आखिर क्यों संपूर्ण भारत विजेता सम्राट अशोक पूरा भारत विजयी होने के बाद भी उनको अपने ही देश के इतिहासकर इतिहास के पन्नों में हरा दिया। आखरी क्यों और क्या थी राजनीत जिसके कारण भारत विजेता सम्राट अशोक हार गए। आज उनके द्वार दिए गए हर एक चिझ को भारत सरकार से लेकर हर भारतीय जिसे जान कर सुन कर गौरवान्वित होता है।
1. जिस सम्राट के नाम के साथ संसार भर के इतिहासकार “महान” शब्द लगाते हैं।
2. जिस सम्राट का राजचिन्ह अशोकचक्र भारत देश अपने झंडे में लगता है।
3.जिस सम्राट का राजचिन्ह चारमुखी शेर को भारत देश राष्ट्रीय प्रतीक मानकर सरकार चलाती है और सत्यमेव जयते को अपनाया गया।
4. जिस देश में सेना का सबसे बड़ा युद्ध सम्मान सम्राट अशोक के नाम पर अशोक चक्र दिया जाता है।
5. जिस सम्राट से पहले या बाद में कभी कोई ऐसा राजा या सम्राट नहीं हुआ, जिसने अखंड भारत (आज का नेपाल, बांग्लादेश, पूरा भारत, पाकिस्तान और अफगानिस्तान) जितने बड़े भूभाग पर एक छत्र राज किया हो।
6. जिस सम्राट के शासनकाल को विश्व के बुद्धिजीवी और इतिहासकार भारतीय इतिहास का सबसे स्वर्णिम काल मानते हैं।
7. जिस सम्राट के शासनकाल में भारत विश्वगुरु था, सोने की चिड़िया था, जनता खुशहाल और भेदभाव रहित थी।
8. जिस सम्राट के शासनकाल जीटी रोड जैसे कई हाई-वे बने, पूरे रोड पर पेड़ लगाये गए, सरायें बनायी गईं, इंसान तो इंसान जानवरों के लिए भी प्रथम बार हॉस्पिटल खोले गए, जानवरों को मारना बंद कर दिया गया।
सम्राट अशोक मगथ के सम्राट थे जिसकी राजधानी पाटलीपुत्र थी। सम्राट मगथ के सम्राट जरूर थे लेकिन कलिंग को छोड़कर संपूर्ण भारतवर्ष पर उनका शासन था। कहते हैं कि ईरान से लेकर बर्मा तक अशोक का साम्राज्य था। अशोक के समय मौर्य राज्य उत्तर में हिन्दुकुश की श्रेणियों से लेकर दक्षिण में गोदावरी नदी के दक्षिण तथा मैसूर, कर्नाटक तक तथा पूर्व में बंगाल से पश्चिम में अफगानिस्तान तक पहुंच गया था। यह उस समय तक का सबसे बड़ा भारतीय साम्राज्य था। ऐसे महान सम्राट अशोक कि जयंती उनके अपने देश भारत में क्यों नहीं मनायी जाती, न ही कोई छुट्टी घोषित कि गई है? अफ़सोस जिन लोगों को ये जयंती मनानी चाहिए, वो लोग अपना इतिहास ही नहीं जानते और जो जानते हैं, वो मानना नहीं चाहते।
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