हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को गोवर्धन पूजा व अन्नकूट का पर्व मनाया जाता है। इस साल आज यानी 15 नवंबर 2020 दिन रविवार को गोवर्धन पूजा या अन्नकूट का त्योहार है। इसमें महिलाएं गोबर से भगवान गोवर्धन को बनाती हैं। तथा इनकी पूजा करती हैं इसके साथ गायों की भी पूजा करती है।
दिवाली के अगले दिन होती है गोवर्धन पूजा
गोवर्धन पूजा कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को मनाए जाने की परंपरा रही है। गोवर्धन पूजा यानी अन्नकूट को दिवाली के अगले दिन मनाते हैं। 14 नवंबर को दिवाली मनाई गई। आज 15 नवंबर को गोवर्धन पूजा है।
गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त।
इस पर्व पर भगवान श्री कृष्ण के गोवर्धन स्वरूप की पूजा की जाती है। उन्हें 56 भोग और अन्नकूट का प्रसाद चढ़ाए जाने की परंपरा है। इस बार कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा तिथि 15 नवंबर, सुबह 10 बजकर 36 मिनट पर शुरू हो रही है। यह 16 नवंबर की सुबह 07 बजकर, 5 मिनट तक रहेगी। गोवर्धन पूजा के लिए शुभ मुहूर्त दोपहर 3 बजकर, 19 मिनट से शाम 5 बजकर, 26 मिनट तक रहेगा।
गोर्वधन पूजा की विधि।
मान्यता है कि अगर इस दिन पूरे विधि विधान से भगवान गोवर्धन की पूजा की जाए तो भगवान श्री कृष्ण की कृपा प्राप्त होती है। इसलिए गोर्वधन पूजा करने के लिए इसकी विधि अच्छी तरह समझना बहुत जरूरी है। इसके लिए सबसे पहले गाय के गोबर से चौक और पर्वत बनाएं। इसके बाद इसे अच्छी तरह सुंदर फूलों से सजाएं। अब रोली, चावल, खीर, बताशे, जल, दूध, पान, केसर रखें और दीप जलाकर भगवान गोवर्धन की पूजा करें। जब पूजा संपन्न हो जाए तो भगवान गोवर्धन की सात बार परिक्रमा जरूर करें।
इस दौरान ध्यान रखें कि आपके हाथों में जल जरूर होना चाहिए। जल को किसी लोटे में लेकर इस तरह परिक्रमा करते रहें कि जल थोड़ा-थोड़ा गिरता जाए। गोवर्धन पूजा जब संपन्न हो जाए तो अन्नकूट का प्रसाद चढ़ाएं। इसे घर के सभी लोगों को दें।
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