बाइडन ने शुक्रवार को कहा, 'मुझे केवल यही लगता है कि उन्होंने खुफिया जानकारियां देने की कोई जरूरत नहीं है। उन्हें खुफिया जानकारियां देने का क्या महत्व है? वह क्या प्रभाव डाल सकते हैं? इसके बजाय तथ्य तो यह है कि कभी भी उनकी जुबान फिसल सकती है और वह कुछ भी कह सकते हैं।
इससे पहले, इस सप्ताह की शुरुआत में व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा था कि ट्रंप को खुफिया जानकारियां देने के विषय में समीक्षा की जा रही है। डेमोक्रेटिक पार्टी के कुछ सांसदों और यहां तक कि तत्कालीन ट्रंप प्रशासन के अधिकारियों ने भी उन्हें जानकारी देते रहने के बारे में सवाल उठाए थे।
इससे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपने पहले भाषण में कहा था कि 'लोकतंत्र की जीत हुई है। श्वेतों को श्रेष्ठ मानने की मानसिकता, घरेलू आतंकवाद को हराएंगे। मैं चाहता हूं कि प्रत्येक अमेरिकी हमारी इस लड़ाई में शामिल हो।'
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