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Tuesday, September 1, 2020

अनंत चतुर्दशी के व्रत से होता है, हार मनोकामना पूर्ण। सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र भी रखा था यह व्रत।

भाद्रपद मास में शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को अनंत चतुर्दशी का त्योहार मनाया जाता है। इस त्योहार को अनंत चौदस नाम से भी जाना जाता है। इस दिन भगवान श्री हरि विष्णु के अनंत स्वरूप की पूजा की जाती है। मान्यता है कि 14 साल तक लगातार अनंत चतुर्दशी का व्रत रखने से विष्णु लोक की प्राप्ति होती है।
                    "ॐ अनन्ताय नमः"
अनंत चतुर्दशी का व्रत काफी फलदाई साबित होता है। कहा जाता है कि जब पांडव अपने राज्य को हारकर बनवास के लिए निकले तो भगवान श्री कृष्ण के कहने पर उन्होंने यह व्रत रखा। इस व्रत के प्रभाव से पांडव महाभारत का युद्ध भी जीते और अपना राज्य भी वापस पाए।

एक अन्य मान्यता है कि जब सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र अपना सब कुछ दान करने के बाद अपने घर को त्याग दिया था जंगल जंगल भटकने के बाद उन्हें किसी ने अनंत चतुर्दशी का व्रत करने को कहा। इस व्रत के प्रभाव से सत्यवादी हरिचंद को अपना राज्य वापस मिला।
अनंत चतुर्दशी के पावन पर्व पर सृष्टि के पालनहार और विघ्नहर्ता के चरणों में प्रणाम और यही प्रार्थना कि सब सुखी हों, सबका मंगल और कल्याण हो। 

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