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Friday, July 3, 2020

प्रधानमंत्री के लेह दौरे के बाद आया कांग्रेस की प्रतिक्रिया।

भारत-चीन सीमा विवाद के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को बिना किसी जानकारी के लेह पहुंचे। इस दौरे पर उनके साथ CDS बिपिन रावत भी मौजूद रहे। लेह पहुंचते ही जवानों ने PM का जोश के साथ स्वागत किया। प्रसार भारती ने एक वीडियो साझा किया। 
जिसमें पीएम मोदी सेना के जवानों के साथ चलते नजर आ रहे हैं और पीछे से वीर जवान 'भारत माता की जय' और 'वंदे मातरम' के नारे लगा रहे हैं। प्रधानमंत्री लेह में 24 मिनट का भाषण दिया। जिसमें चीन का बिना नाम लिए सब कुछ कह दिया। अपनी लद्दाख यात्रा के दौरान, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने लद्दाख में युद्ध स्मारक का भी दौरा किया जहां उन्होंने 16 बिहार के 20 शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की, जो गालवान घाटी में भारत की संप्रभुता की रक्षा करते हुए मारे गए।  इससे पहले, पीएम ने लद्दाख में निमू चौकी का औचक दौरा किया जहां भारतीय सेना और आईटीबीपी के जवान तैनात हैं।  पीएम मोदी ने क्षेत्र में तैयारी का निरीक्षण किया और एक भाषण दिया जिसमें उन्होंने भारतीय सशस्त्र बलों की वीरता की प्रशंसा की।
जैसा उम्मीद था, ठीक वैसा ही हुआ प्रधानमंत्री दौरा के बाद कांग्रेस पार्टी का प्रतिक्रिया आ चुका है जिसको देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि कांग्रेस पार्टी भारत की जनता के साथ क्या देखना चाहती है क्यों उकसा रही है चीन को और क्यों आलोचना कर रही है प्रधानमंत्री मोदी की कांग्रेस का नियत साफ है भारत को लेकर। आखिर चीन कि कांग्रेस पार्टी क्यों कर रही हैं तरफदारी। कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्विट कर प्रधानमंत्री पे निसनासाधा हैं। जो निम्न है।

28 मई, 2020 - 
“मन की बात” में चीन का नाम नहीं।

30 मई, 2020 -
“राष्ट्र के नाम” संदेश में चीन का नाम नहीं।

3 जुलाई, 2020 -
“सैनिकों से बात” में चीन का नाम नहीं।

मज़बूत भारत के प्रधानमंत्री इतने कमजोर क्यों?
चीन का नाम तक लेने से गुरेज़ क्यों?
चीन से आँख में आँख डाल कब बात होगी?

https://twitter.com/rssurjewala/status/1279011428486139904?s=19

रणदीप सुरजेवाला के ट्वीट से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कांग्रेस पार्टी भारत की जनता के साथ क्या देखना चाहती है। कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता को इसबात की अंदाजा बिल्कुल भी नहीं है कि भारत के सामने कोई कमजोर देश नहीं है। जिससे आसानी से युद्ध जीता जा सकता है। भारत के सामने चीन है। जिसके पास हर एक आधुनिक हथियार और आधुनिक तकनीक है जिससे युद्ध जितना बहुत आसान नहीं है। इसके बावजूद कांग्रेस पार्टी ना जाने ऎसॉ सवाल क्यों पूछती हैं।
ठीक है प्रधानमंत्री चीन का नाम नहीं लिया लेकिन चीन के दरवाजे से ललकारा तो है। की अब विस्तारवाद का युग नहीं रहा अब विकासवाद का युग है। विस्तारवाद की नीति किसकी है कोई बताएगा हमें। चीन एक ऐसा देश है जो अपने विस्तारवाद के नीतियों पे काम कर रहा है। चीन से सटा हर देश में ड्रेगन अपनी सीमा बढ़ाने के लिए जाना जाता है। ये ठीक तरह से चीन को चेतावनी है कि हमें बात करना भी आता है और जबाब देना भी आता है।

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