गुलशन कुमार का जन्म भारत की राजधानी दिल्ली में 5 मई 1956 को हुआ। आगे चलकर वह उद्योगपति, फिल्म निर्माता बने। इनका परिवार एक पंजाबी हिंदू परिवार था। इनके पिता जी का नाम चंद्रभान दुआ था और इनका नाम गुलशन दुआ था। जो आगे चलकर गुलशन कुमार बना। इनके पिता जी के दिल्ली के दरिया गंज बाजार में एक फल जूस का दुकान था। यह भी वहां पर बैठा करते थे, और यह देखते थे कि व्यवसाय कैसे चलाया जाता है। गुलशन कुमार बचपन से ही भगवान शिव और माता पार्वती के भक्त थे। और संगीत में रुचि रखते थे। अच्छा लगता था संगीत सुनना।
गुलशन कुमार ने आखिर कैसे खड़ी की थी करोड़ों की कंपनी।
जब 23 साल के हुए तो इन्होंने अपने पिताजी से कहा कि हम एक दुकान करना चाहता हूं और दुकान भी ऐसी जगह जहां रिकॉर्डिंग और ऑडियो कैसेट सस्ते दामों में बिकते हो पिताजी ने हामी भर दी। और तब हुई एक संगीत में सफर की शुरुआत। शुरुआत में उन्होंने दूसरे का कैसेट खरीदते और बेचते थे। थोड़े-थोड़े मुनाफे होने लगे। तत्पश्चात उन्होंने अपनी कंपनी खोलने की सोची। दिल्ली के पास नोएडा में एक म्यूजिक प्रोडक्शन कंपनी खोली जो सुपर कैसेट्स इंडस्ट्रीज लिमिटेड नाम से प्रसिद्ध हुई। गुलशन कुमार सस्ती कैसेट्स और गाने रिकॉर्ड कर बेचा करते थे। दुकान चल पड़ी और यहीं से गुलशन कुमार के करियर ने करवट बदली। कुछ सालों में ही गुलशन कुमार ने देखते देखते सुपर कैसेट्स इंडस्ट्रीज लिमिटेड भारत में सबसे बड़ी संगीत कंपनी बन गई। इनके कैसेट के काम चल निकला। इनकी ऑडियो कैसेट की बिक्री ज्यादा होने लगी। कारण था सस्ते दामों में कैसेट को हर घर तक पहुंना। यही कारण था के हिंदी संगीत जगत में अच्छे पहचान मिल गई।
इस दुकान में इसी कंपनी के तहत गुलशन कुमार ने टी-सीरीज की स्थापना की।
इनकी कंपनी टी-सीरीज से बना कैसेट उस समय सबसे ज्यादा बिकी जब सोनी और अन्य कैसेटो के दाम काफी महंगे हुआ करते थे। उस समय उनकी तुलना में टी-सीरीज की कैसेट के दाम काफी सस्ती हुआ करती थी। इसलिए हर कोई ब्लेंक कैसेटो भी टी सीरीज का खरीदा था।
टी-सीरीज के लिए गुलशन अपनी आवाज में भक्ति गीत और भजन गाने लगे और इसी की वजह से पॉपुलर होने लगे। इसके बाद गुलशन ने अपने बिजनेस को बढ़ता देख मुंबई का रुख कर लिया।
मुंबई आने के बाद गुलशन की किस्मत बदल गई। उन्होंने तकरीबन 15 से ज्यादा फिल्में प्रोड्यूस कीं जिनमें आशिकी जैसी सुपरहिट फिल्में भी शामिल हैं।
लेकिनन इसी मुंबई ने उन्हें अंडरवर्लड का दुश्मन भी बना दिया। साल 1997 में पैसों के लिए दाऊद इब्राहिम के गुर्गों ने गुलशन कुमार की हत्या कर दी।
23 साल पहले जब गुलशन कुमार की हत्या हुई तो उससे पहले ही वो म्यूजिक की दुनिया के इंटरनेशनल ब्रान्ड बन चुके थे। रिपोर्ट्स की मानें तो टी-सीरीज का बिजनेस 24 से ज्यादा देशों में फैला हुआ है। जिसको उनके बेटे भूषण कुमार संभालते।
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