुभाष की आजीविका भी खेती से ही चलती है. लेकिन उनके पुत्र राजेश का सपना कुछ और ही था।वो नहीं चाहते थे कि पिता की तरह खेती से ही जीवन-यापन करें।राजेश साल 2015 में सेना में शामिल हुए थे और तब से ही वो लगातार जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में तैनात थे।
मै इन सभी भारत मां के वीर सपूतों को नमन करते है।।
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#Jay-India
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