Popular Posts

Saturday, June 27, 2020

दुनिया के सबसे ज्यादा सैलरी पैकेज पाने वाले भारतीय मूल के सुंदर पिचाई।

आज हम ऎसे होनहार विद्यार्थी की बात कर रहे हैं, जिसने अपने विद्यार्थी जीवन में टीवी नहीं देखी। नए कपड़े नहीं खरीदे। कही  किताबो से समझौता न करना पड़े। आज दुनिया के सबसे ज्यादा सैलरी पैकेज पाने वाले CEO चेन्नई का यह लड़का आज किसी परिचय का मोहताज नहीं है। उसके जीवन में अगर परिवार के बाद कोई था, तो वह है किताबें। जिसको वाह बहुत ईमानदारी से पढा और समझा आज वह दुनिया का सबसे ज्यादा सैलरी पाने वाला गूगल का सीईओ है। उनके पिता नौकरी जरूर करते थे लेकिन दो कमरे की फ्लेट में टीवी नहीं था। तो उन्होंने कभी टीवी नहीं देखी। कार नहीं था तो कभी कार में नहीं बैठे। लेकिन आज ओ समय आ गया चेन्नई का यह लड़का दुनिया का सबसे ज़्यादा सैलरी पाने वालों में एक है। हम बात कर रहे है गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई की। सुंदर पिचाई की सैलरी की बात करें तो 2019 में 28.1 करोड़ डॉलर 2144.53 करोड़़ रुपए सैलरी के रूप में मिली।

पिचाई सुंदराजन (जन्म 10 जून, 1972) भारतीय मूल के अमेरिकी व्यवसायी और अल्फाबेट कंपनी के सीईओ और उसकी सहायक कंपनी गूगल एलएलसी के सीईओ हैं। गूगल ने अपनी कंपनी का नाम अल्फ़ाबेट में बदल दिया। इसके बाद लेरी पेज ने गूगल खोज नामक कंपनी का सीईओ सुंदर पिचाई को बना दिया और स्वयं अल्फाबेट कंपनी के सीईओ बन गए। सुन्दर पिचाई  ने गूगल सीईओ का पद ग्रहण 2 अक्टूबर, 2015 को किया। 3 दिसंबर, 2019 को वह अल्फाबेट के सीईओ बन गए।

पिचाई का जन्म मदुरै, तमिलनाडु, भारत मे  तमिल परिवार में लक्ष्मी और रघुनाथ पिचाई के घर हुआ। उनकी मां लक्ष्मी एक स्टेनोग्राफर थीं और ,उनके पिता रघुनाथ पिचाई ब्रिटिश समूह के जीईसी में एक इलेक्ट्रिकल इंजीनियर थे। सुंदर के पिता का मैन्युफैक्चरिंग प्लांट था। जहा इलेक्ट्रिक कॉम्पोनेंट बनाए जाते थे। सुन्दर ने जवाहर नवोदय विद्यालय, अशोक नगर, चेन्नई में अपनी दसवीं कक्षा पूरी की और वना वाणी स्कूल, चेन्नई में स्थित स्कूल से बारहवीं कक्षा पूरी की। पिचाई ने मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, खड़गपुर से अपनी बैचलर डिग्री अर्जित की। उन्होने एम. एस. सामग्री विज्ञान में स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय और इंजीनियरिंग और पेनसिल्वेनिया विश्वविद्यालय के व्हार्टन स्कूल से एमबीए किया जहां उन्हे एक विद्वान साइबेल और पामर विद्वान नामित किया गया।

वह 2004 में गूगल में आए। जहाँ वे गूगल के उत्पाद जिसमें गूगल क्रोम, क्रोम ओएस शामिल है। शुरुआत में वह गूगल के सर्च बार पर छोटी टीम के साथ काम करते रहे। इसके बाद उन्होंने गूगल के कई और प्रोडक्ट पर भी काम किया है। उन्होंने जीमेल और गूगल मैप्स जैसे अन्य अनुप्रयोगों के विकास की देखरेख की। इसके बाद वह गूगल ड्राइव परियोजना का हिस्सा बने। इसके बाद वह अन्य उत्पाद जैसे जीमेल और गूगल मानचित्र, आदि का हिस्सा बने। इसके बाद वह 19 नवम्बर 2009 में क्रोम ओएस और क्रोमबूक आदि के जाँच कर दिखाये।वह इसे 2011 में सार्वजनिक किया। 20 मई 2010 को वह वीपी8 को मुक्तस्रोत के रूप में बताया। इसके बाद वह एक नई वीडियो प्रारूप वेबएम के बारे में भी बताया।

यह 13 मार्च 2013 को एंडरोइड के परियोजना से जुड़े। जिसे पहले एंडी रूबिन संभालते थे। यह अप्रैल 2011 से 30 जुलाई 2013 तक जीवा सॉफ्टवेयर के निर्देशक बने थे। Google के CEO सुंदर पिचाई को किसी परिचय की आवश्यकता नहीं है। उनकी सफलता की कहानी कई लोगों के लिए प्रेरणा है। चेन्नई में एक साधारण जीवन जीने से लेकर अपने देश को गौरवान्वित करने तक, वह लोगों से लेकर धन-दौलत तक का एक अच्छा उदाहरण है। हम सभी उसकी सफलता के बारे में जानते हैं, लेकिन उस महिला के बारे में नहीं जानते, जो उनकी तरफ से खड़ी थी और हमेशा उसका समर्थन करती थी। जी हां, हम बात कर रहे हैं उनकी पत्नी अंजलि पिचाई की। उनकी प्रेम कहानी भी उन्हीं की तरह प्यारी और सरल थी। सुंदर एक मध्यम वर्गीय परिवार से थे। वह चेन्नई में रहते थे और एक साधारण जीवन जीते थे, सुंदर इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT), खड़कपुर से मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग (धातुकर्म इंजीनियरिंग) की पढ़ाई कर रहे थे और वहां उनकी मुलाकात अंजलि से हुई। वे दोनों सहपाठी थे। वे अच्छे दोस्त बन गए और दोनों ने शादी कर ली। अंजलि से सुन्दर को दो बच्चे है, काव्या और किरण है। 

सुंदर पिचाई के दरिया दिल ओ हमेशा अपने देश पर आई विपत्ति केे समय खड़े रहतें है। अभी हाल ही में आयी देेश पर वीपत्ती में देश की मदद हाल ही में 5 करोड़ रुपए भारतीय प्रवासी मजदूरों के लिए दान दिए थे।

जन्म पिचाई सुंदर राजन
12 जुलाई 1972 (आयु 47)
मदुरै, तमिलनाडु, भारत
राष्ट्रीयताभारतीय मूल के अमेरिकी
शिक्षा

आईआईटी खड़गपुर (B.Tech. ) स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय (एम एस)

पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय (एमबीए
व्यवसायगूगल के सी.ई.ओ और अल्फाबेट कंपनी के सीईओ
नियोक्तागूगल खोज
जीवनसाथीअंजलि पिचाई

No comments:

Post a Comment

If you have any doubts, please let me know.

मैं तो इंसानियत से मजबूर था तुम्हे बीच मे नही डुबोया" मगर तुमने मुझे क्यों काट लिया!

नदी में बाढ़ आती है छोटे से टापू में पानी भर जाता है वहां रहने वाला सीधा साधा1चूहा कछुवे  से कहता है मित्र  "क्या तुम मुझे नदी पार करा ...