हम जानते हैं कि हिंदी सिनेमा में भारतीय संस्कृती और पौराणिक, धर्मिक, हिदू सनातन धर्म को तोड़ मडोड कर हिंदू देवी देवताओं को गलत तरीके से दिखने कि रिवाज दशकों से चला आ रहा है। और आज भी येसा ही हो रहा है। बात कर रहे है 12 अगस्त को रिलीज हुआ ट्रेलर सड़क 2 कि जो अब तक का पूरा इतिहास पीछे छोड़ चुका है जिसे लोग नापसंद कर रहे है। अब तक 87 लाख से भी ज्यादा लोग नापसंद कर चुके हैं।
अक्सर पंडितों और साधु-संतों को धोखेबाज और बलात्कारी दिखाया जाता रहा है जबकि मुस्लिम किरदारों को ईमानदार और देश के लिए मर-मिटने वाला प्रदर्शित किया जाता रहा है। इसी तरह ‘सड़क-2’ में भी महेश भट्ट एक ऐसी कहानी लेकर आ रहे हैं, जिसमें एक साधु को बुरा दिखाया गया है और उसके काले कृत्यों का खुलासा किया जाएगा।
इस फिल्म में आलिया भट्ट का किरदार एक ऐसी महिला का होगा, जो एक ‘फेक बाबा’ से पंगा लेती है। दिखाया जाएगा कि दुनिया के सामने अच्छा बना रहे वाला गुरु कितना बड़ा अपराधी है और उसका असली चेहरा कुछ और है। ये आलिया बनाम एक आश्रम चलाने वाले बाबा की कहानी है। संजय दत्त का किरदार बाबा को ‘एक्सपोज’ करने में आलिया की मदद करेगा।
ऐसे सिनेमा का बहिष्कार होना भी चाहिए चाहो आे किसी धर्म को लेकर क्यों ना दिखाया गया हो।
लेगों को इसका पुरनजोर विरोध करना चाहिए जिससे ऐसा करने के लिए कोई साहस ना करे। इन सब गतिविधियों के पीछे किसका हाथ है और ये सब कौन और क्यों किया जा रहा है इसका मतलब साफ है हिंदू धर्म को बदनाम करना और मुस्लिम धर्म को आगे बढ़ाना है। लेकिन अब ऐसा होना संभव नहीं है। भारत की जनता को जागना चाहिए और इसका पूर्ण जोर विरोध करना चाहिए।
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