थाईलैंड के एक मछुआरे हचाई नियोमादेचा एक मोती मिला है। इस मोती की कीमत करीब 2.5 करोड़ रुपये बताई जा रही है। यह भी कहा जा रहा है कि हचाई नियोमादेचा (Hatchai Niyomdecha) ने सपना देखा था कि उसे कोई बड़ा गिफ्ट मिलने वाला है, इस सपने के बाद ही उसे समुद्र के किनारे यह मोती मिला।
हचाई समुद्र तट पर अपने परिवार के साथ सीप (Shells) चुन रहा था तभी उसकी नजर पानी में तैरते एक वस्तु पर गई, जिस पर कई सीप लगे थे। इनमें से तीन स्नेल शेल (Snail Shells) थे। हचाई इन सीप को लेकर पिता के पास गए। पिता ने जब सीप की सफाई की तो उन्हें नारंगी रंग का मोती दिखाई दिया। ये मोती समुद्री घोंघे (melo melo) से बनता है और शेल में ही रहता है, जबकि पारंपरिक मोती ओएस्टर्स के अंदर मिलते हैं।
बताया जा रहा है कि यह दुनिया के सबसे महंगे मोतियों में से एक है. इस मोती का वजन 7.68 ग्राम बताया जा रहा है। स्थानीय मीडिया के मुताबिक, चीन से मोतियों के कुछ खरीदार थाईलैंड रवाना हो गए हैं। वे इस मोती को सीधे खरीदाना चाहते हैं। बताया जा रहा है कि इन व्यापारियों को हचाई नियोमादेचा से मिलने से पहले दो हफ्तों को क्वारंटाइन पूरा करना होगा। स्थानीय मीडिया से बात करते हुए Niyomdecha ने बताया कि अब वो अपने कीमती मोती को बेचने की तैयारी कर रहे हैं। कई व्यापारी उनके संपर्क में हैं। उन्होंने बताया कि वह उसे ही यह मोती बेचेगा जो इसका सबसे ज्यादा दाम देगा।
Melo Moti नारंगी और भूरे रंग के होते हैं। इनमें से सबसे महंगा मोती नारंगी ही होता है। आमतौर पर ये South China Sea और म्यांमार के पास अंडमान सागर में पाए जाते हैं। हचाई को नाखो सि थमारत (Nakhon Si Thammarat) प्रांत के तट पर यह मोती मिला था। माना जा रहा है कि यह दक्षिणी चीन सागर से पानी में बहते हुए वहां पहुंचा होगा।
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