29 August 2020
स्वीडन का खूबसूरत शहरों में से एक माल्मो शहर भी मुस्लिम दंगाइयों से नहीं बच सका। और पूरी तरह जलकर राख हो गया। अब यह दंगा दूसरे शहरों में भी तेजी से फैल रहा है।
दरअसल मुस्लिम समुदाय के एक ग्रुप ने विरोध प्रदर्शन के दौरान बाइबल (क्रिश्चियन धर्म ग्रन्थ) जला दिया था। उसके बाद उसका बदला लेने के लिए कुछ चरमपंथी ईसाईयों ने कुरान (इस्लामिक धर्म ग्रंथ) जलाने का कार्यक्रम रखा और जैसे ही मुसलमानों ने सुना कि कुरान जलाने का कार्यक्रम रखा गया है। उन्होंने पूरे स्वीडन को जलाकर राख करने की तैयारी कर ली हालांकि उनकी तैयारी हर वक्त दुनिया को जलाने की उनकी तैयारी पहले से ही पूरी होती है।
सोचिए मात्र दो दशक पहले पूरे स्वीडन में एक भी मुस्लिम नहीं थे। लेकिन स्वीडन की वामपंथी विचारधारा वाली सरकारों ने सीरिया लेबनान अफगानिस्तान लीबिया तमाम देशों से मुस्लिम शरणार्थियों को अपने यहां बसाया। बिकाऊ लालची सत्ताधारी ने नागरिकता भी छीप छीप कर देता गया। उन्हें सोशल सिक्योरिटी दी गई। उन्हें मुफ्त में खाना रहने का घर सब कुछ दिया गया। और आज उन्ही मुस्लिम शरणार्थियों ने स्वीडन को जलाकर राख कर दिया।
स्वीडन ऐसे तो भारत के हर गतिविधियो पे बहुत ध्यान देता है और समय समय पर अपनी प्रतिक्रिया भी देता आया है। भारत ने जब जम्मू कश्मीर से धारा 370/35A हटाया था तो स्वीडन खुल कर अपनी प्रतिक्रिया दिया था। और मुस्लिम समुदाय को उसकी बहुत चिंता हो रही थी। जबकि भारत के जम्मू कश्मीर राज्य में 80% से ज्यादा मुस्लिम सांती दूत है और स्वीडन में 16 % मुस्लिम सांती हैं। अब स्वीडन को किसी भी देश के आंतरिक मुद्दों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देना चाहिए।
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