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Thursday, December 31, 2020

JF-17 थंडर ब्लॉक II लड़ाकू विमान पाकिस्तान चीन की मदद से किया विकसित एयर फोर्स में किया शामिल।

 पाकिस्तान एयर फोर्स (PAF) ने औपचारिक रूप से JF-17 थंडर ब्लॉक II डबल सीटर लड़ाकू विमान को अपने बेड़े में शामिल कर लिया है। साथ ही इसी विमान के ब्लॉक III का उत्पादन भी शुरू करने का ऐलान कर दिया। PAF का कहना है कि यह कदम देश की एयर डिफेंस रक्षा में एक महत्वपूर्ण प्रगति है। फिलहाल, इन विमानों को प्रशिक्षण के लिए उपयोग किया जाएगा।

एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, बुधवार को 14 JF-17 थंडर ब्लॉक II लड़ाकू विमानों को औपचारिक रूप से PAF के बेड़े में शामिल कराने के लिए राजधानी इस्लामाबाद के पास कामरा में एक समारोह आयोजित किया गया। ये विमान पाकिस्तान और चीन द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किये गए हैं। इस समारोह में मुख्य रूप से पाकिस्तान के एयर चीफ मार्शल मुजाहिद अनवर खान और पाकिस्तान में चीन के राजदूत नोंग रोंग शामिल हुए।

इस दौरान एयर चीफ मार्शल अनवर ने रिकॉर्ड समय में उत्पादन लक्ष्य के सफलतापूर्वक पूरा होने पर पाकिस्तान के पीएसी (Pakistan Aeronautical Complex) और चीन के CATIC को बधाई दी। साथ ही PAF के बेड़े में डबल सीटर लड़ाकू विमान JF-17 थंडर को शामिल करने को महत्वपूर्ण कदम बताया। बकौल अनवर ये आत्मनिर्भरता की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।

आपको बता दें कि इन लड़ाकू विमानों का उत्पादन करने का मकसद इंडियन एयर फोर्स के साथ प्रतिस्पर्धा करना है, क्योंकि पाकिस्तान की तुलना में भारत के पास अधिक लड़ाकू विमान हैं। हाल के महीनों में, भारत ने फ्रांस के रक्षा निर्माता डसॉल्ट एविएशन से कुल 36 विमानों की खरीद के लिए डील की, जिसमें उसे कई राफेल लड़ाकू जेट मिल चुके हैं।
ऐसे में पाकिस्तानी वायुसेना प्रमुख और चीनी राजदूत ने JF-17 के ब्लॉक III, मल्टीरोल लड़ाकू विमान का उत्पादन का शुरू करने का ऐलान किया। जिसे दोनों देश राफेल जेट के बराबर मान रहें हैं। बता दें कि सिंगल-इंजन मल्टी-रोल जेट संयुक्त रूप से पाकिस्तान और चीन द्वारा विकसित किए गए हैं। इनमें से हर एक जेट 3,630 किलोग्राम (8,000 पाउंड) हथियार ले जा सकता है, साथ ही 2,200 किलोमीटर प्रति घंटे (1,370 मील प्रति घंटे) की गति तक पहुंच सकता है।

Tuesday, December 29, 2020

अखरोट के चमत्कारी फायदे।

अखरोट जहां खाने में बहुत स्वादिष्ट लगता है, वहीं दिमाग के लिए भी यह बहुत फायदेमंद होता है। इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है। साथ ही इसमें आवश्यक पोषक तत्वों और सूक्ष्म पोषक तत्व भी मौजूद होते हैं। वे बी विटामिन, फाइबर, मैग्नीशियम, और एंटीऑक्सिडेंट जैसे विटामिन ई से भरपूर होते हैं। स्टडी की माने तो भीगे अखरोट खाने से डायबिटीज काफी हद तक कंट्रोल हो जाती है। दरअसल, अखरोट को टाइप -2 डायबिटीज के मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। सर्दियों में अखरोट का सेवन जरूर करना चाहिए ताकि बीपी कंट्रोल रहे और दिल दोनों स्वस्थ्य रहे। तो चिलए जानते अखरोट के फायदे।

1:- अखरोट हृदय को भी तंदरुस्त एवं निरोग रखने में लाभदायक है। यह हृदय के कार्य को संचालित व नियमित करता है और उसमें सुधार भी लाता है। अखरोट में ओमेगा.3 फैटी एसिड अधिक मात्रा में पाया जाता है, जिसकी वजह से यह कार्डियोवैस्कुलर प्रणाली के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
2:- अखरोट के सेवन से शरीर का वजन घटाने में सहायता मिलती है। जो लोग अपना वजन घटाना चाहते हैं उन्‍हे नियमित रूप से अखरोट का सेवन करना चाहिए। दरअसल, इसमे फाईबर अधिक मात्रा मे होता है जो आपकी भूख को कम करके आपको ज्यादा खाने से रोक कर आपको स्वस्थ बॉडी वेट पाने में मदद करते हैं।
3:- अखरोट आपके दिमाग को तेज करने के साथ-साथ मानसिक तनाव कम करता है। साथ ही बार बार मूड खराब होना और असमय चिंता जैसी समस्याओं को दूर करता है। मानसिक रुप से स्वस्थ और तंदुरुस्त रहना चाहते हैं और दिमाग को तेज बनाना चाहते है तो अखरोट का सेवन करें।

4:- अखरोट का सेवन हड्डि‍यों के लिए भी कम फायदेमंद नहीं है। यह कैल्शि‍यम का पुन: अवशोषण करने में सहायक है जो हड्ड‍ियों की मजबूती के लिए बेहद आवश्यक पोषक तत्व है।
5:- त्वचा संबंधी समस्याओं के लिए अखरोट का तेल बेहतरीन उपाय है। संबंधि‍त स्थान पर इसे लगाने से त्वचा संबंधी समस्याओं से निजात पाई जा सकती है। इसके अलावा मुंह में छाले, गले की समस्या या खुजली होने पर भी यह फायदेमंद है।
6:- अखरोट में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट न केवल आपकी त्वचा को बेहतरीन बनाता है बल्कि आंखों और बालों के लिए भी फायदेमंद है। इसमें कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट पाएं जाते हैं जो आपको जवां बनाए रखने के साथ ही सेहत से जुड़े फायदे देते हैं।
7:- अखरोट का सेवन, पेट के कैंसर की जटिलताओं में लाभकारी होता है। इसके सेवन से होने वाली पीड़ा में कमी आती है और कमजोरी भी नहीं आती है।
8:- अखरोट के सेवन से तनाव का स्‍तर घट जाता है। इसके सेवन से ब्‍लड़ प्रेशर नियंत्रित रहता है और शरीर को पर्याप्‍त ऊर्जा मिलती रहती है।

Forbes का 50 महमारी के दौरान अरबपति बने लोग इसमें 4 भारतीयों के नाम शामिल हैं।

नई दुनिया : कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी के कारण जहां बहुत लोगों ने अपनी नौकरी तक गवां दी, वहीं कुछ लोगों की संपत्ति में भारी इजाफा हुआ है।फोर्ब्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनियाभर के 50 डॉक्टर, वैज्ञानिक और स्वास्थ्य क्षेत्र के उद्यमी, महामारी के दौरान नए अरबपति (New Billionaire) बने हैं। इनमें से सबसे ज्यादा 28 वैज्ञानिक चीन के हैं। जबकि 4 अरबपति भारत के निवासी हैं। आइए जानते हैं इनमें से प्रमुख लोगों के बारे में।
प्रेमचंद गोधा
प्रेमचंद गोधा भारतीय दवा कंपनी Ipca Labs के चेयरमैन हैं. इनकी नेट वर्थ 10,000 करोड़ रुपये है। दरअसल, कोरोना वायरस के कारण Hydroxychloroquine दवा की मांग तेजी से बढ़ी थी। इसी कारण कंपनी की संपत्ति में तेजी से इजाफा हुआ।

राजेंद्र अग्रवाल
राजेंद्र अग्रवाल, बनवारीलाल बावरी और गिरधारीलाल बावरी तीनों भाई हैं। इन्होंने 1986 में राजस्थान के जयपुर शहर में एक दवा कंपनी Macleods Pharmaceuticals की स्थापना की थी। ये कंपनी टीबी, अस्थमा, डायबीटिज सहित अन्य बीमारियों की दवा बनाती है। कोरोना काल में इन दवाईयों का इस्तेमाल बढ़ने से कंपनी की नेट वर्थ 9,559 करोड़ रुपये तक पहुंच गई।

Moderna के CEO के साथ इनका नाम भी शामिल
चीन के नए अरबपतियों में सबसे प्रमुख बायोएनटेक के को-फाउंडर ऊर साहिन और मॉडर्ना के सीईओ स्टीफन बन्सेल हैं। बायोएनटेक ने फाइजर (Pfyzer) कंपनी के साथ मिलकर कोरोना वैक्सीन तैयार की। फाइजर और मॉडर्ना (Moderna) दोनों ही कंपनी की वैक्सीन सफल घोषित हो चुकी है। फाइजर के साथ पार्टनरशिप के बाद बायोएनटेक के शेयर के दाम 160 फीसदी बढ़ चुके हैं। जबकि मॉडर्ना के सीईओ स्टीफन बन्सेल की संपत्ति 30,147 करोड़ रुपये की हो चुकी है।

कनाडा की सबसे अमीर महिला बनीं युआन
चीन की एक दूसरी कंपनी शेनझेन कंगटाई बायोलॉजिकल प्रोडक्ट्स में भी करीब 24 फीसदी हिस्सेदारी रखने वाली युआन लिपिंग की संपत्ति में भी भारी इजाफा हुआ है। जून में पति से तलाक के बाद युआन की कुल संपत्ति 30,147 करोड़ रुपये की हो गई। इसकी वजह से युआन कनाडा की सबसे अमीर महिला भी बन गईं। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

हू कुन भी अरबपतियों की लिस्ट में शामिल
चीन के कॉन्टेक मेडिकल सिस्टम्स के अध्यक्ष हू कुन भी इस साल अरबपति बने। उनकी संपत्ति 28,677 करोड़ रुपये की हो गई। यह कंपनी हॉस्पिटल के लिए उपकरण बनाती है।

Vastu Tips जो बदल देंगे आपका जीवन, सुख- समृद्धि की होगी बरसात New Year 2021.

नई दुनिया : साल 2020 हमें अलविदा कह रहा है। साल 2020 में कोरोना वायरस (Coronavirus) ने पूरी दुनिया को खौफ में डाल दिया था जिसका असर आज भी पूरे संसार में है। ऐसे में आने वाले साल से सभी को बेहद उम्मीद है। नया साल 2021 (New Year 2021) का सभी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। हर कोई चाहता है कि नया साल उनके जीवन में खुशियों और समृद्धि की सौगात लेकर आए। ऐसे में आज हम आपके लिए लेकर आए हैं वास्तु के कुछ टिप्स (Vastu Tips) जो आपके जीवन में धन, मान-सम्मान में वृद्धि और स्वास्थ्य लाभ लाएगा। ये आसान टिप्स अपनाकर आप अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं।


सोने की आदत बदलिए।
1. उत्तर दिशा (North Direction) में सिर रखकर सोने से मैग्नेटिक इफेक्ट (Magnetic Effect) अवरुद्ध होकर बिगड़ जाएगा जिस कारण आपको नींद ठीक से नहीं आएगी। वास्तु के अनुसार उत्तर दिशा में सिर करके सोने से नींद की समस्या होती है। इसके कारण आपको सिरदर्द हो सकता है।
2. वास्तु के अनुसार स्वस्थ जीवन (Healthy Life) एवं लंबी के लिए हमेशा अपना सिर दक्षिण में एवं पैर उत्तर दिशा की और करके सोना चाहिए। इस दिशा की ओर सिर करके सोने से व्यक्ति को धन, खुशी, समृद्धि एवं यश की प्राप्ति होती है।
3. पूर्व दिशा में सिर करके सोने से स्मृति, एकाग्रता एवं  स्वास्थ्य अच्छा बना रहता है और मनुष्य का आध्यात्मिकता (Spirituality) के प्रति झुकाव बढ़ता है। वास्तु के अनुसार छात्रों को खासकर स्मृति और एकाग्रता बढ़ाने के लिए पूर्व दिशा में सिर करके सोना चाहिए।
3. वास्तु कहता है कि पश्चिम दिशा में सिर करके सोना भी ठीक है क्योंकि यह दिशा प्रसिद्धि, प्रतिष्ठा और समृद्धि को बढ़ाती है।

सेहत से भरा भोजन करें।
1. वास्तु के अनुसार भोजन करने का उत्तम स्थान पश्चिम दिशा में है। घर की पश्चिम दिशा में बना डाइनिंग हॉल बेहद शुभ होता है। इस दिशा में भोजन करने से मां अन्नपूर्णा प्रसन्न रहती हैं।
2. घर में उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा भोजन करने के लिए दूसरा विकल्प है।
3. ध्यान रहे, दक्षिण-पश्चिम दिशा में डाइनिंग रूम बिल्कुल नहीं होना चाहिए, इस दिशा में भोजन करने से शरीर में बीमारियां होती रहती है।
3. ये भी ध्यान दें कि भोजन कक्ष के सामने घर का मुख्य द्वार या शौचालय न हो नहीं तो आपसी कलह व मानसिक कष्ट बना रह सकता है।
4. वास्तु के मुताबिक पूर्व की ओर मुंह करके भोजन करने से दीर्घायु होने की संभावना बढ़ जाती है। पश्चिम की ओर मुंह कर के खाने से संपन्नता और समृद्धि आती है।
5. दक्षिण और उत्तर की ओर मुख करके भोजन बिल्कुल न करें। ये सेहत की दृष्टि से वास्तु सम्मत नहीं है।

पूजा की भी अपनी दिशा।
1. वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) में पूजा की भी दिशा निश्चित है। घर या ऑफिस में पूजा का स्थान ईशान कोण में ही रखें। इससे परिवार में सुख- समृद्धि की वृद्धि होती है।
2. उत्तर दिशा धन प्राप्ति के लिए और पूर्व दिशा की ओर मुख करके की गई पूजा ज्ञान प्राप्ति के लिए बेहद चमत्कारिक लाभ देती है।
3. पूजन कक्ष में शुभ और सात्विक रंग जैसे हल्का हरा,पीला,जामुनी या क्रीम रंग का प्रयोग करें।
4. वास्तु में शंख का बहुत महत्व है इसलिए पूजा घर में शंख जरूर रहना चाहिए।
5. दक्षिण-पश्चिम की दिशा में पूजा कक्ष बिल्कुल न बनाएं।

Sunday, December 27, 2020

DRDO ने बनाई JPVC कार्बाइन, एक मिनट में दाग सकती है 700 गोलियां।

देश के सशस्त्र बलों को तेजी से आधुनिक बनाने में जुटे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने ऐसी एक खतरनाक राइफल तैयार कर ली है। जो एक मिनट में 700 गोलियां दाग सकती है। DRDO ने इस राइफल का नाम जॉइंट वेंचर प्रोटेक्टिव कार्बाइन यानी JPVC दिया है।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक DRDO ने हाईटेक कार्बाइन (Carbine) विकसित कर ली है। यह कार्बाइन सेना के परीक्षणों में भी सफल पाई गई है। ट्रायल का अंतिम चरण पूरा होने के बाद अब कार्बाइन तीनों सेनाओं व अन्य अर्धसैनिक बलों में इंडक्शन के लिए तैयार है।

अखबार की रिपोर्ट में कहा गया है कि यह लेटेस्ट कार्बाइन (Carbine) सेना में इस्तेमाल हो रही 9 एमएम कार्बाइन की जगह लेगी। इसके साथ ही इसे अब CRPF, BSF, ITBP, SSB, CISF और राज्य पुलिस बलों के बेड़े में भी शामिल किया जाएगा। DRDO सूत्रों के मुताबिक इस हथियार का तकनीकी नाम जॉइंट वेंचर प्रोटेक्टिव कार्बाइन यानी JPVC है।

यह एक गैस चालित सेमी ऑटोमेटिक हथियार है। DRDO की पुणे लैब Armament Research and Development Establishment में इसका डिजाइन तैयार किया गया है। यह कार्बाइन (Carbine) कम रेंज की लड़ाई के लिए खास हथियार है। ये इतनी हल्की है कि जवान एक हाथ से भी आराम से इससे फायरिंग कर सकते हैं। लड़ाई के दौरान इसे कैरी करने में भी सैनिकों को कोई दिक्कत नहीं होगी।

DRDO के मुताबिक ये कार्बाइन (Carbine) दायें-बायें किसी को नुकसान पहुंचाए बिना सीधे टारगेट पर हमला कर सकती है। एक बार ट्रिगर दबा देने पर इसमें से एक मिनट में 700 गोलियां फायर हो जाती हैं।

यह गति इतनी तेज है कि यदि इसे किसी पौधे पर फायर किया जाए तो उसके सारे पत्तों तक को साफ किया जा सकता है। इस कार्बाइन की गोलियां पुणे की हथियार फैक्ट्री में तैयार की जाएंगी। 

Saturday, December 26, 2020

नौ ग्रहों में शनिदेव विशेष।

महाराष्ट्र में एक छोटा सा गांव है शिंगणापुर, जहां आज भी किसी भी घर में दरवाजे नहीं है। घरों में दरवाजे न होने के बावजूद यहां चोरी की घटनाएं नहीं होती हैं, क्योंकि यहां ऐसा माना जाता है कि जो भी व्यक्ति यहां चोरी करेगा उसे स्वयं शनि देव जी सजा देंगे। इस स्थान पर शनि की विशेष कृपा है।

शास्त्रों के अनुसार शिंगणापुर में ही शनिदेव का जन्म हुआ था। शिंगणापुर में शनि देव की एक विशाल प्रतिमा है।

इस मूर्ति का रंग काला है। इसकी लंबाई लगभग 5 फीट 9 इंच है और चौड़ाई करीब 1 फीट 6 इंच। शनि के जन्म के संबंध में शास्त्रों में बताया गया है कि शनिदेव सूर्यदेव के पुत्र हैं। सूर्य की पत्नी छाया ने पुत्र प्राप्ति की इच्छा से शिवजी को प्रसन्न करने के लिए कठोर तपस्या की। तपस्या की कठोरता और धूप-गर्मी के कारण छाया के गर्भ में पल रहे शिशु का रंग काला पड़ गया। तपस्या के प्रभाव से ही छाया के गर्भ से शनिदेव का जन्म शिंगणापुर में हुआ।

इस दिन ज्येष्ठ मास की अमावस्या थी। शनिदेव के जन्म के बाद जब सूर्य अपनी छाया और पुत्र से मिलने पहुंचे तो उन्होंने देखा कि पुत्र का रंग काला है। काले शिशु को देखकर सूर्य ने पत्नी छाया से संदेह प्रकट किया कि इतना काला शिशु उनका नहीं हो सकता है। सूर्य की कठोरता देखकर शनि के मन में माता के लिए श्रद्धा बढ़ गई और पिता सूर्य के लिए क्रोध बढऩे लगा, तभी से शनि सूर्य के प्रति शत्रुभाव रखते हैं। शनि ने सूर्य से भी अधिक तेजस्वी और पराक्रमी बनने की इच्छा से शिवजी को प्रसन्न करने के लिए तपस्या की।

शनि की कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर शिवजी ने उन्हें वरदान मांगने के लिए कहा। तब शनि ने शिवजी से कहा कि उनके पिता सूर्य से उन्हें तथा उनकी माता को हमेशा अपमानित होना पड़ा है। अत: आप मुझे सूर्यदेव से भी अधिक शक्तियां और ऊंचा पद प्रदान करें। शिवजी ने शनि की विनती मानकर उन्हें न्यायाधीश का पद प्रदान किया और सूर्य से भी अधिक तेजस्वी और शक्तिशाली होने का वरदान दिया। तभी से शनि का स्थान सभी नौ ग्रहों में सर्वाधिक महत्वपूर्ण हो गया।

सर्दियों में अमरूद खाने के अद्भुत फायदे।

अमरूद एक ऐसा फल जिसे सब पसंद करते हैं। काले नमक के साथ इसका स्वाद और बढ़ जाता है। सर्दियों में अमरूद की चटनी और मुरब्बों का तो क्या कहना। अमरूद स्वादिष्ट होने के साथ-साथ बहुत फायदेमंद भी होता है. अक्सर सर्दियों में गैस की परेशानी या फिर पेट से जुड़ी परेशानी ज्यादा शुरू हो जाती हैं। ऐसे में अगर रोजना एक अमरूद सेवन किया जाए तो इस परेशानी से छुटकारा मिल जाएगा। अमरूद में भरपूर मात्रा में विटामिन सी, कैल्शियम, फॉस्फोरस, पोटैशियम और आयरन होता है। जो सर्दियों में बीमारियों से लड़ने में मदद करता है। आइए जानते है अमरूद के ये फायदे।

1- अमरूद में विटामिन सी की मात्रा अधिक होती है. जिसकी वजह से प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. और सर्दियों में होने वाले इंफेक्शन से बचाती है। 
2- अमरूद में मौजूद पोटैशिमय शरीर के रक्तचाप को सामान्य बनाए रखता है। जो दिल के साथ -साथ मांसपेशियों स्वस्थ्य रखता है और साथ ही कई बीमारियों से भी बचाता है।

3- एक अमरूद में कई बीमारियों से लड़ने की क्षमता है। इसमें पानी की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। जो हमारी त्वचा में नमी बनाती है। अमरूद में फाइबर की मात्रा बहुत अधिक होती है। डायबिटिज के रोगियों के लिए यह बहुत लाभकारी होता है।
4- अमरूद का नियमित सेवन करने से सर्दी जुकाम जैसी सामान्य बीमारियों के होने का खतरा कम हो जाता है। अमरूद में मौजूद विटामिन ए और ई आंखों, बालों और त्‍वचा को पोषण देता है।

5- अमरूद में पाया जाने वाला लाइकोपीन नामक पोषक तत्व शरीर को कैंसर और ट्यूमर के खतरे से बचाने में मददगार होते हैं। अमरूद में बीटा कैरोटीन होता है जो शरीर को त्‍वचा संबंधी बीमारियों से बचाता है।
6- अमरूद को इसके बीजों के साथ खाना बहुत लाभदायक होता है, जिसके कारण पेट साफ रहता है। अमरूद मेटाबॉलिज्‍म को सही रखता है जिससे शरीर में कोलेस्‍ट्रॉल का स्‍तर नियंत्रित रहता है।

7- अमरूद खाने में स्वादिष्ट तो होता ही है। यह वजन घटाने में भी मददगार है. इसमें कैलोरी बहुत कम होती है और फाइबर ज्यादा होता है। एक अमरूद में 112 कैलोरी होती है जिससे बहुत देर तक भूख नहीं लगती. इसका नियमित सेवन करने से वजन कम होता है और पाचन शक्ति बढ़ती है। 
8- अगर आपके मुंह से दुर्गंध आती है तो अमरूद की कोमल पत्त‍ियों को चबाना आपके लिए फायदेमंद रहेगा। इसकी पत्तियों में एंटी-बैक्टीरियल क्षमता होती है जिसको चबाने से दांतों का दर्द भी कम हो जाता है।

80 साल की आइरिस जोन्स और 35 साल के मोहम्मद इब्राहिम को हुआ प्यार मनाया हनीमून।

ब्रिटेन की रहने वाली आइरिस जोन्स (Iris Jones) की मुलाकात 35 साल के मोहम्मद इब्राहिम (Mohammad Ibriham) से फेसबुक (Facebook) पर हुई थी। दोनों में घंटों बातें होती थीं। मोहम्मद इब्राहिम इजिप्ट (Egypt) में रहता था। कुछ दिनों के बाद इब्राहिम ने आइरिस से अपने प्यार (Love) का इजहार कर दिया।

फिर क्या था, एक दिन आइरिस अपने प्यार (Love) इब्राहिम से मिलने के लिए इजिप्ट जा पहुंची। इन दोनों की फोटोज खूब वायरल (Viral Photo) हो रही हैं। अल वतन न्यूज के मुताबिक, यह कपल शादी के बंधन में बंध चुका है। दोनों ने काफी गोपनीय तरीके से शादी रचाई है। आइरिस ने मुस्लिम धर्म कबूल कर लिया है। मोहम्मद इब्राहिम ने कहा है कि उन्हें आइरिस (Iris) के पैसे नहीं चाहिए।

उन्हें तो बस आइरिस का साथ और प्यार चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि वे आइरिस को देखते ही समझ गए थे कि वही उसकी सच्ची मोहब्बत (Love) हैं। वे आइरिस को पाकर बहुत खुश हैं। इससे पहले साल के शुरू में इस कपल (Couple) ने एक शो में एंट्री की थी। इसके बाद हर तरफ बस इसी कपल की बातें होने लगी थीं।

आइरिस ने टीवी शो पर खुलकर अपनी सेक्स लाइफ (Sex Life) पर बात की थी। अपना प्यार मिलने के बावजूद इन दिनों आइरिस बेहद परेशान हैं। उनका कहना है कि उन्होंने हाल ही में हनीमून (Honeymoon) मनाया है लेकिन उसके बावजूद वे खुश नहीं हैं।

दरअसल शादी के बाद से ही उनके घरवालों ने उनसे बात करनी बंद कर दी है। उनके बच्चे और नाती-पोते भी उनसे बात नहीं करते हैं। फिलहाल आइरिस इजिप्ट (Egypt) में ही अपने पति के साथ हैं।

जम्मू-कश्मीर के कठुआ की रहने वाली पूजा देवी ने एक नया इतिहास रच दिया है।

कठुआ की रहने वाली पूजा देवी ने एक नया इतिहास रच दिया है। वे इस केंद्र शासित प्रदेश की पहली महिला बस ड्राइवर बन गई हैं। फिलहाल वे जम्मू-कठुआ रूट पर यात्री बस चला रही हैं। कठुआ जिले के संधार-बसोहली गांव में पली-बढ़ी 30 साल की पूजा ने कहा कि उन्हें शुरू से ही ड्राइविंग का शौक था।

वे किशोरावस्था से कार चला रही थी। लेकिन वे बड़ी गाड़ियां चलाना चाहती थी। उनका ये सपना अब जाकर पूरा हुआ है। पूजा ने कहा, 'मैं ज्यादा पढ़ी लिखी नहीं थी। इसलिए मुझे कोई बड़ी नौकरी मिलने की उम्मीद नहीं थी। लेकिन यह पेशा मुझे सूट करता है। मैं जम्मू में टैक्सी और ट्रक भी चला चुकी हूं'। मैं इस टैबू को तोड़ना चाहती थी कि केवल पुरुष ही यात्री बस चला सकते हैं। आखिरकार जब महिलाएं फाइटर जेट्स उड़ा रही हैं और एक्सप्रेस ट्रेन चला रही हैं तो बस चलाने में क्या दिक्कत है'।

पूजा देवी ने ड्राइवर बनने का अवसर मिलने के बारे में कहा,' मैं जम्मू-कठुआ रोड बस यूनियन के अध्यक्ष सरदार कुलदीप सिंह से मिली और बस चलाने देने का अनुरोध किया। उन्होंने शुरू में थोड़ी हैरानी दिखाई। लेकिन उसके बाद मुझे एक बस दे दी और कहा कि जाओ, अपने सपने को पूरा करो'।

पूजा देवी ने कहा कि उनका परिवार आर्थिक रूप से कमजोर था। जिसके चलते उन्हें नौकरी करनी पड़ी। उन्हें जम्मू में एक प्रतिष्ठित ड्राइविंग संस्थान से प्रशिक्षक के रूप में प्रति माह 10 हजार रुपये मिल रहे थे। लेकिन वे परिवार के लिए कम पड़ रहे थे। जिसके बाद उन्होंने भारी वाहन ड्राइविंग लाइसेंस लेकर खुद ड्राइविंग में उतरने का फैसला किया।

पूजा देवी के तीन बच्चे हैं। उनकी बड़ी बेटी दसवीं कक्षा की छात्रा है। वे अक्सर अपने छोटे बेटे को बस में ही ड्राइवर सीट के पीछे बिठाकर साथ ले जाती हैं। पूजा कहती हैं कि बस ड्राइविंग का मौका मिलने से उनका सपना सच हो गया है। बस ड्राइवर बनने के फैसले पर उन्हें अपने परिवार का काफी विरोध झेलना पड़ा। पूजा ने कहा कि उनके परिवार के सदस्य और ससुराल वाले पेशे के खिलाफ थे। इसके बावजूद उन्होंने ड्राइवर बनने के अपने सपने को आगे बढ़ाने का फैसला किया।

पूजा देवी कहती हैं कि लोग उन्हें बस चलाते हुए देखते हैं तो हैरान होते हैं। लेकिन जब वे बस में सवार हो जाते हैं तो उनके फैसले की तारीफ करते हैं। उन्हें मौका देने वाले जम्मू-कठुआ बस यूनियन के अध्यक्ष सरदार कुलदीप सिंह कहते हैं कि पूजा एक अच्छी ड्राइवर है। वह गाड़ी चलाते वक्त भरोसे से भरी और सतर्क रहती है।

Friday, December 25, 2020

जानिए प्रयागराज का वह मंदिर का रहस्य जहां लेटे है हनुमान जी।

श्री राम भक्त हनुमान जी का मंदिर देश - दुनिया में बहुत सी जगह है। लेकिन धर्म की नगरी प्रयागराज में संकटमोचन हनुमान जी का एक अनूठा मंदिर है। जिसे बड़े हनुमान जी के नाम से जाना जाता है। ऐसी मान्यता है कि पूरी दुनिया में इकौलाता ऐसा मंदिर है जहां हनुमान जी लेटे हुए हैं। और कहा जाता है कि प्रयागराज में आकर अगर हनुमान जी के इस स्वरुप के दर्शन नहीं किया तो पुण्य की प्राप्ति नहीं होती है। यहां दर्शन करने से सारे कष्ट का नाश हो जाता है।

 यहां स्थापित हनुमान की अनूठी प्रतिमा को प्रयाग का कोतवाल होने का दर्जा भी हासिल है। आम तौर पर जहां दूसरे मंदिरों मे प्रतिमाएँ सीधी खड़ी होती हैं। वही इस मन्दिर मे लेटे हुए बजरंग बली की पूजा होती है। पौराणिक कथाओं के मुताबिक लंका विजय के बाद भगवान् राम जब संगम स्नान कर भारद्वाज ऋषि से आशीर्वाद लेने प्रयाग आए तो उनके सबसे प्रिया भक्त हनुमान इसी जगह पर शारीरिक कष्ट से पीड़ित होकर मूर्छित हो गए।

पवन पुत्र को मरणासन्न देख माँ जानकी ने इसी जगह पर उन्हे अपना सिन्दूर देकर नया जीवन और हमेशा आरोअग्य व चिरायु रहने का आशीर्वाद देते हुए कहा कि जो भी इस त्रिवेणी तट पर संगम स्नान पर आयेंगा उस को संगम स्नान का असली फल तभी मिलेगा जब वह हनुमान जी के दर्शन करेगा।

हनुमान जी की इस प्रतिमा के बारे मे कहा जाता है कि 1400 इसवी में जब भारत में औरंगजेब का शासन काल था तब उसने इस प्रतिमा को यहां से हटाने का प्रयास किया था। करीब 100 सैनिकों को इस प्रतिमा को यहां स्तिथ किले के पास के मन्दिर से हटाने के काम मे लगा दिया था। कई दिनों तक प्रयास करने के बाद भी प्रतिमा टस से मस न हो सकी। सैनिक गंभीर बिमारी से ग्रस्त हो गये। मज़बूरी में औरंगजेब को प्रतिमा को वहीं छोड़ दिया।

Monday, December 21, 2020

"मादा बिच्छू" की अस्थिमज्जा पर उसके बच्चे विकसित होते हैं।

ऐसे तो हमारे समाज में मा का स्थान बहुत ऊंचा होता है। मा के स्थान को कोई ले नहीं सकता है। लेकिन हमारे समाज में ऐसे बहुत से जीव जंतु पेड़ पौधे है जो अपने ही मा को मर कर खाने में पीछे नहीं हटते। ऐसे ही एक जीव बिच्छू की मादा प्रजाति है। जो अपने बच्चे को अपने पेट में पलने के बाद तब तक रखती हैं जब तक उसके बच्चे बड़े नहीं हो जाते। 

"मादा बिच्छू" की अस्थिमज्जा पर उसके बच्चे विकसित होते हैं। मादा बिच्छू अपने  पैदाईश के बाद ये अपनी माँ की पीठ पर लदकर उसे तब तक खाते रहते हैं जबतक कि वो मर नहीं जाती।

Sunday, December 20, 2020

आखिर क्यों नहीं करना चाहते हैं लोग श्री राम-सीता के शुभ विवाह के दिन शादी ?

आज है विवाह पंचमी। हिंदू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को विवाह पंचमी मनाई जाती है विवाह पंचमी के दिन ही श्री राम और माता सीता का विवाह हुआ था। इसलिए आज के दिन भगवान राम और मां सीता की शादी की सालगिरह मनाई जाती है। आज के दिन श्री राम और माता सीता की पूजा अर्चना की जाती है। ऐसी मान्यता है कि जो जातक आज व्रत कर सच्चे मन से पूजा करता है तो उसे मनचाहा जीवनसाथी प्राप्त होता है। इस दिन नागदेवता की भी पूजा की जाती है।

इस दिन विवाह से क्यों डरते हैं लोग- हालांकि कई जगहों पर इस तिथि को विवाह के लिए शुभ नहीं माना जाता है। मिथिलाचंल और नेपाल में इस दिन लोग कन्याओं का विवाह करने से बचते हैं। लोगों में ऐसी मान्यताएं हैं कि विवाह के बाद ही प्रभु श्रीराम और माता सीता दोनों को बड़े दुखों का सामना करना पड़ा था। इसी वजह से लोग विवाह पंचमी के दिन विवाह करना उत्तम नहीं मानते हैं।

दुखों से भरा रहा दोनों का जीवन- प्रभु श्रीराम और माता सीता का विवाह होने के बाद दोनों को 14 साल का वनवास भोगना पड़ा। वनवास काल के दौरान भी मुश्किलों ने उनका पीछा नहीं छोड़ा। लंकपति रावण पर विजय हासिल कर जब दोनों अयोध्या लौटे तब भी दोनों को एकसाथ रहने का सौभाग्य नहीं मिल पाया। शायद इसी वजह से लोग इस तिथि को विवाह की शुभ वेला नहीं मानते हैं।

हालांकि कुछ जगहों पर मान्यताएं अलग हैं। कहते हैं अगर विवाह होने में बाधा आ रही हो तो विवाह पंचमी पर ऐसी समस्या दूर हो जाती है। मनचाहे विवाह का वरदान भी मिलता है। वैवाहिक जीवन की समस्याओं का अंत भी हो जाता है। भगवान राम और माता सीता की संयुक्त रूप से उपासना करने से विवाह होने में आ रही बाधाओं का नाश होता है। बालकाण्ड में भगवान राम और सीता जी के विवाह प्रसंग का पाठ करना शुभ होता है। सम्पूर्ण रामचरित-मानस का पाठ करने से भी पारिवारिक जीवन सुखमय होता है।

सुबह के वक्त स्नान करें और श्रीराम विवाह का संकल्प लें। स्नान करके विवाह के कार्यक्रम का आरम्भ करें। भगवान राम और माता सीता की प्रतिकृति की स्थापना करें। भगवान राम को पीले और माता सीता को लाल वस्त्र अर्पित करें या तो इनके समक्ष बालकाण्ड में विवाह प्रसंग का पाठ करें या "ॐ जानकीवल्लभाय नमः" का जप करें। इसके बाद माता सीता और भगवान राम का गठबंधन करें। उनकी आरती करें। इसके बाद गांठ लगे वस्त्रों को अपने पास सुरक्षित रख लें। श्रीराम विवाह के दिन पीले वस्त्र धारण करें। तुलसी या चन्दन की माला से मंत्र या दोहों का यथाशक्ति जप करें। जप करने के बाद शीघ्र विवाह या वैवाहिक जीवन की प्रार्थना करें। इनमे से किसी भी एक दोहे का जप करना लाभकारी होगा।

1- प्रमुदित मुनिन्ह भावँरीं फेरीं। नेगसहित सब रीति निवेरीं॥
राम सीय सिर सेंदुर देहीं। सोभा कहि न जाति बिधि केहीं॥ 
 
2- पानिग्रहन जब कीन्ह महेसा। हियँ हरषे तब सकल सुरेसा॥
बेदमन्त्र मुनिबर उच्चरहीं। जय जय जय संकर सुर करहीं॥
 
3- सुनु सिय सत्य असीस हमारी। पूजिहि मन कामना तुम्हारी॥
नारद बचन सदा सुचि साचा। सो बरु मिलिहि जाहिं मनु राचा॥

Thursday, December 17, 2020

देश में हुई कोरोना की रफ्तार धीमी, पिछले 24 घंटे में आए 24,010 नए मामले।

दुनिया में कोरोना वायरस की रफ्तार का ग्राफ नीचे गिरता जा रहा है। भारत में कोरोना वायरस के नए मामलों में लगातार गिरावट आ रही है। पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 24,010 नए मामले सामने आए हैं, जबकि 355 लोगों की मौत हुई है। देश में अबतक कोरोना मरीजों की कुल संख्या 99 लाख 56 हजार 557 हो गई है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, भारत में कोरोना के कुल मामले बढ़कर 99 लाख 56 हजार हो गए हैं। इनमें से अब तक एक लाख 44 हजार 451 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। कुल एक्टिव केस घटकर तीन लाख 22 हजार हो गए। अब तक कुल 94 लाख 89 हजार लोग कोरोना को मात देकर ठीक हो चुके हैं।

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के मुताबिक, 16 दिसंबर तक कोरोना वायरस के लिए कुल 15 करोड़ 78 लाख कोरोना के सैंपल टेस्ट किए गए, जिनमें से 11.58 लाख सैंपल कल टेस्ट किए गए। देश में पॉजिटिविटी रेट सात फीसदी है। 26 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एक्टिव केस 20,000 से कम हैं और 9 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एक्टिव केस 20,000 से ज्यादा हैं।

महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, आंध्र प्रदेश समेत कुछ राज्यों में कोरोना वायरस के एक्टिव केस, मृत्यु दर और रिकवरी रेट का प्रतिशत सबसे ज्यादा है। राहत की बात है कि मृत्यु दर और एक्टिव केस रेट में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। पिछले 20 दिनों से लगातार कोरोना वायरस के नए मामलों से ज्यादा रिकवरी हो रही हैं। देश में कोरोना से मृत्यु दर 1.45 फीसदी है जबकि रिकवरी रेट 95 फीसदी से ज्यादा है। एक्टिव केस 4 फीसदी से भी कम है।

सबसे ज्यादा एक्टिव केस महाराष्ट्र में हैं। एक्टिव केस मामले में दुनिया में भारत का आठवां स्थान है। कोरोना संक्रमितों की संख्या के हिसाब से भारत दुनिया का दूसरा सबसे प्रभावित देश है। रिकवरी दुनिया में अमेरिका के बाद सबसे ज्यादा भारत में हुई है। मौत के मामले में अमेरिका और ब्राजील के बाद भारत का नंबर है।

Wednesday, December 16, 2020

Donald Trump से लेकर Narendra Modi तक, इतनी सैलरी पाते हैं दुनिया के पांच बड़े नेता

किसी भी देश को चलाने की जिम्मेदारी और बहुत अधिक जवाबदेही इन नेताओं की है। ऐसे में कई बार मन में खयाल आता होगा कि नेता देश चलाते हैं लेकिन इनका घर कैसे चलता होगा यानी इनकी सैलरी क्या होगी? निश्चित तौर पर नेताओं को भी घर चलाने के लिए सैलरी की आवश्यकता होती है। इसका ताजा उदाहरण है ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) का बयान। बोरिस ने कहा है कि वह अब कुछ और काम करने की योजना बना रहे हैं क्योंकि वर्तमान सैलरी से जीवन यापन मुश्किल हो रहा है। बोरिस का ये बयान कितना सही है यह जानने के लिए जानते हैं विश्व के पांच बड़े नेताओं की सैलरी।

1. डोनाल्ड ट्रंप, राष्ट्रपति अमेरिका (Donald Trump Salary, President of the United States of America) 
राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ते समय डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump) ने दावा किया था कि वह वेतन नहीं लेंगे। हालांकि, अमेरिकी संविधान ने इसकी अनुमति नहीं दी। इसलिए राष्ट्रपति ट्रम्प वेतन लेते तो हैं लेकिन कई संघीय विभागों को दान करते हैं। जॉन एफ कैनेडी और हर्बर्ट हूवर जैसे पूर्व राष्ट्रपति, जो धनी परिवारों से आए थे उन्होंने भी अपना वेतन दान किया था। हालांकि राष्ट्रपति ट्रम्प मैनहट्टन, न्यूयॉर्क और अन्य जगहों पर चल रहे उनके व्यवसाय में से कमाई करते हैं। उनकी कुल संपत्ति 2.5 बिलियन डॉलर है, इस लिहाज से वह पहले अरबपति अमेरिकी राष्ट्रपति हैं। यूएसए टुडे की एक सूची के अनुसार, वह सबसे अधिक वेतन पाने वाले विश्व के नेताओं में चौथे स्थान पर हैं।
वेतन: ₹ 2.94 करोड़ प्रति वर्ष

2. नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री भारत (Narendra Modi Salary, Prime Minister of India)
12 अक्टूबर 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने जून 2020 तक की अपनी वित्तीय स्थिति का स्वेच्छा से खुलासा किया है। उस रिपोर्ट के अनुसार, पिछले वित्त वर्ष में उनकी चल संपत्ति 26.26% बढ़कर 1.39 करोड़ से 1.75 करोड़ हो गई। हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पीएम ने अपने वेतन का अधिकांश हिस्सा खर्च ही नहीं किया है, इस कारण उनकी संपत्ति में ये बढ़ोतरी हो पाई है. इस साल, पीएम मोदी और उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों ने COVID-19 संकट के कारण अपने वेतन में 30% वेतन कटौती का फैसला लिया। प्रधानमंत्री मोदी को महीने में 2 लाख रुपए मिलते हैं जो विश्व के तमाम नेताओं की तुलना में काफी कम है।
वेतन: ₹ 24 लाख प्रति वर्ष

3. बोरिस जॉनसन, प्रधानमंत्री यूके (Boris Johnson Salary, Prime Minister of United Kingdom)
इस सप्ताह की शुरुआत में, यूके के पीएम बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) ने दावा किया था कि वह पद से सेवानिवृत्त होने पर विचार कर रहे हैं क्योंकि वह इस वेतन पर जीवन यापन नहीं कर पा रहे। कार्यभार संभालने से पहले, बोरिस जॉनसन ने अंग्रेजी दैनिक द टेलीग्राफ में काम किया था यहां उनकी तनख्वाह 2.5 करोड़ रुपए सालाना थी। उन्होंने केवल दो भाषण देकर एक महीने में 1,17,98,128 रुपए कमाए, जो कि एक साल में यूनाइटेड किंगडम के पीएम की सैलरी से अधिक है।
वेतन: ₹ 1.43 करोड़

4. जस्टिन ट्रूडो, कनाडा के प्रधानमंत्री (Justin Trudeau Salary, Prime Minister of Canada)
कनाडा को सबसे अच्छा वेतन पैकेज देने वाले देश के तौर पर जाना जाता है। यह नियम यहां के प्रधानमंत्री Justin Trudeau पर भी लागू होता है। Wion के अनुसार, पीएम को मिलने वाली सैलरी में हाउस ऑफ कॉमन्स, बेसिक सेशनल क्षतिपूर्ति, वेतन और परिवार का भत्ता शामिल है। दुनिया के 20 सबसे अधिक सैलरी पाने वाले लोगों में यहां के पीएम शामिल हैं।
वेतन: ₹ 1.96 करोड़ प्रति वर्ष

5. जैसिंडा अर्डर्न, प्रधानमंत्री न्यूजीलैंड (Jacinda Ardern Salary, Prime Minister of New Zealand)
प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न (Jacinda Ardern) की पद संभालने के बाद से काफी प्रशंसा हुई है। न केवल वह देश के आंतरिक मामलों में बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं बल्कि उनकी सरकार ने COVID-19 संकट का भी दृढ़ता से मुकाबला किया है। अपनी कार्यशैली के ही कारण जैसिंडा अर्डर्न ने फिर से चुनाव जीता। 80 वर्षों में न्यूजीलैंड के चुनावी इतिहास में जैसिंडा का चुनाव कई मायनों में बेहद अहम रहा। न्यूजीलैंड के पीएम के रूप में अर्डर्न सबसे अधिक सैलरी पाने वाले विश्व के नेताओं की सूची में 7वें स्थान पर हैं।
वेतन: ₹ 2.06 करोड़ प्रति वर्ष



मैं तो इंसानियत से मजबूर था तुम्हे बीच मे नही डुबोया" मगर तुमने मुझे क्यों काट लिया!

नदी में बाढ़ आती है छोटे से टापू में पानी भर जाता है वहां रहने वाला सीधा साधा1चूहा कछुवे  से कहता है मित्र  "क्या तुम मुझे नदी पार करा ...